कश्यप कौन जाति में आते हैं? - kashyap kaun jaati mein aate hain?

कश्यप भारत में किसानों का समुदाय हैं। कश्यप भारत की एक जाति है। इनको कई स्थानों पर कोश्यल अथवा कंशिल्य भी कहा जाता है। कश्यप जाति मुख्य रूप से हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान मे निवास करती है ये जाति उत्तर भारत मे अधिकांश में संख्या में है,जिन्हे कश्यप,खरवार, कहार, गौड़, निषाद, इत्यादि नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश में ये जाति ओबीसी में आती है। कश्यप जाति पुरातन युग मे समृद्ध थी।

सन्दर्भ

डेविड एमैन्युअल सिंह (2012). Islamization in Modern South Asia [आधुनिक दक्षिण एशिया में इस्लामीकरण] (अंग्रेज़ी में). वाल्टेर डी ग्रुयेतर. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781614512462. मूल से 10 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितंबर 2018.

हिंदी न्यूज़कश्यप समाज ने अनुसूचित जाति के लिए गुहार

कश्यप समाज ने अनुसूचित जाति के लिए गुहार

सासनी। प्रदेश में कश्यप, निषाद, केवट, मल्लाह, धीमर समाज से जुड़ी 57 जातियों में सात जातियों को पहले ही अनुसूचित जाति में दर्ज किया जा चुका है। इसके बाद समाज से जुड़ी अन्य 17 जातियों को प्रस्ताव में...

लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 05 Feb 2014 11:27 PM

सासनी। प्रदेश में कश्यप, निषाद, केवट, मल्लाह, धीमर समाज से जुड़ी 57 जातियों में सात जातियों को पहले ही अनुसूचित जाति में दर्ज किया जा चुका है। इसके बाद समाज से जुड़ी अन्य 17 जातियों को प्रस्ताव में जोड़ने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा जा चुका है। देश के दूसरे देशों में इसी प्रकार दोहरी अनुसूचित अधिसूचित होने के कारण जातियां स्व जातियां आरक्षण अधिकारों से वंचित हैं तथा शैक्षिक सामाजिक आर्थिक, रोजगार व राजनीतिक क्षेा में बहुत पिछड़ी हैं अपने साथ होने अन्याय को लेकर कश्यप, तुरैहा, मल्लाह आदि समाज के लोगों ने गांव सुसायत कलां में पूर्व ग्राम प्रधान सुरेश चन्द्र तुरैहा के आवास पर उन्हीं की अध्यक्षता में एक बैठक आहूत की।

बुधवार को की गई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि समाज से जुड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में जोडने की मांग पिछले लगभग बीस वषों से की जा रही है। फिर भी केन्द्र सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगी है। वक्ताओं ने कहा िकवह अपनी बात को लेकर कश्यप निषाद आदिवासी सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद नरेन्द्र कश्यप के नेतृत्व में आठ फरवरी को भारी संख्या में पिछड़ी जाति से हटाकर अनुसूचित जाति में शामिल करने की आवाज उठाएंगे।

जिसके लिए दिल्ली जंतर-मंतर व इंण्डिया गेट पर एक दिवसीय धरना पदर्शन करेंगे। बैठक में समाज के लोगों से एकजुट होकर धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए अपील की गई। बैठक में भाईचारा कमैटी जिलाध्यक्ष संजय कश्यप, राम कुमार तुरैहा, लक्ष्मीनारायण तुरैहा, नवरत्न सिंह तुरैहा, ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान रामजीलाल कश्यप, राजेन्द्र प्रसाद तुरैहा, कालीचरण कश्यप, रामदास तुरैहा, लटूरी सिंह, कशिन प्रधान हेतराम कश्यप, राम कशिन कश्यप, राम शरण तुरैहा, आदि रहे।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बसपा से निष्कासित पूर्व सांसद नरेंद्र कुमार कश्यप अब कश्यप जाति समेत 17

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बसपा से निष्कासित पूर्व सांसद नरेंद्र कुमार कश्यप अब कश्यप जाति समेत 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल कराने के लिए धरना करेंगे। 30 सितंबर को कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन कर आंदोलन की शुरुआत भी करेंगे। कश्यप ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि वह 21 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। एक प्रश्न के जवाब में कश्यप ने कहा कि सरकारों ने हमेशा इस मुद्दे को नजरअंदाज किया।

कश्यप समेत 17 ओबीसी जातियों को उपेक्षा के चलते न्याय नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मझवार, तुरैहा, जातियां अनुसूचित जाति एवं गौंड जाति अनुसूचित जाति की सूची में अंकित है। लेकिन इन जातियों की पर्यायवाची जातियां व अन्य पिछड़ी जातियां कश्यप, निषाद, कहार, केवट, मल्लाह, कुम्हार, प्रजापति, धीमर, ¨बद, भर, राजभर, पिछड़ी जातियों की सूची में अंकित है। इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कराने के लिए लंबे संघर्ष के बाद भी स्थान नहीं मिल सका है। संघर्ष का नतीजा रहा कि पांच अप्रैल को महर्षि कश्यप निषाद राज जयंती पर सपा सरकार ने अवकाश की घोषणा कर दी। अब पांच अप्रैल को राष्ट्रीय अवकाश घोषित कराने के लिए संघर्ष किया जाएगा। दोबारा बसपा में जाने के प्रश्न पर कहा कि पार्टी में उनकी आज भी आस्था है। मौका मिलेगा तो वह अवश्य ही पार्टी में जाएंगे। लेकिन संघर्ष चलता रहेगा। 30 सितंबर को होने वाला धरना प्रदर्शन काफी बड़ा होगा। इसमें लाखों लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। इस मौके पर पवन कश्यप, विजयपाल कश्यप, रामबीर कश्यप प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

आज हम इस पेज के माध्यम से “कश्यप गोत्र” के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं, Kashyap Gotra Kya Hai ? प्राचीन समय में Kashyap Gotra का क्या महत्व था।

चलिए जानते हैं “कश्यप गोत्र” के बारे में हिंदी में।

About Kashyap Gotra Rajput :

भाषा हिंदी, अंग्रेजी
मूल के क्षेत्र उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लद्दाखी
अन्य नाम मेहरा , मेहरा राजपूत
संबंधित नाम कश्यप मेहरा , मेहरा , मेहरा राजपूत , राजपूत कोश्याल कांशिल्या

Kashyap गोत्र उन ब्राह्मणों के 8 गोत्र में से एक है, जिसमे कश्यप गोत्र शामिल है। कश्यप गोत्र के लोगों को कोश्याल या कांशिल्या भी कहा जाता था। शायद आपको मालूम ना हो Kashyap हिंदू धर्म में सबसे प्राचीन है

जिन ब्राह्मणों को अपने गोत्र के बारे में कोई भी ज्ञान नहीं होता था वह कश्यप गोत्र के मान लिया जाता था।

कश्यप कौन होते हैं ?

चंद्रवंश, सूर्यवंश और अग्निवंश जैसे सभी वंश मूल रूप से कश्यप वंश के है। कश्यप कुल 8 ब्राह्मणों में से हैं जिसमें kashyap भी है kashyap Gotra का विशेष महत्व है यह भी कहा कि अधिकतर लोग कश्यप ही है।

जो ब्राह्मणों की जाति व्यवस्था होती है वह गौतम नाम से संबंधित होते हैं। इसलिए आपने देखा होगा अधिकतर ब्राह्मणों के गोत्र उनके जीवन से जुड़ा हुए होते है।

कश्यप गोत्र का इतिहास हिंदी में :

जैसा कि हमने बताया कश्यप जाति मूल रूप से ब्राह्मणों में 8 में से एक है, जिसे कश्यप नाम दिया गया है।भारतीय में कश्यप राजपूत महासभा में एक समूह ने इसकी स्थापना ब्रिटिश सरकार ने 1941 में लिखने से पहले यानी जनगणना के पहले की गई थी।

ताकि जनगणना अधिकारियों को जाति को किसी अन्य नाम के बजाय कश्यप राजपूत के रूप में दर्ज करने की पैरवी की जा सके।

कश्यप समुदाय के बारे में :

सन 2013 में यह प्रस्ताव थे कि राज्य में जितने भी कश्यप जाति के लोग हैं वह संबंधित समुदाय हैं भारत में सकारात्मक भेदभाव प्रणाली के तहत अनुसूचित जाति के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया जाना जरूरी था।
सन 2014 में भारतीय आम चुनाव में क्या एक गहरा मुद्दा था

यह प्रस्ताव वोटबैंक की राजनीति से जुड़ा हुआ है अदालतों ने भी इस पर रोक लगा दी अंत में भारत सरकार ने भी इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

Kashyap Gotra List In Hindi – कश्यप गोत्र लिस्ट –

कश्यप गोत्र के लोग ब्राह्मण भी होते हैं, राजपूत भी माने जाते हैं, कश्यप जाति प्राचीन समय और विशिष्ट ब्राह्मण की है। कश्यप ऋषि प्राचीन समय में महान ऋषियों में से एक थे।

कश्यप जाति राजपूतों की Caste है। जो हरियाणा राज्य, पंजाब और उत्तर प्रदेश में रहते हैं।

Kashyap Caste पर जानकारी हिंदी में :

Kashyap राजपूत या कश्यप यह भारत की जाति है। कश्यप जाति के लोग शैव धर्म के लोग का पालन करते हैं यदि बात करें प्राचीन काल की, तो कश्यप राजपूत बहुत महत्व रखते थे।

क्योंकि इतिहास में पढ़ा गया है कि प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यताओं में यह कश्यप जाति गोत्र पूर्वज थे।

“कश्यप कास्ट” अधिकतर सि धर्म और बौद्ध धर्म में पाए जाते हैं।

Kashyap Gotra Kuldeviकश्यप गोत्र की कुलदेवी कौन है ?

“कश्यप गोत्र” प्राचीन काल में बहुत महत्व रखते थे। प्राचीन समय में “Kashyap Rishi” की पत्नी अदिती को, Kashyup Gotra Ki Kuldevi कहा गया है। “अदिति” राजा दक्ष की पुत्री थी। राजा दक्ष की अपनी 17 पुत्रियां थी और उन्होंने सभी का विवाह ऋषि कश्यप से किया था

कश्यप ऋषि की सबसे पहली पत्नी अदिति ही थी, जो सभी पुत्रियां में सबसे बड़ी थी।

Kashyap Caste की उपजाति के बारे में :

उत्तर प्रदेश राज्य में व्यवसाय से जुड़े हुए Caste जिनकी यह उपजातियाँ है :

  • धीमर
  • दिनवार
  • गरिया
  • गौर
  • गोडिया
  • गोंड
  • गुरिया
  • झिमार
  • झिर
  • झिनवार
  • झिवार
  • कहार
  • केवट
  • खरवार
  • खैरवार,
  • कश्यप
  • राजपूत,
  • मेहरा
  • मेहरा
  • राजपूत
  • मखुआ
  • माझी
  • मझवार
  • प्रजापति
  • राजभर
  • तुराह
  • तुरा मेहरा

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FAQs About Kashyap Gotra Meaning In Hindi :

Q1. कश्यप की कितनी जातियां होती है ?

Ans : 57 जातियां होती है।

Q2. कश्यप जाति कौन सी कैटेगरी में आती है ?

Ans: कश्यप जाति OBC से आती है

Q3. कश्यप में कितने गोत्र होते हैं?

Ans : कश्यप ब्राह्मणों के आठ प्राथमिक गोत्रों (कुलों) में से एक है, जो Kashyup से लिया गया है, जो एक ऋषि का नाम है, जिनसे गोत्र ब्राह्मणों का वंशज माना गया है।

Q4. कश्यप कौन सा धर्म है?

Ans : कश्यप HINDU धर्म है

Q5. कश्यप गोत्र का मतलब क्या होता है ?

Ans : जो व्यक्ति अपना गोत्र नहीं जानते थे वह सही कश्यप कहलाते थे।

कश्यप कौन से कास्ट के होते हैं?

कश्यप जाति मुख्य रूप से हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान मे निवास करती है ये जाति उत्तर भारत मे अधिकांश में संख्या में है,जिन्हे कश्यप,खरवार, कहार, गौड़, निषाद, इत्यादि नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश में ये जाति ओबीसी में आती है।

दुर्लभ कश्यप कौन सा कास्ट का है?

दुर्लभ कश्यप की कास्ट ब्राह्मण थी ।

कश्यप जाति की उत्पत्ति कैसे हुई?

कश्यप राजपूत सिक्ख, शैव व बौद्ध धर्म में पायें जाते हैं। इतिहास कश्यप समाज का इतिहास हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रथम चक्रवर्ती सम्राट हिरण्याक्ष इसी वंश में हुआ करते थे। कश्यप वंश से ही सूर्यवंश, इक्ष्वाकु वंश, व रघुवंश (जो बाद में अलग हो गए) की उत्पत्ति हुई हैं।

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