चांदी की अंगूठी अंगूठी में पहनने से क्या होता है? - chaandee kee angoothee angoothee mein pahanane se kya hota hai?

नमस्कार दोस्तो, अनेक लोग अपने जीवन के अंतर्गत चांदी की अंगूठी पहन लेते हैं, चांदी की अंगूठी पहनने से अनेक फायदे भी होते हैं तथा इसी कारण इसको काफी लोगों के द्वारा पहना भी जाता है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि चांदी की अंगूठी महिलाओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण है, इसके माध्यम से क्या-क्या फायदे होते हैं, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि चांदी की अंगूठी महिलाओं के लिए क्यों जरूरी होती है, यदि कोई भी महिला चांदी के मोटी पहनती है तो उसे क्या-क्या लाभ होते हैं, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।

चांदी की अंगूठी के महिलाओं के लिए लाभ

दोस्तों यदि कोई भी महिला चांदी की अंगूठी पहनती है, तो उस के माध्यम से उस को निम्न अलग-अलग लाभ होते हैं:-

1. जैसा की आप सभी लोगों को पता होगा कि चांदी का संबंध चंदन और शुक्र ग्रह से माना गया है, तो ऐसे में चंद्र को मन का कारक माना जाता है, तथा शुक्र को जाने का कारक माना जाता है तो ऐसे में चांदी के अंगूठी पहनने से महिलाओं के मन को शांति मिलती है, तथा उनके घर में धन की वर्षा होती है।

2. चांदी की अंगूठी पहनने से महिलाओं का मन तथा उनका दिमाग काफी मजबूत रहता है, वही उनके आत्मविश्वास तथा कला के अंतर्गत काफी वृद्धि होती है।

3. दोस्तो चांदी को माता लक्ष्मी का सबसे प्रिय धातु माना जाता है, ऐसे में चांदी की अंगूठी का सीधा संबंध माता लक्ष्मी से होता है।

4. चांदी की अंगूठी पहनने से किसी भी महिला का स्वास्थ्य काफी अच्छा रहता है, इसके अलावा उस महिला को शारीरिक रूप से काफी मजबूती मिलती है।

चांदी की अंगूठी को कौन से हाथ में पहना जाता है?

दोस्तों इस के बारे में तो आपको हमने जानकारी दे दी है, कि चांदी की अंगूठी को क्यों पहनना चाहिए, तथा इसके क्या क्या फायदे हो सकते हैं। यदि आपके मन में यह भी सवाल है कि हमें चांदी की अंगूठी कौन से हाथ में पहननी चाहिए, या फिर किसी भी चांदी की अंगूठी कौन से हाथ में पहना जाता है, तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि चांदी की अंगूठी को आपको अपने दाय हाथ में पहनना चाहिए। इसके अलावा कुछ परिस्थिति के अंतर्गत आप इसको अपने दाएं हाथ में भी पहन सकते हैं।

चांदी की अंगूठी को कब धारण करना चाहिए

यदि दोस्तों आपको इसके बारे में पता नहीं है कि चांदी की अंगूठी को कब धारण करना चाहिए, तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं, कि यदि आप चांदी के अंगूठी धारण करना चाहते हैं, तो आप सोमवार के दिन या फिर शुक्रवार के दिन चांदी की अंगूठी को धारण कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आप चांदी के अंगूठी को खरीदने का सोच रहे हैं, तो आप चांदी के अंगूठी को गुरुवार के दिन या फिर रविवार के दिन खरीद कर अपने घर पर ला सकते हैं।

चांदी की अंगूठी को किस अंगुली में पहना जाता है?

अगर बात की जाए कि चांदी की अंगूठी को किस अंगुली के अंतर्गत पहना जाना चाहिए, तो आप चांदी की अंगूठी को अपने दाएं हाथ की कनिष्ठा अंगुली में पहन सकते हैं। इसके अलावा यदि आप इस अंगुली के अंतर्गत चांदी की अंगूठी को पहनने के लिए सक्षम नहीं है, तो आप दूसरी अंगुली का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

आज आपने क्या सीखा

तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि चांदी की अंगूठी महिलाओं के लिए क्यों जरूरी होती है, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत चांदी की अंगूठी से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे कि चांदी की अंगूठी धारण करने से क्या-क्या लाभ होते हैं, कब चांदी अंगूठी को धारण किया जाता है, तथा चांदी के अंगूठी में हम कौन से हाथ में या फिर कौन सी अंगुली के अंतर्गत पहन सकते हैं।

आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।

FAQ

चांदी के अंगूठी पहनने से क्या फायदा?

ज्योतिष में शुक्र को सौंदर्य, रोमांस आदि का कारक ग्रह माना गया है। वही चंद्रमा मन का कारक ग्रह है। ऐसा माना जाता है कि चांदी पहनने से व्यक्ति के शरीर में मौजूद जल तत्व संतुलन में रहता है और शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है। इससे शुक्र और चंद्रमा का भी अनुकूल प्रभाव प्राप्त होता है और ग्रह के विघ्नों का नाश होता है।

चांदी की अंगूठी क्यों पहनते हैं?

अगर आप चांदी की अंगूठी के फायदे चाहते हैं तो आपको इस अंगूठी को अपनी मां के हाथ में धारण करना चाहिए। चांदी की अंगूठी शुक्र और चंद्रमा ग्रह से संबंधित है। शुक्र समृद्धि प्रदान करता है और चंद्रमा मन का प्रतीक है। यदि घरों में चांदी की धातु हो तो उन घरों में हमेशा सुख-समृद्धि का वास होता है।

चांदी कब धारण करना चाहिए?

शक्ति के अनुसार शुक्र ग्रह घर में चांदी के बर्तनों के प्रयोग से प्रसन्न होता है और दाम्पत्य जीवन में मधुरता आती है। वहीं छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी पहनना बहुत शुभ माना जाता है। इसके साथ ही बच्चों के गले में चांदी का चंद्रमा धारण करने से सर्दी और कफ की समस्या से भी दूर रहते हैं।

चांदी की अंगूठी पहनने के क्या फायदे हैं?

चांदी की अंगूठी पहनने के वैदिक ज्योतिष फायदे 2) इसके अलावा ज्योतिष शास्त्रों की माने तो दाहिने हाथ की सबसे छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से आपका दिमाग सही रहने लगता है और शांत रहता है और गुस्से पर काबू भी होने लगता है। 3) चांदी की अंगूठी आपके मानसिक क्षमताओं को हल करने में बहुत मदद करती है।

तर्जनी उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से क्या होता है?

त्रिधातु : त्रिधातु (सोना+ चांदी+तांबा) से विधिपूर्वक निर्मित अभिमंत्रित पवित्री (दरिद्रता नाशक मुद्रिका) अपने दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली में गुरुवार को धारण करें। यह मुद्रिका अदभुत चमत्कारी होती है। 2. चांदी की अंगूठी : चांदी की बिना जोड़ वाली अंगूठी तर्जनी उंगली में पहन कर रहें।

चांदी का छल्ला कौन सी उंगली में धारण करना चाहिए?

- ज्योतिषीयों के अनुसार व्यक्ति के हाथ का अंगूठा शुक्र ग्रह का कारक माना गया है. वहीं चांदी को चंद्र ग्रह का कारक माना गया है. कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ न होने पर चांदी का छल्ला अंगूठे में धारण किया जाता है. कहते हैं कि शुक्र के मजबूत होने पर जीवन में तमाम सुख-सुविधाएं मिलती हैं.

चांदी की अंगूठी कब और कैसे पहने?

चांदी की अंगूठी कब करें धारण सोमवार या शुक्रवार के दिन चांदी की अंगूठी धारण करनी चाहिए। रविवार या गुरुवार के दिन चांदी की अंगूठी खरीदकर घर लाएं। एक कटोरी में दूध भरकर उसमें अंगूठी को डाल दें। रातभर दूध में अंगूठी रखी रहने दें।

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