बरसाना में कौन कौन से मंदिर हैं? - barasaana mein kaun kaun se mandir hain?

Mar 16, 2022 06:44 AM | 🕖 समय | ♡ मुख्य आकर्षण | 📜 इतिहास | 📷 फोटो प्रदर्शनी | ▶ वीडियो | ✈ कैसे पहुचें | 🌍 गूगल मेप | 🖋 आपके विचार | 🔖 बारें में

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

  • विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली उत्सव।
  • दिव्य प्रेम का प्रमुख केंद्र।
  • 250+ सीढ़ियाँ की चढ़ाई का मंदिर पथ।

श्री राधा रानी मंदिर, भानुगढ़ पहाड़ियों की चोटी पर स्थित बरसाने की प्रथम पूज्य `प्रेम की देवी` श्री राधा रानी का पहला मंदिर है। बरसाना राधा रानी की जन्म स्थली है, और वहाँ के लोग उन्हें प्रेम से लाड़लीजी और श्रीजी पुकारते हैं। अतः यह मंदिर श्रीजी मंदिर तथा लाडली सरकार महल के नाम से भी जाना जाता है।

होली और राधाष्टमी लाडली लाल मंदिर के विश्व प्रसिद्ध उत्सव हैं. इन त्यौहारों पर लाखों की संख्या में लाडलीजी भक्त यहाँ दर्शन के लिए पधारते हैं।

प्रचलित नाम: श्रीजी मंदिर, लाडली लाल मंदिर, लाडली सरकार महल

समय - Timings

दर्शन समय

Summer : 5:00 AM - 1:30 PM, 4:30 PM – 9:00 PMWinter : 6:00 AM - 1:00 PM, 4:30 PM – 8:00 PM

6:00 AM: शरद ऋतु: मंगला आरती

8:30 AM: शरद ऋतु: शृंगार आरती

6:00 PM: शरद ऋतु: संध्या आरती

8:00 PM: शरद ऋतु: शयन आरती

About Temple

अतः इसे वृषभानुपुर ग्राम भी बुलाते हैं। बरसाना राधा के पिता वृषभानु का निवास स्थान था। बरसाने में होली का उत्सव 45 दिनों तक मनाया जाता है. यहां स्थित जिन चार पहाड़ों पर राधा रानी का भानुगढ़, दान गढ़, विलासगढ़ व मानगढ़ हैं, वे ब्रह्मा के चार मुख माने गए हैं। इसी तरह यहां के चारों ओर सुनहरा की जो पहाड़ियां हैं उनके आगे पर्वत शिखर राधा रानी की अष्टसखी रंग देवी, सुदेवी, ललिता, विशाखा, चंपकलता, चित्रा, तुंग विद्या व इंदुलेखा के निवास स्थान हैं। यहां स्थित मोर कुटी, गहवखन व सांकरी खोर आदि भी अत्यंत प्रसिद्ध हैं। सांकरी खोर दो पहाड़ियों के बीच एक संकरा मार्ग है।

Shri Radha Rani Mandir, Barsana in English

Shri Radha Rani Mandir is the first temple of Shrimati Radha Rani on the top of Bhanugarh hills. Barsana is her birth place, people call her Ladliji and Shriji therefore also known as Shriji Temple or Laadli Sarkar Mahal.

फोटो प्रदर्शनी - Photo Gallery

Photo in Full View

श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना

श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना

श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना

श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना

श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना

Famous and testy lassi(लस्सी) in kulhad(लस्सी कुल्हड़) available in all seasons. Testy pure milk tea also available at the bottom of the temple.

जानकारियां - Information

बुनियादी सेवाएं

Prasad, Drinking Water, Power Backup, Shoe Store, Washrooms, Parking, CCTV Security, Sitting Benches, Music System, Prasad Shop

देख-रेख संस्था

मंदिर प्रबंधक समिति बरसाना

फोटोग्राफी

🚫 नहीं (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)

क्रमवद्ध - Timeline

Before 3000 AD

प्रारंभ में राजा वज्रनाभ द्वारा निर्मित।

Samvat 1626

भगवान चैतन्य महाप्रभु के अनुयायी, नारायण भट्ट गोस्वामी ने आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को मंदिर का निर्माण किया।

वीडियो - Video Gallery

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧

Laadli Sarkar Mahal Barsana Uttar Pradesh

सड़क/मार्ग 🚗

Kosi Nandagan Gowardhan Shokha Marg

रेलवे 🚉

Kosi Kalan, Mathura

हवा मार्ग ✈

Pandit Deen Dayal Upadhyay Airport, Agra

सोशल मीडिया

निर्देशांक 🌐

27.650123°N, 77.373284°E

श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना गूगल के मानचित्र पर

अगला मंदिर दर्शन - Next Darshan

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बरसाने में कौन कौन से मंदिर है?

बिषय सूची.
1.1. इस्कॉन मंदिर.
1.2. दान बिहारी मंदिर.
1.3. राधा रानी मंदिर.
1.4. राधा कुशलबिहारी मंदिर.
1.5. मान मंदिर.
1.6. रंगेली महल.
1.7. जुगल किशोर मंदिर.
1.8. कीर्ति मंदिर.

बरसाने में कितनी सीढ़ियां हैं?

इस मंदिर में 200 से अधिक सीढ़ियां हैं जो जमीन से मुख्य मंदिर की ओर जाती हैं

बरसाना क्यों प्रसिद्ध है?

बरसाना गाँव लट्ठमार होली के लिये सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है जिसे देखने के लिये हजारों भक्त एकत्र होते हैं। बसंत पंचमी से बरसाना होली के रंग में सरोबार हो जाता है। यहां के घर-घर में होली का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। टेसू (पलाश) के फूल तोड़कर और उन्हें सुखा कर रंग और गुलाल तैयार किया जाता है।

बरसाना का दूसरा नाम क्या था?

लिहाजा बरसाना को प्राचीन काल में महाराज वृषभानु के नाम से बृहत्सानु, ब्रहसानु और वृषभानुपुर नाम से जाना जाता था। 2. कहा जाता है कि वृषभानु महाराज और नन्द बाबा के बीच अत्यंत स्नेह था। जब नंद बाबा गोकुल में निवास कर रहे थे।

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