हरिहर काका के परिवार में कौन कौन थे उनके आर्थिक स्थिति कैसी थी? - harihar kaaka ke parivaar mein kaun kaun the unake aarthik sthiti kaisee thee?

पशु-पक्षी ये संकेत दें तो सावधान हो जाएं! ऐसी समझें उनके इशारे / आपको धन मिलने से लेकर मृत्यु तक का संकेत देते हैं पशु-पक्षी, ऐसी समझें

पशु-पक्षी ये संकेत दें तो सावधान हो जाएं! ऐसी समझें उनके इशारे / आपको धन मिलने से लेकर मृत्यु तक का संकेत देते हैं पशु-पक्षी, ऐसी समझें

आपके धन और मृत्यु के संकेत: जानिए कब मिल सकती है धन और कब जा सकता है जान … जीव-जंतुओं में प्राकृतिक आपदा या खोजी घटनाओं का आभास पहले ही हो जाता है, इस संबंध में जहां आपने कई बार लोगों को कहते हुए सुना होगा, तो हो सकता है कई बार इसका प्रमाण भी देखा जा सकता है। इसका प्रमाण आप भूकंप या इस तरह की घटनाओं से ठीक पहले जानवरों और पक्षियों के व्यवहार को देखकर समझ सकते हैं। माना जाता है कि हम इंसानों की…

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#Teachings_Of_LordKabir

//bit.ly/GodKabirTeachings

🍁14 जून कबीर प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में जरूर जानें कि वास्तविक समाज सुधारक कबीर परमेश्वर जी ही हैं!🍁

समाज में व्याप्त कुप्रथाओं और बुराइयों के बारे में पढ़ते पढ़ाते सैकड़ो वर्ष बीत गये। लेकिन इन समाज नाशक बुराइयों के अंत में सफलता प्राप्त नहीं हुई?

समय समय पर सरकारों ने भी इन इन बुराइयों की रोकथाम के लिए अनेक प्रयत्न किये किंतु सफलता प्राप्त नहीं हुई।

दहेज, मृत्युभोज जैसी कुरितियां समाज के गरीब व्यक्ति को और गरीब बनाने वाली है, व्यक्ति भूत प्रेत, प्राकृतिक आपदाओं से तो बच सकता है परंतु राक्षस रूपी कुप्रथाओं से बचना असम्भव है।

इन बुराइयों से मात्र कबीर परमेश्वर की शिक्षाओं से ही बचा जा सकता है, यही एकमात्र और सरल उपाय है।

जब 600 वर्ष पहले कबीर परमेश्वर ने इन बुराइयों तथा कुप्रथाओं के लिए समाज को जागरूक करने का प्रयास किया तब नकली धर्मगुरुओं ने कबीर साहेब का विरोध किया।

दहेज प्रथा, विवाह पर अनाप-सनाप खर्च करना, मृत्यु भोज, बड़ी बारात

सब परेशानियों का खात्मा संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचनों व सतभक्ति से ही हो सकता है।

दहेज रूपी दानव का अंत कबीर ज्ञान से।

कबीर साहेब ने बताया:-

कबीर, माँगन मरण समान है, मति माँगो कोई भीख ।

माँगन ते मरना भला, यह सतगुरु की सीख ॥

अर्थ : माँगना मरने के बराबर है, इसलिए किसी से भीख मत मांगो। सतगुरु कहते हैं कि मांगने से मर जाना बेहतर है, अर्थात पुरुषार्थ से स्वयं चीजों को प्राप्त करो, उसे किसी से मांगो मत।

समाज के दुष्ट लोग भीख मानकर रात्रि में शराब मांस का सेवन करते हैं।

भ्रष्ट लोग रिश्वत मांगकर देश के साथ और अपने कर्मों के साथ धोखा करते हैं।

नीच लोग दहेज मानकर अन्याय करते हैं।

इसलिए परमेश्वर ने बताया है मांगने से मरना भला।

एक लेवा एक देवा दूतं, कोई किसी का पिता न पूतं।

ऋण संबन्ध जुड़ा एक ठाठा, अंत समय सब बारह बाटा।।

परमात्मा की दृष्टि से कुछ नहीं छुपा है। जैसा करेगा, वैसा भरना पड़ेगा। प्रत्येक परिवार इसी प्रकार संस्कार के कारण एक-दूसरे से जुड़ा है। कोई पूर्व जन्म का कर्ज उतारने के लिए जन्मा है, कोई पूर्व जन्म का कर्ज लेने जन्मा है। उदाहरण के लिए:-

पिता ने लड़के को पढ़ाया। शादी से दो दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त होकर मर गया। वह अपना कर्ज पिता से लेने आया था। बेटा जवान हुआ। कार्य करके निर्वाह करने लगा। पिता रोगी हो गया, लाखों रूपये लगे, व्यर्थ रहे, मर गया। यह पिता पिछले जन्म का कर्ज लेने आया था। कुछ देने आया था। लड़की का विवाह किया, दो वर्ष पश्चात् लड़की मर गई। बहुत दहेज दिया था। वह दामाद पूर्व जन्म के ऋण के बदले में लड़की भी ले गया और धन भी। वर्तमान में जो किसी के साथ धोखा करके धन हड़प लेते हैं, वह धन अगले जन्म में दामाद बनकर वसूलेगा। परमात्मा का अटल विधान है। बुद्धिमान को संकेत ही पर्याप्त है।

कबीर, माया दासी संत की, उभय दे आशीष।

विलसी और लातों छड़ी, सुमर-सुमर जगदीश।।

भावार्थ :- सर्व सुविधाऐं धन से होती हैं। वह धन शास्त्रविधि अनुसार भक्ति करने वाले संत-भक्त की भक्ति का स्वतः होने वाला, जिसको प्राप्त करना उद्देश्य नहीं, वह फिर भी अवश्य प्राप्त होता है, By Product होता है।

जैसे :- जिसने गेहूँ की फसल बोई तो उसका उद्देश्य गेहूँ का अन्न प्राप्त करना है। परंतु भुष अर्थात् चारा भी अवश्य प्राप्त होता है। चारा, तूड़ा गेहूँ के अन्न का By Product है।

इसी प्रकार सत्य साधना करने वाले को अपने आप धन माया मिलती है। साधक उसको भोगता है, वह चरणों में पड़ी रहती है अर्थात् धन का अभाव नहीं रहता अपितु आवश्यकता से अधिक प्राप्त रहती है।

परमेश्वर की भक्ति करके माया का भी आनन्द भक्त प्राप्त क���ते हैं तथा पूर्ण मोक्ष भी प्राप्त करते हैं।

वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर के अवतार रूप में आये है जो परमेश्वर कबीर जी के ज्ञान से सर्व बुराइयों व कुप्रथाओं का समूल नाश कर रहे है। पूर्ण संत रामपाल जी महाराज के पास ही पूर्ण मोक्ष मंत्र है जिनसे बुराइयां अपने आप छूट जाती है।

संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में रोजाना दहेजमुक्त विवाह संपन्न हो रहे है।

दहेजमुक्त, नशामुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।

सर्व समाज से प्रार्थना है संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान समझे, उनसे दीक्षा लेकर बुराइयों से बचे और अपने जीव का कल्याण कराये।

#KabirPrakatDiwas 14June 2022

#KabirPrakatDiwas

#SaintRampalJi

अधिक जानकारी के लिए अवश्य download करें

पवित्र पुस्तक "कबीर परमेश्वर"

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💐🌼🌺🛕[श्री भक्ति ग्रुप मंदिर]🛕🌺🌼💐

🕉जय माता लक्ष्मी जी🕉

🌄#सुप्रभातम🌄

🗓#आज_का_पञ्चाङ्ग🗓

🌻#शुक्रवार, २७ #अगस्त २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:५८

सूर्यास्त: 🌅 ०६:५९

चन्द्रोदय: 🌝 २१:४४

चन्द्रास्त: 🌜१०:११

अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)

ऋतु: ❄️ शरद

शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)

मास 👉 भाद्रपद

पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि 👉 पञ्चमी (१८:४८ तक)

नक्षत्र 👉 अश्विनी (२४:४८ तक)

योग 👉 वृद्धि (पूर्ण रात्रि)

प्रथम करण 👉 कौलव (०५:५६ तक)

द्वितीय करण 👉 तैतिल (१८:४८ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 सिंह

चंद्र 🌟 मेष

मंगल 🌟 सिंह (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 सिंह (अस्त, पूर्व, मार्गी)

गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)

शुक्र 🌟 कन्या (उदय, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 वृष

केतु 🌟 वृश्चिक

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५२ से १२:४४

अमृत काल 👉 १६:५४ से १८:३९

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:५१ से २४:४८

रवियोग 👉 २४:४८ से २९:५१

विजय मुहूर्त 👉 १४:२७ से १५:१९

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:३२ से १८:५६

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५६ से २४:४१

राहुकाल 👉 १०:४१ से १२:१८

राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व

यमगण्ड 👉 १५:३२ से १७:०८

होमाहुति 👉 गुरु

दिशाशूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 पृथ्वी

चन्द्रवास 👉 पूर्व

शिववास 👉 नन्दी पर (१८:४८ से भोजन में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥

१ - चर २ - लाभ

३ - अमृत ४ - काल

५ - शुभ ६ - रोग

७ - उद्वेग ८ - चर

॥रात्रि का चौघड़िया॥

१ - रोग २ - काल

३ - लाभ ४ - उद्वेग

५ - शुभ ६ - अमृत

७ - चर ८ - रोग

नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।

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शुभ यात्रा दिशा

🚌🚈🚗⛵🛫

पूर्व-उत्तर (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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हल चंदन षष्ठी व्रत, गृहप्रवेश+उद्योग-मशीनरी+व्यवसाय आरम्भ+ देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०६:०८ से १०:५२ तक, भूमि-भवन+वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:२८ से ०२:०४ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण

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आज २४:४८ तक जन्मे शिशुओ का नाम

अश्विनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (चू, चे, चो, ला) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम भरणी नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (ली) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

सिंह - २९:०८ से ०७:२७

कन्या - ०७:२७ से ०९:४५

तुला - ०९:४५ से १२:०६

वृश्चिक - १२:०६ से १४:२५

धनु - १४:२५ से १६:२९

मकर - १६:२९ से १८:१०

कुम्भ - १८:१० से १९:३६

मीन - १९:३६ से २०:५९

मेष - २०:५९ से २२:३३

वृषभ - २२:३३ से २४:२८

मिथुन - २४:२८ से २६:४३

कर्क - २६:४३ से २९:०४

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त - ०५:५१ से ०७:२७

चोर पञ्चक - ०७:२७ से ०९:४५

शुभ मुहूर्त - ०९:४५ से १२:०६

रोग पञ्चक - १२:०६ से १४:२५

शुभ मुहूर्त - १४:२५ से १६:२९

मृत्यु पञ्चक - १६:२९ से १८:१०

अग्नि पञ्चक - १८:१० से १८:४८

शुभ मुहूर्त - १८:४८ से १९:३६

रज पञ्चक - १९:३६ से २०:५९

अग्नि पञ्चक - २०:५९ से २२:३३

शुभ मुहूर्त - २२:३३ से २४:२८

रज पञ्चक - २४:२८ से २४:४८

शुभ मुहूर्त - २४:४८ से २६:४३

चोर पञ्चक - २६:४३ से २९:०४

शुभ मुहूर्त - २९:०४ से २९:५१

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन अधिकांश समय आपमें चंचलता अधिक रहेगी। महत्त्वपूर्ण कार्यो में भी लापरवाही दिखाएंगे अथवा इच्छा शक्ति की कमी रहने से कार्य हानि हो सकती है। व्यवहारिक रूप से आप अधिक सक्रिय रहेंगे। मन चंचल रहने पर भी हास्य परिहास से आस-पास का वातावरण हल्का करने की क्षमता रहेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से संध्या का समय अधिक शुभ रहेगा। बैठे बिठाये धन लाभ होने की सम्भवना है। पारिवारिक सदस्य से रूठना मनाना लगा रहेगा। मित्र मण्डली के साथ पर्यटन के अवसर मिलेंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन आपको आशा से अधिक एवं एक दम विपरीत फल देगा। विशेष कर आज अपनी सोच में निराशा को जगह ना दें। आज आप जो भी विचार करेंगे उसका विपरीत फल मिलेगा। कार्यो में अधिक व्यस्त रहने के कारण सामाजिक क्षेत्र से दूरी बनेगी। धन लाभ के लिए किये जा रहे प्रयासों में बड़ी मुश्किल से सफलता मिलेगी। प्रेम प्रसंगों के कारण किसी से विवाद हो सकता है। खर्च अनियंत्रित रहेंगे जिससे आर्थिक संतुलन बिगड़ेगा। शारीरिक रूप से अधिक परिश्रम करने में असमर्थ रहेंगे। हित शत्रु हानि पहुँचा सकते है सतर्क रहें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आपका आज का दिन सामान्य से अधिक शुभ फल देने वाला रहेगा। सामाजिक एवं व्यावसायिक क्षेत्र पर अपनी प्रतिभा दिखाने का सुअवसर मिलेगा फिर भी इससे आर्थिक लाभ की आशा ना रखे सम्बन्ध प्रगाढ़ होंगे। धन लाभ के लिए आज थोड़ा अधिक बौद्धिक एवं शारीरिक परिश्रम करना पड़ेगा। धार्मिक कार्यो में भी सहभागिता देंगे। मध्यान के समय कार्य व्यवसाय में गति रहने से व्यस्तता रहेगी। शारीरिक रूप से थका हुआ अनुभव होगा। परिजनो की इच्छा पूर्ती पर खर्च करेंगे। गृहस्थ सुख सामान्य रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज भी दिन आपके अनुकूल रहेगा। सरकार की तरफ से लाभ होने के संकेत है अथवा थोड़े प्रयास के बाद लटके सरकारी कार्यो में सफलता अवश्य मिलेगी। कार्य क्षेत्र से दोपहर के बाद आकस्मिक खुशखबरी मिलने से आनंदित रहेंगे। धन का खर्च अधिक रहेगा परन्तु व्यर्थ नहीं होगा। अविवाहितो को विवाह के प्रस्ताव मिलेंगे। नए सम्बन्ध बनने की पूर्ण सम्भावना है। घर के बुजुर्ग आप के ऊपर कृपा बनाये रहेंगे। अधिकारियों अथवा अन्य वरिष्ठ लोगो से आसानी से काम निकाल सकेंगे।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आपका आज का दिन भाग्योदय कारक रहेगा। घर एवं बाहर आशा से अधिक सहयोगी वातावरण मिलने से लगभग सभी कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे परन्तु उधार सम्बंधित व्यवहारों के कारण थोड़ी चिंता भी रहेगी। नौकरी पेशा जातकी की कार्य कुशलता के लिए प्रशंशा होगी। थोक अथवा कमीशन के व्यवसाय से अधिक लाभ मिलेगा। धन लाभ प्रचुर मात्रा में होने से खुश रहेंगे। घर की महिलाएं आप पर प्रसन्न रहेंगी। दाम्पत्य जीवन का भरपूर आनंद लेंगे। बाहर घूमने एवं उत्तम भोजन सुख मिलेगा। आलस्य से बचें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आपका आज का दिन मिला-जुला रहेगा। भावुकता अधिक रहने के कारण छोटी-छोटी बातों को दिल पर लेंगे। घर एवं बाहर का वातावरण इसी कारण दूषित हो सकता है। आर्थिक आयोजनों को पूर्ण करने में पहले बाधाएं आएगी बाद में स्थिति आपके पक्ष में आने से लाभ के अवसर मिलेंगे। मध्यान के बाद अधिकांश मामलो में आप अपने मन की ही करेंगे और इससे संतुष्ट भी रहेंगे। घर की समस्याएं घर में ही निपटाएं बाहर ना लेजाए। व्यावसायिक कारणों से अल्प लाभदायी यात्रा हो सकती है। पैतृक कार्य में सफलता मिलेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आपका आज का दिन लाभदायक रहेगा। प्रतिस्पर्धियों पर आसानी से विजय पा लेंगे। कार्य व्यवसाय भी पहले से बेहतर चलेंगे। आपकी सोची हुई योजनाओं में से अधिकांश सफल रहेंगी। आत्मविश्वास बढ़ा हुआ रहेगा। व्यवसाय में नए प्रयोग अधिक लाभ कराएंगे। रुके हुए धन की प्राप्ति में थोड़ी बाधा आ सकती है परन्तु प्रयास करने पर वापसी की उम्मीद बनी रहेगी। किसी मांगलिक आयोजन में सम्मिलित हो सकते है। सुख के साधनों की वृद्धि करने पर अधिक ध्यान रहेगा इसपर खर्च भी करेंगे। गृहस्थ सुख सामान्य रहेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज दिन के पूर्वार्ध में परिस्तिथियां प्रतिकूल रहेंगी। पूर्व निर्धारित कार्य में विलम्ब होने से भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। धन संबंधित कार्य को लेकर किसी से तकरार हो सकती है। आज आप गहरी सोच में डूबे रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों का मनमाने आचरण के कारण क्रोध आएगा फिर भी मौन रहकर कार्य करें अन्यथा आगे होने वाले लाभ से वंचित रह सकते है। दोपहर के बाद स्थिति में सुधार आएगा। विघ्न डालने वाले स्वयं अपनी गलती मानकर सहयोग करेंगे। धन लाभ मध्यम रहेगा। परिजनों से भी बेकार की बहस हो सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज दिन के पूर्वार्ध में आप दुविधा में फंसे रहेंगे। किसी भीं कार्य में स्थिति स्पष्ट ना होने के कारण कार्य रुके रह सकते है केवल मन ही मन कार्यो की रूपरेखा बनाएंगे। धीरे-धीरे स्थिति स्पष्ट होती जाएगी। किसी भी प्रकार का आर्थिक आयोजन करने के लिए आज का दिन शुभ रहेगा परन्तु धन की आमद सुनिश्चित नहीं रहने से बीच-बीच में व्यवधान भी आएंगे फिर भी इनसे पार पाकर सफल रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आरम्भ में मनमुटाव वाला रहेगा बाद में आपसी भावनाओ की समझ होने लगेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आपको आज के दिन भी थोड़ा सावधानी बरतने की सलाह है चंद्र आपकी राशि से चौथे होने पर किसी गलती के कारण मन में संताप रहेगा। हानि के चलते कार्यो से मजबूरन जी चुरायेंगे। सरकारी कार्य लंबित रहने से समय एवं धन व्यर्थ खर्च होंगे। परिवार अथवा कार्य क्षेत्र पर किसी महिला के कारण अशांति फ़ैल सकती है। धर्म के प्रति निष्ठा होने पर भी भजन पूजन में मन नहीं लगा पाएंगे। संध्या के आसपास का समय थोड़ा राहत भरा रहेगा परन्तु थकान भी रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज दिन के पहले भाग में सभी कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे। स्वास्थ्य उत्तम् रहेगा।सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। धन लाभ होने से आर्थिक रूप से अधिक सक्षम बनेंगे। आयवश्यक कार्य मध्यान से पहले पूर्ण करने का प्रयास करें। इसके बाद सभी कार्यो में व्यवधान आने लगेंगे। जहाँ से लाभ की संभावना है वहां से निराशा मिलेगी। फिर भी मानसिक रूप से विचलित नहीं होंगे। परिजनों का स्नेह एवं सहयोग मिलता रहेगा। घर के बुजुर्ग की सेहत ख़राब होने के कारण थोड़ी असहजता बनेगी। सन्तानो के विषय में शुभ समाचार मिलेंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन सभी ���ार्यो को आप जी जान से करेंगे परन्तु फिर भी सफलता मिलने में संदेह रहेगा। सरकारी कार्य भी नियमो की पूर्ति ना होने के कारण अधूरे रहेंगे। मध्यान के बाद व्यावसायिक एवं घरेलु कार्यो के कारण दौड़-धूप करनी पड़ेगी। सेहत में उतार-चढ़ाव आने से शरीर में शिथिलता आएगी। गुप्त शत्रु से सावधान रहें। लोग मीठा व्यवहार करके अपना काम निकालेंगे। बाहर के लोगो के प्रति आज अधिक उदारता दिखाएँगे परन्तु घर में इसके विपरीत व्यवहार रहने से क्लेश होने की संभावना है। आर्थिक लेन-देन सोच समझ कर करें। आहार संतुलित लें।

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〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

🦚🌈[ श्री भक्ति ग्रुप मंदिर ]🦚🌈

🙏🌹🙏जय मां जगदम्बे🙏🌹🙏

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[11/12, 18:56] 📲गुरुज्ञानसमाजसेवी ट्रस्🖥️: //www.gurugyandeep.com/2020/11/wwwgurugyadeepcom.html [11/12, 19:39] 📲गुरुज्ञानसमाजसेवी ट्रस्🖥️: धनतेरस यम दीप दान विशेष 〰️〰️🔸〰️🔸〰️🔸〰️〰️ कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धनवन्तरि अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं। दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं। दीपावली की रात भी लक्ष्मी माता के सामने साबुत धनिया रखकर पूजा करें। अगले दिन प्रातः साबुत धनिया को गमले में या बाग में बिखेर दें। माना जाता है कि साबुत धनिया से हरा भरा स्वस्थ पौधा निकल आता है तो आर्थिक स्थिति उत्तम होती है। धनिया का पौधा हरा भरा लेकिन पतला है तो सामान्य आय का संकेत होता है। पीला और बीमार पौधा निकलता है या पौधा नहीं निकलता है तो आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। अगर सम्भव न हो तो कोइ बर्तन खरिदे। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है। जिसके पास संतोष है वह स्वस्थ है सुखी है और वही सबसे धनवान है। भगवान धन्वन्तरि जो चिकित्सा के देवता भी हैं उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना के लिए संतोष रूपी धन से बड़ा कोई धन नहीं है। लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हें। दाहं तेरस पौराणिक कथा 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे । यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनिश्यति ।। धनतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में रंगोली बना कर दीप जलाने की प्रथा भी है। इस प्रथा के पीछे एक लोक कथा है, कथा के अनुसार किसी समय में एक राजा थे जिनका नाम हेम था। दैव कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। ज्योंतिषियों ने जब बालक की कुण्डली बनाई तो पता चला कि बालक का विवाह जिस दिन होगा उसके ठीक चार दिन के बाद वह मृत्यु को प्राप्त होगा। राजा इस बात को जानकर बहुत दुखी हुआ और राजकुमार को ऐसी जगह पर भेज दिया जहां किसी स्त्री की (at Devtantra Sirpur Chhattisgarh) //www.instagram.com/p/CHfpr7ql7xQ/?igshid=f0bmevi2xv1c

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#अध्यात्मिक_ज्ञान

#यथार्थ_भक्ति_बोध_Part15 के आगे पढ़ें

📖📖📖

#यथार्थ_भक्ति_बोध_Part16

🍃 "सुमिरन का अंग’ का सरलार्थ-IV" 🍃

🌿 सरलार्थ:- हे मानव! तू भौतिक धन को संग्रह करने के लिए बेसब्रा होकर जनता को लूट रहा है। कोई रिश्वत लेकर, कोई चोरी करके, कोई मिलावट तथा हेराफेरी करके धन लूटने में लगा है, यह साथ चलना नहीं। जब मृत्यु होगी और परमात्मा से रूबरू होने का समय आएगा, तब तुझे याद आएगा कि मुझे मानव शरीर तो भक्ति करने के लिए मिला था, वह तो किया नहीं। जो सारे जीवन में भौतिक धन जोड़ा, वह सब यहीं रह गया। अब घर का रहा न घाट का। तब तुझे पाश्चाताप होगा। इसलिए कुछ समय धंधे (सांसारिक कार्य) से निकालकर राम के नाम की लूट करले, यह वास्तविक लूट है, यदि लूट सकता है तो भक्ति लूट ले।(13)

वाणी:- कबीर, सोया तो निष्फल गया, जागो सो फल लेय।

साहब हक ना राखसी, जब माँगे तब देय।।(14)

🌿 सरलार्थ:- जो व्यक्ति मोह तथा अज्ञान रूपी निन्द्रा में सोये हैं अर्थात् भक्ति नहीं करते, उनका जीवन व्यर्थ गया और जो सन्तों के विचार सुनकर मोह तथा अज्ञान निन्द्रा से जाग गए, वे भक्ति का फल प्राप्त करते हैं। परमात्मा किसी के किए कर्म का हक अर्थात् हिस्सा नहीं रखते, जब माँगोगे, उसी समय आपको वह भक्ति धन प्रदान कर देंगे। आपको आपत्ति से बचा लेंगे।(14)

वाणी:- कबीर, चिंता तो हरि नाम की, और न चिन्ता दास।

जो कुछ चितवै नाम बिना, सोई काल की फाँस।।(15)

🌿 सरलार्थ:- हे दास अर्थात् मेरे (कबीर जी के) भक्त! यदि चिन्ता करे तो नाम स्मरण की करना। यदि नाम स्मरण के अतिरिक्त जो भी चिन्ता उत्पन्न होती है, वह काल पुरूष की फाँस अर्थात् बन्धन है। अन्य चिन्ता स्मरण से दूर होती है। नाम स्मरण की चिन्ता है, वह वास्तविक चिन्ता है, यह करनी चाहिए अर्थात् भक्ति कम होने की चिन्ता होती है तो स्मरण में लगन लगेगी और मोक्ष प्राप्त होगा। यह चिन्ता करने योग्य है, अन्य तो बिना किए ही हो जाती है।(15)

वाणी:- कबीर, जब ही सत्यनाम हृदय धर्यो, भयो पाप को नाश।

मानो चिंगारी अग्नि की, पड़ी पुराणे घास।।(16)

🌿 सरलार्थ:- कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि जिस समय साधक को सत्यनाम अर्थात् वास्तविक नाम मंत्र मिल जाता है और साधक हृदय से सत्यनाम का स्मरण करता है तो उसके पाप ऐसे नष्ट हो जाते हैं जैसे हजारों टन सूखा पुराने घास में अग्नि की एक छोटी-सी चिंगारी लगा देने से वह जलकर भस्म हो जाता है। उसी प्रकार सत्यनाम के स्मरण से साधक का पाप नाश हो जाता है जो दुखों का मूल है। पाप नाश हुआ तो साधक सुखी हो जाता है।(16)

वाणी:- कबीर, राम नाम को सुमरतां, अधम तरे अपार।

अजामेल गणिका स्वपच, सदना सबरी नारी।।(17)

🌿 सरलार्थ:- राम नाम अर्थात् परमात्मा के सत्यनाम का स्मरण करने से बहुत से अधम (नीच कर्मी प्राणी) भी भव सागर से पार हो गए। उदाहरण दिया है कि अजामेल नामक शराबी-कबाबी दुराचारी व्यक्ति सन्तों की शरण में आकर सुधरकर भक्ति करके अपना कल्याण करा गया। इसी प्रकार गणिका (वैश्या) को ज्ञान हुआ, वह भी सुधर गई और सत्यनाम का स्मरण करके पार हो गई। एक सदना कसाई था, सुधरकर नाम स्मरण करके पार हुआ। इसी प्रकार भीलनी जाति की शबरी नारी भी शुद्र होते हुए भी सत्यनाम का स्मरण करके अपना कल्याण करा गई। इस प्रकार सत्यनाम का स्मरण करके अनेकों बुरे व्यक्ति भी सुधरकर पार हो गए तो अन्य व्यक्ति भी सत्यनाम का स्मरण करके अपना कल्याण आसानी से करा सकते हैं।(17)

वाणी:- कबीर, स्वपन में बर्राय के, जो कोई कहे राम।

वाके पग की पांवड़ी, मेरे तन को चाम।।(18)

🌿 सरलार्थ:- परमेश्वर कबीर जी ने भक्ति करने वाले मानव को कितना महान बताया है तथा उसका कितना सम्मान किया है, कहा कि यदि कोई मानव स्वपन में बरड़ाय कर भी परमात्मा के नाम का जाप कर देता है, वह मुझे इतना प्रिय है कि उसके पाँव की जूती अपने शरीर के चाम से बनवा दूँ। कई व्यक्ति सोते समय स्वपन देखते हैं तो उस समय दृश्य को सोते-सोते बोलते हैं जो अस्पष्ट भाषा होती है, उसको बरड़ाना कहते हैं कि अमूक व्यक्ति सोते समय बरड़ाता है। स्वपन में वही दृश्य दिखाई देते हैं जो दिन में देखे होते हैं। एक व्यक्ति केले बेचता था, वह दिनभर बोलता था कि ले लो 10 के 12 केले, ले लो 10 के 12 केले। रात्रि में भी कई बार जोर से आवाज लगाता, कहता कि ले लो 10 के 12 केले, ले लो 10 के 12 केले।

ऐसे ही एक किसान बाजरे की फसल की पक्षियों से रखवाली करता था। वह दिनभर कहता रहता था, हर्र चिड़िया--------। कई बार सोते समय भी इसी प्रकार ऊँची आवाज में बोलता था। कारण यह है कि दिनभर किया अभ्यास ही स्वपन बनकर रात्रि में दिखता है। इसी प्रकार स्वपन में वही भक्त राम नाम का उच्चारण करेगा जो दिनभर परमात्मा का नाम जाप करता है। वह भक्त परमात्मा का प्रिय होता ही है। इसलिए परमेश्वर कबीर जी ने हम साधकों को संकेत दिया है कि भक्ति निर्धुंध करो अर्थात् भक्ति का तूफान उठा दो, अधिक से अधिक भक्ति करो। उस भक्त के लिए मैं (परमेश्वर) अनहोनी कर दूँगा।(18)

वाणी:- कबीर, नाम जपत कन्या भली, साकट भला न पूत।

छेरी के गल गलथना, जिसमें दूध न मूत।।(19)

🌿 सरलार्थ:- परमात्मा की भक्ति करने वाली बेटी अच्छी है साकट पुत्र से। साकट उसको कहते हैं जो स्वयं भक्ति नहीं करता तथा अन्य को भी बाधा करता है। भक्ति करने वाली कन्या के जीवन में आने वाली कर्म की आपत्ति को परमात्मा दूर करेगा। बेटी जो भक्ति करती है, वह सदा सुखी रहेगी। माता-पिता भी अपनी बेटी को सुखी देखकर खुश रहते हैं। जो लड़का भक्ति नहीं करता तो वह कोई ऐसा कार्य करेगा जिसके कारण वह स्वयं तो जेल में जाएगा तथा पिताजी उसके दुख में दुखी रहेगा। माताजी भी उस नालायक के दुख से अत्यधिक दुखी रहती है। इसलिए परमात्मा ने उस साकट पुत्र को बकरी के गले में गलथना की उपमा दी है जो न तो पेशाब करने के काम आता और न उससे दूध ही निकलता, व्यर्थ में ही गले में भार बना होता है। वह साकट पुत्र माता-पिता के गले का गलथना सिद्ध होता है।(19)

वाणी:- कबीर, सब जग निर्धना, धनवंता ना कोय।

धनवंता सो जानिये, जा पै राम नाम धन होय।।(20)

🌿सरलार्थ:- परमेश्वर कबीर जी ने कहा है कि जो व्यक्ति संसार में अधिक धन संपत्ति के स्वामी हैं, सामान्यतः जनता उनको धनवान कहती है। कबीर जी ने बताया है कि उस धनवान व्यक्ति की मृत्यु हो गई, सारा धन यहीं छोड़ गया। जब धन यहीं रह गया तो वह संसार से निर्धन बनकर गया। जो भक्त भक्ति करता है, वह राम नाम की कमाई करके राम नाम का धन संग्रहित करता है। भक्त को यहाँ पर भी परमात्मा धन देता है, मृत्यु के उपरांत भक्ति धन उसके साथ जाता है। धनवंता अर्थात् साहूकार तो वह है जिसके पास राम नाम की भक्ति का धन है। उदाहरण:- ‘‘काशी शहर में भोजन भण्डारा करना‘‘

🌟परमेश्वर कबीर जी ने स्वयं एक भक्त का अभिनय करके उपरोक्त अमृतवाणी की सत्यता दृढ़ की है।

क्रमश:.........

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स्वर ज्ञान और काल विज्ञान साधना के जरिये कैसे हम अपनी मौत के दिन को जान सकते है ? top secret

स्वर विज्ञान या स्वरोदय विज्ञान क्या है ? svar gyan sadhna pdf यानि स्वर साधना ज्ञान की पीडीऍफ़ hindi में अब sachhiprerna पर उपलब्ध है, आज की पोस्ट स्वर साधना ज्ञान स्वर विज्ञान pdf और स्वर ज्योतिष को मिलाकर बनी है. आप सभी ने बाया स्वर दाया स्वर और स्वर ज्ञान के बारे में सुना ही होगा ये क्या और कैसे काम करते है. काल ज्ञान का निर्धारण भी स्वर-साधना का ज्ञान मिलाकर पता किया जा सकता है. अक्सर लोगो के मन स्वर शास्त्र या स्वरोदय विज्ञान सिखने की इच्छा देखने को मिलती है क्यों की स्वर योग के जरिये बहुत सारी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. अगर दैनिक लाइफ में स्वर vigyan और sadhna को अजमाया जाए तो amazing result देखने को मिलते है.

kaal gyan sadhna के बारे में बहुत से लोग पूछ चुके है तो बता देना चाहते है की kaal gyan sadhna भी svar vigyan sadhna के साथ की जा सकती है अगर दोनों के परिणाम मिलाकर देखे तो कोई भी व्यक्ति अपने day of death को जान सकता है, लेकिन आपकी सारी कैलकुलेशन बहुत सटीक होनी चाहिए, पुराने ज़माने में वैध सिर्फ नाड़ी देख कर व्यक्ति के दुःख को बीमारी को बता देते थे वो svar gyan sadhna यानि स्वर साधना की ही प्रैक्टिस का एक हिस्सा है.

svar gyan sadhna - कैसे करे स्वरों की पहचान

svar gyan sadhna में स्वरों की पहचान करना और इसका ज्ञान इतना सुगम है की कोई भी आसानी से इसे सीख सकता है. अगर आप स्वरोदय की पहचान कर इसे अपनी लाइफ में अपनाते है तो शायद ही आप कभी बीमार पड़े. स्वरोदय का ज्ञान हम सिर्फ सांसो के आवागमन को महसूस कर भी कर सकते है. हमारे शरीर में इड़ा और पिंगला दो नाड़ीया है स्वर इन दोनो में वैसे ही चलते है जै���े की एक माह में शुक्ल और कृष्ण पक्ष चलते है. चांदनी रात में पड़वा के दिन से सूर्यास्त तक तीन दिन चन्द्र स्वर, इड़ा नाड़ी में चलता है और कृष्ण यानी अँधेरी रात में 3 दिन तक पिंगला नाड़ी चलती है, स्वरों की गणना का ज्ञान इन्ही दिनों से किया जाता है. वैसे तो नासिका के दोनों छिद्रों से साँस चलता रहता है लेकिन प्राकृतिक नियम के अनुसार एक छिद्र में दुसरे से कम साँस चलता है. इन्ही की चाल का ज्ञान स्वरोदय में होता है. एक स्वस्थ व्यक्ति की प्रत्येक नाड़ी अपने नियत समय से पांच घड़ी तक चलती है फिर स्वर बदलता है. ये क्रम 3 दिन तक चलता है प्रत्येक स्वर के साथ एक घड़ी तत्व चलता जो की वायु तत्व से शुरू होता है. इसके बाद आग, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश तत्व चलते है. इसके हिसाब से 1 दिन में बारह बार स्वर बदलता है. 60 बार तत्व बदलते है ( 60 घड़ी का दिन और रात होता है ) पढ़िए : किसी भी शाबर मंत्र को आसानी से जाग्रत करने वाली अलोकिक साधना जो वशीकरण सिखने में काम आती है सूर्य चन्द्र और सुषुम्ना स्वर की पहचान : सबसे पहले शांत बैठ कर अपनी चल रही सांसो को देखिये. अगर दाए छिद्र से स्वर निकल रहा है तो सूर्य और बाए से निकल रही है तो चन्द्र स्वर. आप इसकी पहचान सांसो की गर्माहट से कर सकते है क्यों की दोनों नासिका छिद्र में से एक में स्वर ज्यादा और दुसरे से कम निकलते है. अगर दोनों ही छिद्र से निकलने वाले स्वर की दुरी एक समान है तो ये तीसरा स्वर यानि सुषुम्ना स्वर है. योगीजन कहते है की इस स्वर में कोई भी सांसारिक कार्य नहीं करना चाहिए. वायु और आकाश तत्व में भी किया गया इस तरह का कार्य निष्फल हो जाता है. इस स्वर के दौरान भक्ति, पूजा पाठ और इश्वर ध्यान ही सबसे अच्छा कार्य है जिसकी वजह है इस स्वर के दौरान शरीर के सभी चक्र का जाग्रत हो जाना. स्वरोदय में तत्वों का ज्ञान स्वरोदय में तत्वों का ज्ञान करने के लिए कई तरीके है जिन्हें आप खुद पर कर वर्तमान में कौनसा तत्व चल रहा है की गणना की जा सकती है. इसके लिए मुख्य तरीके निम्न है. स्वर में बदलाव और उनका प्रभाव : आचार्य जन का मानना है की स्वरों की चाल अगर नियत रहती है तो जीवन सुखदायी बीतता है इसके विपरीत दुःख भोगने पड़ते है उदाहरण के तौर पर सूर्य के स्थान पर चन्द्र स्वर चले तो शुरू के दो घंटे चिंता में बीतते है, उसके बाद के 2 घंटे में धन हानि, तीसरे में योग ( सांसारिक घटनाक्रम से हटना ) और फिर पांचवे में शोकाकुल शकुन फिर 6 और सातवे में रोग और मृत्य का योग बनता है. यदि प्रात: काल चन्द्र स्वर और शाम को सूर्य स्वर चले तो निराश व्यक्ति की भी आशा पूर्ण होने की सम्भावना बनती है. यदि किसी तरह के दुःख से मन परेशान है तो स्वर बदल कर देखे आपका मन भी बदल जायेगा. ये सब संकेत है स्वर के विपरीत चलने पर जिन्हें समय पर पहचान कर बदला जा सकता है जिसके लिए आपको स्वर साधना करनी होती है. अपने दैनिक जीवन में इसे अपनाकर हम जीवन में काफी बदलाव कर सकते है. स्वर साधना का अभ्यास आपके दैनिक जीवन से जुड़ा है इसलिए पहले स्वर की चाल में बदलाव कैसे लाए ये जानते है. पढ़े : ध्यान में की जाने वाली सबसे बड़ी गलतिया जिन्हें आप सही मानते है कैसे करे सही अनुभव-2017 updated कुछ आसान तरीके स्वर बदलने के : जिस स्वर को चलाना है उसके विपरीत करवट से लेट जाइए. जो स्वर आप बंद करना / बदलना चाहते है उस नासिका छिद्र में पुरानी कड़ी रुई की बत्ती लगा दो दूसरा स्वर चलने लगेगा. आप जितनी ज्यादा मेहनत करते है उसके हिसाब से साँस बदलती रहती है और इसी वजह से स्वर भी बदलने लगता है. लेट कर शरीर की तीसरी पसली को दबाये पसली उसी तरफ की दबानी जिसके विपरीत आपको स्वर चलाना है. svar gyan sadhna - करे स्वर द्वारा जीवन में बदलाव दिन में चन्द्र और रात्रि में सूर्य स्वर चलाने की कोशिश करे. भोजन के समय आधे घंटे तक सूर्य स्वर चलाने की कोशिश करे. रात्रि में अगर जल ग्रहण करते है तो उस दौरान चन्द्र स्वर 15 मिनट चलाए. भोजन के बाद जब लेटे तो पहले 8 श्वांस दाहिने करवट से फिर 32 साँस बाये करवट से लेवे ऐसा करने वाला व्यक्ति कभी बीमार नहीं पड़ता है. तत्व विचार – किस तत्व के अधिक होने से क्या प्रभाव पड़ता है तत्व विचार जीवन में काफी महत्त्व रखता है क्यों की इसके जरिये हम पता कर सकते है की जीवन कैसा व्यतीत होगा. चन्द्र स्वर में पृथ्वी और जल तत्व के अधिक होने से धन लाभ और आरोग्यता प्राप्त होती है, वही वायु तत्व से विपत्ति,अग्नि तत्व से मृत्यु के योग बनते है. यदि आप कही लोगो के बिच बैठे है और ठीक उसी वक़्त अचानक वायु तत्व चलने लगे तो कोई मनुष्य उठकर जाने वाला चला जाता है. मनुष्य का स्वर हर पांच घड़ी में खुद बदल जाता है. रोगी होने की स्थिति में मनुष्य के स्वर में बदलाव आ जाता है. यदि पक्ष के आरंभ काल में तीन दिन तक लगातार विरुद्ध स्वर चले तो रोग पैदा होने लगता है उदहारण के लिए सूर्य और कृष्ण पक्ष में चन्द्र स्वर तीन दिन तक चलता है तो 15 दिन बाद रोग हो जायेगा. पढ़े : विश्व की मशहूर haunted doll की सच्ची कहानी जो साबित करती है की आत्माओ का मजाक बनाना पड़ता है महंगा svar gyan sadhna और यात्रा नियम : अगर आप कही यात्रा पर जाने वाले है तो स्वर चाल की पहचान करे जिससे आपको सही लाभ मिल सके. अगर बाया स्वर चल रहा है तो उत्तर पूर्व दिशा में जाने से लाभ मिलता है. इसके विपरीत जाने से हनी और मृत्यु संभव है. दक्षिण पश्चिम को दाए स्वर में जाने पर सुख आनंद प्राप्ति, विपरीत में हानि और दाहिने स्वर में पूर्व दिशा में जाने से सुख सम्पति और राज का लाभ मिलता है, यही नहीं सर्व कार्य सिद्धि के योग भी बनते है. अगर बात करे तत्व की तो पृथ्वी और जल तत्व स्वरोदय के दौरान यात्रा में सहायक है वही आकाश वायु और जल तत्व का संयोग हानिकारक है. आकाश तत्व और अग्नि तत्व के मिलन से स्वरोदय में यात्रा करने से चोट की सम्भावना बनती है और कार्य भी सफल नहीं होते. तत्व का मिलान svar gyan sadhna के साथ करना थोड़ा मुश्किल भरा काम है लेकिन हम इसे आसानी से कर सकते है जब हमें पता हो की किस स्वर के साथ कौनसा तत्व जाग्रत है. svar gyan sadhna और kaal vigyan विधि काल विज्ञान मंत्र के बारे में हम पहले की पोस्ट में पढ़ चुके है और बहुत से लोगो को काल ज्ञान सिखने में रूचि है तो आज स्वर विज्ञान के साथ काल ज्ञान की गणना कैसे की जाती है को देखते है. काल ज्ञान एक ऐसी विद्या है जिसके जरिये हम जीवन काल में ही आने वाली मृत्यु के दिन को ज्ञात कर सकते है. प्राचीन काल से योगीजन में इसका प्रयोग कर पहले से पहचान लिया करते थे की उनकी किस दिवस पर मृत्यु होगी जिसके लिए वो तय दिन पर समाधी की अवस्था ग्रहण कर लेते थे. चलिए जानते है kaal vigyan sadhna or svar gyan sadhna के secret जिसके अनुसार अगर मनुष्य का सूर्य स्वर बिना बदले आठ पहर तक चलता है तो वह व्यक्ति तीन साल बाद मर जायेगा. सूर्य स्वर लगातार 16 पहर तक चले तो 2 साल बाद मृत्यु होगी वही पर तीन दिन और तीन रात बराबर सूर्य स्वर चले तो व्यक्ति सिर्फ एक साल जीवित रह पायेगा. एक माह तक लागातार दिन और रात में सूर्य स्वर चले तो 2 दिन बाद मृत्यु हो जाती है. सुषुम्ना नाड़ी और काल ज्ञान – पांच घड़ी बराबर सुषुम्ना नाड़ी के चलने से जल्दी ही मृत्यु योग बनता है. जानिए : क्यों आखिर कई बार एक के बाद एक काम उल्टे पड़ने लगते है जानिए इसके पीछे की वजह svar gyan sadhna ( स्वर विज्ञान ) – अंतिम शब्द : दोस्तों स्वर विज्ञान वास्तव में एक बहुत ही गहरी और गूढ़ नॉलेज है जिसे समझ कर हम अपनी उम्र में बदलाव कर सकते है. आज की पोस्ट svar gyan sadhna में आपने svar vigyan or tatv vichar, svarodaya science और ऐसी ही कई नयी बाते पढ़ी हो सकता है की ये थोड़ी मुश्किल जान पड़े लेकिन यकीन मानिये इसे हम और ज्यादा सरल नहीं कर सकते. अगर आप स्वर विज्ञान को सिखने में interested है तो हमें बताइए हम आगे भी आपके लिए और ज्यादा गुढ़ जानकारी लायेंगे. download स्वर विज्ञान साधना in pdf from here निवेदन : अगर आपको हमारा ब्लॉग पढना अच्छा लगता है तो हमारी पोस्ट को शेयर करना ना भूले. आप ब्लॉग को subscribe कर सकते है ताकि हम आपको नये अपडेट भेजते रहे. हमारा youtube channel अब active है और आप वहा कई knowledgeful video देख सकते है. 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भीलवाड़ा लोकसभा चुनाव में आपका सांसद कैसा हो- मनफूल चोधरी ने जिले की सेवा करने का मंसूबा रखा जनता के सामने भीलवाड़ा । (मुकेश चौधरी/रायला ) भीलवाड़ा लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन करने के लिए एक तरफ जहां कांग्रेस व भाजपा संगठन अपने आंतरिक स्तर पर तैयारियों में जुटी हुई है वहीं भीलवाड़ा जिले में इन दिनों आपका सांसद कैसा हो, के पोस्टरों के सार्वजनिक होने के कारण लोगों में सुगबुगाहट शुरू हो गयी हैं। कांग्रेस की एक बैठक जयपुर सीएमओ में हो चुकी है जिसमें कांग्रेस के जिले के नेताओं का आपसी मिलन करा कर उनमें एका कराने का प्रयास किया गया पर वो मिलन जयपुर के बाद अब तक कार्यकर्ताओं को भीलवाड़ा में नहीं दिख रहा है। उधर भाजपा की विशेष बैठक इसी मुद्दे पर 20 जनवरी को हरणी महादेव में होगी। इसमें जिले की आठों विधानसभाओं के प्रमुख भाजपा पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहेगें। गत एक पखवाड़े से आपका सांसद कैसा हो के पोस्टरों में जिन मुद्दों को उठाया गया है तथा जनता से जो अपेक्षाएं की गई है उससे जनता में इस बार वास्तव में नये सिरे से अपना सांसद चुनने की मशक्कत शुरू हो गयी है। इन पोस्टरों में हालांकि किसान पारिवारिक पृष्ठभूमि, शिक्षित, हर प्रकार की इंडस्ट्री को समझने वाला व्यक्ति ही भीलवाड़ा के लिए एक अच्छा सांसद साबित हो सकता है, के बारे में ही लिखा गया है। यह सही भी है कि भीलवाड़ा के युवाओं की शक्ति, महिलाओं की सक्रियता, व्यापारियों की क्षमता और बुजुर्गों के अनुभव का उपयोग करके ही एक अच्छा, सक्रिय जनप्रतिनिधि भीलवाड़ा को विकास के मार्ग पर अग्रसर कर सकने में सफल होगा। *ऐसे जनप्रतिनिधि के रूप में एक नाम उभर कर सामने आया है वर्तमान में उदयपुर में वाणिज्यिक कर विभाग के सहायक कमिश्नर मनफूल चोधरी*। चोधरी भीलवाड़ा जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र में मोतीबोर का खेड़ा ग्राम के ही जन्मे व निवासी है। अगले दो सालों में आईएएस रेंक में शामिल होने वाले मनफूल चोधरी इतने बड़े पद पर पदस्थापित होने के बाद भी अपनी माटी को नहीं भूले है। वो नियमित प्रति सप्ताह मोतीबोर का खेड़ा में अपने भाई द्वारा संचालित नवग्रह आश्रम में अपनी सेवाएं देना नहीं भूलते है। मनफूल चोधरी कहते है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में अभी देश सुदृढ़ होकर विकास की ओर अग्रसर हो रहा है, भीलवाड़ा की तमाम समस्याओं का समाधान सर्वसमाज को आत्मसात करने व गरीब किसान परिवार से आने वाला व्यक्ति ही बतौर सांसद के रूप में कर सकता है। वो यांे तो राजनीतिक महत्वकाक्षां नहीं रख रहे है पर भीलवाड़ा जिले की जनता की सेवा करने के लिए भाजपा अगर उनको सांसद का चुनाव लड़ने का मौका देवें तो वो इस मुकाम पर स्वयं को सफल मानते है। मनफूल चोधरी कहते है कि वो किसान व गरीब परिवार से आने के कारण नीचे के तबके की हर समस्या को जानते है। पढ़ लिखकर वर्तमान में पदस्थापित कार्य स्थल पर कार्य करने के कारण जिले की औद्योगिक व वाणिज्यिक गतिविधियों व उनकी समस्याओं से परिचित होकर उनके पास समाधान का सक्षम रास्ता है। मनफूल चोधरी कहते है कि भीलवाड़ा जिले की 36 कौमों के साथ भीलवाड़ा जिले के किसानों और मजदूरों का आर्थिक एवं सामाजिक विकास उनकी पहली प्राथमिकता है। 21वीं सदी भारत की सदी है, हमारे पास विश्व की सबसे ज्यादा एवं मेहनती वर्कफोर्स है। अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि इस वर्कफोर्स को हम अपनी मजबूती बनाएं या कमजोरी। इसी कारण उनके मन में इस बात की ललक जागृत हुई है। वो कहते है कि सामान्य व्यक्ति की हैसियत से वो भाजपा प्रत्याशी के रूप में भीलवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते है बशर्ते भाजपा उनके कार्यो को देखकर उनको यह सेवा करने का अवसर प्रदान करें। मनफूल चोधरी जोर देकर कहते है कि ईमानदारी और अच्छी सोच के लोगों का राजनीति में आना देश के लिए सुखद संकेत है। किसी विचारक ने कहा है कि अगर राष्ट्र को आगे बढ़ाना है तो देश की जनता को अच्छे लोगों को आगे लाने के लिए पहल करनी चाहिए। मनफूल चोधरी कहते है कि भीलवाड़ा का कपड़ा उद्योग 21 हजार करोड़ रुपये के टर्नओवर के साथ लगभग 85 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है। पिछले कुछ महीनों के उतार-चढ़ाव के बाद युवा इस व्यापार की ओर आकर्षित नहीं हो रहे हैं। भीलवाड़ा के युवाओं को यदि व्यापार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता और सरकार की उद्योग नीति यदि उन्हें टैक्स और कागजी कार्यवाही में छूट देने वाली हो, तो इस सेक्टर को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा मिल सकता है। इसी प्रकार आवारा पशुओं एवं नीलगाय (रोजडे) के द्वारा खेत में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचाने की खबरें आम बात हो गई है। किसान भाई-बहिन दिन-रात मेहनत करके फसल को तैयार करते हैं और इस तरह से एक ही रात में पूरी फसल चैपट हो जाती है। सरकार द्वारा इस प्रकार की फसल खराबी पर आर्थिक सहायता का कोई प्रावधान नहीं है। खेतों की तारबंदी के लिए लिए सरकार 90 प्रतिशत तक की आर्थिक मदद करे एवं आवारा पशुओं के लिए गौशाला आदि बनाई जाए। नीलगाय को प्राकृतिक आवास (जंगल) में छोड़ा जाए जिससे वन्य जीव संरक्षण हो तो जिले का कायाकल्प हो सकता है। यह सब करने की लालसा उनके मन में है। मनफूल चोधरी बताते है कि भीषण सर्दी में भी सिंचाई के लिए किसान को मध्य रात्रि के समय बिजली दी जा रही है, कुछ दिनों पूर्व ठण्ड की वजह से कुछ किसानों की मृत्यु भी हो चुकी है। रात में अँधेरे के कारण जहरीले जानवरों के काटने से भी दुर्घटनाएं होती हैं। भीलवाड़ा जिले के किसानों में इस वजह से भारी आक्रोश है। राज्य सरकार से मेरी मांग है कि किसानों को रात की जगह दिन में बिजली दी जाए, जिससे सिंचाई का काम आसानी से हो। जब उद्योगों के लिए दिन में बिजली दी जा सकती है तो किसानों के लिए क्यों नहीं। इसी प्रकार बच्चों को यदि कोई बात रटाने की अपेक्षा उन्हें प्रैक्टिकली खेल-खेल में सिखाई जाए तो उसे वे जीवन भर नहीं भूलेंगे। हर सरकारी स्कूल में बच्चों के लिए एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग की शुरुआत और दिन में 1 पीरियड में उन्हें भ्ंचचपदमेे जीमतंचल से जीवन में खुश रहना सिखाया जाए। इसकी शुरुआत से हमारे बच्चे जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकेंगे। मनफूल चोधरी अपन योजनाओं का खुलासा करते हुए कहते है कि भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के बुजुर्गों के लिए घर-घर जाकर उनका हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इस हेल्थ कार्ड में उनके स्वास्थ्य की पूरी जानकारी होगी, यही कार्ड उनके लिए स्वास्थ्य बीमा का काम करेगा। हॉस्पिटल में भर्ती होने पर इसी कार्ड से 5 लाख रुपये तक का इलाज निःशुल्क कराया जा सकता है। इसी प्रकार उनकी योजना है कि सड़कों पर एक भी गाय न दिखे इसके लिए हर पंचायत में एक गौशाला का निर्माण पंचायत, भामाशाहों के सहयोग से कराया जाएगा। गोबर से गैस बनाकर, दूध को बेंचकर इसे नियमित रूप से चलाया जाएगा। हर गाय की टैगिंग, उसके नियमित इलाज का प्रबंध प्रशासन के सहयोग से किया जाएगा। चोधरी चाहते है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे कोटा अथवा अन्य शहरों में जाकर आईआईटी, मेडिकल, चार्टर्ड एकाउंटेंसी जैसी क्लासेस नहीं के पाते। इस समस्या के समाधान के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, भामाशाहों के सहयोग से सैटेलाइट क्लासेस के माध्यम से शहर अथवा स्कूल में ही इन बच्चों को निःशुल्क क्लासेज की व्यवस्था की जाएगी। चोधरी कहते है कि उनको जिले की जनता सेवा का अवसर प्रदान करेगी तो वो तन, मन व धन के साथ सरकारी योजनाओं की क्रियान्विति में अपनी जी जान से मेहनत कर भीलवाड़ा जिले का कायाकल्प कर सकते है। चोधरी बताते है कि भाजपा संगठन में भी वो निरंतर संपर्क बनाये है तथा प्रारंभ से ही संघ का संपर्क होने से सेवा करने का उनका शुरू से मन है तथा भाजपा हाईकमान ने भी उनके सपने को साकार करने की दिशा में सकारात्मक संदेश दिया है। सादर प्रकाशनार्थ

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💐🌼🌺🛕[श्री भक्ति ग्रुप मंदिर]🛕🌺🌼💐

🕉 ॐ नमः शिवाय 🕉️

🌄 #सुप्रभातम 🌄

🗓 #आज_का_पञ्चाङ्ग 🗓

🌻 #सोमवार, १६ #अगस्त २०२१ 🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:५४

सूर्यास्त: 🌅 ०६:५६

चन्द्रोदय: 🌝 १३:३०

चन्द्रास्त: 🌜२४:११

अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🌦️ वर्षा

शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)

मास 👉 श्रावण

पक्ष 👉 शुक्ल

तिथि 👉अष्टमी (०७:४५ तक)

नक्षत्र 👉 अनुराधा (२७:०२ तक)

योग 👉 ब्रह्म (०५:४७ तक)

प्रथम करण 👉 बव (०७:४५ तक)

द्वितीय करण 👉 बालव (१८:४० तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 सिंह (२५:१७ से)

चंद्र 🌟 वृश्चिक

मंगल 🌟 सिंह (उदित, पूर्व, मार्गी)

बुध 🌟 सिंह (अस्त, पूर्व, मार्गी)

गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)

शुक्र 🌟 कन्या (उदय, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 वृष

केतु 🌟 वृश्चिक

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५४ से १२:४७

अमृत काल 👉 १७:१५ से १८:४५

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:४५ से २७:०२

रवि योग 👉 ०५:४५ से २५:३२, २७:०२ से २९:४५

विजय मुहूर्त 👉 १४:३३ से १५:२६

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:४४ से १९:०८

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०० से २४:४३

राहुकाल 👉 ०७:२४ से ०९:०३

राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम

यमगण्ड 👉 १०:४२ से १२:२१

होमाहुति 👉 शुक्र

दिशाशूल 👉 पूर्व

नक्षत्रशूल 👉 पूर्व (२७:०२ से)

अग्निवास 👉 पृथ्वी (२९:३४ तक)

चन्द्रवास 👉 उत्तर

शिववास 👉 श्मशान में (०७:४५ से गौरी के साथ, २९:३४ से सभा में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥

१ - अमृत २ - काल

३ - शुभ ४ - रोग

५ - उद्वेग ६ - चर

७ - लाभ ८ - अमृत

॥रात्रि का चौघड़िया॥

१ - चर २ - रोग

३ - काल ४ - लाभ

५ - उद्वेग ६ - शुभ

७ - अमृत ८ - चर

नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।

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शुभ यात्रा दिशा

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उत्तर-पश्चिम (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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संक्रान्ति सूर्य सिंह में (पुण्यकाल अगले दिन प्रातः ०७:४० तक), श्रावण चतुर्थ सोमवार, बंगला भाद्रपद मास आरम्भ, वाहनादि क्रय विक्रय मुहूर्त दोपहर ०२:०९ से सायं ०७:०० तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण

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आज २७:०२ तक जन्मे शिशुओ का नाम

अनुराधा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ना, नी, नू, ने) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (नो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कर्क - २७:३० से ०५:५१

सिंह - ०५:५१ से ०८:१०

कन्या - ०८:१० से १०:२८

तुला - १०:२८ से १२:४९

वृश्चिक - १२:४९ से १५:०८

धनु - १५:०८ से १७:१२

मकर - १७:१२ से १८:५३

कुम्भ - १८:५३ से २०:१९

मीन - २०:१९ से २१:४२

मेष - २१:४२ से २३:१६

वृषभ - २३:१६ से २५:११

मिथुन - २५:११ से २७:२६

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पञ्चक रहित मुहूर्त

रज पञ्चक - ०५:४५ से ०५:५१

शुभ मुहूर्त - ०५:५१ से ०७:४५

चोर पञ्चक - ०७:४५ से ०८:१०

शुभ मुहूर्त - ०८:१० से १०:२८

रोग पञ्चक - १०:२८ से १२:४९

शुभ मुहूर्त - १२:४९ से १५:०८

मृत्यु पञ्चक - १५:०८ से १७:१२

अग्नि पञ्चक - १७:१२ से १८:५३

शुभ मुहूर्त - १८:५३ से २०:१९

रज पञ्चक - २०:१९ से २१:४२

अग्नि पञ्चक - २१:४२ से २३:१६

शुभ मुहूर्त - २३:१६ से २५:११

रज पञ्चक - २५:११ से २७:०२

शुभ मुहूर्त - २७:०२ से २७:२६

शुभ मुहूर्त - २७:२६ से २९:३४

चोर पञ्चक - २९:३४ से २९:४५

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आपको मिश्रित फल देगा। प्रातः काल में शारीरिक रूप से शिथिलता रहेगी जिससे कार्यो के प्रति गंभीरता नहीं आएगी परिश्रम करने में असमर्थ रहेंगे परन्तु परिस्थियों को देखते हुए कार्य में जुटना पड़ेगा। व्यवसाय में प्रारंभिक उदासीनता के बाद धीरे-धीरे गति आने से धन की आवक होगी एक साथ कई क्षेत्रों से लाभ होने से शारीरिक कष्ट भूल जाएंगे। संध्या तक व्यावसायिक स्थिति सुदृढ़ रहेगी लेकिन पारिवारिक माहौल गलतफहमियों के कारण अशान्त रहेगा महिलाये इसका मुख्य कारण रह सकती है। लोभ में पड़ने से हानि की संभावना भी बन रही है सावधान रहें। लंबी यात्रा से बचें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप शारीरिक रूप से चुस्त रहने के साथ-साथ अधिक व्यस्त भी रहेंगे। परन्तु अकारण क्रोध आने से आस-पास का वातावरण बीच-बीच में गरम होगा। नौकरी व्यवसाय में पहले थोड़ा आलस्य रहेगा बाद में कार्यो के प्रति अधिक गंभीर रहेंगे। नौकरी पेशा जातको को आज अतिरिक्त कार्य करना पड़ेगा जिससे थकान अधिक रहेगी। व्यवसायी वर्ग कार्य क्षेत्र पर विस्तार की योजना बनाएंगे परंतु इसे साकार रूप देने में थोड़ा विलम्ब हो सकता है। आर्थिक स्थिति आज थोड़ी विचारणीय रहेगी। आकस्मिक खर्च लगे रहेंगे। परिवार में मांगलिक कार्यक्रम संपन्न होगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन घरेलु सुखों में वृद्धिकारक रहेगा परन्तु आज धन अधिक खर्च होने से आर्थिक स्थिति कमजोर होगी। दिन भर शारीरिक रूप से सक्षम रहेंगे कार्यो को भी आज ज्यादा मन लगा कर करेंगे। महिलाये घरेलु अथवा बाजार के कार्यो के कारण ज्यादा व्यस्त रहेंगी। व्यवसायी वर्ग आज कार्य क्षेत्र पर अधिक सक्रियता दिखाएंगे मध्यान से पहले तक का समय आर्थिक रूप से शुभ रहेगा। खुदरा व्यवसाय में आकस्मिक उछाल आने का पूरा लाभ उठाएंगे। संताने आज के दिन उपयोगी सिद्ध होंगी। धार्मिक स्थलों पर पर्यटन की योजना बनेगी। घरेलु कार्यो पर खर्च बढ़ेगा फिर भी अखरेगा नही।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आपकी जमा पूंजी में कमी आने के संकेत है। व्यवसाय से भी आज कुछ विशेष लाभ नहीं उठा पाएंगे आवश्यक कार्य अधूरे रहेंगे। प्रातः काल से खर्च का सिलसिला आरंभ होकर सं��्या तक लगा रहेगा धन लाभ खर्च के अनुपात मे कम रहने से आर्थिक संतुलन बिगड़ेगा। विरोधी गुप्त षड्यंत्र रचेंगे जिसका दुष्परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेगा अपनी तरफ से आज कोई भी गलती ना करें। सामाजिक छवि अवश्य निखरेगी। स्त्री संताने आज्ञा का पालन करेंगी पर बीच-बीच में क्रोध के प्रसंग भी बनाएंगी। परिवार के बुजुर्गो की सेहत नरम रहेगी। आज किसी की भी अमर्यादित हरकतों को अनदेखा करें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आप अनर्गल प्रवृतियों में पड कर मूल उद्देश्य से भटक सकते है इससे मान हानि के साथ समय की बर्बादी भी निश्चित होगी। पहले अपने कार्यो पर ध्यान दें उसके बाद ही किसी अन्य के सहायक बने विपरीत लिंगीय आकर्षण अधिक रहने के कारण भी कार्यो में देरी की कोई ना कोई वजह बनेगी। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा करेंगे परन्तु मन कही और ही भटकेगा आडंबर की प्रवृति अधिक रहेगी। कार्य व्यवसाय से खर्च निकाल लेंगे। महिलाये भी आज दिखावे के ऊपर बेवजह खर्च कर सकती है। लाभ के अवसर लापरवाही के चलते हाथ से निकलने की संभावना है। घर के बुजुर्गो को सम्मान दें उन्नति होगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन अनुकूल रहने से अधूरे कार्य पूर्ण होंगे धन की भी आमद होने से मानसिक रूप से संतोष रहेगा। नौकरी पेशा जातक बेहतर कार्य के लिए सम्मानित होंगे अधिकारियो का विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। व्यवसायी वर्ग भी व्यापार में आकस्मिक वृद्धि होने के कारण अधिक व्यस्त रहेंगे परन्तु ध्यान रखे स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहने से प्रेम व्यवहार में कड़वाहट आ सकती है। काम निकालने के लिए किसी की झूठी प्रशंसा करने से ना चुकें। सरकारी कार्य आज करने से उलझने बढ़ सकती है अतः आगे के लिये टालना बेहतर रहेगा। घर में मंगलमय वातावरण मिलने से शांति अनुभव करेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज दिन के पूर्वार्ध में आप कार्य क्षेत्र एवं परिचितों से काफी आशाएं रखेंगे मध्यान के पहले तक इनसे लाभ हो सकता है परंतु इसके बाद का समय प्रतिकूल होने से आशा निराशा में बदलेगी। घरेलु कार्यो एवं व्यवसाय के कारणों से दौड़-धुप करनी पड़ेगी। आवश्यकता के समय कोई सहायक नहीं मिलेगा जिससे मानसिक खिन्नता बढ़ेगी। परिवार में आकस्मिक बीमारियां होने के कारण दवाओं पर खर्च बढेगा। कार्य क्षेत्र पर लाभ पाने के लिए आज अधिक परिश्रम करना पड़ेगा फिर भी आशानुकूल लाभ से वंचित ही रहेंगे। महिलाये आज अपने आपको लाचार अनुभव करेंगी। धार्मिक कृत्यों में रूचि रहेगी लेकिन उचित समय नहीं निकाल पाएंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आपका आज का दिन शुभफलदायी रहने वाला है। स्वास्थ्य थोड़ा नरम रहेगा फिर भी इस कारण से दैनिक कार्यो में बाधा नहीं आएगी। कार्य क्षेत्र पर प्रातः काल से मध्यान तक आशा से अधिक लाभ कमा लेंगे। इसके बाद का समय भी लाभ वाला रहेगा लेकिन प्राप्ति के लिए इन्तजार करना पड़ेगा। धार्मिक भावनाएं बलवती रहेंगी घर एवं धार्मिक क्षेत्रो पर पूजा पाठ में भाग लेंगे। विरोधियो के प्रति उदासीन व्यवहार भविष्य के लिये हानिकारक रह सकता है इसका ध्यान रखें। कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था ना पनपने दें आगे परेशानी बन सकती है। महिलाये आज दैनिक कार्यो के अतिरिक्त कार्य रहने से अधिक व्यस्त रहेंगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन का आधा भाग प्रतिकूल रहेगा लेकिन फिर भी धर्म-कर्म में आस्था रहने से मानसिक रूप से विचलित नहीं होंगे। कार्य क्षेत्र पर किसी महत्त्वपूर्ण अनुबंध के निरस्त होने से धन सम्बंधित समस्या खड़ी होगी परन्तु अन्य मार्गो से धन की आमद होने पर गंभीर स्थिति से बचाव होगा। आज आप किसी से राग द्वेष की भावना भी रखेंगे भाई-बंधुओ से बनावटी प्रीती रहेगी परन्तु स्त्री एवं सन्तानो से भावनात्मक सम्बन्ध रहेंगे प्रेम स्नेह मिलेगा। धन लाभ निश्चित समय पर ना होकर आकस्मिक रहेगा। महिलाओं के विचारों को भी आज अधिक महत्त्व दें मुश्किल से निकालने में अवश्य सहायक रहेंगी। लघु यात्रा हो सकती है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आपका आज का दिन भागमभाग में बीतेगा फिर भी सामान्य से उत्तम रहेगा। प्रातः काल से ही किसी कार्य को पूर्ण करने में व्यस्त हो जाएंगे घरेलु कार्य भी अधिक रहने के कारण संतुलन बैठाने में परेशानी होगी। कार्य व्यवसाय में जोखिम आज ना लें धन लाभ के मार्ग खुले रहेंगे नया प्रयोग नुक्सान करा सकता है। व्यापारी वर्ग प्रतिस्पर्धा रहने पर भी व्यवहार के बल पर काम निकाल लेंगे मित्र रिश्तेदार भी धनोपार्जन में सहायक बनेंगे। परिवारिक वातावरण में आज भाग-दौड़ अधिक रहेगी। महिलाये अधिक कार्य के कारण असहज महसूस करेंगी फिर भी सभी कार्य समय से पूर्ण कर लेंगी। शरीर स्वस्थ्य रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आप कार्यो के प्रति बेपरवाह अधिक रहेंगे कार्य क्षेत्र पर बेमन से कार्य करते हुए भी लाभ कमा सकेंगे परन्तु अव्यवस्था में निरंतर वृद्धि होने से आगे का समय मंदी से भरा रहेगा। आज आप मध्यान तक आशा से अधिक धन कमा सकते है इसमें घर के सदस्य भी सहयोगी बनेंगे। व्यापार में विस्तार आज कर सकते है परन्तु नए कार्य का आरम्भ अभी टालना ही उचित रहेगा। पारिवारिक शान्ति के लिए मौन साधन उत्तम उपाय है छोटी छोटी बातों पर क्रोध करने से बचे लाभ के समय का फायदा उठाये। धार्मिक कृत्यों के द्वारा भी धन लाभ की संभावना है। घर में शान्ति रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज आपके मन के विपरीत घटनाएं दुखी करेंगी। धार्मिक कार्यो की वजह से कार्य क्षेत्र से समय निकालना पड़ेगा अथवा विलम्ब से कार्य आरम्भ होंगे। परिजनो की इच्छा पूर्ती ना होने पर नाराजगी रह सकती है। दिनचर्या अस्त-व्यस्त रहने से दैनिक कार्य भी विलम्ब से पूर्ण होंगे। मध्यान का समय व्यवसाय में थोड़ा लाभ कराएगा परन्तु संतोष नहीं होगा। एक साथ कई काम आने से असुविधा होगी लेकिन निकट भविष्य के लिए लाभदायक रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज सहयोगियों की गैर हाजरी में अकेले ही कार्यो में लगना पड़ेगा। उधार सम्बंधित व्यवहार ना चाहकर भी करने पड़ेंगे। आज धैर्य का परिचय अधिक दें।

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🦚🌈 श्री भक्ति ग्रुप मंदिर 🦚🌈

🙏🌹🙏जय श्री महाकाल🙏🌹🙏

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संगमरमर नहीं बल्कि घर में रखें इस धातु का शिवलिंग, रातों-रात बदल जाएगी किस्मत

नई दिल्ली। ज्यादातर घरों में हम संगमरमर या पत्थर के बनें शिवलिंग रखते हैं, लेकिन क्या आपको पता है एक विशेष धातु के बने शिवलिंग की पूजा से मनचाही इच्छा पूरी हो सकती है। दरअसल इस धातु का नाम पारद है। ये एक पारदर्शी तत्व होता है, लेकिन ये ठोस होने के कारण चमकीला सफेद रंग का दिखता है। तो क्या है इस धातु से बनें शिवलिंग की खासियत आइए जानते हैं।

1.धन-धान्य की प्राप्ति एवं रुपए-पैसों की दिक्कत दूर करने के लिए पारद का शिवलिंग बहुत फलदायी होता है। क्योंकि ये ठोस धातु के रूप में होते हुए भी एक द्रव्य होता है। इसलिए इसे रसराज भी कहा जाता है। इसका निर्माण पारे को पिघलाकर उसे अन्य क्रियाओं के जरिए ठोस किया जाता है।

2.पुराणों में भी पारद शिवलिंग का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार पारद के शिवलिंग में साक्षात शिव का वास होता है। इसकी इसके पूजन से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

3.पारद शिवलिंग पवित्र होने के साथ बेहद चमत्कारिक भी है। तभी तो शिवलिंग को घर में लाने से आस-पास मौजूद सारी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। इससे घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। साथ ही समृद्धि आती है।

4.पारद का शिवलिंग दुर्भाग्य को भी मिटाने का काम करता है। यदि सोमवार को इसे घर लाया जाए व इसकी निष्ठा से पूजा की जाए तो भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। इससे व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। उसके बिगड़े काम बनने लगते हैं।

5.ये शिवलिंग जादू-टोने के असर की भी शक्तिशाली काट है। इसके पूजन करने वाले पर कभी भी नकरात्मक शक्तियां हावी नहीं हो पाती है। उसकी और उसके घर की रक्षा स्वयं महादेव करते हैं। इससे वास्तु से संबंधित दोष भी दूर होते हैं।

6.यदि कोई बीमार हो और इलाज के बावजूद सही नही हो रहा हो तो पारद के शिवलिंग का जल से अभिषेक करें। इसके बाद ये जल शिव जी की कामना करके रोगी को पिला दें। ऐसा करने से समस्या हल हो जाएगी।

7.ये शिवलिंग इतना प्रभावशाली है कि इसे घर में रखने से ये आपको अकाल मृत्यु से भी बचाएगा। दरअसल किसी व्यक्ति की कुंडली में अकाल मृत्यु का योग होने व किसी अनहोनी के होने से पहले ही पारद का शिवलिंग संकेत दे देता है। यदि आपका कोई बुरा करना चाहता है तो ये शिवलिंग अपने आप टूट जाता है।

8.पारद शिवलिंग इतना प्रभावशाली है कि इसके पूजन का फल पूरे 12 ज्योतिर्लिंगों के बराबर होता है। इसके चमत्कारिक परिणाम के चलते रावण ने अपनी शिव आराधना में पारद शिवलिंग का ही प्रयोग किया था। इस बात की पुष्टि रुद्र संहिता में दिए गए श्लोकों के जरिए भी होती है।

9.पारद का शिवलिंग जितना चमत्कारिक है, इसे बनाने की प्रक्रिया भी बहुत अहम है। ये धातु ज्यादातर आदिवासियों के पास पायी जाती है। शिवलिंग को एक खास समय में तैयार किया जाता है, जिसे ‘विजयकाल’ कहा जाता है। बाद में अच्छा मुहूर्त देखकर शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई जाती है।

10.पारद का शिवलिंग बहुत शुभ फलदायी होता है। इसमें प्रत्येक सोमवार को पांच व सात बेलपत्र चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इससे व्यक्ति के जीवन में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं।

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संगमरमर नहीं बल्कि घर में रखें इस धातु का शिवलिंग, रातों-रात बदल जाएगी किस्मत

नई दिल्ली। ज्यादातर घरों में हम संगमरमर या पत्थर के बनें शिवलिंग रखते हैं, लेकिन क्या आपको पता है एक विशेष धातु के बने शिवलिंग की पूजा से मनचाही इच्छा पूरी हो सकती है। दरअसल इस धातु का नाम पारद है। ये एक पारदर्शी तत्व होता है, लेकिन ये ठोस होने के कारण चमकीला सफेद रंग का दिखता है। तो क्या है इस धातु से बनें शिवलिंग की खासियत आइए जानते हैं।

1.धन-धान्य की प्राप्ति एवं रुपए-पैसों की दिक्कत दूर करने के लिए पारद का शिवलिंग बहुत फलदायी होता है। क्योंकि ये ठोस धातु के रूप में होते हुए भी एक द्रव्य होता है। इसलिए इसे रसराज भी कहा जाता है। इसका निर्माण पारे को पिघलाकर उसे अन्य क्रियाओं के जरिए ठोस किया जाता है।

2.पुराणों में भी पारद शिवलिंग का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार पारद के शिवलिंग में साक्षात शिव का वास होता है। इसकी इसके पूजन से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

3.पारद शिवलिंग पवित्र होने के साथ बेहद चमत्कारिक भी है। तभी तो शिवलिंग को घर में लाने से आस-पास मौजूद सारी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। इससे घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। साथ ही समृद्धि आती है।

4.पारद का शिवलिंग दुर्भाग्य को भी मिटाने का काम करता है। यदि सोमवार को इसे घर लाया जाए व इसकी निष्ठा से पूजा की जाए तो भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। इससे व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। उसके बिगड़े काम बनने लगते हैं।

5.ये शिवलिंग जादू-टोने के असर की भी शक्तिशाली काट है। इसके पूजन करने वाले पर कभी भी नकरात्मक शक्तियां हावी नहीं हो पाती है। उसकी और उसके घर की रक्षा स्वयं महादेव करते हैं। इससे वास्तु से संबंधित दोष भी दूर होते हैं।

6.यदि कोई बीमार हो और इलाज के बावजूद सही नही हो रहा हो तो पारद के शिवलिंग का जल से अभिषेक करें। इसके बाद ये जल शिव जी की कामना करके रोगी को पिला दें। ऐसा करने से समस्या हल हो जाएगी।

7.ये शिवलिंग इतना प्रभावशाली है कि इसे घर में रखने से ये आपको अकाल मृत्यु से भी बचाएगा। दरअसल किसी व्यक्ति की कुंडली में अकाल मृत्यु का योग होने व किसी अनहोनी के होने से पहले ही पारद का शिवलिंग संकेत दे देता है। यदि आपका कोई बुरा करना चाहता है तो ये शिवलिंग अपने आप टूट जाता है।

8.पारद शिवलिंग इतना प्रभावशाली है कि इसके पूजन का फल पूरे 12 ज्योतिर्लिंगों के बराबर होता है। इसके चमत्कारिक परिणाम के चलते रावण ने अपनी शिव आराधना में पारद शिवलिंग का ही प्रयोग किया था। इस बात की पुष्टि रुद्र संहिता में दिए गए श्लोकों के जरिए भी होती है।

9.पारद का शिवलिंग जितना चमत्कारिक है, इसे बनाने की प्रक्रिया भी बहुत अहम है। ये धातु ज्यादातर आदिवासियों के पास पायी जाती है। शिवलिंग को एक खास समय में तैयार किया जाता है, जिसे ‘विजयकाल’ कहा जाता है। बाद में अच्छा मुहूर्त देखकर शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई जाती है।

10.पारद का शिवलिंग बहुत शुभ फलदायी होता है। इसमें प्रत्येक सोमवार को पांच व सात बेलपत्र चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इससे व्यक्ति के जीवन में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं।

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हरिहर काका के परिवार में कौन कौन थे उनकी आर्थिक स्थिति कैसी थी?

बड़े और छोटे भाई के लड़के काफ़ी सयाने हो गए हैं। दो की शादियाँ हो गई हैं। उनमें से एक पढ़-लिखकर शहर के किसी दफ्तर में क्लर्की करने लगा है, लेकिन हरिहर काका की अपनी देह से कोई औलाद नहीं। औलाद के लिए उन्होंने दो शादियाँ कीं, लेकिन बिना बच्चा जने उनकी दोनों पत्नियाँ स्वर्ग सिधार गईं।

हरिहर काका के परिवार में कौन कौन था?

हरिहर काका चार भाई हैं। सबकी शादी हो चुकी है। हरिहर काका के अलावा सबके बाल-बच्चे । बड़े और छोटे भाई के लड़के काफ़ी सयाने हो गए हैं।

3 हरिहर काका के परिवार के लोगों के व्यवहार के प्रति अपने विचार व्यक्त करके बताइए कि आप उनमें से एक होते तो क्या करते?

उनमें से पहला कारण था कि हरिहर काका लेखक के पड़ोसी थे और दूसरा कारण लेखक को उनकी माँ ने बताया था कि हरिहर काका लेखक को बचपन से ही बहुत ज्यादा प्यार करते थे। वे लेखक को अपने कंधे पर बैठा कर घुमाया करते थे। एक पिता का अपने बच्चों के लिए जितना प्यार होता है, लेखक के अनुसार हरिहर काका का उसके लिए प्यार उससे भी अधिक था।

हरिहर काका की अपने परिवार के सदस्यों से मोहभंग की शुरुआत किस प्रकार हुई क्या यह मोह भंग उचित था?

दालान के कमरे में अकेले पड़े हरिहर काका को स्वयं उठकर अपनी ज़रूरतों की पूर्ति करनी पड़ती। ऐसे वक्त अपनी पत्नियों को याद कर-करके हरिहर काका की आँखें भर आतीं। भाइयों के परिवार के प्रति मोहभंग की शुरुआत इन्हीं क्षणों में हुई थी।

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