Homeउत्तर लेखनभारत की आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर प्रथम विश्व युद्ध के प्रभाव प्रश्न: 1914 में अचानक छिड़े प्रथम विश्व युद्ध ने भारत में राष्ट्रवादी आंदोलन को उद्वेलित किया। स्पष्ट कीजिए। प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) ने भारत की आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों को परिवर्तित किया। इस युद्ध में ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों की सहमति के बिना भारत को युद्ध में अपना सहयोगी घोषित किया। इससे भारतीयों के मध्य ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अत्यधिक असंतोष उत्पन्न हुआ, क्योंकि युद्ध के निम्नलिखित आर्थिक प्रभाव अन्य कारकों के साथ-साथ इन कारकों ने भारत में राष्ट्रवादी आंदोलन को प्रोत्साहित किया। आर्थिक प्रभाव के अतिरिक्त, युद्ध और इसके परिणामों में निम्नलिखित भी सम्मिलित
थे: इस प्रकार, 1914 में अचानक छिड़े प्रथम विश्व युद्ध ने भारत में राष्ट्रवादी आंदोलन को उद्वेलित किया जो स्वदेशी आंदोलन के बाद निष्क्रिय हो गया था। Read More भारत की आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर प्रथम विश्व युद्ध के प्रभाव
दृष्टिकोण
उत्तर
विषयसूची
प्रथम विश्व युद्ध का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा?
इसे सुनेंरोकेंआर्थिक प्रभाव युद्ध का एक और परिणाम मुद्रास्फीति के रूप में सामने आया। वर्ष 1914 के बाद छह वर्षों में औद्योगिक कीमतें लगभग दोगुनी हो गईं और बढ़ती कीमतों में तेज़ी ने भारतीय उद्योगों को लाभ पहुँचाया। कृषि की कीमतें औद्योगिक कीमतों की तुलना में धीमी गति से बढीं।
इसे सुनेंरोकेंAnswer: युद्ध का एक और परिणाम मुद्रास्फीति के रूप में सामने आया। वर्ष 1914 के बाद छह वर्षों में औद्योगिक कीमतें लगभग दोगुनी हो गईं और बढ़ती कीमतों में तेज़ी ने भारतीय उद्योगों को लाभ पहुँचाया। कृषि की कीमतें औद्योगिक कीमतों की तुलना में धीमी गति से बढीं।
दूसरा विश्व युद्ध कब समाप्त हुआ?
1 सितंबर 1939 – 2 सितंबर 1945द्वितीय विश्वयुद्ध / अवधि
तृतीय विश्व युद्ध कब समाप्त हुआ था?
इसे सुनेंरोकेंयह विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला था. कितने लोग मारे गए? चार साल, तीन महीने और दो हफ्ते तक चले इस युद्ध में करीब 30 देश शामिल थे.
भारत पर विश्व का क्या प्रभाव पड़ा है?
इसे सुनेंरोकेंहालांकि भारत प्रत्यक्ष रूप से प्रथम विश्व युद्ध में शामिल नहीं था लेकिन उस युद्ध में इंगलैंड के शामिल होने के कारण भारत पर भी असर पड़ा था। युद्ध के कारण इंगलैंड के रक्षा संबंधी खर्चे में बढ़ोतरी हुई थी। उस खर्चे को पूरा करने के लिये कर्ज लिये गये और टैक्स बढ़ाए गये।
प्रथम विश्व युद्ध के क्या प्रभाव हुए?
इसे सुनेंरोकें1917 ई० में रूस की महान क्रांति हुई. इसने जारशाही को समाप्त कर साम्यवादी सरकार की स्थापना की. अंतर्राष्ट्रीय साम्यवादी संगठन का उदय हुआ. इस संगठन ने दुनिया के मजदूरों को एक होने एवं पूँजीपतियों के विरुद्ध संघर्ष करने का आह्वान किया.
प्रथम विश्वयुद्ध का भारत के उद्योगों पर क्या प्रभाव पड़ा?
इसे सुनेंरोकेंप्रथम विश्व युद्ध से भारतीय उद्योगों को अनेक कारणों से प्रोत्साहन मिला। ब्रिटिश कारखाने सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए युद्ध सबन्धी उत्पादन में वयस्त हो गये, इससे भारत में वास्तविक रूप से सारे आयात बंद हो गए। अचानक भारतीय कारखानों को घरेलू बाजार के लिए विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ उत्पादित करने का अवसर मिल गया।
प्रथम विश्व युद्ध का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा Class 10?
इसे सुनेंरोकेंकुल 8 लाख भारतीय सैनिक इस युद्ध में लड़े जिसमें कुल 47746 सैनिक मारे गये और 65000 घायल हुए। इस युद्ध के कारण भारत की अर्थव्यवस्था लगभग दिवालिया हो गयी थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बड़े नेताओं द्वारा इस युद्ध में ब्रिटेन को समर्थन ने ब्रिटिश चिन्तकों को भी चौंका दिया था।
प्रथम विश्वयुद्ध का रूसी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा?
इसे सुनेंरोकेंप्रथम विश्व युद्ध में रूस द्वारा भाग लेने के कारण रूस को अपार जन धन की हानि हुई थी जिससे उसकी जनता त्रस्त हो गई थी उसके बावजूद रूस का जार युद्ध में संलग्न रहा इससे रूस की जनता का आक्रोश फूट पड़ा और वह आंदोलन करने पर निकल आई फलस्वरुप रूस के जार का तख्तापलट हो गया और एक नए नये लोकतंत्र का उदय हुआ।
क्या भारत एक विकासशील देश है?
इसे सुनेंरोकेंभारत अभी एक विकासशील देश है और विश्व में सबसे तेजी से तरक्की करने वालों के देश में शीर्ष पर आता है उम्मीद है के भारत जल्द ही विकसित देशों में शामिल हो सके।
पूरे वर्ल्ड में भारत कितने नंबर पर है?
इसे सुनेंरोकेंभारत को विश्व प्रसन्नता सूची में 136वां स्थान मिला है जबकि वर्ष 2021 में भारत 139वें पायदान पर था.
प्रथम विश्व युद्ध का राष्ट्रीय आंदोलनों पर क्या प्रभाव पड़ा लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: परिणामस्वरूप भारतीयों में ब्रिटिश हुकूमत के प्रति असंतोष का भाव जागा इससे राष्ट्रीय चेतना का उदय हुआ तथा जल्द ही असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई। इस युद्ध के बाद यूएसएसआर के गठन के साथ ही भारत में भी साम्यवाद का प्रसार (सीपीआई के गठन) हुआ और परिणामतः स्वतंत्रता संग्राम पर समाजवादी प्रभाव देखने को मिला।
प्रथम विश्वयुद्ध का राष्ट्रीय आंदोलनों पर क्या प्रभाव पड़ा?
भारत के प्रथम विश्व युद्ध कब हुआ?
इसे सुनेंरोकेंप्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत 1914 को हुई थी। इस समय भारत के वायसराय लॉर्ड हार्डिंग थे जो 1914 से 1916 तक भारत के वायसराय थे। इसके बाद 1916 से 1918 तक लॉर्ड चेम्सफोर्ड भारत के वायसराय थे।
प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे और इसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्या प्रभाव पड़ा?
इसे सुनेंरोकेंबढ़ती प्रतिस्पर्द्धा और अधिक साम्राज्यों की इच्छा के कारण यूरोपीय देशों के मध्य टकराव में वृद्धि हुई जिसने समस्त विश्व को प्रथम विश्व युद्ध में धकेलने में मदद की। इसी प्रकार मोरक्को तथा बोस्निया संकट ने भी इंग्लैंड एवं जर्मनी के बीच प्रतिस्पर्द्धा को और बढ़ावा दिया।