6 भारत में चीनी उद्योग के सम्मुख कौन कौन सी चुनौतियाँ हैं? - 6 bhaarat mein cheenee udyog ke sammukh kaun kaun see chunautiyaan hain?

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  • प्रश्न :

    क्या कारण है कि वर्तमान में चीनी उद्योग उत्तर से दक्षिण भारत की ओर खिसक रहा है? भारत में चीनी उद्योग से संबंधित समस्याओं की चर्चा करें।

    15 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण :

    • भूमिका।

    • दक्षिण भारत में चीनी उद्योग की संभावनाएँ।

    • उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारत में चीनी उद्योग की धीमी प्रगति के कारण।

    • भारत में चीनी उद्योग से संबंधित समस्याएँ।

    भारत, विश्व में गन्ना और गन्ना उत्पादों का अग्रणी उत्पादक देश है। 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में चीनी उद्योग की शुरुआत उत्तर प्रदेश और बिहार में नील की मांग में कमी आने के बाद की गई है। चीनी उद्योग के लिये मूलभूत कच्चा माल गन्ना है, जिसकी कुछ विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

    • गन्ने को लंबे समय तक भंडारित नहीं किया जा सकता, क्योंकि उस स्थिति में यह सुक्रोज़ का क्षय कर देता है।
    • इसका परिवहन लंबी दूरी तक नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसकी परिवहन लागत अधिक होती है और इसके सूखने की भी आशंका रहती है।
    • इन कारणों से चीनी मिलों की स्थापना गन्ना उत्पादक क्षेत्रों के आसपास ही की जाती है। इसके अतिरिक्त गन्ने की कटाई का एक विशेष समय होता है।
    • दक्षिण भारत में मुख्यतः महाराष्ट्र में सहकारी क्षेत्र के अंतर्गत चीनी मिलों एवं गन्ने की खेती का प्रबंधन किया जाता है। इसके अतिरिक्त कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भी सीमित मात्रा में गन्ने की खेती की जाती है।
    • दक्षिण भारत में चीनी उद्योग की संभावनाएँ:
      • उत्तर भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में उच्च उत्पादकता।
      • दक्षिण भारत में उत्पादित गन्ने में सुकोज़ की अधिक मात्रा पाई जाती है।
      • उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारत में पेराई सत्र अधिक लंबा होता है।
    • उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारत में चीनी उद्योग की धीमी प्रगति के कारण:
      • इस क्षेत्र में नकदी फसल के लिये अधिक विकल्प हैं इसलिये किसान कपास, मूंगफली, नारियल, तंबाकू इत्यादि में अधिक रूचि रखते हैं।
      • महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पानी की कमी के कारण उच्च सिंचाई दरें।
      • उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारत में गन्ने की खेती कम विस्तृत क्षेत्रों में होती है।

    भारत में चीनी उद्योग से संबंधित समस्याएँ:

    • उचित एवं लाभकारी मूल्य के निर्धारण से संबंधित समस्याएँ, साथ ही किसानों को दी जाने वाली अतिरिक्त सहायता को लेकर केंद्र और राज्यों के मध्य समन्वय का अभाव।
    • अधिकांश चीनी मिलों की पेराई क्षमता सीमित है। पुरानी मशीनरी, वसूली की न्यून दर, उत्पादन की उच्च लागत आदि लाभ को कम कर देते हैं।
    • बिना किसी नियंत्रण के गुड़/खांडसारी उद्योग द्वारा गन्ना के एक-तिहाई भाग का उपयोग किया जाता है, जो चीनी मिलों में गन्ने की कमी का कारण बनता है।
    • गन्ने की पेराई अवधि 4-6 महीने की होती है, अतः इसकी प्रकृति मौसमी है, जो श्रमिकों के लिये वित्तीय समस्याएँ उत्पन्न करती है।

    भारत में इस उद्योग पर निर्भर एक बड़ी जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए सरकार, किसानों और गन्ना मिल मालिकों के मध्य समन्वय होना चाहिये।

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विनिर्माण उद्योग

In this post we have mentioned all the important questions of class 10 Social Science (Geography) chapter 6 Manufacturing Industries in Hindi

इस पोस्ट में कक्षा 10 के सामाजिक विज्ञान (भूगोल) के पाठ 6 विनिर्माण उद्योग  के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 10 में है एवं सामाजिक विज्ञान (भूगोल) विषय पढ़ रहे है।

Board CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
Textbook NCERT
Class Class 10
Subject Social Science (Geography)
Chapter no. Chapter 6
Chapter Name विनिर्माण उद्योग (Manufacturing Industries)
Category Class 10 Social Science (History) Important Questions in Hindi
Medium Hindi
Class 10 Social Science (Geography) Chapter 6 विनिर्माण उद्योग Important Questions in Hindi

Chapter 6 विनिर्माण उद्योग

1 अंक वाले प्रश्न

प्रश्न 1  विनिर्माण किसे कहते हैं ? 

उत्तर: कच्चे माल को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को विनिर्माण कहते हैं।

प्रश्न 2 कौन सा कारक किसी उद्योग की अवस्थिति में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ? 

उत्तर: न्यूनतम उत्पादन लागत। 

प्रश्न 3 विनिर्माण उद्योगों का क्या महत्व है ?

उत्तर: विनिर्माण उद्योगों के विकास तथा स्पर्धा से कृषि उत्पादन और वाणिज्य व्यापार को बढ़ावा मिलता है।

प्रश्न 4 उद्योगों की स्थापना को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं ? 

उत्तर: कच्चे माल की उपलब्धता, श्रमिक, पूँजी, बाजार, शक्ति के साधन, वित्तीय संस्थाएँ आदि।

प्रश्न 5 आधारभूत उद्योग किन्हें कहते हैं ? 

उत्तर: ऐसे उद्योग जिनके उत्पादन व कच्चे माल पर दूसरे उद्योग निर्भर हैं जैसे लोहा-इस्पात उद्योग, एल्यूमीनियम उद्योग, प्रगलन उद्योग आदि।

प्रश्न 6 भारत का कौन सा लोहा इस्पात संयंत्र जर्मनी के सहयोग से स्थापित किया गया है ? 

उत्तर: राउरकेला (उड़ीसा)

प्रश्न 7 भारत में पहला सफल सूती वस्त्र उद्योग कब व कहाँ लगाया गया था ? 

उत्तर: 1854 में मुंबई में।

प्रश्न 8 कौन सी एजेंसी सार्वजनिक क्षेत्र में स्टील के बाजार में उपलब्ध करवाती है ? 

उत्तर: स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड। (SAIL)

प्रश्न 9 सीमेंट उद्योग की इकाइयाँ गुजरात में क्यों लगाई गई हैं ? 

उत्तर: गुजरात में इस उद्योग को खाड़ी देशों में निर्यात की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

प्रश्न 10 भारत में पहला सीमेंट उद्योग कब और कहाँ स्थापित किया गया?

उत्तर: 1904 में चेन्नई में।

प्रश्न 11 भारत की इलैक्ट्रॉनिक राजधानी का नाम लिखिए। 

उत्तर: बैंगलूरु।

प्रश्न 12 द्वितीयक क्रियाओं का क्या अर्थ है। 

उत्तर: द्वितीयक क्रियाओं में लगे व्यक्ति कच्चे माल का आकार बदलकर व उसे परिष्कृत वस्तुओं में परिवर्तित करते हैं।

प्रश्न 13 कौन से उद्योग में चूना पत्थर को कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है ? 

उत्तर: सीमेंट उद्योग।

प्रश्न 14 पैराम्बूर किस लिए प्रसिद्ध है ?

उत्तर: रेलगाड़ी व मालगाड़ी के डिब्बे बनाने के लिए।

प्रश्न 15 पटसन का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है ? 

उत्तर: बांग्लादेश।

प्रश्न 16 भिलाई इस्पात कारखाना किस राज्य में है ? 

उत्तर: छत्तीसगढ़। 

प्रश्न 17 वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले उद्योगों के नाम बताइए।

उत्तर: प्रगलन उद्योग, रसायन व कागज़ उद्योग, तेलशोधन शालाएँ, ईंटों के भट्टे।

प्रश्न 18 ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले उद्योगों के नाम बताइए। 

उत्तर: जेनरेटर, औद्योगिक व निर्माण कार्य, लकड़ी चीरने के कारखाने, विद्युत ड्रिल।

प्रश्न 19 कौन सा उद्योग चूना पत्थर का उपयोग कच्चे माल के रूप में करता है ?

उत्तर: सीमेंट उद्योग चूना पत्थर का उपयोग कच्चे माल के रूप में करता है। 

प्रश्न 20 कोलकाता बंदरगाह का भार कम करने के लिए कौन सा प्रमुख बंदरगाह विकसित किया गया है ? 

उत्तर: हल्दिया को कोलकाता बंदरगाह का भार कम करने के लिए विकसित किया गया है।

प्रश्न 21 भारत में सूती वस्त्रों के दो प्रसिद्ध केंद्रों का उल्लेख करें ?

उत्तर: मुंबई और अहमदाबाद।

लघु। दीर्घ प्रश्न (3/5 अंक) 

प्रश्न 1 उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन भौतिक कारक बताइए। 

उत्तर: भौतिक कारक

  • कच्चे माल की उपलब्धता 
  • शक्ति के साधन 
  • अनुकूल जलवायु 

प्रश्न 2 उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारक बताइए। 

उत्तर: मानवीय कारक

  • श्रम 
  • पूँजी 
  • बाज़ार 
  • परिवहन और संचार बैकिंग, बीमा आदि की सुविधाएँ। 
  • आधारिक संरचना 
  • उद्यमी

प्रश्न 3 सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के उद्योगों में अन्तर स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर:

  • सरकारी नीतियाँ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग :- वे उद्योग जिनका स्वामित्व राज्य सरकार या केन्द्रीय सरकार के किसी संगठन के पास होता है। जैसे भारतीय रेल, जहाज निर्माण उद्योग, भिलाई और दुर्गापुर लोहा-इस्पात उद्योग आदि। 
  • निजी क्षेत्र के उद्योग :- वे उद्योग जिनका स्वामित्व कुछ व्यक्तियों अथवा फर्मो या कंपनियों के पास होता है। जैसे ब्रिटानिया उद्योग जो ब्रैड और बिस्कुट बनाता है। जमशेदपुर में टिस्को। (टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी)

प्रश्न 4 भारत में अधिकांश जूट मिलें पश्चिम बंगाल में क्यों स्थित हैं ? 

उत्तर:

  • भारत में सबसे अधिक पटसन का उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता है।
  • इस उद्योग को कच्चे पटसन के निस्तारण के लिए पानी की अधिक आवश्यकता पड़ती है जो हुगली नदी से पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है।
  • पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा आदि पड़ोसी राज्यों से सस्ते मजदूर भी मिल जाते हैं।
  • पटसन की चीज़ों के निर्यात के लिए कोलकाता का बन्दरगाह है। 
  • कच्चे माल की मिलों तक सुविधाजनक परिवहन के लिए रेलवे, रोड़वेज और जल परिवहन। 
  • एक बड़ा शहर होने के कारण कोलकाता बैकिंग बीमा आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराता है।

प्रश्न 5 विनिर्माण उद्योग को भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी क्यों माना जाता है ? 

उत्तर: जिस प्रकार शरीर को आकार रीढ़ की हड्डी से मिलता है उसी प्रकार एक देश की अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास का मुख्य आधार विनिर्माण उद्योग हैं। 

  • कृषि के आधुनिकीकरण में सहायक हैं।
  • द्वितीयक तथा तृतीयक सेवाओं में रोजगार उपलब्ध करवाते हैं। 
  • विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। 
  • बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने में सहायक हैं। 
  • राष्ट्रीय धन में वृद्धि होती है। 
  • दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

प्रश्न 6 भारत में चीनी उद्योग के सम्मुख कौन-कौन सी चुनौतियाँ हैं ? 

उत्तर: 

  • यह उद्योग मौसमी प्रकृति का है, छोटी अवधि का होता है। 
  • गन्ने का उत्पादन प्रति हैक्टेयर कम है। 
  • पुरानी मशीनों का होना। 
  • खोई का अधिकतम इस्तेमाल न कर पाना। 
  • परिवहन के साधनों के असक्षम होने के कारण गन्ने का समय पर कारखानों में न पहुँचना। 

प्रश्न 7 ‘कृषि और उद्योग एक दूसरे से अलग नहीं, बल्कि एक दूसरे के पूरक हैं’ स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर:

  • कृषि, उद्योगों के लिए बड़ी मात्रा में कच्चा माल जैसे कपास, जूट, गन्ना आदि का उत्पादन करती है। 
  • उद्योग, किसानों को खेती के विकास के लिए उर्वरक, कीटनाशक, खरपतवार नाशक, मशीनें आदि उपलब्ध कराता है। जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि सम्भव हुई है।
  • उद्योगों द्वारा कृषि उत्पादों को मण्डी तक पहुँचाना, बेचना काफी आसान हो गया है।

प्रश्न 8 भारत में सूती वस्त्र उद्योग के सामने कौन-कौन सी समस्याएँ हैं ? 

उत्तर:

  • पुरानी और परंपरागत तकनीक
  • लंबे रेशे वाली कपास की पैदावार का कम होना। 
  • नई मशीनरी का अभाव। 
  • कृत्रिम वस्त्र उद्योग से प्रतिस्पर्धा।
  • अनियमित बिजली की आपूर्ति।

प्रश्न 9 हमारे देश के लिए सीमेंट उद्योग का विकास अति महत्वपूर्ण है, क्यों ? 

उत्तर:

  • भवन, फैक्टरियाँ, सड़कें, पुल, बाँध, घर आदि का निर्माण करने के लिए आवश्यक है। 
  • हमारा सीमेंट उद्योग उत्तम गुणवत्ता वाले सीमेंट का उत्पादन करता है। 
  • अफ्रीका के देशों में मांग रहती है। 

प्रश्न 10 भारत में उदारीकरण एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने किस प्रकार मोटरगाड़ी उद्योग में अत्यधिक वृद्धि की है ? स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर:

  • उदारीकरण के पश्चात नए और आधुनिक मॉडल के वाहनों का बाजार बढ़ा है। 
  • वाहनों की मांग बढ़ी है। कार, स्कूटर, स्कूटी, बाईक ऑटो रिक्शा की संख्या में अपार वृद्धि हुई है। 
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ नई प्रौद्योगिकी के उपयोग से यह उद्योग विश्वस्तरीय विकास के स्तर पर आ गया है। आज 15 इकाइयाँ कार, 14 इकाइयाँ स्कूटर, मोटरसाइकिल तथा ऑटोरिक्शा का निर्माण करती हैं।

प्रश्न 11 भारत का जूट उद्योग किन चुनौतियों का सामना कर रहा है। 

उत्तर:

  • कृत्रिम रेशों से चीजें बनने लगी हैं। 
  • कृत्रिम रेशे से बनी चीजें सस्ती होती हैं। 
  • जूट की खेती पर व्यय बहुत हो जाता है। 
  • विदेशी स्पर्धा का मुकाबला बाजार में चुनौती के रूप में खड़ा है। 
  • बांग्लादेश अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में चुनौती के रूप में खड़ा है। 

प्रश्न 12 उद्योगों द्वारा पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए गए विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए। 

उत्तर:

  • प्रदूषित जल को नदियों में न बहाया जाये। 
  • जल को साफ करके प्रवाहित करना चाहिए। 
  • जल विद्युत का प्रयोग करना चाहिए। 
  • ऐसी मशीनरी का प्रयोग करना चाहिए जो कम ध्वनि करे।

प्रश्न 13 भारत के सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग का आर्थिक विकास में क्या योगदान है ? वर्णन कीजिए। 

उत्तर:

  • रोज़गार उपलब्ध करवाता है। 
  • विदेशी मुद्रा अर्जित करता है। 
  • कार्यरत महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है।
  • हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का निरंतर विकास हो रहा है। 
  • सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क, विशेषज्ञों को एकल विंडो सेवा तथा उच्च आंकड़े संचार सुविधा प्रदान करते हैं।

प्रश्न 14 ‘औद्योगिकीकरण और शहरीकरण साथ-साथ चलते हैं।’ कथन की व्याख्या करें। 

उत्तर: शहर उद्योगों को बाजार, बैंकिंग, बीमा, परिवहन, श्रम सलाहकार वित्तीय सलाह आदि जैसी सेवाएँ भी प्रदान करते हैं। जबकि उद्योग, शहरों को निर्मित सामान, रोजगार और ऊर्जा आदि प्रदान करते हैं।

प्रश्न 15 कपास उद्योग की प्रमुख समस्याएं क्या हैं ? 

उत्तर:

  • बिजली की आपूर्ति अनियमित है।
  • मशीनरी को उन्नत करने की आवश्यकता है। 
  • श्रम का कम निष्पादन।
  • सिंथेटिक फाइबर उद्योग के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा।

प्रश्न 16 छोटानागपुर पठारी क्षेत्र में लौह और इस्पात उद्योग की आधिकतम सांद्रता क्यों है ?

उत्तर:

  • लौह अयस्क की कम लागत।
  • नजदीक में उच्च श्रेणी के कच्चे माल की उपलब्धता। 
  • सस्ते श्रम की उपलब्धता।
  • घरेलू बाजार में विशाल विकास क्षमता। 

प्रश्न 17 ‘भारत लोहे और इस्पात क्षेत्र में अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर रहा है।’ कारणों की व्याख्या कीजिए। 

उत्तर:

  • कोकिंग कोल की उच्च लागत और सीमित उपलब्धता।
  • श्रम की कम उत्पादकता। 
  • ऊर्जा की अनियमित आपूर्ति।
  • कमजोर बुनियादी ढांचा।

प्रश्न 18 लोहा और इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहा जाता है ? कारणों का उल्लेख करें। 

उत्तर:

  • कई अन्य उद्योग, लोहे और इस्पात उद्योग पर निर्भर हैं।
  • लोहा और इस्पात उद्योग अन्य उद्योगों जैसे कि चीनी उद्योग या सीमेंट उद्योग आदि को मशीनरी प्रदान करता है। 
  • देश की औद्योगिक प्रगति इस उद्योग पर निर्भर करती है।
  • बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करता है।

प्रश्न 19 लोहा और इस्पात उद्योग को भारी उद्योग क्यों कहा जाता है ? व्याख्या करें। 

उत्तर:

  • लौह अयस्क, कोयला और चूना जैसे सभी कच्चे माल प्रकृति से ही भारी हैं। 
  • इस उद्योग के तैयार उत्पादों को परिवहन हेतु उच्च लागत की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 20 हुगली में जूट उद्योग की सांद्रता के लिए कौन से कारक जिम्मेदार हैं ? 

उत्तर:

  • पश्चिम बंगाल में जूट के रेशे की सबसे अधिक गांठे पैदा होती हैं।
  • जूट उद्योग को बहुत सारे पानी की आवश्यकता होती है जो हुगली नदी से आसानी से उपलब्ध होता है। 
  • उद्योग के लिए लोहे और कोयले की जरूरत होती है, यह रानीगंज की नजदीकी खदानों से भी उपलब्ध है। 
  • पड़ोसी राज्य बिहार और ओडिशा से सस्ता श्रम भी उपलब्ध है। 
  • कोलकाता अच्छा बंदरगाह है जो आसानी से जूट का निर्यात कर सकता है। कोलकाता एक अच्छा बाजार भी है।

प्रश्न 21 भारत में पर्यटन के बढ़ते महत्त्व पर प्रकाश डालिए?

उत्तर:

  • विश्व का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ तृतीयक क्षेत्र का उद्योग।
  • कुल 2500 लाख नौकिरियाँ प्रदान करता है। 
  • कुल राजस्व सकल घरेलू उत्पाद का 40 प्रतिशत। 
  • उद्योगों व व्यापार में वृद्धि का कारक। 
  • देश के आधार भूत ढाँचे में सुधार। 
  • अन्तराष्ट्रीय बंधुता बढ़ाने में उपयोगी। 
  • हाल के वर्षों में पर्यटन उद्योग के कई नये स्वरूप जैसे मेडिकल टूरिज्म आदि का प्रचलन भी बढ़ा है।

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भारत में चीनी उद्योग के प्रमुख कौन कौन सी चुनौतियां हैं?

भारत में चीनी उद्योग से संबंधित समस्याएँ: अधिकांश चीनी मिलों की पेराई क्षमता सीमित है। पुरानी मशीनरी, वसूली की न्यून दर, उत्पादन की उच्च लागत आदि लाभ को कम कर देते हैं। बिना किसी नियंत्रण के गुड़/खांडसारी उद्योग द्वारा गन्ना के एक-तिहाई भाग का उपयोग किया जाता है, जो चीनी मिलों में गन्ने की कमी का कारण बनता है।

चीनी उद्योग के सामने प्रमुख चुनौतियां क्या है?

उच्च आगत और कम उत्पादन लागत: गन्ने की कीमतों में निरंतर वृद्धि की पृष्ठभूमि में हाल के वर्षों में चीनी की गिरती/स्थिर कीमत पिछले कुछ वर्षों में चीनी उद्योग के सामने आने वाली समस्याओं का मुख्य कारण है।

चीनी उद्योग का क्या महत्व है भारतीय चीनी उद्योग के विकास की व्याख्या करें?

चीनी उद्योग एक महत्‍वपूर्ण कृषि आधारित उद्योग है जो लगभग 50 मिलियन गन्‍ना किसानों और चीनी मिलों में सीधे नियोजित 5 लाख कर्मियों की ग्रामीण आजीविका को प्रभावित करती है। परिवहन, मशीनरी की व्‍यापार सेवाओं और कृषि आदानों की आपूर्ति से संबंधित विभिन्‍न सहायक गतिविधियों में भी रोजगार के अवसर उत्‍पन्‍न हुए हैं।

चीनी उत्पादन में प्रथम देश कौन सा है?

भारत, विश्व में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। देश में 2021-22 के चीनी के मौसम के दौरान 5 हजार लाख मीट्रिक टन से अधिक गन्ने का उत्पादन हुआ है।

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