गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी कौन सी हैं? - ganga nadee kee sabase badee sahaayak nadee kaun see hain?

देवप्रयाग में भागीरथी (बाएँ) एवं अलकनंदा (दाएँ) मिलकर गंगा का निर्माण करती हुईं

गंगा नदी भारत की एक प्रमुख नदी है। इसका उप द्रोणी क्षेत्र भागीरथी और अलकनंदा में हैं, जो देवप्रयाग में मिलकर गंगा बन जाती है। यह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है। राजमहल की पहाड़ियों के नीचे भागीरथी नदी, जो पुराने समय में मुख्‍य नदी हुआ करती थी, निकलती है जबकि पद्मा पूरब की ओर बहती है और बांग्लादेश में प्रवेश करती है। यमुना, रामगंगा, सरयू, गंडक, कोसी, महानदी और सोन गंगा की महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ है।[1] चंबल और बेतवा महत्‍वपूर्ण उप सहायक नदियाँ हैं जो गंगा से मिलने से पहले यमुना में मिल जाती हैं। पद्मा और ब्रह्मपुत्र बांग्‍लादेश में मिलती है और पद्मा अथवा गंगा के रूप में बहती रहती है। त्रिमोहिनी संगम बिहार राज्य के कटिहार जिले के कटरिया गाँव के निकट स्तिथ तीन नदियों का संगम है। यहाँ प्रमुख रूप से कोशी का गंगा में मिलन होता है, जिसके साथ ही कलबलिया नदी की एक छोटी धारा की उत्पत्ति होती है । त्रिमोहिनी संगम [2] भारत की सबसे बड़ी उत्तरवाहिनी गंगा का संगम है। 12 फरवरी वर्ष 1948 में महात्मा गांधी के अस्थि कलश जिन 13 तटों पर विसर्जित किए गए थे, त्रिमोहिनी संगम भी उनमें से एक है |गंगा में उत्तर की ओर से आकर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियाँ यमुना, घाघरा, बागमती, रामगंगा, करनाली (सरयू), ताप्ती, गंडक, कोसी और काक्षी हैं तथा दक्षिण के पठार से आकर इसमें मिलने वाली प्रमुख नदियाँ सोन, बेतवा, केन, दक्षिणी टोस आदि हैं। यमुना गंगा की सबसे प्रमुख सहायक नदी है जो हिमालय की बन्दरपूँछ चोटी के आधार पर यमुनोत्री हिमखण्ड से निकली है।[3] हिमालय के ऊपरी भाग में इसमें टोंस[4] तथा बाद में लघु हिमालय में आने पर इसमें गिरि और आसन नदियाँ मिलती हैं। इनके अलावा चम्बल, बेतवा, शारदा और केन यमुना की अन्य सहायक नदियाँ हैं। चम्बल इटावा के पास तथा बेतवा महोबा और हमीरपुर के पास यमुना में मिलती हैं। यमुना प्रयागराज के निकट बायीँ ओर से गंगा नदी में जा मिलती है। रामगंगा मुख्य हिमालय के दक्षिणी भाग नैनीताल के निकट से निकलकर बिजनौर जिले से बहती हुई कन्नौज के पास गंगा में जा मिलती है।

करनाली मप्सातुंग नामक हिमनद से निकलकर अयोध्या होती हुई बलिया जिले के सीमा के पास गंगा में मिल जाती है। इस नदी को पर्वतीय भाग में कौरियाला तथा मैदानी भाग में सरयू कहा जाता है। गंडक हिमालय से निकलकर नेपाल में 'शालग्रामी' नाम से बहती हुई मैदानी भाग में 'नारायणी' उपनाम पाती है। यह काली गंडक और त्रिशूल नदियों का जल लेकर प्रवाहित होती हुई सोनपुर के पास गंगा में मिल जाती है। कोसी की मुख्यधारा अरुण है जो गोसाई धाम के उत्तर से निकलती है। ब्रह्मपुत्र के बेसिन के दक्षिण से सर्पाकार रूप में अरुण नदी बहती है जहाँ यारू नामक नदी इससे मिलती है। इसके बाद एवरेस्ट कंचनजंघा शिखरों के बीच से बहती हुई अरूण नदी दक्षिण की ओर ९० किलोमीटर बहती है जहाँ इसमें पश्चिम से सूनकोसी तथा पूरब से तामूर कोसी नामक नदियाँ इसमें मिलती हैं। इसके बाद कोसी नदी के नाम से यह शिवालिक को पार करके मैदान में उतरती है तथा बिहार राज्य से बहती हुई गंगा में मिल जाती है। अमरकंटक पहाड़ी से निकलकर सोन नदी पटना के पास गंगा में मिलती है।

मध्य प्रदेश के मऊ के निकट जनायाब पर्वत से निकलकर चम्बल नदी इटावा से ३८ किलोमीटर की दूरी पर यमुना नदी में मिलती है। काली सिंध, बनास और पार्वती इसकी सहायक नदियाँ हैं। बेतवा नदी मध्य प्रदेश में भोपाल से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई भोपाल, विदिशा, झाँसी, जालौन आदि जिलों में होकर बहती है। इसके ऊपरी भाग में कई झरने मिलते हैं किन्तु झाँसी के निकट यह काँप के मैदान में धीमे-धीमें बहती है। इसकी सम्पूर्ण लम्बाई ४८० किलोमीटर है। यह हमीरपुर के निकट यमुना में मिल जाती है। इसे प्राचीन काल में वत्रावटी के नाम से जाना जाता था। भागीरथी नदी के दायें किनारे से मिलने वाली अनेक नदियों में बाँसलई, द्वारका, मयूराक्षी, रूपनारायण, कंसावती और रसूलपुर नदियाँ प्रमुख हैं। जलांगी और माथा भाँगा या चूनीं बायें किनारे से मिलती हैं जो अतीत काल में गंगा या पद्मा की शाखा नदियाँ थीं। किन्तु ये वर्तमान समय में गंगा से पृथक होकर वर्षाकालीन नदियाँ बन गई हैं।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "भारत के बारे में जानो". भारत सरकार. मूल से 17 फ़रवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २१ जून २००९.
  2. "Trimohini Sangam Sthal,Kataria". m.facebook.com. अभिगमन तिथि 2022-3-23.
  3. "भारत की प्रमुख नदियाँ". भारत भ्रमण. अभिगमन तिथि २१ जून २००९. [मृत कड़ियाँ]
  4. "उत्तराखंड की प्रमुख नदियाँ". इंडिया वाटर पोर्टल (हिन्दी). मूल से 6 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २१ जून २००९.

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गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी कौन सी है?

यमुना गंगा की सबसे प्रमुख सहायक नदी है जो हिमालय की बन्दरपूँछ चोटी के आधार पर यमुनोत्री हिमखण्ड से निकली है। हिमालय के ऊपरी भाग में इसमें टोंस तथा बाद में लघु हिमालय में आने पर इसमें गिरि और आसन नदियाँ मिलती हैं। इनके अलावा चम्बल, बेतवा, शारदा और केन यमुना की अन्य सहायक नदियाँ हैं।

भारत की सबसे बड़ी सहायक नदी कौन सी है?

यमुना गंगा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। यह सीधे समुद्र में नहीं गिरता है। जिन प्रमुख राज्यों से होकर नदी बहती है, वे हैं उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश।

भारत में सहायक नदी कौन सी है?

भारत में सबसे अधिक सहायक नदियां गंगा नदी की है। इसके अलावा अगर यमुना नदी की सहायक नदियों की बात करें तो इसकी 6 सहायक नदियां क्रमशः चंबल, सिंध, बेतवा, केन, टोंस तथा हिंडन नदी है।

बिहार में गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी कौन सी है?

बिहार राज्य में सोन नदी की लम्बाई 202 किलोमीटर है। दक्षिण बिहार में बहने वाली गंगा नदी की यह सबसे लम्बी सहायक नदी है। सोन नदी की सहायक नदी गोपद, रिहंद, कन्हर एवं उत्तरी कोयल नदी है।

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