Solution : इनामगांव में 3600 से 2700 साल पहले लोग रहते थे। वे अपनी आजीविका अनेक तरीकों से चलाते थे। उनके प्रमुख काम-धंधे निम्न प्रकार थे <br> (1) कृषि-इनामगांव में पुरातत्त्वविदों को गेहूँ, जौ, चावल, दाल, बाजरा, मटर और तिल के बीज मिले हैं। इससे स्पष्ट है कि वे ये सब फसलें उगाते थे <br> (2) आखेट एवं पशुपालन-कई जानवरों की हड्डियाँ भी मिली हैं। कई हड्डियों पर काटने के निशान से यह अंदाजा होता है कि लोग इन्हें खाते होंगे। गाय, बैल, भैंस, बकरी, भेड़, कुत्ता, घोड़ा, गधा, सूअर, साँभर, चितकबरा हिरण, कृष्ण-मृग, खरहा, नेवला, चिड़ियाँ, घड़ियाल, कछुआ, केकड़ा और मछली की हड्डियाँ भी पाई गई हैं <br> (3) संग्रहण-इनामगांव संग्रहण द्वारा भी भोजन का इंतजाम करते थे। वे बेर, आँवला, जामुन, खजूर और कई तरह की रसभरियाँ एकत्र करते थे
इनामगांव के लोग क्या धंधा करते थे?
(ग) ज़मीन पर गोले में लगाए गए पत्थर या चट्टान का काम करते थे। (घ) पोर्ट-होल का इस्तेमाल के लिए होता था। (ङ) इनामगाँव के लोग खाते थे।
पुरतत्व प्रमाण के आधार पर बतायें कि इनाम गांव के लोग क्या कम धंधा करते हैं?
प्राप्त वस्तुएं तथा शिल्पकृतियों की खुदाई
उपयुक्तता और समय सीमा के आधार पर अन्य कई तकनीकें भी उपलब्ध हैं।
लोग गांवों में रहना क्यों पसंद करते हैं?
आप एक शांतिपूर्ण और शांत जीवन जी सकते हैं
सड़क पर वाहनों और लोगों की भीड़ लगी रहती है। शोर हर जगह से आता है: यातायात शोर, औद्योगिक शोर, निर्माण भवन शोर, और आपके पड़ोसियों और रहने वाले क्षेत्र से शोर।
पुरातत्वविद कमरों में दफनाया गए लोगों के बीच सामाजिक अंतर का पता कैसे लगाते हैं?
उत्तर : पुरातत्त्वविद् दफ़नाए गए लोगों की कब्रों से प्राप्त वस्तुओं के आधार पर सामाजिक अंतर का पता लगाते हैं। जैसे-ब्रह्मगिरि में एक व्यक्ति की कब्र से 33 सोने के मनके और शंख पाए गए हैं, जबकि दूसरी कब्र के कंकाल के पास केवल मिट्टी के ही बर्तन मिले हैं। यह अंतर दफनाए गए लोगों की सामाजिक स्थिति में भिन्नता को दर्शाता है।