गोपियों का वाक्चातुर्य हमें क्या सीख नहीं देता है *? - gopiyon ka vaakchaatury hamen kya seekh nahin deta hai *?

विषयसूची

  • 1 श्रीकृष्ण ने चलते समय गोपियों की कौन सी वस्तु चुरा ली थी *?
  • 2 गोपियों ने यह क्यों कहा कि हरि राजनीति पढ़ आए है क्या राजनीति पर उनका यह कटाक्ष आज की राजनीति पर भी नज़र आता है?
  • 3 हारिल कौन है?
  • 4 श्रीकृष्ण के मित्र का क्या नाम है जो गोपियों को योग का संदेश देता है A?

श्रीकृष्ण ने चलते समय गोपियों की कौन सी वस्तु चुरा ली थी *?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर जिस प्रकार चींटियाँ गुड़ से चिपक जाती हैं, उसी प्रकार गोपियाँ भी श्रीकृष्ण के प्रेम में चिपकी यानी डूबी रहती हैं। श्रीकृष्ण के अतिरिक्त वह किसी को भी अपने हृदय में धारण नहीं करना चाहतीं।

गोपियों के अनुसार राजनीति कौन पढ़ आए हैं *?

इसे सुनेंरोकेंश्रीकृष्ण गोपियों से प्रेम करते थे और प्रेम सदा सीधी राह पर चलता है। जब वे मधुरा चले गए थे तो उन्होंने गोपियों को योग का संदेश उद्धव के माध्यम से भिजवा दिया था। कृष्ण के इस दोहरे आचरण के कारण ही गोपियों को कहना पड़ा था कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं।

गोपियों का वाक्चातुर्य हमें क्या सीख नहीं देता है *?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – ‘भ्रमरगीत’ के माध्यम से सूरदास ने गोपियों के मन की व्यथा को साकार किया है। यहाँ जब उद्धव गोपियों को ज्ञान और योग का उपदेश देते हैं तब गोपियों की यही स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है कि वे श्रीकृष्ण के रंग में रंगी हैं, उन्हें योग और साधना नहीं चाहिए। उनके वाक्चातुर्य में हास्य और व्यंग्य का पुट है।

गोपियों ने यह क्यों कहा कि हरि राजनीति पढ़ आए है क्या राजनीति पर उनका यह कटाक्ष आज की राजनीति पर भी नज़र आता है?

इसे सुनेंरोकेंगोपियों ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि श्री कृष्ण ने सीधी सरल बातें ना करके रहस्यातमक ढंग से उद्धाव के माध्यम से अपनी बात गोपियों तक पहुचाई है। गोपियों का यह कथन कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं। कहीं न कहीं आज की भ्रष्ट राजनीति को परिभाषित कर रहा है। इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में नज़र आ रहा है।

गोपियों द्वारा उद्धव को बड़भागी कहने का क्या कारण है?

इसे सुनेंरोकेंगोपियों ने उद्धव को इसलिए बड़भागी कहा है क्योंकि उद्धव श्रीकृष्ण के प्रेम से दूर हैं। उन्हें कृष्ण का प्रेम अपने बंधन में न बाँध सका। ऐसे में उद्धव को प्रेम की वैसी पीड़ा नहीं झेलनी पड़ रही है जैसी गोपियाँ झेलने को विवश हैं।

काव्यांश के आधार पर बताइए कि गोपियाँ श्री कृष्ण को किसका कर्तव्य याद दिलाती हैं?

इसे सुनेंरोकेंउन्हें लगता है कि श्रीकृष्ण की बुद्धि पर राजनीति का प्रभाव अधिक पड़ गया है। (ग) गोपियों श्रीकृष्ण को राजा का यह कर्तव्य याद दिलाती हैं। राजा का कर्तव्य है कि वह अपनी प्रजा के हितों की रक्षा करे। उन्हें न तो कभी सताए और न ही उनके कष्टों को कभी बढ़ाए।

हारिल कौन है?

इसे सुनेंरोकेंहारिल एक ऐसा पक्षी है जो सदैव अपने पंजे में कोई लकड़ी या तिनका पकड़े रहता है। वह उसे किसी भी दशा में नहीं छोड़ता। गोपियों का कृष्ण को ‘हारिल की लकड़ी’ कहने का तात्पर्य यह है कि उनके ह्रदय में कृष्ण का प्रेम इतना दृढ़तापूर्वक समाया हुआ है जो किसी भी प्रकार निकल नहीं सकता।

उद्धव गोपियों के लिए क्या संदेश लेकर आए थे *?

इसे सुनेंरोकेंउद्धव गोपियों के पास योग साधना का संदेश लेकर गए थे| उद्धव गोपियों को कहा की वह अपने मन में नियन्त्रण रखने की सलाह दी | गोपियों ने इस योग संदेश की कल्पना भी नहीं की थी | उस संदेश से उनकी सहनशक्ति टूट गई| इस योग संदेश ने गोपियों की विरह अग्नि में घी का काम किया | उद्धव उन्हें योग मार्ग पर चलने का उपदेश देने लगे, जिससे …

गोपियों द्वारा विरह की ज्वाला में जलने का क्या कारण था?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: गोपियाँ इसी दिन के इंतज़ार में अपने जीवन की एक-एक घड़ी को काट रही हैं कि श्री कृष्ण हमसे मिलने का वादा करके गए हैं। वे इसी इंतजार में बैठी हैं कि श्री कृष्ण उनके विरह को समझेंगे, उनके प्रेम को समझेंगे और उनके अतृप्त मन को अपने दर्शन से तृप्त करेंगे।

श्रीकृष्ण के मित्र का क्या नाम है जो गोपियों को योग का संदेश देता है A?

इसे सुनेंरोकेंबलराम उद्धव

उद्धव को बड़भागी किसने कहा और क्यों?

श्रीकृष्ण के मित्र का क्या नाम है जो गोपियों को योग का संदेश देता है?

गोपियों के वाक्चातुर्य की क्या विशेषता नहीं थी * 1 Point स्पष्टता भावुकता व्यंग्यात्मकता कठोरता?

साहसी - गोपियों पूरी तरह से निडर हैं। वह उद्धव को कोसने से परहेज नहीं करतीं। वह उनके योग साधना के सन्देश को कड़वी ककड़ी और बिमारी बताती हैं। व्यंग्यात्मकता - गोपियों ने बड़े ही प्रभावशाली ढंग से व्यंग्य करती हैं।

गोपियों के वाक् चातुर्य की मुख्य विशेषता क्या है?

Solution : गोपियाँ वाक्चतुर हैं। वे बात बनाने में माहिर हैं । यहाँ तक कि ज्ञानी उद्धव उनके सामने <br> गैंगे होकर खड़े रह जाते हैं। जिस प्रकार वे अपनी प्रीती को बचाने के लिए उद्धव को बातें <br> सुनाती हैं उनकी उलाहना कर, उनकी तुलना कमल के पत्ते, तेल की गागर से करती हैं यह <br> दर्शाता है उनका प्रेम श्री कृष्ण के लिए।

गोपियों ने उद्धव को क्या संदेश देना चाहता है?

उद्धव गोपियों के पास योग साधना का संदेश लेकर गए थे| उद्धव गोपियों को कहा की वह अपने मन में नियन्त्रण रखने की सलाह दी | गोपियों ने इस योग संदेश की कल्पना भी नहीं की थी | उस संदेश से उनकी सहनशक्ति टूट गई| इस योग संदेश ने गोपियों की विरह अग्नि में घी का काम किया | उद्धव उन्हें योग मार्ग पर चलने का उपदेश देने लगे, जिससे ...

गोपियों ने अपने वाक्चातुर्य से उद्धव को परास्त कर दिया उनके वाक्चातुर्य की क्या विशेषता थी?

व्यंग्यात्मकता - गोपियों में व्यंग्य करने की अद्भुत क्षमता है। वह अपने व्यंग्य बाणों द्वारा उद्धव को घायल कर देती हैं। उनके द्वारा उद्धव को भाग्यवान बताना उसका उपहास उड़ाना था। तीखे प्रहारों द्वारा - गोपियों ने तीखे प्रहारों द्वारा उद्धव को प्रताड़ना दी है।

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