बड़ा रविवार क्यों मनाया जाता है - bada ravivaar kyon manaaya jaata hai

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जिस तरह सावन में सोमवार का महत्व है, ठीक उसी प्रकार भादों में रविवार का महत्व है. भगवान विष्णु अपनी नींद पूरी करने के बाद इसी महीने में जागते हैं. इसलिए कहा जाता है कि इस पूरे महीने रविवार को सूर्य और भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. इसका विशेष फल भी प्राप्त होता है.

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रविवार को सूर्य अपनी सबसे अधिक ऊर्जा लिए होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो उसे समाज में मान-सम्मान नहीं मिलता है. उसे जीवनभर कष्ट रहता है. उसके जीवन में खुशहाली नहीं आ पाती.

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इसलिए रविवार के दिन कुछ कार्य नहीं करने की सलाह दी जाती है. खासतौर से भादो कें रविवार को ये काम बिल्कुल नहीं करने चाहिए. इन कार्यों को करने से सूर्य ग्रह के कुप्रभावों का सामना करना पड़ता है. इसलिए रविवार के दिन कुछ बातों का ध्यान रखने से सूर्यदेव की सदैव कृपा बनी रह सकती है...

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रविवार के दिन सूर्यास्त से पूर्व नमक का उपयोग न करें. ऐसा करना अशुभ माना जाता है.

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यह भी कहा जाता है कि रविवार को रात होने से पहले संभोग नहीं करना चाहिए. किसी भी व्यक्ति को इस दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

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आमतौर पर लोग रविवार को ही बाल कटाते हैं. लेकिन ऐसी मान्यता है कि रविवार को बाल कटाने से सूर्य कमजोर होता है. इसलिए इस‍ दिन बाल कटाने से और सिर में तेल मालिश और दूध को जलाने का कार्य नहीं करना चाहिए.

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रविवार को हो सके तो तांबे से निर्मित चीजों को खरीदने और बेचने से बचें.

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इस दिन नीले, काले व ग्रे रंग के वस्त्र न पहनें. संभव हो तो इस दिन जूते न पहनें.

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यदि इन बातों का आप रविवार एक दिन ख्याल रखेंगे, तो आपको कभी भी सूर्य ग्रह की बुरी दृष्टी का सामना नहीं करना पड़ेगा. सूर्य भगवान हमेशा आपके ऊपर अपनी कृपा बनाए रखेंगे.

बड़का इतवार क्यों मनाया जाता है?

रविवार सूर्य देवता की पूजा का वार है। जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है। रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। मान-सम्मान, धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है।

2022 का बड़ा रविवार कब है?

रविवार, 18 दिसंबर 2022 रविवार का दिन भगवान सूयदेव को समर्पित होता है। यह व्रत पुरूष और महिलाओं द्वारा किया जाता हैं।

महा रविवार को क्या खाना चाहिए?

* जप के बाद शुद्ध जल, रक्त चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दूर्वा से सूर्य को अर्घ्य दें। * सात्विक भोजन व फलाहार करें। भोजन में गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही, घी और चीनी खाएं। * रविवार के दिन नमक नहीं खाएं।

रविवार का महत्व क्या है?

हिन्दू धर्म के अनुसार रविवार भगवान विष्णु और सूर्यदेव का दिन भी है। इस दिन उन्हीं की आराधना करना चाहिए। हिन्दू धर्म में इसे सर्वश्रेष्ठ वार माना गया है। अच्छा स्वास्थ्य व तेजस्विता पाने के लिए रविवार के दिन उपवास रखना चाहिए।

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