किस वार को क्या नहीं खाना चाहिए? - kis vaar ko kya nahin khaana chaahie?

स्टोरी हाइलाइट्स

  • रविवार के दिन इन चीजों का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए
  • रविवार के दिन प्याज, लहसुन आदि खाना अशुभ माना जाता है
  • क्या है इसके पीछे की वजह

भगवान सूर्यदेव नवग्रह के प्रमुख माने जाते हैं. रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा के लिए बेहद ही शुभ माना जाता है. इस दिन सूर्यदेव की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति का आगमन होता है और शत्रुओं का नाश होता है. प्रातःकाल में सूर्यदेव की पूजा करके सूर्यनमस्कार करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में खुशियां आती हैं. पर क्या आप जानते हैं रविवार के दिन कुछ चीजों का सेवन करने से सूर्यदेव नाराज हो सकते हैं. तो आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में....

हिंदू धर्म के अनुसार सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार हैं. इन सात घोड़ों को इंद्रधनुष के सात रंगों से जोड़कर देखा जाता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्यदेव का स्वभाव गर्म है. ज्योतिष के अनुसार, सूर्य आत्मा, इच्छा-शक्ति, प्रसिद्धि, आँखें, सामान्य जीवन शक्ति, साहस, राजसत्ता, पिता और परोपकार की विशेषता रखते हैं.

मसूर
मसूर में प्रोटीन की बहुत अधिक मात्रा होती है, जो मांस में पाए जाने वाली मात्रा से अधिक है. इसलिए इसे 'देव भोग' के रूप में चढ़ाने की मनाही है.

लाल साग
रविवार के दिन लाल साग खाना अशुभ माना गया है क्योंकि इस तरह के मिश्रित अल्पकालिक बारहमासी पौधे को वैष्णव धर्म में मृत्यु का प्रतीक माना गया है.

लहसुन
हालांकि, लहसुन ब्लड प्रेशर को संतुलित करने के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन रविवार को इसका सेवन करने से बचना चाहिए. क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लहसुन को अशुभ माना गया है.

मछली
मछली प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स होती है. मछली एक मांसाहारी भोजन है. इसलिए रविवार को इसे खाने से बचना चाहिए.

प्याज
प्याज सेहत के लिए खाना अच्छा माना जाता है पर रविवार के दिन इसका सेवन सूर्यदेव को क्रोधित कर सकता है.

क्या है इसके पीछे का कारण?
धार्मिक कथाओं के अनुसार गोमेध यज्ञ में गाय की बलि को एक अनुष्ठान माना जाता था. एक बार एक ऋषि गोमेद यज्ञ करने वाले थे, जिसमें उन्होंने एक गाय की बलि दी. चूंकी लंबे समय से ऋषि और उनकी पत्नि फल और कंदमूल पर रह रहे थे, तो उनकी पत्नि से भूख सहन नहीं हुई और उन्होंने खाना पकाने के लिए मृत गाय के शरीर से एक टुकड़ा काटने का फैसला किया. जब ऋषि की पत्नी मांस की गंध को सहन नहीं कर पाई तो उसने उस टुकड़े को जंगल में फेंक दिया. यह टुकड़ा बाद में दो हिस्सों में बंट गया था. इसके बाद शाम के समय जब ऋषि ने गाय को पुनर्जीवित किया तो जंगल में फेंका गया टुकड़े में जान आ गई. जमीन पर गिरे मांस का पहला हिस्सा लहसुन में बदल गया और दूसरा हिस्सा जो तालाब में गिरा वह मछली बन गया. जमीन पर गिरी खून की बूंदें लाल मसूर बन गईं, त्वचा प्याज में बदल गई और हड्डी लाल साग में बदल गई. इसलिए कहा जाता है कि रविवार के दिन इन चीजों को खाना अशुभ माना जाता है.

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हिन्दू धर्म शास्त्रों में तिथि के आधार पर आहार का सेवन करने का विधान बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि किस तिथि को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। तो आइए जानें किस तिथि पर कौनसा आहार वर्जित माना गया है।

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1- पेठा

प्रतिपदा को पेठा खाना वर्जित माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि प्रतिपदा तिथि को पेठा ने से धन का नाश होता है।

2. छोटा बैंगन व कटहल

द्वितीया को छोटा बैंगन व कटहल का सेवन करना वर्जित बताया जाता है।

3. परमल का सेवन

तृतीया को परमल का सेवन करना वर्जित माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि तृतीया तिथि के दिन परमल का सेवन करने से शत्रुओं की वृद्धि होती है।

4. मूली

हिन्दू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि के दिन मूली का सेवन करना वर्जित होता है, इस दिन इसका सेवन करने से धन हानि होती है।

5. बेल

ऐसा बताया जाता है कि पंचमी तिथि के दिन बेल खाने से अपयश की प्राप्ति होती है। इसलिए पंचमी तिथि को बेल नहीं खाना चाहिए।

6. नीम की पत्ती और दातुन

षष्ठी तिथि को नीम के पत्ते खाना और नीम की दातुन से दांत साफ करना वर्जित होता है। इस दिन नीम की पत्ती सेवन करने से तथा नीम की दातुन से दांत साफ करने पर जीवात्मा को नीच योनि की प्राप्ति होती है।

7. ताड़

सप्तमी तिथि को ताड़ का फल सेवन करना वर्जित होता है। ऐसा बताया जाता है कि इस दिन इस फल का सेवन करने से व्यक्ति को गंभीर रोग होने की संभावना रहती है।

8. नारियल

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अष्टमी तिथि के दिन नारियल खाना वर्जित होता है। ऐसा माना जाता है कि अष्टमी तिथि पर नारियल खाने से व्यक्ति की बुद्धि का विनाश हो जाता है।

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9. लौकी

ऐसा माना जाता है कि नवमी तिथि के दिन लौकी खाना वर्जित होता है। ऐसा मानस जाता है कि नवमी तिथि के दिन लौकी का सेवन गौमांस का सेवन करने के बराबर है।

10. कलंबी

हिन्दू पंचांग के अनुसार दशमी तिथि के दिन कलंबी नहीं सेवन करना चाहिए। इसे इस दिन वर्जित माना जाता है।

11. सेम फली और चावल

एकादशी के दिन सेम की फली और चावल का सेवन ना तो करना चाहिए और ना ही अपने घर में पकाना चाहिए।

12. पु‍तिका (पोई)

द्वादशी तिथि के दिन (पोई) पु‍तिका का सेवन करना वर्जित माना जाता है।

13. बैंगन

हिन्दू पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि के दिन सनातन धर्म के मानने वाले लोगों को बैंगन का सेवन करना वर्जित होता है।

14. तिल का तेल, लाल रंग का साग

अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि, कोई भी सक्रांति के दिन, चतुर्दशी और अष्टमी तथा रविवार व पितृों के श्राद्ध वाले दिन एवं किसी भी व्रत वाले दिन व्यक्ति को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करने से परहेज करना चाहिए।

15. अदरक

रविवार के दिन अदरक के सेवन करने से परहेज करना चाहिए।

16. कार्तिक मास में बैंगन का सेवन करना व मार्गशीष के महीने में मूली का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।

17. किसी भी स्थिति में अंजली से और खड़े होकर जल कभी नहीं पिएं। ऐसा करने से जोड़ों में दर्द की संभावना रहती है।

18. जिस भोजन को पकाते समय लड़ाई-झगड़ा हुआ हो, जिस भोजन के ऊपर से कोई व्यक्ति निकल गया हो वह राक्षस का भोजन होता है। इसलिए ऐसे भोजन को नहीं खाना चाहिए।

19. जो व्यक्ति लक्ष्मी प्राप्त करना चाहते हैं और उन्हें अगर भरपूर धन की लालसा है तो उन्हें रात्रि के दौरान दही और सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए।

किस दिन क्या नहीं खाना चाहिए?

अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति, चतुर्दशी और अष्टमी, रविवार श्राद्ध एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है। 15. रविवार के दिन अदरक भी नहीं खाना चाहिए। 16.

सप्ताह में किस दिन क्या खाना चाहिए?

हम आपको बता रहे हैं कि किस किन क्या खाना चाहिए जिससे ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव आप पर न पड़े..
सोमवार: सोमवार के दिन चीनी नहीं खानी चाहिए. ... .
News Reels..
मंगलवार: मंगलवार का दिन मंगल ग्रह का है. ... .
बुधवार : बुधवार का दिन बुध ग्रह से जुड़ा है. ... .
गुरुवार: गुरुवार को बृहस्पति महाराज की पूजा भी की जाती है..

प्रतिपदा को क्या नहीं खाना चाहिए?

प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। द्वितीया को बृहती (छोटा गन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।

किस दिन क्या क्या खाना चाहिए?

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, रविवार को मसूर की दाल, अदरक या फिर कोई लाल रंग का भोज्‍य पदार्थ नहीं खाना चाहिए। मान्‍यताओं के अनुसार, रविवार को चने की दाल और मूंग की दाल खाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और आप स्‍वस्‍थ भी रहते हैं।

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