एक दिन की बादशाहत कहानी में किन किन चीजों को तर माल कहाँ गया है? - ek din kee baadashaahat kahaanee mein kin kin cheejon ko tar maal kahaan gaya hai?

एक दिन की बादशाहत

यह कहानी जीलानी बानो ने लिखी है।

इस कहानी के मुख्य पात्र आरिफ और सलीम नाम के दो बच्चे हैं। उनके अलावा घर में उनके अब्बा, अम्मी, दादी, आपा और एक बड़े भाई रहते हैं।

सबसे छोटे होने के कारण दोनों बच्चों को हमेशा किसी न किसी से डाँट पड़ती रहती है। कभी देर तक सोने के लिए, कभी गाना गाने के लिए, कभी कोई ड्रेस पहनने के लिए तो कभी पैसे माँगने के लिए, कोई न कोई उनकी क्लास लगा ही देता है।

दोनों बच्चे तरह तरह की पाबंदियों से परेशान रहते हैं और उनसे बचने का उपाय सोचते रहते हैं। एक दिन उनकी दरखास्त पर उनके अब्बा उन्हें एक दिन के लिए बड़ों वाले सारे अधिकार दे देते हैं।

राख की रस्सी फसलों के त्योहार खिलौनेवाला नन्हा फनकार जहाँ चाह वहाँ राह चिट्ठी का सफर वे दिन भी क्या दिन थे माँ की बेबसी एक दिन की बादशाहत गुरु और चेला स्वामी की दादी बाघ आया उस रात बिशन की दिलेरी पानी रे पानी छोटी सी हमारी नदी चुनौती हिमालय की

बड़ों वाले अधिकार मिलते ही दोनों भाई घर के बाकी लोगों पर हुक्म चलाना शुरु कर देते हैं। अम्मी, अब्बा, दादी, आपा और भाई जान को कई बातों के लिए मना करते हैं। बाकी लोग गुस्सा तो होते हैं लेकिन अपना गुस्सा पी जाते हैं।

उसके बाद घर के बड़ों की धारणा बदल जाती है। अगले दिन से दोनों बच्चों की पसंद का भोजन बनने लगता है। दोनों को गाने के लिए नहीं रोका जाता है। अब्बा उन्हें अलग से पैसे भी देने लगते हैं।

कहानी की बात

प्रश्न 1: अब्बा ने क्या सोचकर आरिफ की बात मान ली?

उत्तर: अब्बा ने सोचा होगा कि कम से कम एक दिन के लिए उन बच्चों को खुलकर जीने दिया जाए।

प्रश्न 2: वह एक दिन बहुत अनोखा था जब बच्चों को बड़ों के अधिकार मिल गए थे। वह दिन बीत जाने के बाद इन्होंने क्या सोचा होगा?

(a) आरिफ ने

उत्तर: आरिफ ने सोचा होगा कि वह दिन कभी खत्म ही ना हो।

(b) अम्मा ने

उत्तर: अम्मा ने सोचा होगा कि बच्चों से कुछ ज्यादतियाँ हो रही थीं।

(c) दादी ने

उत्तर: दादी ने सोचा होगा कि चलो बला टली।

तुम्हारी बात

प्रश्न 1: अगर तुम्हें घर में एक दिन के लिए सारे अधिकार दे दिए जाएँ तो तुम क्या क्या करोगे?

उत्तर: अगर मुझे घर में एक दिन के लिए सारे अधिकार दे दिए जाएँ तो मैं पूरा दिन सोफे पर बैठकर अपने लिए एक से एक पकवान की माँग करूँगा।

प्रश्न 2: कहानी में ऐसे कई काम बताए गए हैं जो बड़े लोग आरिफ और सलीम से करने के लिए कहते थे। तुम्हारे विचार में उनमें से कौन कौन से काम उन्हें बिना शिकायत किए कर लेने चाहिए थे और कौन कौन से कामों के लिए मना कर देना चाहिए था?

उत्तर: उन्हें सुबह समय से उठना चाहिए और घर में अधिक शोर नहीं मचाना चाहिए। लेकिन बाहर खेलने जाना बहुत जरूरी है इसलिए उससे मना करने पर उन्हें नहीं मानना चाहिए। कभी कभार गाना गाना भी जरूरी है।

तरकीब

दोनों घंटों बैठकर इन पाबंदियों से बच निकलने की तरकीबें सोचा करते थे।

प्रश्न 1: तुम्हारे विचार से वे कौन कौन सी तरकीबें सोचते होंगे?

उत्तर: वे किसी जादुई दवा के बारे में सोचते होंगे जिससे जल्दी से बड़े हो जाएँ।

प्रश्न 2: कौन सी तरकीब से उनकी इच्छा पूरी हो गई थी?

उत्तर: अब्बा से दरखास्त करने पर उनकी इच्छा पूरी हो गई थी।

प्रश्न 3: क्या तुम उन दोनों को इस तरकीब से भी अच्छी तरकीब सुझा सकते हो?

उत्तर: किसी चिराग के जिन्न को वश में कर लेने से सारे काम बन सकते हैं।

अधिकारों की बात

आज तो उनके सारे अधिकार छीने जा चुके हैं।

प्रश्न 1: अम्मी के अधिकार किसने छीन लिए थे?

उत्तर: बच्चों के कहने पर अब्बा ने

प्रश्न 2: क्या उन्हें अम्मी के अधिकार छीनने चाहिए थे?

उत्तर: नहीं

प्रश्न 3: उन्होंने अम्मी के कौन कौन से अधिकार छीने होंगे?

उत्तर: अम्मी किसी पर हुक्म नहीं चलाएँगी बल्कि आरिफ और सलीम का हुक्म मानेंगी।

बादशाहत

प्रश्न 1: बादशाहत क्या होती है? चर्चा करो।

उत्तर: जब किसी को इतनी शक्ति मिल जाए कि वह बाकी लोगों पर हुक्म चला सके तो बादशाहत मिल जाती है।

प्रश्न 2: तुम्हारे विचार से इस कहानी का नाम एक दिन की बादशाहत क्यों रखा गया है? तुम भी अपने मन से सोचकर कहानी को कोई शीर्षक दो।

उत्तर: आरिफ और सलीम को एक दिन के लिए बड़ों वाले सारे अधिकार मिल गए थे। उस दिन वे घर के बाकी लोगों पर हुक्म चला सकते थे। इसलिए इस कहानी का शीर्षक एक दिन की बादशाहत है। मेरे हिसाब से इस कहानी का शीर्षक हो सकता है एक दिन का राजा।

प्रश्न 3: कहानी में उस दिन बच्चों को सारे बड़ों वाले काम करने पड़े थे। ऐसे में कौन एक दिन का असली बादशाह बन गया था?

उत्तर: आरिफ और सलीम

तर माल

रोज की तरह आज वह तर माल अपने लिए न रख सकती थी।

प्रश्न 1: कहानी में किन किन चीजों को तर माल कहा गया है?

उत्तर: अंडे और मक्खन वगैरह

प्रश्न 2: इन चीजों के अलावा और किन किन चीजों को तर माल कहा जा सकता है?

उत्तर: पूरी, हलवा, पराठा, बिरयानी

प्रश्न 3: कुछ ऐसी चीजों के नाम भी बताओ, जो तुम्हें तर माल नहीं लगतीं।

उत्तर: चपाती, दलिया, चावल, पालक की साग

प्रश्न 4: इन चीजों को तुम क्या नाम देना चाहोगे? सुझाओ।

उत्तर: बेस्वाद

मनपसंद कपड़े

बिलकुल इसी तरह तो वह आरिफ और सलीम से उनकी मनपसंद कमीज उतरवाकर निहायत बेकार कपड़े पहनने का हुक्म लगाया करती हैं।

प्रश्न 1: तुम्हें भी अपना कोई खास कपड़ सबसे अच्छा लगता होगा। उस कपड़े के बारे में बताओ। वह तुम्हें सबसे अच्छा क्यों लगता है?

उत्तर: मुझे जींस और टी शर्ट पसंद है। इस ड्रेस में मैं बहुत आकर्षक लगता हूँ।

प्रश्न 2: कौन कौन सी चीजें तुम्हें बिल्कुल बेकार लगती हैं?

(a) पहनने की चीजें

उत्तर: कुर्ता पाजामा

(b) खाने पीने की चीजें

उत्तर: दलिया और सूप

(c) करने के काम

उत्तर: कपड़े धोना

(d) खेल

उत्तर: शतरंज

हल्का भारी

प्रश्न 1: इतनी भारी साड़ी क्यों पहनी?

यहाँ पर भारी साड़ी से क्या मतलब है?

  • साड़ी का वजन ज्यादा था।
  • साड़ी पर बेल बूटों की कढ़ाई थी।

उत्तर: साड़ी पर बेल बूटों की कढ़ाई थी

प्रश्न 2: भारी साड़ी, भारी अटैची, भारी काम, भारी बारिश

ऊपर भारी विशेषण का चार अलग अलग संज्ञाओं के साथ इस्तेमाल किया गया है। इन चारों में भारी का अर्थ एक सा नहीं है। इनमें क्या अंतर है?

उत्तर: बहुत कढ़ाई वाली साड़ी, भारी अटैची, मुश्किल काम, तेज बारिश

प्रश्न 3: भारी की तरह हल्का का भी अलग अलग अर्थों में इस्तेमाल करो।

उत्तर: हल्की साड़ी, हल्का काम, हल्का स्कूल बैग, हल्की बारिश, हल्का बुखार

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तरमाल कौन कौन सी चीजों को कहते हैं?

उत्तर: अंडे और मक्खन को तर माल कहा गया है। हलवा, पूरी, मालपुआ आदि को 'तर माल' कहा जा सकता है। दाल, चावल, रोटी, पॉपकॉर्न, मूंगफली आदि तरमाल नहीं लगतीं।

पाठ एक दिन की बादशाहत में सलीम ने आपा को क्या करने को मना किया था?

एक दिन उनकी दरखास्त पर उनके अब्बा उन्हें एक दिन के लिए बड़ों वाले सारे अधिकार दे देते हैं। बड़ों वाले अधिकार मिलते ही दोनों भाई घर के बाकी लोगों पर हुक्म चलाना शुरु कर देते हैं। अम्मी, अब्बा, दादी, आपा और भाई जान को कई बातों के लिए मना करते हैं। बाकी लोग गुस्सा तो होते हैं लेकिन अपना गुस्सा पी जाते हैं।

एक दिन की बादशाहत पाठ में फिल्म देखने कौन जाने वाले थे?

कॉलेज का वक्त हो जाने पर भाई जान ने कहा, “अम्मी, शाम को देर से आऊँगा, दोस्तों के साथ फिल्म देखने ज़ाना है।” “खबरदार!” आरिफ ने आँखें निकालकर उन्हें धमकाया!” कोई जरूरत नहीं फिल्म देखने की! इम्तिहान करीब है।” तभी बच्चों की नजर आपा पर पड़ गई। सलीम उनका गौर से मुआयना करके बोला, “इतनी भारी साड़ी क्यों पहनी?

आरिफ और सलीम को कितने दिन की बादशाहत मिली?

प्रस्तुत कहानी में दो बच्चे आरिफ़ और सलीम की एक दिन की बादशाहत का ख़ूबसूरत चित्रण किया गया है ।

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