Short Note
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −
उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है?
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Solution
उदार व्यक्ति परोपकारी होता है। अपना पूरा जीवन पुण्य व लोकहित कार्यो में बिता देता है। किसी से भेदभाव नहीं रखता, आत्मीय भाव रखता है। कवि और लेखक भी उसके गुणों की चर्चा अपने लेखों में करते हैं। वह निज स्वार्थों का त्याग कर जीवन का मोह भी नहीं रखता।
Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 B)
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Chapter 1.4: मनुष्यता - प्रश्न-अभ्यास (क) [Page 22]
Q 2Q 1Q 3
APPEARS IN
NCERT Class 10 Hindi - Sparsh Part 2
Chapter 1.4 मनुष्यता
प्रश्न-अभ्यास (क) | Q 2 | Page 22
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उदार व्यक्त की पहचान कैसे हो सकती है?
उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है ? Solution : उदार व्यक्ति बिना किसी भी प्रकार का भेदभाव किए अपना पूरा जीवन लोकहित के कार्यों में लगा देते हैं। उदार व्यक्ति ही वास्तविक अर्थों में मनुष्य होते हैं। उनके मन में दूसरों के प्रति सहानुभूति और करुणा का भाव होता है।
उदार व्यक्ति की पूजा कहाँ होती है?
किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कार्यों से होती है। जिस प्रकार दुष्ट को उसकी दुष्टता के कारण जाना-पहचाना जाता है उसी प्रकार उदार व्यक्ति की पहचान उसके द्वारा किए गए उदारतापूर्ण कार्यों से होती है।
उदार व्यक्तियों का गुणगान कौन करता है और क्यों?
कवि के कथनानुसार, मनुष्य तभी मनुष्य कहलाने लायक है, जब उसमें परहित-चिंतन के गुण हों । मनुष्य का जीवन वास्तव में परहित के लिए न्योछावर हो जाने पर ही सफल है। ऐसे व्यक्ति को संसार याद रखता है। यदि मनुष्य परहित के लिए स्वयं को समर्पित नहीं करता तो उसका जीवन व्यर्थ है।
मनुष्य को मृत्यु से क्यों नहीं डरना चाहिए?
Answer: प्रत्येक मनुष्य समयानुसार अवश्य मृत्यु को प्राप्त होता है क्योंकि जीवन नश्वर है। इसलिए मृत्यु से डरना नहीं चाहिए बल्कि जीवन में ऐसे कार्य करने चाहिए जिससे उसे बाद में भी याद रखा जाए। उसकी मृत्यु व्यर्थ न जाए।