गज किला छत्तीसगढ़ में कहां स्थित है - gaj kila chhatteesagadh mein kahaan sthit hai

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Last updated on Sep 26, 2022

The Chhattisgarh Government, Revenue, and Disaster Management Department released Model Answer Key for CG Patwari Recruitment Exam on 13th May 2022. A window was given to the candidates to raise any objection till 18th May 2022 till 5:00 P.M. The board might conduct an interview round as well during the document verification round. A total vacancy of 301 was released for the post of CG Patwari. The candidates can check CG Patwari Result from here.

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शिक्षक पात्रता परीक्षा:कहां राजा- भोज कहां गंगू तेली का अर्थ क्या है छत्तीसगढ़ में किस जगह पर स्थित है गज किला

बिलासपुर3 महीने पहले

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सीएमडी कॉलेज में बनाए गए परीक्षा केंद्र से परीक्षा देकर निकलते परीक्षार्थी।

शिक्षक पात्रता परीक्षा रविवार को दो पाली में हुई। इस बार छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण व्यवसायिक परीक्षा मंडल ने परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ा दी थी। प्रथम पाली की परीक्षा 132 और द्वितीय पाली की परीक्षा 116 केंद्रों में हुई। प्रथम पाली में 42 हजार 174 छात्रों को परीक्षा देनी थी, पर 25 हजार 513 परीक्षा देने पहंुचे। 13 हजार 601 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। द्वितीय पाली में 38 हजार 957 में से 25 हजार 892 परीक्षार्थी परीक्षा देने पहंुचे। 13 हजार 65 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। प्रथम पाली की परीक्षा में हिंदी में पूछा कि कहां राजा भोज कहां गंगू तेली का अर्थ।

इसका आप्शन धनवान होना, असंभव होना, उच्च और साधारण की तुलना, गुण के विरुद्ध नाम दिया गया था। इसके अलावा पूछा गया था कि बेफिक्री के लिए किस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है। इसका ऑप्शन गिन-गिन कर पैर रखना, कछुआ चाल, घोड़े बेचकर सोना, नाक कटाना था। ये भी प्रश्न पूछा गया था कि प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने में भाषा संबंधी कौन सा संसाधन सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है? इसका आप्शन कंप्यूटर, बाल साहित्य, समाचार पत्र, टेलीविजन था।

भाषा सीखने का प्रथम चरण है? आप्शन बोलना, लिखना, पढ़ना और सुनना था। हिंदी व्याकरण मे कितनी प्रकार के लिंग होते हैं? इसका आप्शन चार, तीन, एक और दो थे। परीक्षा देकर निकले छात्रों ने बताया कि 9.30 बजे से पेपर शुरू होना था। लेकिन 15 मिनट बाद शुरू हुआ, इस कारण कुछ परेशानी हुई।

दूसरे पेपर में इस तरह के प्रश्न पूछे गए थे
गज किला छत्तीसगढ़ में कहां स्थित है? इसका आप्शन जशपुर, बस्तर, रतनपुर, मैनपाट था। चिंरापगार जलप्रपात कहां स्थित हे? सेमरसोत अभयारण्य कहां स्थित है? भारत का सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला राज्य है? लोक गीत लेजा छत्तीसगढ़ के मुख्यत: कौन से आदिवासी बहुल क्षेत्रों में गाया जाता है? ओजोन की पर्त वायुमंडल में किस स्तर पर पाई जाती है? भारत का पहला परमाणु ऊर्जा संयत्र कहां है? किस साहित्यकार को छत्तीसगढ़ के विद्यासागर की संज्ञा दी जाती है? इसका आप्शन हरि ठाकुर, नंदकिशोर तिवारी, पं. रामदयाल तिवारी, पं. लोचन प्रसाद पाण्डेय था।

शिक्षाशास्त्र और अंग्रेजी के प्रश्न कठिन लगे
बाल विकास में एक जैसे ही ऑप्शन थे। साइंस में शिक्षा शास्त्र और अंग्रेजी के प्रश्न कठिन थे। सोशल स्टडीज में इतिहास के प्रश्न कठिन थे। सामान्य तौर पर पढ़े होने के कारण कई सवाल समझ में नहीं आए।

तैयारी के लिए कम समय मिला, पेपर कठिन था
बीएड में सभी विषय पढ़ चुके हैं, लेकिन रिवीजन करने के लिए समय कम मिला। 10 तारीख तक फार्म लिए और 18 को परीक्षा की तारीख घोषित हो गई। इसके कारण पेपर कठिन लगा। साथ ही समय मैनेज नहीं कर पाए। -सुनील कुमार टेकाम

अधिसूचना के एक माह के भीतर ले ली गई परीक्षा
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद एक माह के भीतर परीक्षा ले ली गई, यह विश्वास नहीं हो रहा है। हालांकि होना यह था कि एक माह पहले सूचना देकर फिर नोटिफिकेशन और परीक्षा लेना था। इससे तैयारी का समय मिलता। एक समस्या यह भी थी कि नेट और टीईटी की परीक्षा के तारीख में बहुत कम अंतराल रहा। इसके कारण भी समस्या रही। -किशन कुमार

रतनपुर छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले का एक नगर पंचायत है। यह नगर कल्चुरी एवं मराठा शासन के समय छत्तीसगढ़ की राजधानी थी।

>> छत्तीसगढ़ में कल्चुरी शासन

इतिहास :
रतनपुर राज की स्थापना रतनराज / रत्नदेव प्रथम ने करवाया था। रतनपुर राज और रायपुर राज क्रमशः शिवनाथ के उत्तर तथा दक्षिण में स्थित थे। प्रत्येक राज में स्पष्ट और निश्चित रूप अठारह-अठारह ही गढ़ होते थे।  रतनराज कमलराज के पुत्र एवं कलिंगराज के पोते थे छत्तीसगढ़ के क्षेत्र पर विजय प्राप्त की थी जिस वजह से उन्हें कल्चुरी शाखा का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।

11 वी ई. में इसे छत्तीसगढ़ की राजधानी बना दी गई।वर्ष 1045 ई. में राजा रत्नदेव प्रथम मणिपुर नामक गाँव में शिकार के लिए आये थे, जहा रात्रि विश्राम उन्होंने एक वटवृक्ष के नीचे किया। अर्ध रात्रि में जब राजा की आंखे खुली, तब उन्होंने वटवृक्ष के नीचे अलौकिक प्रकाश देखा। यह देखकर चमत्कृत हो गए की वहाँ आदिशक्ति श्री महामाया देवी की सभा लगी हुई है। इसे देखकर वे अपनी चेतना खो बैठे। सुबह होने पर वे अपनी राजधानी तुम्मान खोल लौट गये और रतनपुर को अपनी राजधानी बनाने का निर्णय लिया गया तथा 1050ई. में श्री महामाया देवी का भव्य मंदिर निर्मित कराया गया।

>> तुम्माण का शिव मंदिर।

वर्ष 1407 में,रतनपुर राज दो भागों में विभाजित होगया।   और दूसरा भाग रायपुर  राज के अधीन आगया ।

यह 18 वीं सदी तक हैहयवंशी राज्य की राजधानी के रूप में जारी रखा, यह क्षेत्र मराठा के नियंत्रण में (1741) मराठो ने भी रायपुर को ही राजधानी बनाये रखा। बाद में अंग्रेजों के नियंत्रण में (1818 ई. ) आया।ब्रिटिशअधीक्षक कैप्टन पी. वन्स एगेन्यु ( 1818 - 1825 ) ने राजधानी ( अधीक्षक का मुख्यालय ) रतनपुर से रायपुर स्थानांतरित कर दिया।

दर्शनीय स्थल

रतनपुर किला(गज किला): इस किले का निर्माण 10वीं से 12वीं सदी के बीच कल्चुरी राजाओं ने कराया था। वर्तमान में यह किला जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है। किले में कई प्राचीन मूर्तियों के साथ ही मंदिरे भी है। यहां सबसे प्राचीन मंदिर लक्ष्मीनारायण मंदिर, जगन्नाथ मंदिर है। यहां कल्चुरी कालीन मैथून मूर्तियां, अप्सरा, गज, रावण का अपने सिर को काटकर शिव में अर्पित करते हुए प्रतिमा है। गोपालराय की एक विशाल प्रतिमा अब भी है। जिसका धड़ यहां पर नहीं है।

महामाया मंदिर
काल-भैरव मंदिर
लखनी देवी मंदिर

खो-खो बावली ( Kho Kho Bawali )

लखनी माता मंदिर के कुछ ही दुरी में स्थित जुनाशहर में खो-खो बावली स्थित है। यह एक कुआँ सुरंग है, जिसमे तीन रास्ते बनाए गए हैं, जिसमे से एक बादल महल, दूसरा बिलासपुर तथा तीसरा बिलासपुर के श्याम टाकीज तक जाती हैं।

वृद्धेश्वर नाथ मंदिर (बूढ़ा महादेव)
श्री गिरिजाबंध हनुमान मंदिर
रामटेकरी मंदिर
खूंटाघाट जलाशय
सिद्धि विनायक मंदिर

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