कोसी नदी का दूसरा नाम क्या है? - kosee nadee ka doosara naam kya hai?

कोसी

कोसी
Saptakoshi

स्थानCountryStateRegionCitiesभौतिक लक्षणनदीशीर्ष • स्थान • निर्देशांकनदीमुख

• स्थान

• निर्देशांक

लम्बाईजलसम्भर आकारप्रवाह • औसतजलसम्भर लक्षण

Bhote Koshi in Nepal during the dry season. It is one of the tributaries of Kosi River.

कोसी नदी एवं अन्य उत्तर भारतीय नदियाँ

Location of the mouth in India

China, नेपाल, भारत
Tibet Autonomous Region, Province No. 1, Bihar
Tibet, Province No. 1, Nepal, North-Central India, East India
Supaul, Purnia, Katihar
Sun Kosi, Arun and Tamor form Saptakoshi
Triveni, Nepal
26°54′47″N 87°09′25″E / 26.91306°N 87.15694°E
Ganges
near Kursela, Bihar, India
25°24′43″N 87°15′32″E / 25.41194°N 87.25889°Eनिर्देशांक: 25°24′43″N 87°15′32″E / 25.41194°N 87.25889°E
729 कि॰मी॰ (453 मील)
74,500 कि॰मी2 (8.02×1011 वर्ग फुट)
 
2,500 m3/s (88,000 घन फुट/सेकंड)

कोसी नदी या कोशी नदी नेपाल में हिमालय से निकलती है और बिहार में भीम नगर के रास्ते से भारत प्रज्वल में दाखिल होती है।[1][2] इसमें आने वाली बाढ से बिहार में बहुत तबाही होती है जिससे इस नदी को 'बिहार का अभिशाप(बिहार क शोक)'कहा जाता है।

इसके भौगोलिक स्वरूप को देखें तो पता चलेगा कि पिछले 250 वर्षों में 120 किमी का विस्तार कर चुकी है। हिमालय की ऊँची पहाड़ियों से तरह तरह से अवसाद (बालू, कंकड़-पत्थर) अपने साथ लाती हुई ये नदी निरंतर अपने क्षेत्र फैलाती जा रही है। उत्तरी बिहार के मैदानी इलाकों को तरती ये नदी पूरा क्षेत्र उपजाऊ बनाती है। नेपाल और भारत दोनों ही देश इस नदी पर बाँध बना चुके हैं; हालाँकि कुछ पर्यावरणविदों ने इससे नुकसान की भी संभावना जतायी थी।

यह नदी उत्तर बिहार के मिथिला क्षेत्र की संस्कृति का पालना भी है। कोशी के आसपास के क्षेत्रों को इसी के नाम पर कोशी कहा जाता है। Koshi

नाम[संपादित करें]

हिन्दू ग्रंथों में इसे कौशिकी नाम से उद्धृत किया गया है। कहा जाता है कि विश्वामित्र ने इसी नदी के किनारे ऋषि का दर्ज़ा पाया था। वे कुशिक ऋषि के शिष्य थे और उन्हें ऋग्वेद में कौशिक भी कहा गया है। सात धाराओं से मिलकर सप्तकोशी नदी बनती है जिसे स्थानीय रूप से कोसी कहा जाता है। महाभारत में भी इसका ज़िक्र कौशिकी नाम से मिलता है।

मार्ग[संपादित करें]

काठमाण्डू से एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए जाने वाले रास्ते में कोसी की चार सहायक नदियाँ मिलती हैं। तिब्बत की सीमा से लगा नामचे बाज़ार कोसी के पहाड़ी रास्ते का पर्यटन के हिसाब से सबसे आकर्षक स्थान है। अरुण, तमोर, लिखु, दूधकोशी, तामाकोशी, सुनकोशी, इन्द्रावती इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।

नेपाल में यह कंचनजंघा के पश्चिम में पड़ती है। नेपाल के हरकपुर में कोसी की दो सहायक नदियाँ दूधकोसी तथा सनकोसी मिलती हैं। सनकोसी, अरुण,प्रज्वल तमर नदियों के साथ त्रिवेणी में मिलती हैं। इसके बाद नदी को सप्तकोशी कहा जाता है। बराहक्षेत्र में यह तराई क्षेत्र में प्रवेश करती है और इसके बाद से इसे कोशी (या कोसी) कहा जाता है। इसकी सहायक नदियाँ एवरेस्ट के चारों ओर से आकर मिलती हैं और यह विश्व के ऊँचाई पर स्थित ग्लेशियरों (हिमनदों) के जल लेती हैं। त्रिवेणी के पास नदी के वेग से एक खड्ड बनाती है जो कोई 10 किलोमीटर लम्बी है। भीमनगर के निकट यह भारतीय सीमा में दाख़िल होती है। इसके बाद दक्षिण की ओर 260 किमी चलकर कटरिया,कुर्सेला के पास गंगा के साथ संगम करती है।जो त्रिमोहिनी संगम के नाम से जानी जाती है।

कोसी बाँध[संपादित करें]

कोसी नदी पर सन 1958 एवं 1962 के बीच एक बाँध बनाया गया। यह बाँध भारत-नेपाल सीमा के पास नेपाल में स्थित है। इसमें पानी के बहाव के नियंत्रण के लिये 52 द्वार बने हैं जिन्हें नियंत्रित करने का कार्य भारत के अधिकारी करते हैं। इस बाँध के थोड़ा आगे (नीचे) भारतीय सीमा में भारत ने तटबन्ध बनाये हैं।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • कोसी परियोजना

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Kosi Basin". Water Resources Information system of India. मूल से 1 June 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-04-07.
  2. Nayak, J. (1996). Sediment management of the Kosi River basin in Nepal. In: Walling, D. E. and B. W. Webb (eds.) Erosion and Sediment Yield: Global and Regional Perspectives. Proceedings of the Exeter Symposium July 1996. IAHS Publishing no. 236. Pp. 583–586.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • कोसी साहित्‍य(यहाँ कोसी अंचल में रचित साहित्‍य के बारे में पढ़ें)
  • कविता कोसी (हिन्दी ब्लॉग ; यहाँ कोसी नदी के बारे में बहुत विस्तृत जानकारी है।)

कोसी नदी का मूल नाम क्या है?

कोसी नदी का प्राचीन नाम कौशिकी है। इसे सप्त कोशी नाम से भी जाना जाता है। इसकी 7 सहायक नदियाँ हैं और नेपाल और बिहार से होकर बहती हैं। इसे बिहार के अभिशाप के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि वार्षिक बाढ़ उपजाऊ कृषि भूमि को प्रभावित करती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को परेशान करती है।

कोसी नदी को नेपाल में क्या कहा जाता है?

नेपाल के हरकपुर में कोसी की दो सहायक नदियाँ दूधकोसी तथा सनकोसी मिलती हैं। सनकोसी, अरुण,प्रज्वल तमर नदियों के साथ त्रिवेणी में मिलती हैं। इसके बाद नदी को सप्तकोशी कहा जाता है। बराहक्षेत्र में यह तराई क्षेत्र में प्रवेश करती है और इसके बाद से इसे कोशी (या कोसी) कहा जाता है।

कोसी नदी को बिहार का क्या कहा जाता है?

कोसी नदी को "बिहार का शोक" भी कहा जाता है।

कोसी कौन सी नदी है?

कोसी नदी बिहार के कटिहार जिले में गंगा में मिलती है। कोसी को बिहार के दुख के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इस क्षेत्र में बाढ़ का कारण बनता है। कोसी नदी को इसकी सात सहायक नदियों के कारण सप्तकोसी के नाम से भी जाना जाता है। कोसी नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ तामोर नदी, अरुण नदी और सूर्य कोशी, तमाकोशी नदी, लिच्छुकोला हैं।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग