चंद्रमा को रातभर कौन देखता रहता है? - chandrama ko raatabhar kaun dekhata rahata hai?

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चंद्रमा क्यों बदलता रहता है अपना आकार, यह हर दिन गोल क्यों नहीं दिखता?

TV9 Bharatvarsh | Edited By:

Updated on: Dec 23, 2021 | 1:13 PM

चंद्रमा पर नजर पड़ती ही होगी पर कभी सोचा है कि यह अपना आकार क्यों बदलता रहता है? यह हर दिन एक जैसा गोल क्यों नहीं दिखता? यह इतना क्यों चमकता है? इन सवालों का जवाब सूर्य और पृथ्वी से जुड़ा है. जानिए ऐसा होता क्यों है?

चंद्रमा पर नजर पड़ती ही होगी पर कभी सोचा है कि यह अपना आकार क्‍यों बदलता रहता है? यह हर दिन एक जैसा गोल क्‍यों नहीं दिखता? यह इतना क्‍यों चमकता है? इन सवालों का जवाब सूर्य और पृथ्‍वी से जुड़ा है. समय-समय पर बदलती स्थितियां इसके लिए जिम्‍मेदार होती हैं, लेकिन इसका भी एक विज्ञान है, जानिए ऐसा होता क्‍यों है? (Pexels)

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चंद्रमा का आकार क्‍यों बदलता है, इसे समझने के लिए पहले यह जानना होगा कि यह चमकता क्‍यों है जिससे कारण हम इसे देख पाते हैं. दरअसल, चंद्रमा की अपनी कोई चमक ही नहीं होती है. सूर्य से निकलने वाला प्रकाश चंद्रमा पर पड़ता है. यह परावर्तित होकर पृथ्‍वी पर पड़ता है. प्रकाश के इसी परावर्तन के कारण ही चंद्रमा हमें चमकता हुआ दिखाई देता है.(Wallper.com)

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नील आर्मस्‍ट्रॉन्‍ग ने 20 जुलाई 1969 को पहली बार चांद पर कदम रखा था.

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परिक्रमा के दौरान जब चंद्रमा पृथ्वी के आगे आता है तब सूर्य से आने वाली किरणें परावर्तित होकर पृथ्वी पर नहीं आतीं और वह दिखाई नहीं दे पाता. ऐसा अमावस की रात की रात होता है. यानी एक बात तो साफ है कि चंद्रमा का गोल ही है और उसका आकार निश्चित है, लेकिन सूर्य की किरणों के रिफ्लेक्‍शन के कारण ही यह आधा-अधूरा दिखता है. (Unsplash)

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चंद्रग्रहण का फंडा क्‍या है, अब ये जानिए. चंद्रग्रहण तब पड़ता है जब पृथ्‍वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है. ऐसा होने पर सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर नहीं पड़ पाता, नतीजा किरणों का परावर्तन नहीं होता. इसलिए चंद्रग्रहण की स्थिति बनती है. (Nasa)

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चंद्रमा को रात भर कौन सा पक्षी देखता रहता है?

चकोर एक साहित्यिक पक्षी है, जिसके बारे में भारत के कवियों ने यह कल्पना कर रखी है कि यह सारी रात चंद्रमा की ओर ताका करता है और अग्निस्फुलिंगों को चंद्रमा के टुकड़े समझकर चुनता रहता है।

क्या चांद पर इंसान रहते हैं?

चाँद पर अब तक सिर्फ इन्ही 12 लोगों ने अपने कदम रखे हैं। आखिरी बार 1972 में जीन करनन और हैरिसन श्मिट अपोलो-17 से चंद्रमा पर गए थे। इसके बाद कोई भी इंसान चाँद पर नही गया ।

चंद्रमा के अंदर क्या होता है?

क्या है चंद्रमा पर : चंद्रमा की खुरदुरी सहत पर बेहद अस्‍थिर और हल्का वायुमंडल होने की संभावना व्यक्त की जाती है और यहां पानी भी ठोस रूप में मौजूद होने के सबूत मिले हैं। हालांकि वैज्ञानिकों के अनुसार यह वायुमंडलविहीन उपग्रह है। नासा के एलएडीईई प्रोजेक्ट के मुताबिक यह हीलियम, नीयोन और ऑर्गन गैसों से बना हुआ है।

चांद पर 1 दिन कितने घंटे का होता है?

पृथ्वी पर एक दिन चौबीस घंटे का होता है. उसमें 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है. वहीं चांद पर एक दिन करीब 14 दिन का होता है.

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