2023 ज्येष्ठ महीना (Jyeshta month) हिन्दू कैलेंडर और पंचांग (विक्रम संवत 2080) | जानें वर्ष 2023 ज्येष्ठ मास के पर्व /त्यौहार , व्रत, उपवास, तिथि और नक्षत्र के बारे में | 2023 में ज्येष्ठ का महीना मई 6 को शुरू होता है और जून 4, 2023 को खत्म होता है|
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Change Date & Location Ujjain, Madhya Pradesh, India
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ज्येष्ठ 2023 के महीने में पड़ने वाले त्योहारों, व्रत, महत्वपूर्ण तीथि की सूची | For yearly panchang, go to Hindu Panchang 2023 →
06 Sat | नारद जयंती |
07 Sun | रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती |
08 Mon | संकष्टी गणेश चतुर्थी |
12 Fri | कालाष्टमी |
14 Sun | मातृ दिवस |
15 Mon | भद्रकाली जयंती , अपरा एकादशी , वृषभ संक्रांति |
17 Wed | प्रदोष व्रत , मास शिवरात्रि |
19 Fri | वट सावित्री व्रत , अमावस्या , शनि जयंती |
20 Sat | ग्रीष्म ऋतू , चंद्र दर्शन |
21 Sun | रोहिणी व्रत |
22 Mon | महाराणा प्रताप जयंती , सोमवार व्रत |
23 Tue | वरद चतुर्थी |
25 Thu | षष्टी |
26 Fri | शीतला षष्टी |
28 Sun | दुर्गाष्टमी व्रत , वृषभ व्रत , धूमावती जयंती |
29 Mon | महेश नवमी |
30 Tue | गंगा दशहरा |
31 Wed | निर्जला एकादशी |
01 Thu | प्रदोष व्रत |
03 Sat | सत्य व्रत , पूर्णिमा व्रत , सत्य व्रत , वैट सावित्री पूर्णिमा |
04 Sun | कबीर जयंती , देव स्नान पूर्णिमा , पूर्णिमा |
जेस्ट का महीना कब से लगेगा?
इस मास में सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती है. Jyestha Month 2022: वैशाख माह की समाप्ति के बाद ज्येष्ठ महीने की शुरुआत होती है. इस महीने में सूर्य का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और भीषण गर्मी शुरू हो जाती है. ज्येष्ठ का महीना 17 मई 2022 को शुरू होकर 14 जून 2022 को खत्म होगा.
ज्येष्ठ मास के बाद कौन सा महीना आता है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में 12 महीने होते हैं। इनका क्रम इस प्रकार है- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भादौ, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन।
जेठ का महीना कब उतरेगा?
इस महीने में सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल 17 मई 2022 से ज्येष्ठ का महीना शुरू होगा और 14 जून 2022 को खत्म होगा.
जेठ के बाद क्या आता है?
वर्ष 1947 में सावन महीने में, 1950 में आषाढ़, 1953 में बैसाख, 1955 में भादो, 1958 में भादो, 1961 में ज्येष्ठ, 1964 में चैत, 1969 आषाढ़, 1972 में बैसाख, 1974 में भादो, 1977 में , 1982 में ज्येष्ठ,1985 में सावन, 1988 में ज्येष्ठ, 1991 में बैसाख, 1993 में भादो, 1996 में आषाढ़, 1999 में ज्येष्ठ, 2001 में आश्विन, 2004 में ...