बाजार कीमत और सामान्य कीमत में अंतर कीजिए।
(00 : 00)
लिखित उत्तर
Solution : मूल्य-निर्धारण में समय का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। समय के दृष्टिकोण से मूल्य को प्राय: दो भागों में विभाजित किया जाता है-बाजार-मूल्य तथा सामान्य मूल्य। बाजार मूल्य अल्पकाल में निर्धारित मूल्य है, जिसके अंतर्गत वस्तु की पूर्ति लगभग निश्चित होती है। दूसरी ओर, सामान्य मूल्य दीर्घकालीन मूल्य होता है तथा इस अवधि में पूर्ति को पूर्णतया माँग के अनुरूप परिवर्तित किया जा सकता है। <br> (i) बाजार मूल्य और सामान्य मूल्य की तुलना मूल्य-निर्धारण में समय के महत्त्व को अधिक स्पष्ट कर देती है। बाजार मूल्य और. सामान्य मूल्य में हम निम्नलिखित अंतर पाते हैं- <br> (i) बाजार-मूल्य अति अल्पकालीन मूल्य है। यह मांग और पूर्ति के अस्थायी संतुलन द्वारा निर्धारित होता है। इसके विपरीत, सामान्त मूल्य दीर्धकालीन मूल्य है तथा इसका निर्धारण माँग और पूर्ति के स्थायी संतुलन से होता है। <br> (ii) बाजार मूल्य के निर्धारण में पूर्ति की अपेक्षा माँग अधिक सक्रिय होती है। क्योंकि अति अल्पकाल में पूर्ति की मात्रा में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर, सामान्य मूल्य के निर्धारण में पूर्ति की प्रधानता रहती है, क्योंकि इसके अंतर्गत पूर्ति को आवश्यकतानुसार घटाया-बदाया जा सकता है। <br> (iii) बाजार मूल्य अत्यंत परिवर्तनशील होता है। यह प्रतिदिन या दिन में कई बार बदल सकता है। लेकिन, सामान्य मूल्य अधिक स्थायी होता है तथा इसमें बहुत कम परिवर्तन होते हैं। <br> (iv) बाजार-मूल्य अस्थायी कारणों तथा तात्कालिक घटनाओं से प्रभावित होता है, जबकि सामान्य मूल्य स्थायी तत्वों से नियंत्रित होता है। <br> (v) बाजार-मूल्य वास्तविक मूल्य है जो किसी विशेष समय में बाजार में प्रचलित रहता है। वस्तुओं या सेवाओं का क्रय-विक्रय इसी मूल्य पर होता है। परंतु, सामान्य मूल्य काल्पनिक या अमूर्त होता है जो वास्तविक जीवन में नहीं पाया जाता। सामान्य मूल्य वह है जो होना चाहिए या जो सामान्य अवस्थाओं में प्रचलित रहता है। लेकिन, व्यावहारिक जगत में परिस्थितियाँ कभी भी पूर्णत: सामान्य नहीं होती है। अत: सामान्य मूल्य भी वास्तविकता में नहीं बदल पाता। <br> (vi) बाजार मूल्य उत्पादन-व्यय से कम या अधिक दोनों हो सकता है। लेकिन, सामान्य मूल्य हमेशा उत्पादन-व्यय के बराबर होता है। <br> (vii) बाजार मूल्य सभी प्रकार की वस्तुओं का होता है चाहे उनका पुन: उत्पादन हो सकता हो या नहीं। किंतु, सामान्य मूल्य केवल उन्हीं वस्तुओं का होता है जिनका पुनरुत्पादन संभव हो।
ECONOMICS
Que : 128. बाजार मूल्य तथा सामान्य मूल्य में अंतर स्पष्ट कीजिए।
Answer: बाजार मूल्य तथा सामान्य मूल्य में अंतर -
क्रं | बाजार-मूल्य | सामान्य मूल्य |
1. | बाजार मूल्य अल्पकालीन मूल्य होता है| | सामान्य मूल्य दीर्घकालीन मूल्य होता है| |
2. | बाजार मूल्य वास्तविक मूल्य होता है | | सामान्य मूल्य काल्पनिक मूल्य होता है | |
3. | बाजार मूल्य माँग तथा पूर्ति की अस्थायी शक्तियों द्वारा निर्धारित होता है | | सामान्य मूल्य माँग तथा पूर्ति की स्थायी शक्तियों द्वारा निर्धारित होता है | |
4. | बाजार मूल्य पर पूर्ति की अपेक्षा माँग का अधिक प्रभाव रहता है | | सामान्य मूल्य में माँग की अपेक्षा पूर्ति का अधिक प्रभाव रहता है | |
ECONOMICS 2019 Notes If Error Please Whatsapp @9300930012
उत्तर- बाजार मूल्य
1. बाजार मूल्य अति अल्पकालीन मूल्य होता है होता है ।
2. बाजार मूल्य मांगऔर पूर्ति शक्तियों का अस्थाई संतुलन है बदलता रहता है।
3. बाजार मूल्य के निर्धारण में मांग का प्रमुख एवं सक्रिय प्रभाव होता है जबकि पूर्ति निष्क्रिय रहती है।
4. बाजार मूल्य परिवर्तनशील होता है अर्थात दिन में कई बार बदल सकता है।
5. बाजार मूल्य किसी समय विशेष में प्रचलित वास्तविक मूल्य होता है।
सामान्य मूल्य
1. सामान्य मूल्य दीर्घकालीन होता है।
2. सामान्य मूल्य मांग और पूर्ति की शक्तियों के बीच स्थाई संतुलन का परिणाम है।
3. सामान्य मूल्य के निर्धारण में मांग की अपेक्षा पूर्ति का अधिक प्रभाव होता है।
4. सामान्य मूल्य स्थिर रहता है अर्थात बार-बार परिवर्तित नहीं होता है।
5. सामान्य मूल्य काल्पनिक होता है , जो कि व्यवहार में कभी देखने में नहीं आता।
Ans. - market price
1. The market price is a very short-term price.
2. Market price is the temporary balance of demand and supply forces varies.
3. Demand has a major and active influence in determining market price while supply is inactive.
4. The market price is variable, that is, it can change several times a day.
5. Market price is the actual price prevailing at a particular time.
Normal Price
1. The normal price is long term.
2. Normal price is the result of a permanent balance between the forces of demand and supply.
3. Supply has more influence than demand in determining the normal price.
4. The normal value remains constant i.e. does not change again and again.
5. The normal value is imaginary, which is never seen in practice.
CLASS 12th ECONOMICS SOLUTION HINDI / ENGLISH
MICRO ECONOMICS "परिचय व्यष्टि"
MACRO
ECONOMICS "समष्टि अर्थशास्त्र"
CLASS 11th ECONOMICS SOLUTION HINDI / ENGLISH
INDIAN ECONOMY "भारतीय अर्थव्यवस्था"
STATISTICS FOR ECONOMICS अर्थशास्त्र में सांख्यिकी