2 माखन चुराकर खाने के बाद कृष्ण अपनी सफ़ाई कैसे देते हैं? - 2 maakhan churaakar khaane ke baad krshn apanee safaee kaise dete hain?

Home » class 8 Hindi » NCERT Solutions for Class VIII Vasant Part 3 Hindi Chapter 15 -Sooradaas ke pad

सूरदास के पद

Exercise : Solution of Questions on page Number : 93

प्रश्न 1: श्रीकृष्ण गोपियों का माखन चुरा-चुराकर खाते थे इसलिए उन्हें माखन चुरानेवाला भी कहा गया है। इसके लिए एक शब्द दीजिए।
उत्तर : माखनचोर

प्रश्न 2: श्रीकृष्ण के लिए पाँच पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर : पर्यायवाची शब्द
श्रीकृष्ण :- वासुदेव, सारथी, मुरलीधर, हरि, नन्दलला।

प्रश्न 1: बालक श्रीकृष्ण किस लोभ के कारण दूध पीने के लिए तैयार हुए?
उत्तर : श्रीकृष्ण, बलराम जी की तरह अपनी चोटी चाहते थे परन्तु उनकी चोटी छोटी है। माता यशोदा इसी बात का लाभ उठाकर श्रीकृष्ण को प्रलोभन देते हुए दूध पिलाती हैं कि अगर तुम रोज़ दूध पिओगे तो तुम्हारी चोटी भी बलराम भैया कि तरह मोटी व बड़ी होगी।

प्रश्न 2: श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या-क्या सोच रहे थे?
उत्तर : श्रीकृष्ण बलराम भैया की तरह लम्बी, मोटी चोटी चाहते हैं। उनके अनुसार नहाते वक्त जैसे बलराम भैया की चोटी नागिन जैसी लहराती है वह भी उसी प्रकार की चोटी चाहते हैं और इसी विषय में सोचा करते हैं।

प्रश्न 3: दूध की तुलना में श्रीकृष्ण कौन-से खाद्य पदार्थ को अधिक पसंद करते हैं?
उत्तर : दूध की तुलना में श्रीकृष्ण को माखन-रोटी अधिक प्रिय है।

प्रश्न 4: ‘तैं ही पूत अनोखौ जायौ’- पंक्तियों में ग्वालन के मन के कौन-से भाव मुखरित हो रहे हैं?
उत्तर : यहाँ पर ग्वालन के हृदय में यशोदा के लिए ईर्ष्या (जलन) की भावना व क्रोध के भाव मुखरित हो रहे हैं। जहाँ वे एक तरफ कृष्ण का यशोदा पुत्र होने की वजह से ईर्ष्या से ग्रसित हैं वहीं दूसरी और उसके द्वारा चोरी व सारा माखन खाने से क्रोधित हैं। इसलिए वह यशोदा माता को उलाहना दे रही हैं।

प्रश्न 5: मक्खन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोड़ा-सा मक्खन बिखरा क्यों देते हैं?
उत्तर : श्रीकृष्ण माखन चुराते समय आधा माखन खुद खाते हैं व आधा अपने सखाओं (मित्रों) को खिलाते हैं। जिसके कारण माखन जगह-जगह ज़मीन पर गिर जाता है।

प्रश्न 6: दोनों पदों में से आपको कौन-सा पद अधिक अच्छा लगा और क्यों?
उत्तर : दोनों पदों में प्रथम पद सबसे अच्छा लगता है। क्योंकि यहाँ श्रीकृष्ण अपने बालपन के कारण माता से अनुनय-विनय करते हैं कि तुम्हारे कहने पर मैंने दूध पिया पर फिर भी मेरी चोटी नहीं बढ़ रही। उनकी माता से उनकी नाराज़गी व्यक्त करना, दूध न पीने का हट करना, दाउ (बलराम) भैया की तरह चोटी पाने का हट करना हृदय को बड़ा ही आनन्द देता है। ये पद श्रीकृष्ण की बाल-लीला के कारण मनोहारी जान पड़ता है जिसे सूरदास जी ने बड़े ही उत्तम ढ़ंग से प्रस्तुत किया है।

Exercise : Solution of Questions on page Number : 94

प्रश्न 3: कुछ शब्द परस्पर मिलते-जुलते अर्थवाले होते हैं, उन्हें पर्यायवाची कहते हैं। और कुछ विपरीत अर्थवाले भी। समानार्थी शब्द पर्यायवाची कहे जाते हैं और विपरीतार्थक शब्द विलोम, जैसे-
पर्यायवाची- चंद्रमा-शशि, इंदु, राका
मधुकर-भ्रमर, भौंरा, मधुप
सूर्य-रवि, भानु, दिनकर
विपरीतार्थक- दिन-रात
श्वेत-श्याम
शीत-उष्ण
पाठों से दोनों प्रकार के शब्दों को खोजकर लिखिए।
उत्तर : पर्यायवाची शब्द
बेनी – चोटी
काढ़त – गुहत
बलराम – दाऊ, हलधर
मैया – जननी, माँ, माता
दूध – दुग्ध, पय, गोरस
ढोटा – सुत, पुत्र, बेटा
विपरीतार्थक शब्द
लम्बी – छोटी
स्याम – श्वेत
रात – दिन
प्रकट – ओझल
संग्रह – विग्रह
विज्ञ – अज्ञ

Lesson- 10

 गोकुल लीला 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:

1. दोनों पदों में से तुम्हें कौन सा पद अधिक अच्छा लगा और क्यों?

उत्तर: दोनों पदों में से मुझे पहला पद अधिक अच्छा लगा। क्योंकि पहले पद में नन्हे कृष्ण के शिशु रूप को मनमोहक तरीके से दर्शाया गया है। जिस प्रकार नन्हा कान्हा अपने ही परछाई को पकड़ने के लिए आंगन में इधर उधर घूमता है, उसे देख कोई भी मोहित हो जाएगा।

1. दूसरे पद को पढ़ कर बताओ कि तुम्हारे अनुसार उस समय कृष्ण की उम्र क्या रही होगी?

उत्तर: मेरे अनुसार बालक कृष्ण की उम्र 10 से 12 तक रही होगी।

2. पहले पद में घुटनों के बल चलने वाले कृष्ण का जो वर्णन किया गया है- उसे अपनी हिंदी में प्रस्तुत करो।

उत्तर: श्री कृष्ण शिशु अवस्था में अपने पिताश्री नंद के आंगन में खेला करते हैं। अपनी ही परछाई को पकड़ने के लिए घुटनों के बल यहांँ वहांँ चला करता हैं और अपने दूध के दो दांँत निकाल जोर-जोर से हंँसता है। जिसकी किलकारी से सारा आंँगन गूंज उठता है। कृष्ण का यह रूप देख यशोदा मैया मोहित हो जाती है और उसे अपने गोदी में उठाकर आंँचल से ढककर दूध पिलाने लगती है।

4.मक्खन चुराकर भी कृष्ण अपनी चतुराई से कैसे मांँ का मन मोह लेता है।- उसका वर्णन अपने शब्दों में करो।

उत्तर: जब माखन चोरी पकड़े जाने पर यशोदा कृष्ण को दंड देने के लिए हाथ में छड़ी लेकर आती है, तब श्री कृष्ण अपने को निर्दोष साबित करने के लिए मांँ से कहता है कि उसने माखन नहीं चुराई। उसके मुंँह में जो माखन लगी है यह माखन उसके साथी ने लगाए हैं। और मांँ से कहता है कि उसके नन्हे-नन्हे हाथ लटकाकर रखे गए माखन के बर्तनों तक नहीं पहुंच पाते, चाहे तो वह खुद ही देख ले। तभी कृष्ण अपने मुंँह से दधि पोछकर माखन के दोना को पीछे छिपा लेता है। यशोदा को सच पता चलने पर भी कृष्ण के इस भोलेपन को देखकर हाथ से छड़ी फेंक देती है और मुस्कुरा कर उसे अपने गले से लगा लेती है। तथा इस तरह मक्खन चुराकर भी कृष्ण अपनी चतुराई से मांँ का मन मोह लेता है।

5. सही उत्तर में सही निशान लगाओ:

(क) श्री कृष्ण घुटनों के बल चलते हुए-

उत्तर: किलकारी कर रहा था।

(ख) नंद का आंँगन

उत्तर: मणियों से जड़ा हुआ था।

(ग) कृष्ण के मुंँह पर मक्खन लगा हुआ था, क्योंकि-

उत्तर: वह माखन चुराकर खा रहा था।

6. उत्तर दो:

(क) नंद के आंगन में कृष्ण किस का प्रतिबिंब पकड़ने के लिए दौड़ता था?

उत्तर: नंद के आंगन में कृष्ण खुद का प्रतिबिंब पकड़ने के लिए दौड़ता था।

(ख) कृष्ण के झूठ पकड़े जाने पर यशोदा ने क्या किया?

उत्तर: कृष्ण के झूठ पकड़े जाने पर यशोदा ने हाथ से छड़ी फेंक दी और मुस्कुरा कर उसे गले लगा लिया।

(ग) यशोदा बार-बार नंद को क्यों बुलाती है?

उत्तर: कृष्ण की बाल अवस्था को देख यशोदा को अत्यंत आनंद एवं सुख मिलता है और अपने नंद को गोदी में उठाने के लिए यशोदा बार-बार नंद को बुलाती है।

(घ) माता यशोदा बालक कृष्ण को किस तरह दूध पिलाती है?

उत्तर: माता यशोदा बालक कृष्ण को गोदी में उठाकर अपने आंँचल से ढककर दूध पिलाती है।

(ङ) किलकारी मारकर हंँसते हुए कृष्ण का मुंँह कैसा दिखता है?

उत्तर: जब किलकारी मारकर श्री कृष्ण हंँसते हैं, तब उनके छोटे-छोटे दूध के दो दांत निकल पड़ते हैं।

(च) 'मैया मैं नहीं माखन खायौ'- इसके समर्थन में कृष्ण क्या सफाई देता है?

उत्तर: 'मैया मैं नहीं माखन खायौ' इसके समर्थन में कृष्ण सफाई देते हुए कहता है कि उसके मुंँह में जो माखन लगी हुई है यह माखन उसके साथी ने उसके मुंँह में लपेट दिया है।

(छ) बालक कृष्ण ने माखन-चोरी के आरोप से बचने के लिए क्या चालाकी की?

उत्तर: जब कृष्ण मांँ यशोदा के सामने पकड़ा गया, तब उसने माखन चोरी के आरोप से बचने के लिए अपने साथी पर इल्जाम लगाया की उन्होंने उसके मुंँह में माखन लपेट दिया है। और सफाई में कहा कि उसके छोटे-छोटे हाथ तो माखन की बर्तनों तक पहुंच ही नहीं पाते हैं। चाहे तो वह खुद ही देख ले। यह कहते ही मुंँह में लगे दधि को पोंछ हाथ में पकड़े दोना को पीछे छुपा लेता है।

(ज) क्या बालक कृष्ण माखन-चोरी के आरोप से बच पाया? यदि नहीं तो माता यशोदा ने उसके साथ कैसा व्यवहार किया?

उत्तर: बालक कृष्ण माखन चोरी के आरोप से बच नहीं पाया। लेकिन जिस भोलेपन से कृष्ण ने अपने निर्दोष होने की बात रखी, उसे देख यशोदा का मन मोहित हो गया और अपने हाथ से छड़ी फेंक दी और मुस्कुरा कर उसे अपने गले से लगा लिया।

(झ) घुटनों के बल चलते हुए बालक कृष्ण के रूप-सौंदर्य का अपने शब्दों में वर्णन करो।

उत्तर: संसार में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो शिशु कृष्ण की सौंदर्यता को देख मोहित न हुआ हो। सूरदास जी ने इस पद के जरिए यह कहा हैं कि जब नन्हा कृष्ण आंगन में खेलता है तब अपने घुटनों के बल तथा अपने कोमल हाथों के सहारे अपनी ही परछाई का पीछा करते यहांँ वहांँ घूमा करता है और अपने ही परछाई को देख हंसने लगता है। उसे देख यशोदा मोहित हो जाती है। क्योंकि हंसते समय उसके दूध के दो दांत निकल पड़ते हैं। जिससे कृष्ण के मुंँह का सौंदर्य और भी बढ़ जाता है। कृष्ण जितनी बार अपनी परछाई को हंसता हुआ देखता है वह उतनी बार हंसने लगता है। अर्थात इस अनुपम दृश्य को देख कौन कृष्ण के सौंदर्य पर मोहित नहीं होगा।

Answer by Reetesh Das (MA in Hindi (G.U.)

Spelling Check by Dikha Bora

Edit by Dipawali Bora (24.04.2022)

-------------------------------
বেলেগ ধৰণৰ প্ৰশ্ন উত্তৰ পাবলৈ এই লিংক টোত ক্লিক কৰক 
Click Here Might Learn
-------------------------------

माखन चुराकर खाने के बाद कृष्ण अपनी सफ़ाई कैसे देते हैं?

Answer. Answer: अरवल। भागवत कथा धर्मरूपी विज्ञान की ध्वजा का फहराता हुआ अपनी सशक्त भूमिका निभा रहा है।

1 माँ यशोदा कृष्ण से क्या अभिलाषा करती है 2 माखन चुराकर खाने के बाद कृष्ण अपनी सफ़ाई कैसे देते हैं?

उत्तर: माता यशोदा कृष्ण से बार-बार कहती थीं कि दूध पीने से तुम्हारी चोटी बलराम की चोटी से लम्बी और मोटी हो जाएगी। इस लोभ के कारण वह दूध पीने के लिए तैयार हो गये थे। प्रश्न 2: मक्खन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोड़ा-सा मक्खन बिखरा क्यों देते हैं? उत्तर: मक्खन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोड़ा-सा मक्खन बिखरा देते थे।

कृष्ण गोपियों के यहाँ मक्खन चुराने क्यों जाते होंगे?

Answer: यह तो सभी का मालूम है कन्हैया को मक्खन कितना पसंद था। माता यशोदा कृष्ण को जो मक्खन देती थीं, उससे उनका मन नहीं भरता था। इसलिए, मैया जहां भी मक्खन रखती कृष्ण चुपके से गांव के बच्चों के साथ आकर सारा मक्खन खा जाते थे।

कृष्ण अपनी सफाई देने के लिए क्या क्या तर्क दे रहे हैं?

(इस छंद में , जब गोपियों की शिकायत पर कि कृष्ण उनका मक्खन चुराकर खा जाता है , माता यशोदा बालक कृष्ण को डांटने लगती हैं तो कृष्ण अपनी सफाई पेश करते हैं। )

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग