किसी ट्रांसफार्मर को बिना लोड पर जोड़े उससे सम्बंधित सभी पैरामीटर को ज्ञात करने के लिए Transformer का Open Circuit तथा Close Circuit
Test किया जाता है। इस टेस्ट के दौरान ट्रांसफार्मर के पैरामीटर के मापे गए value ,ट्रांसफार्मर को लोड पर जोड़ कर मापे गए value से ज्यादा Accurate(शुद्ध) होते है तथा इस Test के दौरान ट्रांसफार्मर में इलेक्ट्रिकल एनर्जी का लॉस भी बहुत कम होता है। यह भी जाने Open Circuit Test के दौरान Transformer के Secondary Side को Open रखा जाता है तथा Primary Side को Transformer के rated Voltage से जोड़ दिया जाता है। Open Circuit Test के लिए बनाये गए सर्किट डायग्राम नीचें दिया गया है।
Transformer में Open Circuit तथा Closed Circuit Test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है ?
Transformer में Open Circuit टेस्ट कैसे होता है ?
ऊपर दिए गए circuit डायग्राम में primary साइड के टर्मिनल के बीच applied rated वोल्टेज के रीडिंग के लिए transformer के primary वाइंडिंग में एक Voltmeter (V) को ट्रांसफार्मर के Parallel में कनेक्ट किया गया है। ट्रांसफार्मर के प्राइमरी साइड में चलने वाली नो लोड करंट को मापने के लिए एक Ammeter (A) को ट्रांसफार्मर के साथ सीरीज में जोड़ा गया है तथा टेस्ट के दौरान ट्रांसफार्मर में होने वाले लॉस को मापने के लिए एक wattmeter (W)को जोड़ा गया है।
जब ट्रांसफार्मर के प्राइमरी साइड Coilके दोनों टर्मिनल के बीच ट्रांसफार्मर के Rated वोल्टेज को apply किया जाता है तब ट्रांसफार्मर के प्राइमरी साइड में एक करंट चलने लगता है ,जिसे no-load करंट कहते है। यह करंट दो हिस्सों में Distribute होकर ट्रांसफार्मर में दो तरह का कार्य करता है।
करंट का एक हिस्सा ट्रांसफार्मर के कोर को चुंबकित (Magnetize) अर्थात आयरन कोर को चुम्बक बनाने में उपयोग होता है इसलिए इसेMagnetizing Component of No-load Current कहते है तथा दूसरा हिस्सा कोर में होने eddy Current loss में उपयोग होता है। इसे Active Component of No-load Current कहते है।
No-load पर ट्रांसफार्मर में होने वाली विधुत ऊर्जा हानि को ही Core-loss कहते है और इसकी माप सर्किट में लगे Wattmeter द्वारा होती है।
चूँकि टेस्ट के दौरान ट्रांसफार्मर बिना किसी भी लोड पर कार्य करता है इसलिए ट्रांसफार्मर के सेकेंडरी साइड में किसी भी तरह का कोई current नहीं चलता है।
ट्रांसफार्मर में लगे अमीटर द्वारा लिया गया करंट केवल प्राइमरी में चलने वाली करंट की Value होती है और यह Value ट्रांसफार्मर के Rated करंट का केवल 5% ही होता है जो की
बहुत छोटा होता है इसलिए ट्रांसफार्मर के प्राइमरी साइड में होने वाली Current Loss भी बहुत ही कमहोती है जिसे Neglect कर दिया जाता है।
अर्थात ट्रांसफार्मर में लगे Wattmeter की रीडिंग,ट्रांसफार्मर में होने वाली कोर loss के बराबर होगी। ट्रांसफार्मर में होने वाला कोर लॉस किसी भी ट्रांसफार्मर के लिए नियत(Constant) होता है।यह ट्रांसफार्मर से जुड़े लोड पर निर्भर नहीं करता है इसलिए लोड बढ़ाने या घटाने से बदलता नहीं है।
ट्रांसफार्मर से सम्बंधित पैरामीटर की गणना
माना की ट्रांसफार्मर में लगे Instrument की रीडिंग निम्न है :-
Ammeter की रीडिंग = No-load Current = I0
Voltmeter की रीडिंग = Rated प्राइमरी वोल्टेज = V0
Wattmeter की रीडिंग = No-load लॉस = P0
ट्रांसफार्मर में होने वाला लॉस = V0I0CosФ = P0
Magnetizing Component of No-load Current = Iμ
Active Component of No-load Current = IW
जहाँ
Ф = वोल्टेज तथा करंट के बीच का कोण है।
CosФ
= ट्रांसफार्मर का Power factor
CosФ = P0/(V0I0)
Iμ = I0SinФ
Iw = I0CosФ