parul rohatagi | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Nov 9, 2020, 11:35 AM
आमतौर पर दो साल का बच्चा दिन में लगभग 50 शब्द बोल सकता है और एक वाक्य में दो से तीन शब्द बोल सकता है। तीन साल की उम्र तक बच्चा लगभग 1,000 शब्द बोलने लगता है और एक वाक्य में तीन से चार शब्द बोलता है।
कई प्रकार के स्पीच डिले को प्रभावशाली रूप से ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि बच्चों में स्पीच डिले यानी देर से बोलना शुरू करने के कारण, लक्षण और इलाज क्या हैं?
स्पीच डिले के लक्षण
आपने कभी ध्यान दिया होगा कि दो महीने तक का बच्चा कुछ अजीब सी आवाजें निकालता है लेकिन अगर आपका बच्चा इस तरह बोलना शुरू नहीं करता है तो यह स्पीच डिले का
शुरुआती लक्षण हो सकता है। 18 महीने तक अधिकतर बच्चे मम्मा या पापा बोलने लगते हैं लेकिन अगर आपका बच्चा दो साल की उम्र तक 25 शब्द तक नहीं बोलता, ढाई साल तक दो वाक्य तक नहीं बोलता, तीन साल की उम्र तक 200 शब्द नहीं बोलता और चीजों को उनके नाम से नहीं बुलाता और पुराने शब्दों को याद नहीं रख पाता है तो उसमें स्पीच डिले हो सकता है।
स्पीच डिले के कारण
बच्चों में स्पीच डिले के निम्न कारण हो सकते हैं :
- मुंह में दिक्कत : मुंह, जीभ या पैलेंट में कोई दिक्कत होने की वजह से स्पीच डिले हो सकता है।
- स्पीच एंड लैंग्वेज डिसऑर्डर : इसमें 3 साल का बच्चा ज्यादा शब्द नहीं बोल पाता है तो उसे स्पीच डिले हो सकता है।
- सुनने की क्षमता : जब बच्चे ठीक तरह से सुन नहीं पाते हैं तो उन्हें शब्द बनाने में भी दिक्कत होती है।
- स्टिमुलेशन की कमी : बात करते समय आप काफी शब्द सीख पाते हैं लेकिन अगर आप किसी से बात ही नहीं करते हैं तो आप मुश्किल से कुछ सीख पाते हैं। बच्चे की स्पीच और लैंग्वेज डेवलेपमेंट में आसापास का एनवायरमेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर कोई बच्चे से बात ही नहीं करेगा तो वो कुछ नया नहीं सीख पाएगा।
- ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर : वाक्य बनाने की जगह एक ही वाक्य दोहराना और बार-बार एक ही व्यवहार करना ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के लक्षण हैं। स्पीच डिले का संबंध ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से है।
- नसों से संबंधी : नसों से संबंधित कुछ विकार स्पीच के लिए जरूरी मांसपेशियों को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्रोफी और ट्रामैटिक ब्रेन इंजरी शामिल हैं।
बच्चों में स्पीच डिले का इलाज
स्पीच लैंग्वेज थेरेपी की मदद से बच्चों में इस समस्या का इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा बच्चे को जिस स्वास्थ्य समस्या के कारण बोलने में देरी हो रही है, उसका इलाज करके भी स्पीच डिले को ठीक किया जा सकता है। पैरेंट्स भी बच्चों की बोलने में मदद कर सकते हैं।
घर में हर किसी को बच्चे के पहले शब्द या बोलने का इंतजार होता है लेकिन कुछ बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं जो कि चिंता का विषय होता है।
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