लार मुंह में बैरियर की तरह काम करती है जिससे विषाक्त पदार्थ मुंह में नहीं घुस पाते हैं और ड्राइनेस की समस्या नहीं होती है। एक स्वस्थ व्यक्ति में 0.75 से 1.5 लीटर तक लार का उत्पादन होता है।
बहुत से लोगों के मुंह से अत्यधिक लार निकलने लगती है। इस समस्या को हाइपरसेलिवेशन कहते हैं। मुंह से अधिक लार आना एक समस्या होती है। जिसे ठीक किया जा सकता है। लार का मुंह में उत्पादन लार ग्रंथि द्वारा होता हैं। यह खाने को चबाने में मदद करती है। इसके साथ ही लार में मौजूद एंजाइम पाचन में मदद करते हैं। मुंह से कीटाणु निकालने में भी लार मदद करती है। लार मुंह में बैरियर की तरह काम करती है जिससे विषाक्त पदार्थ मुंह में नहीं घुस पाते हैं और ड्राइनेस की समस्या नहीं होती है। एक स्वस्थ व्यक्ति में 0.75 से 1.5 लीटर तक लार का उत्पादन होता है। मगर जब यह ज्यादा होने लगता है तो आपके लिए नुकसानदायकर साबित होता है। इससे त्वचा संबंधी समस्याएं भी होने लगती हैं। मुंह में अधिक लार बनने की समस्या को कुछ उपायों की मदद से ठीक किया जा सकता है।
थेरेपी:
इस
थेरेपी में व्यवहारिक संशोधन और स्पीच थेरेपी शामिल होती है। इन थेरेपी में लोग जीभ को कंट्रोल करना और लार को निगलने की तकनीक भी सीखते हैं।
दवाईयां:
हाइपरसेलिवेशन के लिए दवाईयों का सेवन लार के उत्पादन को कम करने के लिए किया जाता है। मगर इन दवाईयों के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इससे आपको साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इन दवाईयों के सेवन की वजह से कब्ज, बार-बार पेशाब आना और बेचैनी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
घरेलू उपाय:
अधिक लार के उत्पादन को कम करने के
लिए कुछ घरेलू उपायों की मदद भी ली जा सकती है। यह घरेलू उपाय प्रभावी होते हैं।
1- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना लार के उत्पादन को कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही माउशवॉश से गरारे करने से लार के उत्पादन को कम किया जा सकता है।
2-फिटकरी के पानी से गरारे भी लार के उत्पादन को कम करने में मदद करते हैं। जब आप इस पानी से गरारे करते हैं तो इससे मुंह से लार आना बंद हो जाता है।
बार-बार थूकने की आदत से वर्तमान और भविष्य के बिगड़ने की है मान्यता, जानिए कैसे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में सूर्य का राहु या शनि के साथ होना अच्छा नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसे लोगों के मुंह में बार-बार थूक आने की समस्या खड़ी हो जाती है।
नई दिल्ली
July 18, 2018 4:10:10 pm
कुछ लोगों में बार-बार थूकने की आदत पाई जाती है। सामान्य तौर पर इसे अच्छा नहीं माना जाता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में इसके कई नुकसान बताए गए हैं। जी हां, ज्योतिष की मानें तो बार-बार थूकने की आदत से आपके वर्तमान और भविष्य पर काफी बुरा असर पड़ता है। कहते हैं कि हम सबके मुंह में नियमीत रूप से स्राव आता रहता है जिसे थूककर बाहर निकाल दिया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में थूकने का संबंध सूर्य ग्रह से बताया गया है। कहते हैं कि सूर्य के कमजोर होने से बार-बार थूकने का आदत लग जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग कहीं भी थूक देते हैं, उन्हें अपने जीवन में मान-सम्मान नहीं मिलता। ऐसे लोग अपने जीवन में अच्छे दोस्त नहीं बना पाते।
ऐसी भी मान्यता है कि बार-बार थूकने से लक्ष्मी माता नाराज हो जाती हैं। ऐसे में इन लोगों को अपने जीवन में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। कहते हैं कि इनकी आय के स्रोत काफी सीमित हो जाते हैं और ये लोग आर्थिक हानि का भी सामना करते हैं। मान्यता है कि बार-बार थूकने वाले लोग अपने जीवन में मेहनत तो खूब करते हैं लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिलती। कहते हैं कि इन लोगों को अपने जीवन में कभी भी यश की प्राप्ति नहीं होती।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में सूर्य का राहु या शनि के साथ होना अच्छा नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसे लोगों के मुंह में बार-बार थूक आने की समस्या खड़ी हो जाती है। जब ये लोग कुछ बोलते हैं, उस वक्त भी इनके मुंह से थूक आता था। माना जाता है कि सूर्य के खराब होने से मुंह सूख जाता है। ऐसी दशा में मुंह से बार-बार थूक आने लगता है। बता दें कि घर में थूकने के लिए भी मना किया गया है। माना जाता है कि घर में थूकने से दरिद्रता आती है।
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First published on: 18-07-2018 at 04:10:10 pm