बवासीर में कौन सी दाल खाना चाहिए? - bavaaseer mein kaun see daal khaana chaahie?

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January 19, 2022

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बवासीर यानी पाइल्स को एनस के पास सूजी हुई नसों को कहा जाता है. आमतौर पर एनस के पास नसों पर दबाव पड़ने के कारण बवासीर की शुरुआत होती है, लेकिन अच्छी बात यह है कि बवासीर का इलाज मुमकिन है.

अगर आप रोजाना संतुलित और अच्छे आहार का सेवन करें, तो बवासीर की समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए बस कुछ दालों को अपनी डाइट में शामिल करने की जरूरत है.

(और पढ़ें - बवासीर में परहेज)

आइए जानते हैं कि बवासीर में कौन-सी दाल खाने से सबसे ज्यादा फायदा होता है.

  1. बवासीर के प्रकार
  2. बवासीर में हरी दाल के फायदे
    • फाइबर से भरपूर
    • पेट को करती है साफ
    • पोषक तत्व से भरपूर
    • सलाद की तरह खाएं
    • खाने में है स्वादिष्ट
  3. हरी दाल के अन्य फायदे
  4. सारांश

बवासीर में मूंग दाल के फायदे के डॉक्टर

बवासीर के प्रकार

बवासीर में आपको कौन-सी दाल खानी चाहिए, उससे पहले जानते हैं कि बवासीर कितने प्रकार की होती है-

  • आंतरिक बवासीर- यह एनस के अंदर होती हैं. आंतरिक बवासीर में मरीज के मल में खून आने के लक्षण भी दिखाई देते हैं. इस प्रकार के बवासीर में आपको ज्यादा दर्द का पता नहीं चलता, क्योंकि इसे देखना और महसूस करना मुश्किल होता है.
  • बाहरी बवासीर- यह एनस के नीचे की खाल के आसपास होती है. इस बवासीर में ज्यादा दर्द, सूजन या गांठ (lumps), खुजली और खून का आना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. बाहरी बवासीर में मरीज को कहीं भी बैठने पर एनस के पास दर्द झेलना पड़ता है.

(और पढ़ें - गर्भावस्था में बवासीर के उपचार)

बवासीर में हरी दाल के फायदे

दालों का सेवन करना अच्छे स्वास्थ्य की निशानी माना जाता है. दालें कई प्रकार की होती हैं और सब दालों के न्यूट्रिशंस अलग-अलग होते हैं. बवासीर के मरीजों को हरी दाल यानी मूंग दाल बहुत फायदा करती है. ये फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर और पेट को साफ करने में मददगार है. आइए विस्तार से जानें, कैसे हरी दाल बवासीर में फायदेमंद है.

(और पढ़ें - बवासीर के घरेलू उपचार)

फाइबर से भरपूर

बवासीर में मरीज को फाइबर की ज्यादा जरूरत होती है और हरी दाल में फाइबर अधिक मात्रा में मौजूद होता है. इसलिए, एक्सपर्ट कहते हैं कि हरी दाल का सेवन बवासीर के दौरान जरूर करना चाहिए.

(और पढ़ें - हल्दी से बवासीर का इलाज)

पेट को करती है साफ

हरी दाल के सेवन से आपका पेट अच्छे से साफ हो जाता है और शौच करते समय ज्यादा जाेर लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ती.

(और पढ़े - पेट से साफ करने के उपाय)

पोषक तत्व से भरपूर

सलाद की तरह खाएं

खाने में है स्वादिष्ट

इस दाल का स्वाद सब दालों से कहीं ज्यादा अच्छा माना जाता है. ये कहा जाता है कि हरी दाल को किसी भी रूप में खाने से बवासीर के रोग में सबसे ज्यादा फायदा होता है.

(और पढ़ें - खूनी बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज)

हरी दाल के अन्य फायदे

  • हरी दाल के सेवन से आप कई सेहत की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं, क्योंकि जिस खानपान की जड़ पेड़ पौधों से जुड़ी होती है, उसमें कई सारे पोषक तत्व एक साथ मिलते हैं.
  • हरी दाल के सेवन से आप कैंसर व कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारी से भी बच सकते हैं. 
  • इस दाल में फाइबर होने की वजह से यह आपके हार्ट को स्वस्थ रखता है. जो लोग मांस नहीं खाते, उन्हें इस दाल के सेवन से सभी पोषक तत्व मिल जाते हैं.
  • हरी दाल का प्रयोग प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले बच्चे के लिए भी फायदेमंद साबित होती है. 
  • अगर आप हरी दाल खाते हैं, तो शरीर में आयरन की कमी से भी बचे रह सकते हैं.

(और पढ़ें - बवासीर का होम्योपैथिक इलाज)

सारांश

अमूमन देखा गया है कि बवासीर समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती है और इसमें किसी दवा की भी जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन मरीज को अपनी आदतों और खान-पान में थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत होती हैं. फाइबर से भरपूर हरी दाल या मूंग दाल का उपयोग बवासीर को ठीक करने में सहयोग दे सकता हैं. अगर आपको दाल या इसमें मौजूद पोषक तत्वों से कोइ एलर्जी है, तो दाल का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

(और पढ़ें - बवासीर की आयुर्वेदिक दवा)

बवासीर में मूंग दाल के फायदे के डॉक्टर

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बवासीर में कौन सी दाल नहीं खाना चाहिए?

वे दालें, जिनसे प्रोटीन मिलता है, बवासीर में उनका सेवन नहीं करना चाहिए। विशेषकर मसूर और अरहर की दाल, इस समस्या में बहुत नुकसान पहुंचाती हैं इसलिए इनसे दूरी बनाकर रखें। ज्यादा प्रोटीन को पचाना मुश्किल होता है और इससे बवासीर के मरीजों को कब्ज भी हो जाती है।

बवासीर में कौन कौन सी दाल खा सकते हैं?

दाल: मसूर दाल, मूंग, गेहूं, अरहर। फल एवं सब्जियां: सहजन (शिग्रु), टिण्डा, जायफल, परवल, लहसुन, लौकी, तोरई, करेला, कददू, मौसमी सब्जियां, चौलाई, बथुआ, अमरूद, आँवला, पपीता, मूली के पत्ते, मेथी, साग, सूरन, फाइबर युक्त फल– खीरा, गाजर, सेम, बीन्स।

बवासीर में कौन सी सब्जी अच्छी होती है?

बवासीर में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन फायदेमंद होता है हरी और पत्तेदार सब्जियों में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो बवासीर के लक्षणों को कम करते हैं। आप हरी और पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक, गाजर, खीरा, पत्ता गोभी और ब्रोकली का सेवन कर सकते हैं।

पाइल्स में चावल खा सकते हैं क्या?

पाइल्स होने पर अपने आहार में ढेर सारे साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, होल व्हीट शामिल करें। बता दें कि साबुत अनाज में फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इनके सेवन से मल नरम हो जाता है और मल त्याग के दौरान होने वाले दर्द में कमी आती है।

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