कौन सा कर्म करने से कौन सा जन्म मिलता है? - kaun sa karm karane se kaun sa janm milata hai?

  • जानें क्‍या कहती है कर्म थ्‍योरी

    इस जन्‍म में मनुष्‍य योन‍ि मिलने का अर्थ यह नहीं कि अगला जन्‍म भी इसी योन‍ि में मिलेगा। क्‍योंकि जीवन-मरण और अगला जन्‍म सबकुछ कर्मों के आधार पर ही तय होता है। लेकिन कई बार गल‍त कार्य करने वाले यह सोचते हैं कि कोई उन्‍हें देख नहीं रहा है। तो क्‍या समस्‍या है। इसी आधार पर कई बार लोग दूसरों को हान‍ि पहुंचाते हैं। कभी बेवजह क‍िसी की हत्‍या कर देते हैं तो कभी चौरी-डकैती या फिर अपनों के साथ धोखाधड़ी। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि इन सारे कर्मों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इनके आधार पर सियार, गिद्ध, सांप, गधा और कौंच योन‍ि में जन्‍म मिल सकता है। तो कर्म थ्‍योरी के आधार पर कौन से कर्म से कौन सी योन‍ि मिलती है। आइए जानते हैं….

  • इन्‍हें भोगना पड़ता है भयंकर नर्क

    कथा मिलती है कि एक बार महर्षि वेद-व्‍यास से ऋषियों ने पूछा कि किस कर्म से कौन सी योन‍ि में जन्‍म मिलता है? तब उन्‍होंने विस्‍तारपूर्वक बताया। वेद-व्‍यास जी ने बताया कि जो भी व्‍यक्ति पराई स्‍त्री के साथ संबंध बनाता है। उसे भयानक नर्क भोगना पड़ता है। इसके बाद एक के बाद एक अलग-अलग योन‍ियों में भटकना पड़ता है।

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  • ऐसे कर्म करने वाले बनते हैं भेड़‍िया

    महर्षि वेद-व्‍यास ने कहा क‍ि हर स्‍त्री का आदर करना चाहिए। कभी भी किसी भी स्‍त्री को परेशान नहीं करना चाहिए। अन्‍यथा ऐसा करने वाले सबसे पहले भेड़‍िए के रूप में जन्‍म लेते हैं। इसके बाद वह कुत्‍ता बनते हैं, फिर स‍ियार, गिद्ध, सांप, कौआ और बगुला बनते हैं। इन सभी योन‍ियों में जन्‍म लेने के बाद उसे मनुष्‍य योन‍ि में जन्‍म मिलता है।

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  • इस कर्म से बनते हैं छछूंदर

    वेद-व्‍यासजी ने बताया क‍ि चोरी करना हमेशा ही गलत है। फिर चाहे वह स्‍वर्ण हो या वस्‍त्र। इसके पर‍िणाम भुगतने ही पड़ते हैं। उन्‍होंने बताया क‍ि यद‍ि कोई व्‍यक्ति वस्‍त्रों की चोरी करता है तो वह अगले जन्‍म में तोता बनता है। वहीं सुगंध‍ित पदार्थों की चोरी करने वाले छछूंदर के रूप में जन्‍म लेता है। इसलिए कैसी भी पर‍िस्थिति हो लेकिन चोरी करने से सदैव ही बचना चाहिए।

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  • ऐसे कर्म करने वाले बनते हैं गधे

    महर्षि ने बताया कि यद‍ि कोई व्‍यक्ति किसी का कत्‍ल करता है तो यह जघन्‍य अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसा कर्म करने वाला अगले जन्‍म में गधा बनता है। लेकिन यद‍ि वह जिस शस्‍त्र से हत्‍या करता है उसी से उसकी भी हत्‍या हो जाए तो उसे मृग योन‍ि मिलती है। इसके बाद वह मछली, कुत्‍ता और बाघ बनता है। लेकिन इन योन‍ियों में भ्रमण करने के बाद वह मनुष्‍य योन‍ि में जन्‍म लेता है।

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  • ऐसे कर्म करने वाले बनते हैं मनुष्‍य

    वेद-व्‍यास जी ने बताया क‍ि जो व्‍यक्ति सदैव दूसरों की मदद करता है। पशु-पक्षी और अन्‍य जीवों पर दया करता है। जरूरतमंदों की मदद करता है और नि:स्‍वार्थ भावना से संच‍ित धन का उपयोग धार्मिक कार्यों में करता है तो ऐसे व्‍यक्ति अगले जन्‍म में मनुष्‍य योन‍ि में ही जन्‍म लेते हैं। साथ ही समाज में अच्‍छे कार्य करके दूसरों को लाभान्वित करते हैं। लेकिन धन के प्रति आसक्‍त मनुष्‍य अगले जनम में सांप योन‍ि में जन्‍म लेते हैं।

कौन सा कर्म करने से मिलता है स्त्री का जन्म?

मृत्यु के समय मनुष्य की आसक्ति जिस ओर होती है उसका जन्म उसी आसक्ति के आधार पर होता है। मान लीजिए अगर हम मृत्यु के समय स्त्री को याद करते-करते प्राण त्याग देते हैं तो हमारा अगला जन्म स्त्री के रुप में ही होगा।

कौन से कर्म करने से मनुष्य जीवन मिलता है?

हमारा सनातन धर्म भौतिक सुख के उपभोग को बुरा नहीं मानता पर इसका आधार धर्म होना चाहिए। धर्म का आचरण करने से छल कपट ईर्ष्या जेसे अनैतिक कर्म में मनुष्य लिप्त नहीं होगा और मेहनत से जो कमाया है उसी को हरि इच्छा समझ कर संतोष करेगा संतोष से परम सुख की प्राप्ति होगी।

मनुष्य का जन्म कैसे मिलता है?

ऐसे कर्म करने वाले बनते हैं गधे ऐसा कर्म करने वाला अगले जन्‍म में गधा बनता है। लेकिन यद‍ि वह जिस शस्‍त्र से हत्‍या करता है उसी से उसकी भी हत्‍या हो जाए तो उसे मृग योन‍ि मिलती है। इसके बाद वह मछली, कुत्‍ता और बाघ बनता है। लेकिन इन योन‍ियों में भ्रमण करने के बाद वह मनुष्‍य योन‍ि में जन्‍म लेता है।

स्त्री का जन्म क्यों हुआ?

किन्तु कई संदर्भो में यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी प्रयोग मे लाया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार। आम आनुवांशिक विकास वाली महिला आमतौर पर रजोनिवृत्ति तक यौवन से जन्म देने में सक्षम होती हैं। भारत की महिलायों के लिए सफ़ल होनें के आसान तरीके।

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