दर्पण में प्रतिबिम्ब उल्टे क्यों दिखाई देते हैं?...
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तर्पण प्रतियोगिता इसलिए दिखाई देता है क्योंकि दर्पण का प्रतिबिंब प्रकाश का परावर्तन होने कारण
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- दर्पण में अपना प्रतिबिम्ब उल्टा क्यों है - darpan me apna pratibimb ulta kyon hai
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हमें अपना प्रतिबिंब दर्पण में क्यों दिखाई देता है जबकि ईट की दीवार में प्रतिबिंब नहीं दिखता?
क्युकी दर्पण में हमेशा परावर्तन होता हैं और इसमे ही आवर्धन 1 से कम होता हैं जिससे किसी बिम्ब का प्रतिबिंब हमेशा दर्पण के पास बनता है ।।
दर्पण में उल्टा क्यों दिखाई देता है?
जब हम किसी वस्तु को समतल दर्पण के सामने रखते हैं तो दर्पण में उसका प्रतिविंब बनता है जो वस्तु की अपेक्षा सीधा परन्तु पार्शव रूप से उल्टा होता है ! चित्र में प्रतिविंब को इस प्रकार दिखाया जाता है ! चित्र में प्रतिविंब दिखाने के लिए वस्तु से निकलने बाली प्रकाश की दो किरणें लेते हैं !
दर्पण के सामने खड़े एक व्यक्ति को अपना प्रतिबिंब अपने से बड़ा लगता है इसका तात्पर्य है कि दर्पण का प्रकार क्या है?
सही उत्तर अवतल है। दर्पण एक चिकनी सतह है जिस पर नियमित रूप से परावर्तन होता है। दर्पण के सामने रखी वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिम्ब प्रकाश के परावर्तन के कारण बनता है।
प्रतिबिंब से आप क्या समझते हैं?
जब हम किसी वस्तु को दर्पण के सामने रखतें हैं तो वस्तु से चलने वाली प्रकाश किरणे दर्पण के तल से परावर्तित होकर हमारी आंखों पर पड़ती है जिससे हमे वस्तु की आकृति दिखाई देती हैं। इस आकृति को ही वस्तु का प्रतिबिम्ब कहते हैं।