आपकी दृष्टि में विष के दांत शीर्षक कहानी का नायक कौन है क्यों? - aapakee drshti mein vish ke daant sheershak kahaanee ka naayak kaun hai kyon?

विष के दांत कक्षा 10 हिंदी प्रश्न उत्तर | Subjective Question Answer 2023

विष के दाँत

Vish Ke Dant Kahani Ka Prashn Uttar.:-Vish Ke Daant Ke Pramukh Paatr Kaun Hai? Sen Saahab Khokha Mein Kaise Sambhaavanaen Dekhate The? Vish Ke Daant Kahaanee Mein Madan Kisaka Beta Tha? This Is a Very Important Question For Class 10th Hindi Exam 2023. Vish Ke Dant Ka Objective Question.

Madan Ka Umr Kya Thee? Main To Khokha Ko Injeeniyar Banaane Ja Raha Hoon Yah Kathan Kisaka Hai? Khokha Khokhee Ka Arth Kya Hai? This Is a Very Important Question For Class 10th Hindi Exam 2023. This Is a Very Important Question For Class 10th Hindi Exam 2023. Vish Ke Dant Ka Objective Question.

विष के दांत कक्षा 10 | Important Subjective Question Answer

विष के दांत के प्रमुख पात्र कौन है? सेन साहब खोखा में कैसे संभावनाएं देखते थे?विष के दांत कहानी में मदन किसका बेटा था? मदन का उम्र क्या थी? मैं तो खोखा को इंजीनियर बनाने जा रहा हूं यह कथन किसका है? खोखा खोखी का अर्थ क्या है? 'विष के दाँत' vish ke dant objective question (विष के दांत का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन)

विष के दांत कक्षा 10 हिंदी प्रश्न उत्तर | Subjective Question Answer 2022

'विष के दाँत' vish ke dant objective question (विष के दांत का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन)

1. 'विष के दाँत' कहानी के रचयिता कौन हैं?

() अमरकांत

() विनोद कुमार शुक्ल

() नलिनविलोचनशर्मा

() यतीन्द्र मिश्र

2. 'विष के दाँत' कैसी कहानी है?

() सामाजिक

() ऐतिहासिक

() धार्मिक

() मनोवैज्ञानिक

3. 'विष के दाँत समाज के किस वर्ग की मानसिकता उजागर करती है?

() उच्च वर्ग

() निम्न वर्ग

() मध्य वर्ग

() निम्न- मध्य वर्ग

4. 'विष के दाँत' पाठ की विधा है

() निबंध

() व्यक्तिचित्र

() कविता

() कहानी

5. विष के दाँत कहानी का प्रमुख पात्र कौन है?

() सेन साहब

() खोखा

() मदन, गिरधर

() सभी सही हैं

6. गिरधरलाल का बेटा है?

() खोखा

() काशू

() आलो

() मदन

7. गिरधरलाल, सेन साहब की फैक्टरी में क्या था?

() किरानी

() ड्राइवर

() एकाउन्टेन्ट

() इनमें से कोई नहीं

8. सेन साहब की नई मोटरकार किस रंग की थी?

() सफेद

() काली

() नीली

() लाल

9.सेन साहब की नई मोटरकार कितने की थी?

() साढ़े आठ हजार

() साढ़ेसातहजार

() साढ़े छह हजार

() साढ़े पाँच हजार

10. सेन साहब अपने बेटे खोखा को क्या बनाना चाहते थे? 190

() डॉक्टर

() खिलाड़ी

() बिजनेसमैन, इंजीनियर

() पत्रकार

11. सेन साहब की नई मोटरकार की पिछली बत्ती का लाल शीशा किसने चकनाचूर किया था?

() मदन

() काशू

() शोफर

() इनमें से कोई नहीं

12. सेन साहब की आँखों का तारा है

() कार

() खोखा

() खोखी

() उपर्युक्त सभी

13. सेन साहब किस तरह के आदमी थे?

() अहंकारी

() तानाशाह

() मूर्ख

() विद्वान

14. 'मदन' किसका बेटा है?

() सेन साहब का

() गिरधरलालका

() शोफर का

() अखबारनवीस का

15. सदन और काशू के बीच झगड़े का कारण था

() पहलवानी

() ईर्ष्या

() लट्टूखेलनेकी ललक

() साईकिल की सवारी

16. मदन के लिए क्या खाना मामूली बात थी?

() मार

() दुलार

() प्यार

() दुत्कार

17. खोखा किन मामलों में अपवाद था?

() नियम मानने में

() घरके नियमकीधज्जियाँउड़ानेमें

() सबको प्यार करने में

() सभी गलत हैं

18. खोखा के दो-दो दाँत किसने तोड़ डाले?

() काशू

() मदन

() गिरधरलाल

() सेन साहब

19. खोखा जीवन के नियम का अपवाद था और यह अस्वभाविक नहीं था कि वह घर के नियमों का भी अपवाद हो। यह गद्यांश किस पाठ का

() विष केदाँत

() शिक्षा और संस्कृति

() बहादुर

() मछली

20. सीमा, रजनी, आलो, शेफाली, आरती-पाँचों किसकी बहनें थीं?

() मदन की

() खोखाकी

() लेखक की

() सेन साहब की

21. नलिन विलोचन शर्मा का जन्म कब हुआ था?

() 18 फरवरी, 1916

() 2 फरवरी, 1907

() 22 अप्रैल, 1925

() 10 अक्टूबर, 1912

22. 'महल और झोपड़ीवालों की लड़ाई में अक्सर महलवाले ही जीतते हैं, पर उसी हालत में, जब दूसरे झोपड़ीवाले उनकी मदद अपने ही खिलाफ करते हैं। किस पाठ की पंक्ति है?

() बहादुर

() शिक्षा और संस्कृति

() मछली

() विषकेदाँत

22. 'मोटर को कोई खतरा हो सकता है, तो ......... से।'

() खोखा

() मदन

() सीमा

() शेफाली

24. हिन्दी कविता में प्रपद्यवाद्' के प्रवर्तक कौन हैं?

() अमरकांत

() रामविलास शर्मा

() नलिन विलोचनशर्मा

() अशोक वाजपेयी

25. आलोचकों के अनुसार प्रयोगवाद का वास्तविक प्रारंभ किनकी कविताओं से हुआ?

() हजारी प्रसाद द्विवेदी

() नलिनविलोचनशर्मा

() अमरकांत

() अशोक वाजपेयी

26. झोपड़ी और महल की लड़ाई में अक्सर कौन जीतते हैं?

() झोपड़ीवाले

() महलवाले

() दोनों

() कोई नहीं

'विष के दाँत'

1. काशू और मदन के बीच झगड़े का क्या कारण था? इस प्रसंग द्वारा लेखक क्या दिखलाना चाहता है? 16A

उत्तर:- काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण काशू की लटू खेलने की ललक और मदन द्वारा उसे खेलाने से इनकार करना था। लेखक इसके द्वारा बच्चों की ईर्ष्या और इनकार दिखाना चाहता है।

2. काशू और मदन की लड़ाई कैसी थी?

उत्तर:- काशू और मदन की लड़ाई हड्डी और मांस की, बंगले के पिल्ले और गली के कुत्ते की लड़ाई थी। ..

3. झोपड़ी और महल की लड़ाई में अक्सर कौन जीतते हैं?

उत्तर:- झोपड़ी और महल की लड़ाई में अक्सर महल वाले ही जीतते हैं।

4. सेन साहब अपने 'खोखा' को क्या बनाना चाहते थे?

उत्तर:- सेन साहब अपने 'खोखा' को इंजीनियर बनाना चाहते थे।

5. गिरधारी कौन था?

उत्तर:- गिरधारी सेन साहब की फैक्ट्री में किरानी था।

विष के दांत कक्षा 10 | Important Subjective Question Answer

Long And Short Type Question And Answer

1. गिरधारी का चरित्र-चित्रण करें।

उत्तर गिरधारी सेन साहब की फैक्ट्री का किरानी और दब्बू आदमी है। अपने मालिक की अनुपयुक्त बातों में 'जी, जी,' कहने में संकोच नहीं करता। 

वह खुलकर अन्याय का विरोध नहीं करता और अपनी प्रताड़ना का बदला अपने पुत्र को पीट कर निकालता है। यद्यपि गिरधारी प्रत्यक्ष रूप से अन्याय का विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता किन्तु अन्याय का विरोध करने की भावना उसके मन में है। 

यही कारण है कि उसे नौकरी से बेकसूर निकालने वाले सेन साहब के पुत्र काशू को जब उसका बेटा मदन खूब पीटता और उसके दाँत तोड़ देता है तो गिरधारी बेटे पर नाराज नहीं होता, वरन गोद में उठा लेता है। गिरधारी निम्नवर्ग का निरीह और दब्बू व्यक्ति है जो अन्याय का प्रतिकार तो करना चाहता है किन्तु कर नहीं पाता। 

2. 'विष के दाँत' कहानी का सारांश लिखें। 12A (Vish Ke Dant Kahani Ka Prashn Uttar.)

या, "विष के दाँत' कहानी में सामाजिक समानता और मानवाधिकार की बानगी है। कैसे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-सेन साहब को अपनी कार पर बड़ा नाज था। घर में कोई ऐसा न था जो गाड़ी तक बिना इजाजत फटके। पाँचों लड़कियाँ माता-पिता का कहना अक्षरशः पालन करतीं। 

किन्तु बुढ़ापे में उत्पन्न खोखा पर घर का कोई नियम लागू न होता था। अतः गाड़ी को खतरा था तो इसी खोखा अर्थात् काशू से। सेन साहब अपने लाड़ले को इंजीनियर बनाना चाहते थे। 

वे बड़ी शान से मित्रों से अपने बेटे की काबलियत की चर्चा करते थे। एक दिन मित्रों की गप्प-गोष्ठी और काशू के गुण-गान से उठे ही थे कि बाहर गुल-गपाड़ा सुना। 

निकले तो देखा कि गिरधारी की पत्नी से शोफर उलझ रहा है और उसका बेटा मदन शोफर पर झपट रहा है। शोफर ने कहा कि मदन गाड़ी छू रहा था और मना करने पर उधम मचा रहा है। 

सेन साहब ने मदन की माँ को चेतावनी दी और अपने किरानी गिरधर को बुलाकर डाँटा-अपने बेटे को संभालो। घर आकर गिरधारी ने मदन को खूब पीटा। दूसरे दिन बगल वाली गली में मदन दोस्तों के साथ लटू खेल रहा था। 

काशू भी खेलने को मचल गया। किन्तु मदन ने लटू देने से इनकार कर दिया काशू की आदत तो बिगड़ी थी। बस, आदतवश हाथ चला दिया। मदन भी पिल पड़ा और मार-मार कर काशू के दाँत तोड़ दिए। 

देर रात मदन घर आया तो सुना कि सेन साहब ने उसके पिता को नौकरी से हटा दिया है और आउट हाउस से भी जाने का हुक्म दिया है। मदन के पैर से लोटा लुढ़क गया। 

आवाज सुनकर उसके माता-पिता निकल आए। मदन मार खाने को तैयार हो गया। गिरधारी उसकी ओर तेजी से बढ़ा किन्तु सहसा उसका चेहरा बदल गया। उसने मदन को गोद में उठा लिया-'शाबास बेटा ..... एक मैं हूँ ..... और एक तू है जो खोखा के दो-दो दाँत तोड़ डाले।'

इस प्रकार हम देखते हैं कि कहानीकार ने 'विष के दाँत' में उच्च वर्ग के सेन साहब की महत्त्वाकांक्षा, सफेदपोशी के भीतर लड़के-लड़कियों में विभेद भावना, नौकरी-पेशा वाले गिरधारी की हीन-भावना और उसके बीच अन्याय का प्रतिकार करनेवाली बहादुरी और साहस के प्रति प्यार और श्रद्धा को प्रस्तत करते हुए प्यार-दुलार के कुपरिणामों को बखूबी दर्शाया है।

विष के दांत कक्षा 10 | Important Subjective Question Answer

3. सेन साहब के परिवार में बच्चो के लालन-पालन में किए जा रहे लिंग आधारित भेद-भाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए। (Vish Ke Dant Kahani Ka Prashn Uttar.)

उत्तर-सेन साहब के परिवार में पाँच बेटियाँ थीं और एक बेटा था-काशू। लड़कियों के लिए जोर-से बोलना, शाम के सिवा किसी अन्य समय खेलना, खिलखिला कर हँसना सब मना था। 

वे कभी किसी चीज़ को तोड़ती-फोड़ती न थीं। किन्तु बेटे 'काशू' पर कोई नियम लागू नहीं था। उसे समय-असमय खेलने कूदने की आजादी थी। वह तोड़-फोड़ भी करता तो माफ था। 

घर के कोई नियम उस पर लागू न थे। लिंग-भेद आधारित यह लालन-पालन मानवीय संवेदनाओं पर चोट और सेन दम्पति की घटिया मानसिकता प्रदर्शित करता है। 

4. आपकी दृष्टि में कहानी का नायक कौन है? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए। 

या, "विष के दाँत' कहानी का नायक कौन है? स्पष्ट कीजिए। 14A,17A 

उत्तर- नायक वह होता है जिसके इर्द-गिर्द कहानी चक्कर काटती है और जिसके किसी कृत्य से कहानी का समापन होता है। 

इस दृष्टि से देखें तो सेन साहब की चर्चा यद्यपि 'विष के दाँत' कहानी में अधिक है तथापि नायक उनकी फैक्ट्री के किरानी गिरधारी का बेटा मदन ही है। कहानी घूम कर मदन द्वारा सेन साहब की गाड़ी छूने के आरोप पर आती है, जिसके कारण ड्राइवर इसे धक्के देकर गिरा देता है, जिसके प्रतिकार स्वरूप मदन उसपर झपटता है। 

वह सेन साहब से भी भयभीत नहीं होता, उनकी उपस्थित में भी ड्राइवर को मारने के लिए लपकता है। इस घटना के पश्चात् उसकी पिटाई होती है किन्तु वह मूल बात को नहीं भूलता। 

जब खोखा लटू खेलने आता है और लटू की माँग करता है तो मदन उससे बराबरी का व्यवहार करता हुआ अपना लटू लाने को कहता है और क्रुद्ध खोखा जब उस पर हाथ चला देता है तो बिना हिचक और निडरता से उस पर टूट पड़ता है और उसके दो-दो दाँत तोड़ देता है। 

वह अन्याय सहन नहीं करता। नायक की पहचान है निर्भीकता और साहसिकता। ये दोनों ही गुण मदन में मौजूद हैं। अतः 'विष के दाँत' का नायक मदन ही है। 

विष के दांत कक्षा 10 | Important Subjective Question Answer

5. मदन का चरित्र-चित्रण कीजिए। (Vish Ke Dant Kahani Ka Prashn Uttar.)

उत्तर-मदन सेन साहब की फैक्ट्री के किरानी गिरधारी का बेटा है। वह उम्र में पाँच-छह वर्ष का है लेकिन अच्छा-बुरा, ऊँच-नीच समझने की बुद्धि है। 

वह झूठ सहन नहीं करता, यही कारण है कि जब ड्राइवर गाड़ी गन्दा करने की तोहमत लगाता है तो उसका प्रतिकार करता है और उम्र में अपने से बड़े ड्राइवर पर झपटता है। 

वह निडर है। सेन साहब के सामने भी ड्राइवर की ओर लपकता है। वह ड्राइवर के अन्याय और अपमान को नहीं भूलता। वह गरीबी की हीन भावना से ग्रस्त नहीं है। 

वह खोखा को ललकारता है—'जा अपना लटू ले आ।' मदन जैसे को तैसा देना जानता है। खोखा जब उस पर हाथ छोड़ता है तो उससे भिड़ जाता है और मार कर दाँत तोड़ देता है। इस प्रकार, मदन निर्भीक, साहसी स्वाभिमानी बालक है। 

6. 'महल और झोपड़ी वालों की लड़ाई में अक्सर महल वाले ही जीतने हैं, पर उसी हालत में जब दूसरे झोपड़ी वाले उनकी मदद अपने ही खिलाफ करते हैं।' लेखक के इस कथन को कहानी से एक उदाहरण देकर पुष्ट कीजिए। अथवा, काशू और मदन के बीच झगड़ों का कारण क्या था? इस प्रसंग के द्वारा लेखक क्या दिखाना चाहता है? [17A ]

उत्तर-मदन सेन साहब के मुलाजिम गिरधारी का बेटा था। बाल-सुलभ स्वभाव से उसने सेन साहब की नयी गाड़ी छूकर उसकी चमक आदि जानने की कोशिश की तो ड्राइवर ने उसे धक्का दे दिया। 

उसके घुटने छिल गये। गुस्से में जब मदन उसकी ओर झपटा तो सेन साहब आए गए और ड्राइवर ने मदन की शिकायत कर दी। सेन साहब क्रुद्ध हो गए। उन्होंने मदन की माँ को जाने को कहा और गिरधारी को भी चेतावनी दी।

मदन के पिता और ड्राइवर दोनों ही निम्न वर्ग अर्थात् झोपड़ी वाले थे लेकिन एक ने दूसरे के खिलाफ झूठी बात कहकर झोपड़ी वाले को पराजित किया और महलवाले सेन साहब की जीत हुई। यह तो एक उदाहरण है। समाज में अक्सर ऐसा होता है और यही निम्न या निम्न मध्य वर्ग की त्रासदी है।

विष के दांत कक्षा 10 | Important Subjective Question Answer

7. "विष के दाँत' शीषक कहानी की सार्थकता स्पष्ट कीजिए। BM, 16 A

उत्तर_शास्त्रीय विधान के अनुसार किसी रचना के शीर्षक की उपयुक्तता की तीन कसौटियाँ हैं कथावस्तु की प्रतीकता, आकर्षकता और संक्षिप्तता। 'विष के दाँत' कहानी में सारी कथा सेन-दम्पति के अहं के इर्द-गिर्द घूमती है। 

सब-कुछ उनके ही परिवार को लेकर घटित होता है। अतः शीर्षक में 'अहं' के विष-तत्त्व मौजूद हैं। 'विष के दाँत' अत्यन्त आकर्षक है क्योंकि यह बात खिंचती है कि ये 'विष के दाँत' हैं क्या? 

जहाँ तक संक्षिप्तता का प्रश्न है, यह अत्यन्त संक्षिप्त तो नहीं है किन्तु फिर भी संक्षिप्त है। लेखक 'विष के दाँत' के बदले शीर्षक 'विषदंत' भी रख सकता था किन्तु संस्कृतनिष्ठता से बचने के लिए उसने ऐसा किया है। अतएव, हम कह सकते हैं कि 'विष के दाँत' उपयुक्त शीर्षक है। 

8. लड़कियाँ क्या हैं, कठपुतलियाँ हैं और उनके माता-पिता को इस बात का गर्व है-सप्रसंग व्याख्या करें। 16C  (Vish Ke Dant Kahani Ka Prashn Uttar.)

उत्तर-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक 'गोधूलि' भाग-2, के 'विष के दाँत' शीर्षक कहानी से उद्धृत हैं जिसमें कहानीकार नलिन विलोचन शर्मा ने सेन साहब की लड़कियों दशा का वर्णन किया है।

कहानीकार कहता है कि सेन साहब की लड़कियाँ लड़कियाँ नहीं, कठपुतलियाँ हैं। कठपुतलियाँ को उनका मालिक मन-माफिक नचाता है और सेन साहब की लड़कियाँ अपने माता-पिता की मर्जी पर चलती हैं, 

उनकी अपनी कोई सत्ता या अस्तित्व नहीं है, अपनी इच्छा नहीं है। तुर्रा तो यह कि उनकी इस अवस्था पर माता-पिता को गर्व है कि उनकी पुत्रियाँ उनकी हर बात मानती हैं।

यहाँ कहानीकार ने नैसर्गिक प्रवृत्ति के विपरीत अपनी इच्छा अपनी संतान पर थोपने पर सरलता से व्यंग्य किया है।

लेखक ने इस पंक्ति में माँ-बाप की उस प्रवृत्ति का उल्लेख किया है, जिससे बच्चे बिगड़ जाते हैं। 

विष के दांत कक्षा 10 | Important Subjective Question Answer

9. हंस कौओं की जमात में शामिल होने के लिए ललक गया-सप्रसंग व्याख्या करें।

उत्तर प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य-पुस्तक 'गोधूलि, भाग-2' में संकलित नलिन विचोलन शर्मा की 'विष के दाँत' शीर्षक कहानी से उद्धृत है।

लेखक सेन साहब के पुत्र काशू के गली के बच्चों के साथ लटू खेलने की कामना को विपरीत परिस्थिति मानता है। आमतौर से संपन्न घरों के लड़के निम्न वर्ग के बच्चों के साथ नहीं खेलते। काशू की यह इच्छा वैसी ही थी जैसे हंस कौओं की जमात में शामिल हो।

कहानीकार ने हंस और कौआ के एक साथ होने की स्थिति में यह व्यंग्योक्ति की है। सपन्न की तुलना हंस से और निम्न वर्ग की तुलना कौए से करना तुलना की नयी उद्भावना है। 

10. खोखा या काशू का चरित्र-चित्रण करें। 11A  (Vish Ke Dant Kahani Ka Prashn Uttar.)

या, खोखा किन मामलों में अपवाद था? 14A, 19 A)

उत्तर-काशू, धनी-संपन्न सेन साहब के नाउम्मीद बुढ़ापे की आँखों का तारा है। माँ-बाप के अतिशय लाड़-प्यार ने उसे जिद्दी बना दिया है। वह घर के किसी भी कायदे-कानून के मामले में अपवाद है। 

नौकरों और बड़ी बहनों पर हाथ छोड़ने में देर नहीं करता। तोड़-फोड़ करना, घर आए मेहमानों की गाड़ियों के चक्के की हवा निकालने में उसे हिचक या पेरशानी नहीं होती। 

वह सभी को अपने से हीन समझता है। यही कारण है कि मदन के हाथों पिट जाता है। काशू, माँ-बाप के अतिशय लाड़-प्यार से बिगड़ा हुआ बदमिजाज, खुराफाती लड़का है।

11. ऐसे ही लड़के आगे चलकर गुंडे, चोर और डाकू बनते हैं—सप्रसंग व्याख्या करें।

उत्तर-हमारी पाठ्य-पुस्तक 'गोधूलि', भाग-2 में संकलित नलिन विलोचन शर्मा की कहानी 'विष के दाँत' शीर्षक कहानी से प्रस्तुत पंक्ति उद्धृत है। प्रसंग है, सेन साहब द्वारा गिरधारी को सीख और चेतावनी देना।

सेन साहब कहते हैं कि जो लड़के बड़ों का सम्मान नहीं करते, उनका कहा नहीं मानते, बुरी हरकतें करते और मना करने पर मार-पीट करने पर उतारू हो जाते हैं, वे ही आगे चलकर गुंडे, चोर और डाकू बनते हैं। लेखक ने सरल शब्दों में मनोवैज्ञानिक तथ्य का उल्लेख किया है। 

(Vish Ke Dant Kahani Ka Prashn Uttar.):- Vish Ke Daant Ke Pramukh Paatr Kaun Hai? Sen Saahab Khokha Mein Kaise Sambhaavanaen Dekhate The? Vish Ke Daant Kahaanee Mein Madan Kisaka Beta Tha? Madan Ka Umr Kya Thee? This Is a Very Important Question For Class 10th Hindi Exam 2022. Vish Ke Dant Ka Objective Question.

विष के दांत के प्रमुख पात्र कौन है? सेन साहब खोखा में कैसे संभावनाएं देखते थे?विष के दांत कहानी में मदन किसका बेटा था? मदन का उम्र क्या थी? मैं तो खोखा को इंजीनियर बनाने जा रहा हूं यह कथन किसका है? खोखा खोखी का अर्थ क्या है?

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Hindi Class 10 Queastions And Answer:-

आपकी दृष्टि में विष के दाँत शीर्षक कहानी का नायक कौन है क्यों?

उत्तर:- हमारी दृष्टि में 'विष के दाँत' शीर्षक कहानी का नायक मदन है। सारे पात्रों में सर्वाधिक प्रभावशाली है और कथावस्तु में उसका ही महत्त्व सर्वोपरि है।। इस दृष्टि से विचार करने पर स्पष्ट ज्ञात होता है कि इस कहानी का नायम् मदन।

3 विष के दाँत कहानी का प्रमुख पात्र कौन है A सेन साहब B सेन साहब की पत्नी C गिरधर D सेन साहब की बेटी?

उत्तर ⇒ सेन साहब एक अमीर आदमी थे। खोखा उनके बुढ़ापे की आँखों का तारा था। इसीलिए मिसेज सेन ने उसे काफी छूट दे रखी थी। खोखा जीवन के नियम का जैसे अपवाद था और इसलिए यह भी स्वाभाविक था कि वह घर के नियमों का भी अपवाद था।

विष के दांत कहानी के प्रमुख पात्र कौन है?

विष के दांत कहानी का प्रमुख पात्र मदन है, क्योंकि एक वो ही ऐसा शख्स है जो सबसे अधिक प्रभावशाली नजर आता है। और मदन ही इस सम्पूर्ण कथावस्तु में सर्वाधिक महत्वपूर्ण और सर्वोपरि है।

विष के दांत के लेखक कौन हैं?

विष के दाँत (Vish Ke Dant) कहानी के रचयिता नलिन विलोचन शर्मा हैं।

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