बच्चे का मुंडन कब करना चाहिए? - bachche ka mundan kab karana chaahie?

In this Article

  • शिशुओं और बच्चों के लिए मुंडन समारोह क्या है?
  • शिशु के मुंडन समारोह के पीछे जुड़ी भारतीय सांस्कृतिक आस्था
  • मुंडन कब करवाना चाहिए
  • मुंडन समारोह बालों के बेहतर विकास की गारंटी देता है – मिथक या तथ्य?
  • मुंडन संस्कार विधि या मुंडन अनुष्ठान
  • एक सुरक्षित मुंडन के लिए युक्तियाँ और सावधानियां

बच्चों का मुंडन समारोह कई वर्षों से भारतीय संस्कृति में है। यह हिंदू संस्कृति में पालन किए जाने वाले पारंपरिक अनुष्ठानों में से एक है और इसके अस्तित्व में बहुत सारे छिपे संदर्भ और महत्व हैं। मुंडन समारोह को अक्सर बच्चे के बढ़ते वर्षों का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और इसलिए, इसे बहुत अधिक सोच समझकर किया जाता है और अत्यंत सावधानी बरती जाती है।

शिशुओं और बच्चों के लिए मुंडन समारोह क्या है?

शिशु का मुंडन समारोह या मुंडन संस्कारभारत में एक लोकप्रिय पारंपरिक अनुष्ठान है जिसे शुभ मान्यताओं को ध्यान में रखकर किया जाता है। हिंदू मुंडन संस्कार एक अनुष्ठान है जहां बच्चे के बाल पूरी तरह से मुंडवाए जाते हैं और उसे देवताओं को भेंट के रूप में दिए जाते हैं।

शिशु के मुंडन समारोह के पीछे जुड़ी भारतीय सांस्कृतिक आस्था

हिंदू संस्कृति में, यह दृढ़ता से माना जाता है कि बच्चे के सिर के पहले बाल पूर्णतः काटना बच्चे को शुद्ध बनाता है और उसे किसी भी बुरी नज़र या उसके आसपास की बुरी उपस्थिति से छुटकारा देता है।

इस प्रथा के पीछे कई अन्य मान्यताएं भी जुड़ी हैं:

  • यह गर्मियों के मौसम में बच्चे के शरीर और उसके सिर को ठंडा रखने में मदद करता है।
  • यह बच्चे की आत्मा और शरीर को शुद्ध करता है।
  • जब बच्चों के शुरुआती दांत निकलने के दिन होते हैं, तो उन्हे कुछ तकलीफ़ और सिरदर्द हो सकता हैं और माना जाता है कि मुंडन का अनुष्ठान इस असुविधा को कम करता है।
  • ऐसा माना जाता है कि मुंडन के बाद बाल घने और स्वस्थ हो जाते हैं।
  • यह बच्चे को लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देता है।
  • यह बच्चे के वर्तमान और भविष्य से किसी भी पिछले जीवन कर्म या नकारात्मकता को दूर करता है।

मुंडन कब करवाना चाहिए

मुंडन समारोह के लिए, बच्चे की उम्र आमतौर पर 1 से 3 वर्ष की आयु के बीच होती है, लेकिन कुछ लोग इसे बाद की उम्र में भी करना पसंद करते हैं। जो बाल मुंडवाए जाते हैं वह बच्चे के पहले बाल होते है।

मुंडन समारोह बालों के बेहतर विकास की गारंटी देता है मिथक या तथ्य?

यह तथ्य कि पहले बालों का मुंडन करने से बाल का बेहतर विकास होता है, इसके पीछे काफी वैज्ञानिक तर्क मौजूद है। छोटे बच्चों में बालों का विकास, सामान्य रूप से, काफी बिखरा हुआ होता हैं, क्योंकि वे अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में होते हैं, और उनके विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने की प्रक्रिया अभी भी गति पकड़ रही होती है।

जब किसी बच्चे के बाल पहली बार बढ़ते हैं, तो यह बहुत मजबूत नहीं होते हैं और इस शक्ति की कमी के कारण रोम छिद्र बिखरे होते हैं। जब कमज़ोर बालों को मुंडाया जाता है, तो नए बालों के लिए जगह बनती है, जड़ों से मजबूत बाल निकलते हैं और बालों का विकास ऐसा बिखरा हुआ नहीं होता है। इसलिए, मुंडन के बाद बच्चे के बालों की वृध्दि निश्चित रूप से बेहतर, सघन और मजबूत होती हैं।

मुंडन संस्कार विधि या मुंडन अनुष्ठान

  • एक बच्चे का मुंडन हमेशा शुभ तिथि और समय पर किया जाता है। इसे मुंडन मुहूर्तके रूप में भी जाना जाता है, जो एक पुजारी द्वारा ज्योतिषीय और पौराणिक कारकों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया जाता है।

  • पुजारी एक हवन या पूजा शुरू करता है, जहाँ माँ अपनी गोद में बच्चे को लेकर बैठी होती है। कुछ परिवार इसे घर पर मनाना पसंद करते हैं, जबकि अन्य लोग इसे करने के लिए किसी विशिष्ट मंदिर या तीर्थस्थल पर जाना पसंद करते हैं।

  • पुजारी तब बच्चे के बालों के एक हिस्से को पवित्र मंत्र पढते हुए काट देता है। इन पवित्र मंत्रों को मुंडन संस्कार मंत्रभी कहा जाता है। ये मंत्र इस विशेष अनुष्ठान के लिए विशेष रूप से बनाया गया है।

  • बाकी बालों को एक नाई द्वारा मुंडवाया जाता है जो इसे अत्यंत सावधानी से करता है।

  • इसके बाद बच्चे के सिर को पुजारी द्वारा दिए गए पवित्र जल से धोया जाता है, जिसे गंगाजलभी कहा जाता है, और यह माना जाता है कि यह पानी सिर को सुखाने और ठीक करने में मदद करता है।

  • अंत में, मुंडन किए हुए बालों को देवताओं को अर्पित किया जाता है पुजारी द्वारा सुझाए गए तरीकों से ।

एक सुरक्षित मुंडन के लिए युक्तियाँ और सावधानियां

  • यह समारोह जटिल होता है और इसे कुछ सावधानियों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।

  • बच्चे को अच्छी तरह से खिलाया और आराम दिया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चे आमतौर पर कर्कश रोते हैं या बेचैन होते हैं और थोड़ी सी भी गलती से उन्हें चोट लग सकती है।

  • नाई को एक पेशेवर होना चाहिए, जिसे बच्चों के बाल काटने का काम का अनुभव पहले से रहा हो। इसके अलावा, उसके उपकरण बहुत साफ और निष्कीटित होने चाहिए ताकि बच्चे को कोई संक्रमण ना हो।

  • समारोह पूरा होने के बाद बच्चे को, गर्म पानी से स्नान कराना अच्छा होगा। कई बार, बाल के छोटे टुकड़े या गुच्छे त्वचा पर चिपके रह जाते हैं या सिर पर रह जाते हैं, और यह अस्वास्थ्यकर होता है। इसके अलावा, यदि कोई गंदगी जो शायद सिर पर रह गई हो वह स्नान से साफ़ हो जाएगी खासकर अगर समारोह बाहर किया गया हो।

  • चूंकि बच्चे का सिर पहली बार किसी ब्लेड या धातु के संपर्क में आ रहा है, इसलिए उसे एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है। यह ध्यान में रखते हुए कि शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है, त्वचा को तेज़ी से ठीक करने और किसी भी चकत्ते होने से बचने के लिए हल्दी और चंदन का एक एंटीसेप्टिक या घर पर बना आयुर्वेदिक पेस्ट लगाना बेहतर होता है।

निष्कर्ष

मुंडन समारोह का बहुत अधिक मूल्य है और इसके पीछे कई कारण भी है, यही वजह है कि कई परिवार आज भी इसे अपनी परंपराओं का हिस्सा मानते हैं। आध्यात्मिक कारणों के साथ, बच्चे के लिए इसके अपने फायदे और लाभ हैं। बस सुनिश्चित करें कि आप मुंडन समारोह को एक यादगार अवसर बनाने के लिए सभी आवश्यक चरणों और सावधानियों का पालन करें।

बच्चे का मुंडन कब करना चाहिए 2022?

मुंडन संस्कार मुंडन मई 2022.
तिथि:13 मई,शुक्रवार, मुहूर्त:18:49 बजे से 29:31 बजे तक.
तिथि: 27 मई,शुक्रवार,मुहूर्त: 11:49 बजे से 26:26, बजे तक.

बच्चे का पहला मुंडन कब करना चाहिए?

हिंदू धर्म की पुरानी मान्यताओं के अनुसार मुंडन बच्चे के 1 वर्ष या 3 वर्ष का होने पर ही किया जाता है.

मुंडन कौन से महीने में होता है?

कौन से मास में मुंडन किया जाता है? चैत्र मास को छोड़कर उत्तरायण के शेष 5 मासों में मुंडन करना शुभ होता है। इसलिए इन्हीं 5 मासों में ही बच्चों का मुंडन करवाएं।

कन्या मुंडन कब करना चाहिए?

हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ , आषाढ़, माघ और फाल्गुन मास में बच्चों का मुण्डन संस्कार कराना चाहिए। वहीं तिथियों में द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी जाती है।

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