इतिहास लेखन की सबसे विकसित पद्धति
हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की प्रमुख पद्धतियाँ
April 6, 2022
हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की प्रमुख पद्धतियाँ हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की प्रमुख पद्धतियाँ चार रही हैं। साहित्य, समाज, विज्ञान, संस्कृति, भूगोल, मानव विकास आदि सभी क्षेत्रों इतिहास और विकास को समझने के लिए उसका विश्लेषण करना आवश्यक है। विश्लेषण करने वाले विद्वानों का पृथक-पृथक दृष्टिकोण होता है। साहित्येतिहास लेखन में भी साहित्येतिहासकारों … Read more
इतिहास लेखन की सबसे अविकसित पद्धति कौन सी है?
वर्णानुक्रमी पद्धति - यह इतिहास लेखन की सबसे अविकसित और भोंड़ी प्रणाली है। इसमें कृतिकारों का परिचय वर्णमाला के अक्षरक्रम से दिया जाता है। गार्सा -द-तासी और शिव सिंह सेंगर ने इसी पद्धति को अपनाया है।
इतिहास लेखन की प्रमुख पद्धतियां कौन सी है?
हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की चार पद्धतियाँ.
1 वर्णानुक्रम पद्धति इस पद्धति में रचनाकारों का विवरण उनके नाम के प्रथम वर्ण के क्रम से दिया जाता है। ... .
2 कालानुक्रमी पद्धति इसमें रचनाकारों का विवरण उनके काल; समयद्ध के क्रम से दिया जाता है। ... .
3 वैज्ञानिक पद्धति यह पद्धति के मुख्यतः शोध पर आधारित है। ... .
4 विधेयवादी पद्धति.
इतिहास लेखन की सबसे अविकसित पद्धति कौन सी है सही उत्तर के सामने V का निशान लगाएं?
इतिहास लेखन की सबसे अविकसित पद्धति कौन सी है सही उत्तर के सामने V का निशान लगाएं? इसे सुनेंरोकेंवर्णानुक्रम पद्धति- गार्सा द तासी व शिवसिंह सेंगर ने अपने ग्रंथो में इसी पद्धति का प्रयोग किया है, यह साहित्य इतिहास लेखन की सर्वाधिक दोषपूर्ण व प्राचीन पद्धति है।
इतिहास लेखन से आप क्या समझते हैं?
इतिहास-लेख या इतिहास-शास्त्र (Historiography) से दो चीजों का बोध होता है- (१) इतिहास के विकास एवं क्रियापद्धति का अध्यन तथा (२) किसी विषय के इतिहास से सम्बन्धित एकत्रित सामग्री। इतिहासकार इतिहासशास्त्र का अध्ययन विषयवार करते हैं, जैसे- भारत का इतिहास, जापानी साम्राज्य का इतिहास आदि।