संधि की परिभाषा :- दो वर्णों के विकार से उत्पन्न मेल को संधि कहते हैं। संधि के लिए दो वर्णों को निकट होना आवश्यक होता है। वर्णों की इस निकट स्थिति को संहिता कहते हैं। संधियों के प्रकार :- संधियां तीन प्रकार की होती हैं – स्वर
संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि। रजिस्ट्रेशन शुल्क मात्र ₹49/- ₹29/- है। जिसमें आपको पूरे महीने की करंट अफेयर्स पीडीएफ (ई-बुक) मिलेगी और अपनी तैयारी को जाँचने के साथ-साथ नकद इनाम जीतने का मौका मिलेगा। पहला, दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को क्रमशः ₹150, ₹100 व ₹50 का नकद इनाम दिया जाएगा। भाग लें स्वर संधि 5 प्रकार की होती है। (1) दीर्घ संधि (2) गुण संधि (3) वृद्धि संधि (4) यण संधि (5) अयादि संधि तत्रैव = तत्र + एव एकैव = एक + एव एकैक = एक + एक दिनैक = दिन + एक मतैक्य = मत = ऐक्य धर्मैक्य = धर्म + ऐक्यसंधि विच्छेद
सुगम ज्ञान मासिक क्विज
स्वर संधि
1. दीर्घ संधि
संधिविच्छेद शब्दार्थ
शब्द + अर्थ
परमार्थ
परम + अर्थ
सेवार्थ
सेवा + अर्थ
शरणार्थी
शरण + अर्थी
शिक्षार्थी
शिक्षा + अर्थी
सत्यार्थी
सत्य + अर्थी
विद्यार्थी
विद्या + अर्थी
पुस्तकार्थी
पुस्तक + अर्थी
परीक्षार्थी
परीक्षा + अर्थी
धनार्थी
धन + अर्थी
कल्पान्त
कल्प + अंत
उत्तमांग
उत्तम + अंग
दैत्यारि
दैत्य + अरि
देहान्त
देह + अन्त
वेदान्त
वेद + अन्त
सूर्यास्त
सूर्य + अस्त
रामावतार
राम + अवतार
रामायण
राम + अयन
शिवायन
शिव + अयन
अन्नाभाव
अन्न + अभाव
पुष्पावली
पुष्प + अवली
चरणामृत
चरण + अमृत
स्वर्गावसर
स्वर्ग + अवसर
हिमालय
हिम + आलय
शिवालय
शिव + आलय
परमात्मा
परम + आत्मा
रत्नाकर
रत्न + आकर
कुशासन
कुश + आसन
पुस्तकालय
पुस्तक + आलय
देवालय
देव + आलय
रामाधार
राम + आधार
रामाश्रय
राम + आश्रय
धर्मात्मा
धर्म + आत्मा
परमानन्द
परम + आनन्द
नित्यानन्द
नित्य + आनन्द
परमावश्यक
परम + आवश्यक
भोजनालय
भोजन + आलय
विद्याभ्यास
विद्या + अभ्यास
मायाधीन
माया + अधीन
करुणावतार
करुणा + अवतार
तथापि
तथा + अपि
युवावस्था
युवा + अवस्था
आज्ञानुसार
आज्ञा + अनुसार
कवीन्द्र
कवि + इन्द्र
रवीन्द्र
रवि + इन्द्र
महीन्द्र
मही + इन्द्र
गिरीन्द्र
गिरि + इन्द्र
अभीष्ट
अभि + इष्ट
हरीश
हरि + ईश
कवीश
कवि + ईश
गिरीश
गिरि + ईश
कपीश
कपि + ईश
बुद्धीश
बुद्धि + ईश
रतीश
रति + ईश
नदीश
नदी + ईश
जानकीश
जानकी + ईश
महीश
मही + ईश
पृथ्वीश
पृथ्वी + ईश
रजनीश
रजनी + ईश
कवीच्छा
कवि + इच्छा
लक्ष्मीच्छा
लक्ष्मी + इच्छा
मुनीश्वर
मुनि + ईश्वर
भारतीश्वर
भारती + ईश्वर
भानूदय
भानु + उदय
लघूक्ति
लघु + उक्ति
कटूक्ति
कटु + उक्ति
सूक्ति
सु + उक्ति
रघूत्तम
रघु + उत्तम
मृत्यूपरांत
मृत्यु + उपरांत
लघूर्मि
लघु + ऊर्मि
मंजूषा
मंजु + ऊषा
सिन्धूर्मि
सिन्धु + ऊर्मि
वधूत्सव
वधू + उत्सव
भूपरि
भू + उपरि
वधूल्लास
वधू + उल्लास
भूत्तम
भू + उत्तम
मतृणाम
मातृ + ऋणाम्
होतृकार
होतृ + ऋकार
2. गुण संधि –
संधिविच्छेदविच्छेदसंधिविच्छेदविच्छेद देवेन्द्र
देव
इन्द्र
सुरेन्द्र
सुर
इन्द्र
उपेंद्र
उप
इन्द्र
नरेंद्र
नर
इन्द्र
प्रेत
प्र
इत
सुरेश
सुर
ईश
नरेश
नर
ईश
खगेश
खग
ईश
देवेश
देव
ईश
गणेश
गण
ईश
सूर्योदय
सूर्य
उदय
जलोदय
जल
उदय
चन्द्रोदय
चन्द्र
उदय
परोपकार
पर
उपकार
परमोत्सव
परम
उत्सव
लोकोपयोग
लोक
उपयोग
जलोर्मि
जल
ऊर्मि
समुद्रोर्मि
समुद्र
ऊर्मि
दीर्घोपल
दीर्घ
ऊपल
देवर्षि
देव
ऋषि
महेंद्र
महा
इन्द्र
रमेश
रमा
ईश
महेश्वर
महा
ईश्वर
महेश
महा
ईश
महोत्सव
महा
उत्सव
महोपदेश
महा
उपदेश
गंगोर्मि
गंगा
ऊर्मि
महोर्जस्वी
महा
ऊर्जस्वी
महोर्मि
महा
उर्मि
महर्षि
महा
ऋषि
सप्तर्षि
सप्त
ऋषि
राजर्षि
राज
ऋषि
3. वृद्धि संधि
विश्वैक्य = विश्व + ऐक्य
नवैश्वर्य = नव + ऐश्वर्य
परमौज = परम + ओज
जलौस = जल + ओस
परमौषध = परम + औषध
परमौदार्य = परम + औदार्य
सर्वदैव = सर्वदा + एव
सदैव = सदा + एव
एकदैव = एकदा + एव
तथैव = तथा + एव
महैश्वर्य = महा +ऐश्वर्य
महौज = महा + ओज
महौदर्य = महा + औदार्य
महौषध = महा + औषध
4. यण संधि –
यद्यपि | यदि | अपि |
अध्ययन | अधि | अयन |
अत्यर्थ | इति | अर्थ |
अत्यधिक | अति | अधिक |
रीत्यनुसार | रीति | अनुसार |
इत्यादि | इति | आदि |
अत्याचार | अति | आचार |
अत्यावश्यक | अति | आवश्यक |
प्रत्युत्तर | प्रति | उत्तर |
प्रत्युपकार | प्रति | उपकार |
प्रत्युत्तर | प्रति | उत्तर |
उपर्युक्त | उपरि | उक्त |
अत्युक्ति | अति | उक्ति |
अत्युत्तम | अति | उत्तम |
न्यून | नि | ऊन |
वाण्यूर्मि | वाणि | ऊर्मि |
प्रत्येक | प्रति | एक |
अत्यंत | अति | अंत |
नाद्यर्पण | नदी | अर्पण |
देव्यर्थ | देवी | अर्थ |
देव्यागम | देवी | आगम |
देव्यालय | देवी | आलय |
सख्यागम | सखी | आगम |
सरस्वत्याराधना | सरस्वती | आराधना |
सख्युचित | सखी | उचित |
देव्युक्ति | देवी | उक्ति |
देव्यैश्वर्य | देवी | ऐश्वर्य |
देव्योज | देवी | ओज |
दिव्यौदार्य | देवी | औदार्य |
देव्यंग | देवी | अंग |
मन्वन्तर | मनु | अन्तर |
अन्वय | अनु | अय |
अन्वर्थ | अनु | अर्थ |
मध्वरि | मधु | अरि |
ऋत्वन्त | ऋतु | अन्त |
स्वागत | सु | आगत |
मध्वालय | मधु | आलय |
अन्वादेश | अनु | आदेश |
5. अयादि संधि
नयन = ने + अन
शयन = शे + अन
चयन = चे + अन
गायक = गै + अक
गायन = गै + अन
गवीश = गो + ईश
रवीश = रो + ईश
पवित्र = पो + इत्र
पवन = पो + अन
पावन = पौ + अन
श्रवण = श्री + अन
गवन = गो + अन
भवन = भो + अन
पावक = पौ + अक
न्यून = ने + ऊन
अन्वित = अनु + इत
धात्विक = धातु + इक
अन्वेषण = अनु + एषण
वध्वेषण = वधू + एषण
पित्रनुमति = पितृ + अनुमति
मात्रंग = मातृ + अंग
वध्वादेश = वधू + आदेश
वध्वीर्षया = वधू + ईर्ष्या
वध्वंग = वधू + अंग
मात्रानन्द = मातृ + आनन्द
मात्रादेश = मातृ + आदेश
भ्रात्रोक = भ्रातृ + ओक
व्यंजन संधि के उदाहरण और संधि-विच्छेद
वागीश | वाक् | ईश | दिगम्बर | दिक् | अम्बर |
दिगन्तर | दिक् | अन्तर | वाग्जाल | वाक् | जाल |
दिग्गज | दिक् | गज | वाग्धारा | वाक् | धारा |
दिग्भ्रम | दिक् | भ्रम | अजन्त | अच् | अन्त |
अजादि | अच् | आदि | षडानन | षट् | आनन |
तदिच्छा | तत् | इच्छा | सदाचार | सत् | आचार |
वृहद्रथ | वृहत् | रथ | तद्रूप | तत् | रूप |
सदाशय | सत् | आशय | सदानन्द | सत् | आनन्द |
सदुपयोग | सत् | उपयोग | जगदीश | जगत् | ईश |
उदय | उत् | अय | कृदन्त | कृत् | अन्त |
सद् वाणी | सत् | वाणी | जगदानन्द | जगत् | आनन्द |
सुबन्त | सुप् | अन्त | अब्ज | अप् | ज |
अब्धि | अप् | धि | अम्मय | अप् | मय |
एतन्मुरारी | एतत् | मुरारी | जगन्नाथ | जगत् | नाथ |
वाग्दत्त | वाक् | दत्त | भगवद्भक्ति | भगवत् | भक्ति |
षडदर्शन | षट् | दर्शन | उद्योग | उत् | योग |
सदवंश | सत् | वंश | उद्घाटन | उत् | घाटन |
षण्मास | षट् | मास | चिन्मय | चित् | मय |
भगवद्गीता | भगवत् | गीता | दिग्गज | दिक् | गज |
उद्गम | उत् | गम | सन्मार्ग | सत् | मार्ग |
उन्नति | उत् | नति | उच्चारण | उत् | चारण |
महच्छत्र | महत् | छत्र | उच्छेद | उत् | छेद |
सच्छात्र | सत् | छात्र | शरच्चन्द्र | शरत् | चन्द्र |
सच्चित | सत् | चित् | उच्चाटन | उत् | चाटन |
पच्छेद | पद् | छेद | सज्जन | सत् | जन |
उज्ज्वल | उत् | ज्वल | विपज्जाल | विपद् | जाल |
उड्डयन | उत् | डयन | तल्लीन | तत् | लीन |
उल्लंघन | उत् | लंघन | उल्लास | उत् | लास |
सच्छास्त्र | सत् | शास्त्र | उच्छवास | उत् | श्वास |
उच्छिष्ट | उत् | शिष्ट | उच्छृंखला | उत् | शृंखला |
महच्छक्ति | महत् | शक्ति | उद्धार | उत् | हार |
उद्धत | उत् | हत | उद्धहरण | उत् | हरण |
किंवा | किम् | वा | संयोग | सम् | योग |
संयम | सम् | यम | संताप | सम् | ताप |
संसार | सम् | सार | संहार | सम् | हार |
संवाद | सम् | वाद | संशय | सम् | शय |
संवेग | सम् | वेग | संकल्प | सम् | कल्प |
संचय | सम् | चय | संपर्क | सम् | पर्क |
संक्रान्ति | सम् | क्रान्ति | संतोष | सम् | तोष |
सम्पूर्ण | सम् | पूर्ण | पंचम | पम् | चम |
भरण | भर् | अन | प्रमाण | प्र | मान |
भूषण | भूष् | अन |
विसर्ग संधि के उदाहरण –
निश्छल | निः | छल | कश्चित | कः | चित् |
धनुष्टंकार | धनुः | टंकार | निश्चय | निः | चय |
निष्चेष्ट | निः | चेष्ट | ततष्ठकार | ततः | ठकार |
निश्चल | निः | चल | दुष्ट | दुः | ट |
मनस्ताप | मनः | ताप | निस्तेज | निः | तेज |
दुस्तर | दुः | तर | निश्छिद्र | निः | छिद्र |
निस्तार | निः | तार | दुशासन/दुःशासन | दुः | शासन |
हरिशते | हरिः | शते | निशंक | निः | शंक |
निस्सार | निः | सार | निस्संदेह | निः | संदेह |
रजःकण | रजः | कण | अंतःकरण | अन्तः | करण |
अंतःपुर | अन्तः | पुर | प्रातःकाल | प्रातः | काल |
पुरस्कार | पुरः | कार | मनोकामना | मनः | कामना |
नमस्कार | नमः | कार | तिरस्कार | तिरः | कार |
दुःख | दुः | ख | निष्कपट | निः | कपट |
निष्फल | निः | फल | निष्पाप | निः | पाप |
निष्पंक | निः | पंक | चतुष्पद | चतुः | पद |
दुष्कर्म | दुः | कर्म | दुष्प्रकृति | दुः | प्रकृति |
दुष्कर | दुः | कर | दुष्फल | दुः | फल |
मनोज | मनः | ज | वयोवृद्ध | वयः | वृद्ध |
अधोघाट | अधः | घात | तपोबल | तपः | बल |
तेजोमय | तेजः | मय | पयोद | पयः | द |
पुरोहित | पुरः | हित | यशोलाभ | यशः | लाभ |
सरोवर | सरः | वर | यशोगान | यशः | गान |
मनोबल | मनः | बल | तमोगुण | तमः | गुण |
मनोराज्य | मनः | राज्य | तपोधन | तपः | धन |
अधोगति | अधः | गति | यशोदा | यशः | दा |
अधोजल | अतः | जल | मनोरथ | मनः | रथ |
मनोज्ञ | मनः | ज्ञ | मनोयोग | मनः | योग |
मनोवेग | मनः | वेग | मनोहर | मनः | हर |
यशोधरा | यशः | धरा | मनोनयन | मनः | नयन |
मनोविकार | मनः | विकार | पयोधर | पयः | धर |
निराशा | निः | आशा | निर्दय | निः | दय |
निर्झर | निः | झर | निर्जर | निः | जर |
निर्गुण | निः | गुण | निर्भय | निः | भय |
निस्संदेह | निः | संदेह | निर्यात | निः | यात |
निर्हार | निः | हार | निरैक्य | निः | ऐक्य |
निरेकीभाव | निः | एकीभाव | निर्घोष | निः | घोष |
निर्गम | निः | गम | निराधार | निः | आधार |
निरुपाय | निः | उपाय | निरौषध | निः | औषध |
निरादर | निः | आदर | निरीह | निः | ईह |
निरर्थक | निः | अर्थक | दुरुपयोग | दुः | उपयोग |
दुर्दशा | दुः | दशा | दुर्गुण | दुः | गुण |
दुर्जन | दुः | जन | दुर्भाग्य | दुः | भाग्य |
दुश्शील | दुः | शील | दुर्बल | दुः | बल |
दुर्वचन | दुः | वचन | दुर्यश | दुः | यश |
दुर्लाभ | दुः | लाभ | दुर्लक्ष्य | दुः | लक्ष्य |
दुर्गन्ध | दुः | गंध | दुरात्मा | दुः | आत्मा |
दुर्धर्ष | दुः | धर्ष | दुर्नाम | दुः | नाम |
वहिर्गत | वहिः | गत | निरोक | निः | ओक |
निरंक | निः | अंक | निरुत्तर | निः | उत्तर |
नीरस | निः | रस | नीरोग | निः | रोग |
नीरज | निः | रज | नीरव | निः | रव |
अतएव | अतः | एव | निर्गुण | निः | गुण |