Question
निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार पहचान कर लिखिए -
(क) बालकु बोलि बधौं नहि तोही।
(ख) कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा।
(ग) तुम्ह तौ कालु हाँक जनु लावा।
बार बार मोहि लागि बोलावा||
(घ) लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु।
बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलभानु||
Solution
(क) बालकु बोलि बधौं नहि तोही।
अनुप्रास अलंकार- उक्त पंक्ति में 'ब' वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति हुई है, इसलिए यहाँ अनुप्रास अलंकार है।
(ख) कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा।
(1) अनुप्रास अलंकार- उक्त पंक्ति में 'क' वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति हुई है, इसलिए यहाँ अनुप्रास अलंकार है।
(2) उपमा अलंकार- कोटि कुलिस सम बचनु में उपमा अलंकार है। क्योंकि परशुराम जी के एक-एक वचनों को वज्र के समान बताया गया है।
(ग)तुम्ह तौ कालु हाँक जनु लावा।
बार बार मोहि लागि बोलावा||
(1) उत्प्रेक्षा अलंकार- 'काल हाँक जनु लावा' में उत्प्रेक्षा अलंकार है। यहाँ जनु उत्प्रेक्षा का वाचक शब्द है।
(2) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार- 'बार-बार' में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। क्योंकि बार शब्द की दो बार आवृत्ति हुई पर अर्थ भिन्नता नहीं है।
(घ)लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु।
बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलभानु||
(1) उपमा अलंकार
(i) उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु में उपमा अलंकार है
(ii) जल सम बचन में भी उपमा अलंकार है क्योंकि भगवान राम के मधुर वचन जल के समान कार्य रहे हैं।
(2) रुपक अलंकार - रघुकुलभानु में रुपक अलंकार है यहाँ श्री राम को रघुकुल का सूर्य कहा गया है। श्री राम के गुणों की समानता सूर्य से की गई है।
One Line Answer
निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार पहचान कर लिखिए -
बालकु बोलि बधौं नहि तोही।
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Solution
बालकु बोलि बधौं नहि तोही।
अनुप्रास अलंकार - उक्त पंक्ति में 'ब' वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति हुई है, इसलिए यहाँ अनुप्रास अलंकार है।
Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)
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Chapter 2: तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद - प्रश्न-अभ्यास [Page 15]
Q 10.1Q 9Q 10.2
APPEARS IN
NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2
Chapter 2
तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
प्रश्न-अभ्यास | Q 10.1 | Page 15
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