बहु पद कितने प्रकार के होते हैं? - bahu pad kitane prakaar ke hote hain?

बहुपद के सूत्र: गणित के बहुपद क्लास 10 के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय होता है. क्योंकि, इस चैप्टर से लगभग 10 मार्क्स के प्रश्न पूछे जाते है, जिसमे अधिकतक प्रश्न Bahupad के सूत्र से होते है. ऐसे में Bahupad ka Sutra, परिभाषा एवं ट्रिक्स समझना अत्यंत आवश्यक है. हालांकि बहुपद क्लास 10 के लिए ही केवल महत्वपूर्ण नही है. बल्कि क्लास 6 से 9 तक के लिए भी महत्वपूर्ण है.

शिक्षक मानते है कि इसके बिना गणित के सवाल हल करना बहुत मुश्किल है. क्योंकि, बहुपद गणित का आधार होता है, जिसके बिना मैथ्स में विशेषज्ञ होना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन बहुपद का अध्ययन कर वह उपलब्धि हासिल अवश्य किया जा सकता है.

बहुपद के महत्वपूर्ण सूत्र के साथ साथ परिभाषा भी यहाँ सामिल है जो आपको गणित का अच्छा जानकर बनाने में मदद करेगा. बहुपद किसे कहते है, बहुपद की परिभाषा की अध्ययन ध्यान करे, क्योंकि यही आपकी आधार है और यही अच्छे मार्क्स दिलाने में मदद करेगा.

  • बहुपद किसे कहते है | Polynomial in Hindi
    • बीजीय बहुपद ( Algebraic Polynomial)
      • 1. अचर बहुपद:
      • 2. चर बहुपद: (Char Bahupad)
    • बहुपद की पहचान: 
    • बहुपदो का घात
    • बहुपद का शून्ययक (Zeroes of Polynomials):-
    • शेषफल प्रमेय (Remainder Theory)
    • गुणनखंड प्रमेय (Factor Theorem)
    • परिमेय व्यंजक 
    • महत्वपूर्ण तथ्य | Bahupad Important Facts
    • FAQs: Bahupad Kise Kahate Hain

बहुपद किसे कहते है | Polynomial in Hindi

बहुपद की परिभाषा: बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से सम्बंधित पदों के व्यंजक को बहुपद कहते हैं.

दुसरें शब्दों में, बहुपद किसे कहते है?

चर, अचर, चर के गुणांक तथा ऋणेतर घातांक के जोड़, घटाव या गुणन की क्रिया वाले बीजगणितीय व्यंजक को बहुपद कहते है.

अर्थात,

a + a₁x + a₂x² + a₃x³ +…………………… + anxⁿ के रूप में रहने वाले व्यंजक को बहुपद कहते है. 

जहाँ जहाँ a, a₁, a₂, a₃ ……an अचर वास्तविक संख्याएँ है और n पूर्ण संख्या है. Or

चर एवं अचर के पदों के समूह को बहुपद कहा जाता है. Or

धनात्मक(+) और ऋणात्मक (-) चिह्नों में शामिल कई पदों के व्यंजक को बहुपद कहते हैं.

जैसे:- 5x5 + 4xy3 + 4x2

 y3+ y2 + yz आदि.

बीजीय बहुपद ( Algebraic Polynomial)

चर एवं अचर बहुपद को सामिल करने से जो पद प्राप्त होते है उन्हें बीजीय बहुपद कहा जाता है. 

जैसे:-

  • x – 8
  • x + 64
  • x+1, आदि.

बीजीय बहुपद मुख्यतः दो प्रकार के होते है.

  1. अचर बहुपद 
  2. चर बहुपद 

1. अचर बहुपद:

बहुपद का वैसा पद जिसका मान हमेशा स्थिर रहता है वह अचर बहुपद कहलाता है. 

जैसे:

  • 3x + 5
  • x – 2
  • 2 और 5 अचर बहुपद है

क्योंकि, इनका मान सदैव स्थिर रहता है.

Note: 

  • अचर बहुपद वास्तविक या काल्पनिक, दोनों संख्या हो सकते है. 
  • अचर बहुपद का घात शून्य होता है.

2. चर बहुपद: (Char Bahupad)

बहुपद का वैसा पद जिसका मान हमेशा बदलता रहता है वह चर बहुपद कहलाता है.

जैसे:- x2 + 5x + 2

  • चर बहुपद कभी भी काल्पनिक नही होता है.
  • चर बहुपद को x, y, z द्वारा सूचित किया जाता है. 

बहुपद की पहचान: 

यदि किसी व्यंजक के सभी पदों का घात एक धनात्मक पूर्णाक होता है, तो वह बहुपद कहलाता है 

यदि कीसी व्यंजक का घात, भिन्न, ऋणात्मक पूर्णाक या अपरिमेय संख्या होता है, तो वह बहुपद नही कहलाता है.  जैसे:- 

  1. x2 -x +0 ,एक बहुपद है क्योकि  x का घात धनात्मक है.
  2. x2 +√2  ,एक बहुपद है..
  3. √x +√2 बहुपद नहीं है क्योकि x का घात परिमेय संख्या नही है. .
  4. 2 + x-2  बहुपद नही है क्योंकि यह घात ऋणात्मक है. 

अवश्य पढ़े,

  • LCM और HCF का सूत्र
  • भिन्न का सूत्र, परिभाषा एवं प्रकार
  • वर्ग और वर्गमूल फार्मूला-परिभाषा

बहुपदो का घात

बहुपदों में चर का महत्तम घात बहुपद का घात कहलाता है. जैसे 

3x2 + 2x + 5 में चर के अधिकतम घात 2 है. 

घात के अधार पर बहुपदों को निम्न वर्गों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार है. 

1. शून्य बहुपद (Zero Polynomials):-

p(x) = 0 को शून्य बहुपद कहते है. इसका घात बताया नही जाता है. 

2. रैखिक बहुपद (Linear Polynomials):-

एक घातवाली बहुपद को रैखिक बहुपद कहते है. 

जैसे:- ax + 3, जहाँ a ≠ 0 आदि

3. द्विघात बहुपद ( Quadratic Polynomials):-

दो घात वाली बहुपदों को द्विघात बहुपद कहा जाता है. 

जैसे:- ax2 + bx + 3, जहाँ a ≠ 0 द्विघात बहुपद है. 

4. त्रिघात बहुपद (Cubic Polynomials):-

तिन घात वाले बहुपद को त्रिघात बहुपद कहते है. 

जैसे:- ax3 + bx2 + cx + 3 जहाँ a ≠ 0, एक त्रिघात बहुपद है. 

5. एकपदी बहुपद (Monomial):-

एक पद वाले बहुपद को एकपदी बहुपद कहते है. 

जैसे:- 3, x, x2 आदि.

6. द्विपदी बहुपद (Binomial):-

दो पदों वाले बहुपद को द्विपदी बहुपद कहते है.

जैसे:- x + 2, x – 5, x2 + 2, x3 – 2 आदि.

7. त्रिपदी बहुपद (Trinomial):-

तिन पदों वाले बहुपद को त्रिपदी बहुपद कहते है. 

जैसे:- x2 + 2x + 5, x3 + x2 – 5x आदि. 

बहुपद का शून्ययक (Zeroes of Polynomials):-

किसी बहुपद के चार के वे सभी मान, जो बहुपद को शून्य के तुल्य कर दे, वह बहुपद का शून्ययक कहलाता है. 

जैसे:- ax + b का शून्ययक – b / a होता है. 

बहुपद के शून्यक एवं गुणांक में सम्बन्ध | Bahupad ka sambandh

1. रैखिक बहुपद :-

p(x) = ax + b जहाँ a ≠ 0 हो, तो 

p(x) का शून्ययक एक होता है. – b / a = – (अचर पद) / (x का गुणांक)

2. द्विघात बहुपद:-

p(x) =  ax2 + bx + c, जहाँ a ≠ 0 का शून्ययक दो होती है उन्हें ग्रीक अक्षर α (अल्फा) और β (बीटा) से व्यक्त किया जाता है. 

  1. शून्यक (α, β) = – b ± √(b – 4ac) / 2a
  2. शून्यको का योगफल (α + β) = – b / a = अचर / (x का गुणांक)
  3. शून्यको का गुणनफल = c / a = अचर / (x का गुणांक)
  4. ax2 + bx + c = (α – x) (β – x)

3. P(x) = ax3 + bx2 + cx + d, a ≠ 0 के तिन शुन्यक होते है, जिन्हें क्रमशः α (अल्फा) β (बीटा) और γ (गामा) से व्यक्त किया जाता है. 

  1. α + β + γ = -b / a = x2 का गुणांक / x3 का गुणांक 
  2. αβ + βγ + γα = c / a = xका गुणांक / x3 का गुणांक
  3. αβγ = अचर पद / x3 का गुणांक

शेषफल प्रमेय (Remainder Theory)

यदि p(x) बहुपद (Bahupad) हो, जिसका घाट (n > 1) को (x – a) से भाग दिया जाता है, तो शेषफल p(a) होता है. 

जैसे:- x – a = 0 इसलिए x = a

Note:- 

  • बहुपद p(x) में ( x + a) से भाग देने पर शेषफल P( -a) होता है.
  • बहुपद p(x) में ( ax + b) से भाग देने पर शेषफल P( -b /a) होता है.

गुणनखंड प्रमेय (Factor Theorem)

यदि p(x) कोई बहुपद हो, जिसका घाट (n > 1) हो (x – 1) से भाग देने पर शेषफल P(a) = 0 हो (x – a), p(a) का एक गुणनखंड होता है. 

परिमेय व्यंजक 

P(x) और q(x) दो बहुपद हो और q(x) ≠ 0, तो P(x) / q(x) को परिमेय व्यंजन कहते है. 

महत्वपूर्ण तथ्य | Bahupad Important Facts

 1.  Bahupad के घात के बढ़ते या घटते क्रम में सजा रूप बहुपद का मानक रूप कहलाता है. 

2. बहुपद के चर का उच्चतम घात बहुपद का घात कहलाता है. 

3. दो बहुपदों का योगफल, अंतर और गुणनफल हमेशा एक बहुपद होता है. 

4. दो बहुपदों का भाग हेमशा बहुपद नही होता है. 

5. द्विघात बहुपद में शुन्यकों की संख्या दो α (अल्फा) और β (बीटा) होती है. 

6. त्रिघात बहुपद में शुन्यकों की संख्या तीन यानि α (अल्फा) β (बीटा) और γ (गामा) होती है. 

7. प्रत्येक बहुपद एक परिमेय व्यंजक होता है, लेकिन प्रत्येक परिमेय व्यंजक बहुपद नही होता है. 

8. P(x) और q(x) बहुपद हो और q(x) ≠ 0, तो P(x) / q(x) एक परिमेय व्यंजक होता है. यह बहुपद तभी होगा, जब q(x), P(x) का एक गुणनखंड होगा.

9. P(x) / q(x), q(x) ≠ 0 का गुणात्मक व्युत्क्रम q(x) / P(x) होता है जब P(x) ≠ 0.

10. किसी भी बहुपद का गुणा शून्य के साथ शून्य ही होता है. 

11. P(x) / q(x) लघुतम रूप में तभी कहलाएगा, जब P(x), q(x) का महत्तम समपवर्त्तक = 1 हो.

FAQs: Bahupad Kise Kahate Hain

Q. बहुपद किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए?

प्रारंभिक बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक को बहुपद (Polynomial) कहते हैं. जैसे 2x⁵ + 3xy³ + 6x² तथा 7x⁶y + 3x²yx² – 5yx बहुपद के उदाहरण है.

Q. एक चर वाले बहुपद किसे कहते हैं?

एक चर वाले बहुपद ऐसा पद होता है, जो axn के रूप में होता है. जहाँ n एक गैर नकारात्मक पूर्णांक और a वास्तविक संख्या होता है तथा a x का गुणांक कहलाता है. बहुपद में सबसे बड़े घातांक को बहुपद की डिग्री कहते है.

Q. एक पद वाले बहु पद को क्या कहा जाता है?

एक पद वाले बहुपद को एकपदी, दो पद वाले बहुपद को द्विपदी और तीन पद वाले बहुपद को त्रिपदी बहुपद कहते हैं.

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बहुपद कितने प्रकार की होती है?

घात के अधार पर बहुपदों को निम्न वर्गों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार है..
शून्य बहुपद (Zero Polynomials):- ... .
रैखिक बहुपद (Linear Polynomials):- ... .
द्विघात बहुपद ( Quadratic Polynomials):- ... .
त्रिघात बहुपद (Cubic Polynomials):- ... .
एकपदी बहुपद (Monomial):- ... .
द्विपदी बहुपद (Binomial):- ... .
त्रिपदी बहुपद (Trinomial):-.

द्विघात बहुपद का सूत्र क्या होता है?

द्विघात सूत्र हमें किसी भी द्विघात समीकरण को हल करने में मदद करता है। पहले हम समीकरण को ax²+bx+c=0 के रूप में लाते हैं जहाँ a, b और c गुणांक हैं।

द्विघात बहुपद में कितने चर होते हैं?

द्विघात बहुपद (Quadratic Polynomial) इस बहुपद (Polynomial) में चर (Variable) x का उच्चतम घात 2 (दो) है।

बहुपद के शून्यक क्या है?

एक बहुपद को हल करने के लिए, हम उस बहुपद को शून्य(0) के बराबर रखते हैं और उसमें चर का मान ज्ञात करते हैं। चर के मान बहुपद के शून्यक या मूल (Zeroes of Polynomials) कहलाते हैं जो बहुपद की घात पर निर्भर करता है। यदि बहुपद की घात 1 है तो एक शून्यक होगा और यदि घात 2 है तो दो शून्यक होंगे।

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