बिलासपुर रेल मंडल भारतीय रेल के दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के अंतर्गत आने वाले तीन रेल मंडलों में से एक है। इस रेल मंडल का गठन 1 अप्रैल 1952 को हुआ था और इसका मुख्यालय भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर में स्थित है।
नागपुर एसईसी रेल मंडल और रायपुर रेल मंडल एसईसीआर जोन के अंतर्गत आने वाले अन्य दो रेल मंडल हैं जिनका मुख्यालय बिलासपुर में है।
बिलासपूर मंडल के बारे मे और अधिक जानने के लिये हुबली मंडल के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाये जिसका लिंक नीचे दिया गया है।
DRM Office Address – 358F+4M9, Railway Colony, Bilaspur, Chhattisgarh 495004
Bilaspur Division Official Website – Click Here
RRC SECR Official Website – Click Here
RRB Bilaspur Official Website – Click Here
RRB Email Id –
विभागाध्यक्ष
| श्रीमती जयश्री जैन (भा.प्र.से.) | मुख्य कार्यपालन अधिकारी | zp-bilaspur[dot]cg[at]gov[dot]in | ज़िला पंचायत, नेहरु चौक, बिलासपुर, 495001 | 07752-250020 | 01 | |
| श्री कुणाल दुदावत (आईएएस) | आयुक्त नगर निगम | commissionerbmcbilaspur[at]gmail[dot]com | कार्यालय नगर पालिक निगम बिलासपुर विकास भवन नेहरू चौक बिलासपुर | 07752-222642 | 07752-413888 | 01 |
| श्री जितेन्द्र कुमार पाटले | जिला परियोजना अधिकारी | sba[dot]bilaspur[at]gmail[dot]com | जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण बिलासपुर (छ.ग.) | 07752-426491 | 07752-426491 | |
| श्री सुरेश कुमार कश्यप | उप संचालक | dpsobilaspur[at]gmail[dot]com | जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय, द्वीतीय तल, न्यू कम्पोजिट बिल्डिंग, कलेक्ट्रेट परिसर, बिलासपुर | 07752-251151 | 07752-251151 | 01 |
| डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव | मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी | cmobilaspurcg[at]gmail[dot]com | कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सीपत रोड सरकंडा, जिला बिलासपुर पिन 495001 | 07752-266010 | 07752-266011 | 01 |
बिलासपुर शहर लगभग 400 वर्ष पुराना है और “बिलासपुर” का नाम “बिलासा” नामक महिला के नाम पर रखा गया है। कई प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद, बिलासपुर ने बहुत कुछ विकसित किया है। बिलासपुर जिला 21.47° से 23.8° उत्तर अक्षांश और 81.14° से 83.15° पूर्व देशान्तर के बीच स्थित है।
बिलासपुर जिला उत्तर में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला, पश्चिम में मुंगेली और कबीरधाम जिला, दक्षिण में बलौदाबाजार-भाटापारा जिला और पूर्व में कोरबा और जांजगीर-चांपा जिला से घिरा हुआ है।
जिले का क्षेत्रफल 3508.48 वर्ग किलोमीटर है। जिले की कुल जनसंख्या लगभग 1625502 है।
वर्तमान में बिलासपुर जिले में 5 तहसील, 4 ब्लॉक और 708 गांव शामिल हैं। रायपुर-भिलाई-दुर्ग ट्राई-सिटी मेट्रो क्षेत्र के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
छत्तीसगढ़ राज्य उच्च न्यायालय, बिलासपुर के गांव बोदरी में स्थित है। जिला बिलासपुर को छत्तीसगढ़ राज्य की न्यायधानी के नाम से भी जाना जाता है। बिलासपुर उच्च न्यायालय एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है। बिलासपुर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है।
Publish Date: | Tue, 27 Sep 2022 02:00 AM (IST)
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। बिलासपुर रेलवे स्टेशन में प्लेटफार्म की कमी के कारण ट्रेनों के पहिए यार्ड में नहीं थमेंगे। जल्दा यहां दो नए प्लेटफार्म बनेंगे। इसके बनते ही 10 प्लेटफार्म हो जाएंगे। साथ ही बिलासपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन का पहला रेलवे स्टेशन होगा, जहां इतनी संख्या में प्लेटफार्म सुविधा रहेगी। नए प्लेटफार्म का निर्माण यार्ड रिमाडलिंग के तहत होगा।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय बिलासपुर में है। जोनल स्टेशन होने के कारण यहां सुविधाओं का विस्तार भी उसी तरह किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले स्टेशन उस पार के लोगों के लिए प्रवेश द्वार की सौगात दी गई। इसके अलावा जनरल टिकट काउंटर भी बनाया गया। अभी सुविधाएं थमने वाली नहीं है। इसके बाद भी रेलवे ने कई ऐसी योजनाएं बनाई हैं, जिससे यात्रा न केवल सुविधाजनक होगी, बल्कि ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी। 161 करोड़ की लागत से यार्ड रिमाडलिंग की योजना है। जिसमें नया आरआरआइ केबिन से लेकर कई प्रमुख कार्य होंगे। कार्यों की सूची में एक काम नए प्लेटफार्म का भी है।
प्लेटफार्म चार-पांच के बाद दो नए प्लेटफार्म बनेंगे, जो नौ व 10 नंबर प्लेटफार्म कहलाएंगे। हालांकि इनके निर्माण के बाद इतनी जगह है कि भविष्य में प्लेटफार्म की संख्या तीन से चार और बढ़ाई जा सकती है। रेलवे में जिस तरह अधोसंरचना को लेकर कार्य हो रहे हैं, उसे देखकर कहा जा सकता है कि इनका निर्माण होगा। दो नए प्लेटफार्म निर्माण कार्य बहुत जल्द प्रारंभ होगा। कंस्ट्रक्शन विभाग टेंडर व अन्य प्रक्रियाओं को पूरा कर लेगा। इस प्लेटफार्म व यार्ड रिमार्डलिंग से ट्रेनें यार्ड या इससे पहले नहीं स्र्केंगी। प्लेटफार्म की कमी के कारण कई बार ऐसा हुआ की ट्रेनों को आउटर पर रोकना पड़ा। इसके चलते ट्रेनें विलंब भी होती थी। मालूम हो कि जोन में 10 प्लेटफार्म वाला कोई भी स्टेशन नहीं है। यह सुविधा बड़े महानगरों में होती है।
2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा
दोनों नए प्लेटफार्म वर्ष 2024 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इतने ही दिनों का लक्ष्य भी रेलवे ने रखा है, क्योंकि मापदंडों के अनुसार व सर्वसुविधायुक्त प्लेटफार्म तैयार करना आसान नहीं है। इसका निर्माण चौथी लाइन को देखते हुए भी किया जा रहा है। मालूम हो कि नए आरआरआइ केबिन का निर्माण शुरू हो गया है।
सुविधाएं आधुनिक, यात्री भी होंगे खुश
प्लेटफार्म में सुविधाएं आधुनिक होंगी। इसमें ट्रेन व कोच इंडीकेशन बोर्ड से लेकर बैठने के लिए कुर्सियां भी रेलवे ऐसी उपलब्ध कराएगी कि यात्रियों को उन्हें देख यात्रा से पहले सुखद अहसास होगा। साथ ही फूड स्टाल, पंखे, वाटर बूथ, प्रसाधन से लेकर तमाम सुविधाएं रहेंगी, जो यात्रियों के लिए जरूरी है।
24 कोच होंगे प्लेटफार्म
प्लेटफार्म निर्माण के दौरान कोच की ऊंचाई और लंबाई को लेकर खास सावधानी बरती जाएगी। यही वजह है कि दोनों प्लेटफार्म 24 कोच की क्षमता के अनुसार होंगे। रेलवे में इससे अधिक कोच की ट्रेनें नहीं चलाई जाती। ज्यादातर स्टेशनों में इतनी ही लंबाई के प्लेटफार्म है। इसके अलावा ऊंचाई भी उतनी ही होगी, ताकि यात्रियों को चढ़ने या उतरने में किसी तरह दिक्कत न हो।
Posted By: Abrak Akrosh
- Font Size
- Close
- # Bilaspur Railway News
- # South East Central Railway
- # Bilaspur Station Platform
- # Bilaspur News
- # Bilaspur news in hindi
- # Bilaspur headlines
- # Chhattisgarh news