विषयसूची
घर्षण के लाभ क्या क्या है?
घर्षण बल से लाभ
- घर्षण बल के कारन ही मनुष्य सीधा खड़ा रह पाता है, तथा चल पाता है |
- घर्षण बल न होने पर हम केले के छिलके बरसात, में चिकनी सड़क पर फिसल जाते है |
- यदि सड़क पर घर्षण न हो तो पहिये फिसलने लगते है |
- यदि पट्टे तथा पुल के बीच घर्षण न हो तो पट्टा मोटर के पहिये नहीं घुमा सकते है |
घर्षण क्या है इसका क्या कारण है घर्षण कितने प्रकार के होते हैं समझाइए?
इसे सुनेंरोकेंघर्षण बल दो प्रकार का होता है। जब किसी वस्तु पर बाह्य बल कार्य करता है लेकिन फिर भी वस्तु गति नहीं करती है तो बल के विपरीत जो घर्षण बल कार्य करता है उसे स्थैतिक घर्षण बल कहते है। याद रखे यदि बल का मान धीरे धीरे बढाया जाये और जब तक वस्तु गति शुरू नहीं कर दे तब तक उस पर स्थैतिक घर्षण बल कार्यरत रहता है।
घर्षण क्या है घर्षण के लाभ एवं हानि बताइए घर्षण को कम करने के उपाय लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंघर्षण एक बल है जो दो तलों के बीच सापेक्षिक स्पर्शी गति का विरोध करता है। घर्षण बल का मान दोनों तलों के बीच अभिलम्ब बल पर निर्भर करता है। घर्षण के दो प्रकार हैं: स्थैतिक घर्णण और गतिज घर्षण। स्थैतिक घर्षण दो पिण्डों के संपर्क-पृष्ठ की समान्तर दिशा में लगता है, लेकिन गतिज घर्षण, गति की दिशा पर निर्भर नही करता।
घर्षण के विरोध किया गया कार्य क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंयदि घर्षण नहीं होता, तो हमें किसी भी प्रकार के ईंधन की आवश्यकता नहीं होती। यदि घर्षण नहीं होता, तो आपको भोजन की आवश्यकता भी नहीं होती। मनुष्य ने केवल घर्षण के कारण आग जलाना सीखा।
घर्षण का क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंघर्षण एक प्रतिरोध बल है जो गति को धीमा करता है या रोकता है यदि कोई घर्षण नहीं था, तो आप चलने, कार चलाने या वस्तुओं को रखने में सक्षम नहीं होंगे। उदाहरण के लिए, चलने के लिए, घर्षण की आवश्यकता होती है। लेखन के लिए, बाइक की सवारी करने या कार में ब्रेक का उपयोग करने के लिए।
हम केवल घर्षण के कारण ही चल सकते हैं क्यों?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: हम पृष्ठों पर पॉलिश करके अथवा अत्यधिक मात्रा में स्नेहक पदार्थों का उपयोग करके घर्षण को शून्य नहीं कर सकते। घर्षण को हम केवल न्यूनतम कर सकते हैं।
घर्षण क्या है इसके नियम लिखिए?
इसे सुनेंरोकेंघर्षण के नियम-(1) यह सदैव गति की विपरीत दिशा में कार्य करता है। (2) यह सम्पर्क तलों की प्रकृति पर निर्भर करता है, क्षेत्रफल अथवा आकृति पर नहीं। (3) सीमान्त घर्षण का मान अभिलम्ब प्रतिक्रिया के अनुक्रमानुपाती होता है।
लोटनिक घर्षण क्या है?
इसे सुनेंरोकेंबेलनी या लोटनी घर्षण (Rolling friction)- जब कोई पिण्ड किसी पथ पर लुढ़कता है तब सम्पर्क बहुत कम होता है जिससे दाब = बल / क्षेत्रफल बहुत अधिक हो जाता है तथा दोनों या कोई एक सम्पर्कित स्थान पर कुछ दब जाते हैं। इस कारण उनकी आकृति में कुछ विकृति उत्पन्न हो जाती है तथा लुढ़कने वाले पिण्ड को लगातार ऊँचाई पर चढ़ना पड़ता है।
दैनिक जीवन में घर्षण बल का क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंघर्षण एक प्रतिरोध बल है जो गति को धीमा करता है या रोकता है यदि कोई घर्षण नहीं था, तो आप चलने, कार चलाने या वस्तुओं को रखने में सक्षम नहीं होंगे। दैनिक जीवन में करने के लिए बुनियादी चीजों में घर्षण का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, चलने के लिए, घर्षण की आवश्यकता होती है।
घर्षण को प्रभावित करने वाले कौन कौन से कारक हैं?
घर्षण कारक को प्रभावित करने वाले कारक
- सतह के गुण
- भौतिक विशेषताएं
- तापमान
- सापेक्ष गति
गतिज घर्षण क्या है?
इसे सुनेंरोकें2. सर्पी अथवा गतिज घर्षण (kinetic friction) अब यदि बाह्य बल को धीरे धीरे बढाया जाए तो वह धीरे धीरे गति करने लगती है , जब वस्तु गति करना शुरू कर दे तो उसकी सतहों के मध्य जो घर्षण बल कार्य करता है उसको गतिज घर्षण कहते है।
घर्षण का कारण क्या है?
इसे सुनेंरोकेंघर्षण बल की उत्पति के कारण :- जब दो वस्तुएं परस्पर संपर्क में आती है तो एक सतह का खुरदरापन दूसरी सतह के खुरदुरेपन में फंस जाता है। दो सतहों के वास्तविक संपर्क बिंदु पर सतहों के परमाणु एवं अणु एक दूसरे को प्रबल रूप से आकर्षित करते है। यही आकर्षण गति का विरोध करता है।
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- सीमान्त घर्षण क्या है?
दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में सीमान्त घर्षण क्या है? सीमान्त घर्षण के नियम इत्यादि के बारे में बताया है। यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए। तो चलिए शुरू करते हैं-
सीमान्त घर्षण क्या है? (What is Limiting Friction?)
“स्थैतिक घर्षण के अधिकतम मान को सीमान्त घर्षण कहते हैं।”
Table of Contents
- सीमान्त घर्षण क्या है? (What is Limiting Friction?)
- सीमान्त घर्षण के नियम
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दूसरे शब्दों में:- जब दो शूष्क सतह आपस में एक-दूसरे के सम्पर्क में चलती हैं, तब दोनों सतहों के बीच में घर्षण पैदा होता है। जैसे-जैसे बल बढ़ाया जाता है घर्षण भी वैसे ही बढ़ता जाता है, बल बढ़ते-बढ़ते एक ऐसी अवस्था आती है कि जब ठोस अपनी रूकी अवस्था से सतह पर ठीक चलने वाला ही होता है, तो उस अवस्था में घर्षण बल अपनी अधिकतम सीमा तक पहुंच जाता है, जो कि वस्तु को चलने से रोकने की कोशिश करता है। इस अधिकतम घर्षण बल को सीमान्त घर्षण (Limiting Friction) कहते हैं।
किसी वस्तु का सीमान्त घर्षण वस्तु पर लगाए गए बाहरी बल के बराबर होता है, जबकि वस्तु ठीक चलने वाली होती है।
इन्हें भी पढ़ें:- जिंक किसे कहते हैं?
More Information:- स्थैतिक घर्षण क्या है?
किसी वस्तु पर लगाए गए बाहरी बल को अंग्रेजी के अक्षर ‘P’ द्वारा तथा सीमान्त घर्षण बल को अंग्रेजी के अक्षर ‘F’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
सन्तुलन की अवस्था में सीमान्त घर्षण बल और वस्तु पर लगाया गया बल एक-दूसरे के बराबर होते हैं।
इन्हें भी पढ़ें:- पदार्थ का मूल्य से क्या तात्पर्य है?
F = Pसीमान्त घर्षण के नियम
यह निम्न प्रकार से हैं-
- सीमान्त घर्षण बल सम्पर्क सतहों की प्रकृति व स्थिति पर निर्भर करता है।
- यह वस्तु की गति की विपरीत दिशा में काम करता है।
- यह बल अभिलम्ब प्रतिक्रिया के समानुपाती होता है।
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