कृत्रिम चुंबक कितने प्रकार की होती है? - krtrim chumbak kitane prakaar kee hotee hai?

चुंबक एक ऐसी सामग्री या वस्तु है जो चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। यह चुंबकीय क्षेत्र अदृश्य है लेकिन चुंबक की सबसे उल्लेखनीय संपत्ति के लिए जिम्मेदार है – एक बल जो लोहे, स्टील, निकल, कोबाल्ट इत्यादि जैसे अन्य लौह चुंबकीय सामग्री को खींचता है और अन्य चुंबकों को आकर्षित या पीछे हटा देता है।

चुंबक किसे कहते हैं?

“वह पदार्थ, जिसमें लौह व लौहयुक्त धातुओं को अपनी ओर खींचने एवं धागे में बांधकर लटकाने पर उत्तर-दक्षिण दिशा को दर्शाने के गुण उपस्थित हो, उसे चुंबक (Magnet) कहते हैं।

Table of Contents

  • चुंबक किसे कहते हैं?
  • चुंबक के प्रकार
  • 1.प्राकृतिक चुंबक किसे कहते हैं? (Natural Magnet)
  • 2.कृत्रिम चुंबक किसे कहते हैं? (Artificial Magnet)
  • (i)स्थायी चुंबक किसे कहते हैं? (Permanent Magnet)
  • (ii)अस्थायी चुंबक किसे कहते हैं? (Temporary Magnet)
  • चुंबक के गुण
  • चुंबक का आण्विक सिद्धांत
  • चुंबक बनाने का तरीका
  • 1.स्पर्श विधि
  • 2.इलेक्ट्रिकल करंट विधि
  • चुंबक का उपयोग
Chumbak kise kahate hain

आज से लगभग 2,000 वर्ष पूर्व मैग्नीशिया नामक स्थान पर कत्थई रंग के पत्थर के रूप में एक पदार्थ मिला, जिसमें लोहे के कणों व छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करने का गुण विद्यमान था। इस स्थान के नाम पर इस पदार्थ का नाम मैग्नेटाइट पत्थर रखा गया। इसके बाद में इसका नाम सरल भाषा में चुंबक (Magnet) रखा गया तथा इसमें उपस्थित आकर्षण के गुण को चुंबकत्व (Magnetism) नाम दिया गया।

चुंबक के प्रकार

यह दो प्रकार का होता है जो कि निम्न प्रकार से है-

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1.प्राकृतिक चुंबक किसे कहते हैं? (Natural Magnet)

ऐसी चुंबक, जो मूल रूप में पृथ्वी से मिलती है या प्राप्त होती है, उसे प्राकृतिक चुंबक (Natural Magnet) कहते हैं। जैसे- चुंबक पत्थर या मैग्नेटाइट पत्थर आदि। इस प्रकार के चुंबक की आकृति एक समान नहीं होती है और इनकी चुंबकीय क्षेत्र तीव्रता बहुत कम होती है।

2.कृत्रिम चुंबक किसे कहते हैं? (Artificial Magnet)

ऐसी चुंबक, जिनको चुंबकीकरण विधि (magnetising method) से बनाया या तैयार जाता है, उन्हें कृत्रिम चुंबक (Artificial Magnet) कहते हैं।

इस्पात अथवा लोहे की छड़ को प्राकृतिक चुंबक पत्थर से रगड़ने से अथवा इस्पात लोहे की छड़ के ऊपर विद्युतरोधित (Insulated) तांबे अथवा एलुमिनियम के तार की क्वॉयल लपेट कर क्वॉयल में से उच्च मान की डीसी प्रवाहित करने पर इस्पात/लोहे की छड़ को कृत्रिम चुंबक बनाया जा सकता है यह चुंबक दो प्रकार के होते हैं जो कि निम्न प्रकार से हैं-

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(i)स्थायी चुंबक किसे कहते हैं? (Permanent Magnet)

यदि किसी चुंबकीय गुण रखने वाले पदार्थ जैसे – इस्पात की छड़ को प्रबल शक्ति वाले चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में रखा जाए तब चुंबकीय प्रेरण (Magnetic Induction) के द्वारा यह चुंबक बन जाता है।

जब इसे चुंबकीय क्षेत्र से हटा लिया जाए तब भी इस छड़ में चुंबकीय गुण उपस्थित रहते हैं तथा यह छड़ चुंबक के रूप में काम करने लगती है। इस प्रकार स्टील की छड़ स्थायी चुंबक बन जाती है।

स्थायी चुंबक बनाने के लिए इस्पात, सिलिकॉन, स्टील, निकिल, मैंगनीज, कोबाल्ट तथा एलनिको आदि उत्तम चुंबकीय पदार्थ हैं।

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(ii)अस्थायी चुंबक किसे कहते हैं? (Temporary Magnet)

जिन चुंबकीय पदार्थों को चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में रखे जाने पर इसमें चुंबकीय क्षेत्र से हटा दिए जाने पर इनके चुंबकीय को समाप्त हो जाते हैं उन पदार्थों को अस्थायी चुंबक पदार्थ कहते हैं।

अस्थायी चुंबक बनाने के लिए नर्म लोहा, सिलिकॉन-लोहा, मिश्रित धातु (Silicon Steel Alloy) आदि का उपयोग करते हैं। जब नर्म लोहे की छड़ को किसी चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है तब इसमें चुंबकीय प्रेरण के कारण चुंबकीय गुण आ जाते हैं तथा नर्म लोहे में चुंबकीय गुण तब तक रहता है जब तक कि वह चुंबकीय क्षेत्र में रहता है अर्थात् चुंबकीय क्षेत्र से हटाते ही नर्म लोहे का चुंबकीय गुण समाप्त हो जाता है।

चुंबक के गुण

इसके गुण निम्न प्रकार से हैं-

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  • एक ही चुंबक के विपरीत ध्रुवों की सामर्थ्य एकसमान होती है।
  • दो चुंबकों के समान ध्रुव आपस में प्रतिकर्षण तथा असमान ध्रुव आपस में आकर्षित होते हैं।
  • दो चुंबकीय ध्रुवों के बीच लगने वाला बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
  • यदि किसी प्राकृतिक अथवा कृत्रिम चुंबक के बीच धागा बांधकर इसे स्वतंत्र रूप से लटका दिया जाए, तब इसका एक सिरा हमेशा उत्तर दिशा में तथा दूसरा सिरा दक्षिण दिशा में स्थिर या रूक जाता है। चुंबक का जो सिरा उत्तर दिशा में रूकता है उसे उत्तरी ध्रुव कहते हैं और जो सिरा दक्षिणी ध्रुव में रूकता है, उसे दक्षिणी ध्रुव कहते हैं।
  • निश्चित दूरी पर रखे हुए चुंबकीय ध्रुवों के बीच लगने वाला बल का परिमाण इन ध्रुवों की तीव्रता के गुणनफल के समानुपाती होता है।
  • चुंबक, लोहे के चूर्ण (irons powder) को अपनी ओर खींचता है। चुंबकीय ध्रुवों की सामर्थ्य सिरों पर सबसे अधिक तथा सिरे के अंदर की ओर धीरे-धीरे कम होती जाती है और चुंबक के ध्रुवों के केंद्र पर चुंबक सामर्थ्य शून्य होती है।

चुंबक का आण्विक सिद्धांत

चुंबकीय पदार्थ रवेदार ठोस पदार्थ होते हैं। इनके परमाणुओं में ध्रुव स्थायी रूप से एक-दूसरे के समांतर पंक्तियों में समूहों के रूप में रहते हैं। इन समांतर समूह को डोमेन कहते हैं। इसका प्रत्येक क्षेत्र पूरी तरह से चुंबकित रहता है, फिर भी अनुचुंबकीय पदार्थ में विभिन्न डोमेन का परिणामी चुम्बकत्व शून्य रहता है।

जब चुंबकीय पदार्थ बाहरी चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में आता है तब इसके डोमेन चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में व्यवस्थित होने लगते हैं। इस प्रकार जब चुंबकीय पदार्थ के डोमेन बाहरी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में व्यवस्थित हो जाते हैं, तब चुंबकीय पदार्थ चुंबक बन जाता है।

चुंबकीय पदार्थ के अणुओं में उपस्थित चुम्बकीय गुण उसके परमाणुओं (atoms) में उपस्थित इलेकट्रॉन्स की कक्षीय गति (Orbital Motion) तथा चक्रण गति (Spin Motion) के कारण उत्पन्न होता है, यही चुंबक का आण्विक सिद्धांत कहलाता है।

चुंबक बनाने का तरीका

यह दो तरीकों या विधियों से बनाई जाती है, जो कि निम्न प्रकार से है-

1.स्पर्श विधि

इस तरीके से चुंबक बनाने के लिए सबसे पहले एक धातु का टुकड़ा और एक चुंबक या चुंबक का टुकड़ा लिया जाता है। इसके बाद इन दोनों को आपस में बार-बार रगड़ा जाता है। जिससे चुंबक के गुण धातु के टुकड़े में जाने लगते हैं और धातु का टुकड़ा भी एक चुंबक (Magnet) बन जाता है।

2.इलेक्ट्रिकल करंट विधि

इस तरीके से चुंबक बनाने में जब किसी लोहे या छड़ के टुकड़े में तार लपेटकर उसमें विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। तब छड़ या लोहे का टुकड़ा चुंबक (Magnet) बन जाता है।

इस तरीके से बनी चुंबक में, चुंबक के गुण तब तक उपस्थित रहते हैं, जब तक कि विद्युत धारा प्रवाहित होती रहती है और जब विद्युत धारा का प्रभाव बंद हो जाता है तब चुंबक एक साधारण छड़ या लोहे का टुकड़ा बन जाता है। इसके बाद फिर जब विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तब फिर वह चुंबक बन जाता है। इस तरीके के चुंबक का उपयोग इलेक्ट्रिक उपकरण, मोटर, पंखा आदि में किया जाता है।

चुंबक का उपयोग

इसके उपयोग निम्न प्रकार से हैं-

  • कंपास बनाने में चुंबक का उपयोग किया जाता है।
  • चुंबक का उपयोग रेफ्रिजरेटर के दरवाजे, चुंबकीय स्टिकर, पेंसिल बॉक्स ढक्कन आदि में किया जाता है।
  • स्थायी चुंबक का उपयोग (Uses of Permanent Magnet) मीटर, चुंबकीय सुई, डायनेमो, लाउडस्पीकर, हेडफोन आदि में किया जाता है।
  • अस्थायी चुंबक का उपयोग (Uses of Temporary Magnet) विद्युत जनरेटर, विद्युत मोटर, विद्युत घंटी, रिले, इलेक्ट्रिकल उपकरण, MCB आदि में किया जाता है।

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कृत्रिम चुंबक के कितने प्रकार होते हैं?

कृत्रिम चुंबक के प्रकार (Types of Artificial Magnets in Hind) -:.
स्थायी चुम्बक (Permanent Magnet) -: ऐसा चुंबक जिसमें चुम्बकत्व का गुण लंबे समय तक रहता है अर्थात स्थाई होता हैं ऐसे चुंबक को स्थाई चुंबक कहते हैं। ... .
अस्थायी चुम्बक (Temporary Magnet) -:.

कृत्रिम चुंबक क्या होता है?

कृत्रिम चुंबक (artificial magnet ) ये वो चुम्बक है जिनको कृत्रिम रूप से बनाया जाता है। कृत्रिम चुंबक बनाने के लिए लोह चुम्बकीय पदार्थ को अत्यधिक चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है जिससे लोह चुम्बकीय पदार्थों में चुंबकीय गुण आ जाते है।

कृत्रिम चुंबक का निर्माण कैसे किया जाता है?

इलेक्ट्रिकल करंट विधि (Electrical Current Method) : जब किसी लोहे के टुकड़े या छड़ पर तारों को लपेट कर उन तारों में से करंट को प्रभात किया जाता है तो वह लोहे का टुकड़ा चुंबक बन जाता है. इस लोहे के टुकड़े में चुंबकीय गुण तब तक रहेंगे जब तक कि उस तार में करंट प्रवाह होता रहेगा जैसे ही करंट का प्रवाह बंद होगा.

चुंबक किसकी बनी होती है?

मिश्र धातु जो स्थायी चुम्बक हैं जो मुख्य रूप से एल्यूमीनियम, निकल और कोबाल्ट के संयोजन से बने होते हैं, लेकिन इसमें तांबा, लोहा और टाइटेनियम भी शामिल हो सकते हैं। इसे बाहरी चुंबकीय क्षेत्र में आसानी से चुंबकित किया जा सकता है।

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