होली पर कैसे पूजा करनी चाहिए? - holee par kaise pooja karanee chaahie?

Lord shiva puja in Holi 2022 

मुख्य बातें

  • होली के अवसर पर अपने आराध्य देवों की पूजा भी विधि विधान से की जाती है।

  • होली पर कृष्‍ण और राधा की विशेष रूप से पूजा की जाती है।

  • होली के दिन भगवान शिव के मंदिरों में चिता की राख और रंगों से होली खेलने की पुरानी परंपरा है।

Holi Puja 2022: होली का त्‍योहार 17 व 18 मार्च को रंगों की मस्ती गीत संगीत के साथ देश भर में धूमधाम से मनाया जाएगा। देश मे होली की प्रथा कृष्ण काल से ही चली आ रही है। भारत धार्मिक मान्यताओं का देश है। बड़े बड़े ऋषि मुनि साधु संतों ने इस धरती पर जन्म लिया है। यही राम और कृष्ण ने भी जन्म लिया था। भगवान कृष्ण ने तमाम लीलाएं भी की थी। इसलिए हर त्‍योहार पर विधि विधान से पूजापाठ और भोग प्रसाद की परंपरा काफी पुरानी है।

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इस तरह करें अपने आराध्य की पूजा

अब इस होली के अवसर पर अपने आराध्य देवों की पूजा भी विधि विधान से की जाती है। जिसका विशेष फल तो प्राप्त होता ही है। साथ कि भगवान की कृपा से सभी संकटो का निवारण भी होता है। जानिए किस तरह आप अपने आराध्य की पूजा होली पर करें। गणेशजी, शिवजी, मां दुर्गा सहित अन्‍य देवी देवताओं की किस तरह पूजा करनी चाहिए। इस विशेष दिन पर पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

भगवान कृष्‍ण की पूजा इस तरह करनी चाहिए

होली पर कृष्‍ण और राधा की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इसका विशेष फल प्राप्त होता है। राधा और कृष्ण ने ही पहली बार होली खेली थी। राधा कृष्ण की प्रतिमा घर के मुख्‍य द्वार पर लगानी चाहिए। होली वाले दिन राधा कृष्‍ण की पूजा में रंग अबीर गुलाल पिचकारी घर के मंदिर में रखनी चाहिए। अबीर गुलाल राधा कृष्ण को लगाना चाहिए राधा जी को खिले रंग का गुलाल कृष्ण जी को मटमैला गुलाल लगाना चाहिए। ऐसा करने से पति पत्नी के संबंधों में मिठास बनी रहती है। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है।

गणेशजी की पूजा इस तरह करनी चाहिए।

होली के दिन गणेश जी को प्रसन्‍न करने के लिए मोदक का प्रसाद घास अर्पित करें। उनकी विधि विधान से पूजा करने के साथ ही गणेश जी को मेवायुक्त ठंडाई का भोग लगाएं। इससे गणेश जी प्रसन्‍न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे। साथ ही गणेश जी को श्वेतार्क के फूल भी अर्पित करें। इसके बाद 2 चुटकी गुलाल उनके चरणों पर लगाए।

शिव जी को प्रसन्‍न करने के लिए इस तरह पूजा करें

होली के दिन भगवान शिव के मंदिरों में चिता की राख और रंगों से होली खेलने की पुरानी परंपरा है। आप घर पर शिवपूजन कर भोलेनाथ को प्रसन्‍न कर सकते हैं। भगवान शिव की तस्‍वीर या प्रतिमा पर होलिका दहन की राख चढ़ाकर आप भोलेबाबा को प्रसन्‍न कर सकते हैं। साथ ही भोले बाबा को भांग की सूखी पत्तियां भी अर्पित करें।

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हनुमानजी की पूजा इस तरह से करनी चाहिए

होली पर वीर बजरंग बली हनुमानजी को चोला चढ़ाना चाहिए। गुड़ से बनी मीठी रोटियों का भोग लगाना चाहिए। अगर घर मे हनुमानजी है तो होली पर हनुमानजी को सिंदूरी रंग का गुलाल लगाने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सीता राम जपने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।

दुर्गा मां की पूजा इस तरह करने से लाभ प्राप्त होगा

होली के दिन मां दुर्गा को आप लाल चुन्‍नी लाल साड़ी लाल चूड़ी भी चढ़ा सकते हैं। साथ ही सुहाग से सम्बंधित श्रंगार की हर वस्तु देवी जी को अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्‍त होगी और आपके सारे कष्‍ट दूर होंगे।

राजा राम की पूजा करने से मानसिक सुख प्राप्त होगा

होली पर सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए आपको भगवान राम की विशेष प्रकार से पूजा करनी चाहिए। साथ ही होली की अग्नि में भूनी गईं गेहूं जौ की बालियों का भोग लगाना चाहिए। भगवान आपके भंडार सदैव भरे रखेंगे और आपको भी कभी पैसों की कमी नहीं होगी।

विष्णु भगवान की इस तरह करें पूजा

होली के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्‍णु को आप बताशे का भोग लगाकर प्रसन्‍न कर सकते हैं। साथ ही माता लक्ष्‍मी को पीले या सफेद मिष्‍ठान का भोग लगाना चाहिए उसके बाद यह प्रसाद बच्चियों को वितरित करनी चाहिए।

भैरो बाबा की इस तरह करें पूजा

होली के दिन कोतवाल कहे जाने वाले भैरो बाबा को लोंग इलायची सुपारी जनेऊ पान के पत्ते सिंदूर व मदिरा अर्पित करनी चाहिए

Holika Dahan Puja Vidhi सनातन धर्म में सभी पर्वों के लिए खास तरह की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त बताए गए हैं। ताकि उस नियत समय पर पूजा करके ईश्‍वर की विशेष कृपा पाई जा सके। होली भी उन्‍हें पर्वों में से एक है। रंगों के जरिए खुशहाली और रिश्‍तों को जोड़ने वाले इस खास पर्व पर यदि शुभ मुहूर्त में पूजा की जाए तो जीवन में किसी तरह की कोई कमी नहीं होती। आइए जानते हैं होलिका दहन की पूजन विध‍ि और शुभ मुहूर्त…..

यह है होलिका दहन की पूजा विधि

होलिका दहन की पूजा के लिए सबसे पहले पूजा करने वाले जातकों को होलिका के पास जाकर पूर्व दिशा में मुख करके बैठना चाहिए। इसके बाद पूजन सामग्री जिसमें कि जल, रोली, अक्षत, फूल, कच्‍चा सूत, गुड़, हल्‍दी साबुत, मूंग, गुलाल और बताशे साथ ही नई फसल यानी कि गेहूं और चने की पकी बालियां ले लें। इसके बाद होलिका के पास ही गाय के गोबर से बनी ढाल रखे। साथ ही गुलाल में रंगी, मौली, ढाल और खिलौने से बनी चार अलग-अलग मालाएं रख लें। इसमें पहली माला पितरों के लिए, दूसरी पवनसुत हनुमान जी के लिए, तीसरी मां शीतला और चौथी माला परिवार के नाम से रखी जाती है। इसके बाद होलिका के की परिक्रमा करते हुए उसमें कच्‍चा सूत लपेट दें। यह परिक्रमा आप अपनी श्रद्धानुसार 3, 5 या 7 बार कर सकते हैं। इसके बाद जल अर्पित करें फिर अन्‍य पूजन सामग्री चढ़ाकर होलिका में अनाज की बालियां डाल दें।

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पूजन विधि में इसका रखें खास ख्‍याल

नारद पुराण में जिक्र मिमलता है कि होलिका के अगले दिन यानी कि धुलंडी जिसे कि रंग वाली होली के नाम से जानते हैं। उस दिन प्रात:काल नित्‍य कर्मों से निवृत्‍त होकर पितरों और देवताओं का पूजन करें। सभी दोषों की शांति के लिए होलिका की राख की वंदना करके उसे अपने शरीर में लगा लें। साथ ही हो सके तो घर के आंगन में भी अक्षतों को अलग-अलग रंग के गुलाल से रंगकर पूजन-अर्चन करें। इसके बाद मां पृथ्‍वी को प्रणाम करें। सभी पितरों को नमन करें। साथ ही ईश्‍वर से प्रार्थना करें कि वह आपके जीवन में घर-परिवार और समाज में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।

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होलिका दहन का यह है शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में होलिका दहन के लिए पूर्णिमा तिथ‍ि में प्रदोष काल को सर्वोत्‍तम माना गया है। इसी अवधि में होलिका दहन की जाती है। बता दें कि भद्रा में कभी भी होलिका दहन नहीं किया जाता। लेकिन इस बार आपको किसी भी तरह की टेंशन करने की जरूरत नहीं है। इसका कारण यह है कि इस बार होली पर भद्रा नहीं लग रही है। वहीं होलिका दहन के मुहूर्त में सर्वार्थ सिद्धी योग भी लगा हुआ है जो कि इस दौरान पूजा करने से आपके घर में साल भर सुख-समृद्धि बनाए रखेगा। इस बार होलिका दहन का समय शाम के 6 बजकर 32 मिनट से 6 बजकर 50 मिनट तक का है।

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होली के दिन पूजा कैसे करें?

यह है होलिका दहन की पूजा विधि होलिका दहन की पूजा के लिए सबसे पहले पूजा करने वाले जातकों को होलिका के पास जाकर पूर्व दिशा में मुख करके बैठना चाहिए। इसके बाद पूजन सामग्री जिसमें कि जल, रोली, अक्षत, फूल, कच्‍चा सूत, गुड़, हल्‍दी साबुत, मूंग, गुलाल और बताशे साथ ही नई फसल यानी कि गेहूं और चने की पकी बालियां ले लें।

होली की पूजा में क्या क्या चाहिए?

होलिका दहन की आवश्यक पूजा सामग्री.
गाय के गोबर से बनी होलिका.
साबुत मूंग.
गेंहू की बालियां.
साबुत हल्‍दी.
कच्चा सूत.

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