किसी वस्तु में भार क्या होता है? - kisee vastu mein bhaar kya hota hai?

किसी वस्तु का भार सुनने हो जाता है पहला ध्रुव पर दूसरा भूमध्य रेखा पर तीसरा है पहाड़ पर और चौथा है पृथ्वी के केंद्र पर यहां पर दे कर दो तो किसी वस्तु का भार भार का सूत्र क्या होता है डब्ल्यू = एमजी के दोस्तों एम किसको बता रहा है द्रव्यमान को ठीक है जी यहां पर क्या है दूसरी तरफ देखे तो उसको वस्तु में कुछ ना कुछ बाहर तो रहेगा ही तो यहां पर द्रव्यमान क्या है कि निश्चित राशि है ठीक है जब वस्तुत सामान्य जाति में तो एम निश्चित रहता है तो जग डब्लू जो है मुख्य रूप से जी पर निर्भर कर रहा है गुरुत्व वितरण पर ठीक है तो अगर दूध वितरण सुनने हो जाएगा दोस्तों तो बाहर भी सुनने हो जाएगा ठीक है तो अब यह ग्रुप वितरण जो सूर्य कहां होता है दोस्तों यह ऑप्शन दिए दोस्तों तो इसका जो सही उत्तर है दोस्तों ठीक है सही उत्तर निकालने के लिए देखिए पृथ्वी का

कुर्ती तरण है ठीक है उसका गहराई के साथ क्या संबंध मिलता है ठीक है देखिए दोस्तों पृथ्वी का जोगूर्त वितरण है वगैरह एक साथ कैसे परिवर्तित होता है इसका सूत्र होता है जी देश बराबर जी एक्रेज बटा आर ठीक है तो तू यहां पर झूठ क्या बता रहे तू गीत जो है एच गहराई पर आना पृथ्वी से एक गहराई पर गुरुत्वीय त्वरण का मान बता रहा है ठीक है यह पृथ्वी सतत है ना दोस्तों पृथ्वी 87 क्या बता रहा है पृथ्वी सतह पर गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी सतह पर वितरण एक वही गहराई को बता रहा है आज क्या है बता रही है त्रिज्या को आप देखिए दोस्तों जी देश का मान जीरो करना है ठीक है जी देश का मान जीरो कहां मिलेगा तो यहां पर जीपीएस की जगह जीरो रख देते हैं श्री 1 बटा

आरती के दो तो यहां से क्या हो जाएगा तो जीरो बटा जी ए थ्री डेज बट r0g मतलब जीरो है एक रेड इनवर्टर इनवर्टर को इधर ले जाते हैं पर धनात्मक हो जाएगी इधर एक है तो एज बराबर क्या मिला दोस्तों इसका मतलब क्या दोस्तों एक गहराई मतलब पृथ्वी सतह से जरायम नीचे जाते हैं तो जब वह पृथ्वी की त्रिज्या के बराबर हो जाएगा तब हमको गुरुचरण का मान मिलेगा ठीक है इसका मतलब क्या दोस्तों जब केंद्र पर पहुंच जाएगा पृथ्वी के केंद्र पर पहुंच जाएगा ना तब वह हमको क्या मिलेगा जी का मानसून ने मिलेगा दोस्तों ठीक है तो यहां पर हमारा कौन सा ऑप्शन आ जाएगा तो तुझे चौथा ऑप्शन है पृथ्वी के केंद्र पर जो है वस्तु का भार सुनो जाता क्योंकि मां कुंती कर्ण का मान भी सुनने हो जाता है धन्यवाद

हेलो दोस्तो हमारे पास एक प्रश्न है जिसमें कुछ है क्या किसी वस्तु के भार से क्या तात्पर्य है तो आइए समझते हैं कि किसी वस्तु का भार होता क्या है तो वस्तु का भार हम बोल सकते हैं किसी वस्तु का भार उस पर कार्य करने वाले गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव के कारण होता है अगर इन शब्दों को हम एक उदाहरण के माध्यम से समझे तो हम बोल सकते हैं तो हम मान लेते हैं यह m1 M2 द्रव्यमान के दो प्रिंटर तो जब यह दो अपन दोनों एक दूसरे को आकर्षित करेंगे तो इन के मध्य एक बल कार्य करेगा इन के मध्य होने वाला आकर्षण के कारण एक बल कार्य करेगा इस बल को हम कौन सा रूप देंगे इस बल को हम गुरुत्वाकर्षण बल बोलेंगे और जब इन दोनों तीनों में से कोई एक पेड़ पृथ्वी हो मालिक यह नीचे वाला पिंड पृथ्वी होगा तो इस प्रकार के गुरुत्वाकर्षण बल को हम गुरुत्व का नाम देंगे क्योंकि हमें पता है कि जो बल होता है उसे हम एस बराबर

के रूप में गणना की जाती है जहां एक वस्तु पर कार्य करने वाला बल होता है एम वस्तु का द्रव्यमान होता है और त्वरण होता है इसी प्रकार अगर हम कार्य का रूप लिखे जाने के भार का रूप लिखें तो हम लिख सकते हैं बाहर बराबर होता है डब्ल्यू = एमजी के रूप में क्योंकि यहां ए जो है वह स्वयं को दर्शा रहा है और डब्लू जो है वह गुरु स्वयं को दर्शा रहा है क्योंकि रितु धर्म को दर्शा रहा है क्योंकि हम भी जाना किसी वस्तु का भार उस पर कार्य करने वाले गुरुत्वाकर्षण बल पर निर्भर करता है अगर इन दोनों पिंटू के मध्य कार्य करने वाला बल्ब गुरुत्वाकर्षण बल होगा और यदि इन दोनों में से कोई एक भी नगर पृथ्वी होगा तो उसे हम बृत्व के रूप में जानते हैं इस कारण हम बाहर को डब्ल्यू बराबर एमसी के रूप में गणना करते हैं जहां जी गुरु को दर्शाता है जो कि भाड़ के अनुसार अगर हम देखें तो हम लिख सकते हैं कि किसी वस्तु का भार सूली हो सकता है यदि

उस पर कोई बाहरी बल कार्य ना करो जैसे कि अगर हम वस्तु को यानी कि बाहर को किस रूप में लिख सकते हैं डब्ल्यू = एमजी के रूप में लिखते हैं यदि इस पर गुरुत्वाकर्षण बल यानी कि गुरुत्व कार्य न करता हो तो वस्तु का भार हम क्या लिख सकते हैं हमें सुनने प्राप्त हो सकता है तो इस अवस्था में हूं बोल सकते कि बाहर हमें सुनने भी प्राप्त हो सकता है तो यह हमारे प्रश्न का उत्तर है धन्यवाद

भौतिकी में किसी वस्तु पर पृथ्वी द्वारा लगाऐ गऐ गुरूत्वाकर्षण बल के मान को ही भार कहते हैं, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण लगभग समान होता है, इसलिए किसी वस्तु का भार उसके द्रव्यमान के अनुपाती होता है किसी लिफ्ट में बैठे हुए व्‍यक्ति को अपना भार कब अधिक मालूम पड़ता है – जब लिफ्ट त्‍वरित गति से ऊपर जा रही हो एक व्‍यक्ति पूर्णत: चि‍कने बर्फ के क्षैतिज समतल के मध्‍य में विराम स्थिति में है। न्‍यूटन के किस/किन नियम/नियमों का उपयोग करके वह अपने आपको तट तक ला सकता है – तीसरा गति नियम 20 किलोग्राम के वजन को जमीन के ऊपर 1 मीटर की ऊँचाई पर पकड़े रखने के लिए किया गया कार्य है – शून्‍य जूल एक व्‍यक्ति एक दीवार को धक्‍का देता है, पर उसे विस्‍थापित करने में असफल रहता है, तो वह करता है – कोई भी कार्य नहीं पहाड़ी पर चढ़ता एक व्‍यक्ति आगे की ओर झुक जाता है, क्‍योंकि – शक्ति संरक्षण हेतु पीसा की ऐतिहासिक मीनार तिरछी होते हुए भी नहीं गिर‍ती है, क्‍योंकि – इसके गुरूत्‍वकेन्‍द्र से जाने वाली ऊर्ध्‍वाधर रेखा आधार से होकर जाती है एक ऊँची इमारत से एक गेंद 9.8 मी/सेकण्‍ड2 के एकसमान त्‍वरण के साथ गिरायी जाती है। 3 सेकण्‍ड के बाद उसका वेग क्‍या होगा – 29.4 मी/से एक वस्‍तु का द्रव्‍यमान 100 किग्रा है (गुरूत्‍वजनित ge = 10ms-1) अगर चन्‍द्रमा पर गुरूत्‍वजनित त्‍वरण ge/6 है तो चन्‍द्रमा में वस्‍तु का द्रव्‍यमान होगा – 100 किग्रा पावर (शक्ति) का SI मात्रक ‘वाट’ (watt) किसके समतुल्‍य है – किग्रा मी -2 से -3 भारहीनता की अवस्‍था में एक मोमबत्‍ती की ज्‍वाला का आकार – वही रहेगा एक केशनली में जल की अपेक्षा एक तरल अधिक ऊँचाई तक चढ़ता है, इसका कारण है – तरल का पृष्‍ठ तनाव जल की अपेक्षा अधिक है गुरूत्‍वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम का प्रतिपादन किसने किया – न्‍यूटन ऊर्जा संरक्षण का आशय है कि – ऊर्जा का न तो सृजन हो सकता है और न ही विनाश

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