कुँवर सिंह को बचपन में किन कामों में मज़ा आता था? क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली?
कुँवर सिंह को पढ़ने लिखने के स्थान पर घुड़सवारी, तलवारबाज़ी और कुश्ती लड़ने में मज़ा आता था। अवश्य इन कार्यों के कारण ही उनके अन्दर एक वीर पुरूष का विकास हुआ था, जिससे आगे चलकर उन्होंने अनेकों वीरतापूर्ण कार्य कर इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। यदि वे ये कार्यों को ना करते तो अंग्रेज़ों से अनेकों युद्ध कैसे लड़ते।
Concept: गद्य (Prose) (Class 7)
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कुँवर सिंह को बचपन में किन कामों में मजा आता था क्या उन्हें उन कामों से?
वीर कुंवर सिंह को बचपन में पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा घुड़सवारी करने, तलवारबाजी करने तथा कुश्ती लड़ने में मजा आता था। जब बड़े होकर स्वतंत्रता सेनानी बने तो इन कार्यों से उन्हें बहुत सहायता मिली।
कुँवर सिंह को बचपन में किस काम में मज़ा आता था क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली?
Solution : बचपन में कुँवरसिंह को पढ़ने-लिखने से अधिक धुड़सवारी, तलवारबाजी और कुश्ती लड़ने में बहुत मजा आता था। बड़े होने पर उन्हें इन कार्यों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में बहुत अधिक सहायता मिली। वे कुशल घुड़सवारी, तलवारबाजी आदि गुणों के आधार पर ही तो अंग्रेजों से मोर्चा ले सके।
कुंवर सिंह ने कौन कौन से सामाजिक कार्य किए?
कुंवर सिंह (13 नवंबर 1777 - 26 अप्रैल 1858) सन 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम] के सिपाही और महानायक थे। अन्याय विरोधी व स्वतंत्रता प्रेमी बाबू कुंवर सिंह कुशल सेना नायक थे। इनको 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ने तथा विजय हासिल करने के लिए जाना जाता है।
वीर कुंवर सिंह ने क्या क्या काम किए?
आजादी पाने की पहली लड़ाई के दौरान जब नाना साहब, तात्या टोपे, महारानी रानी लक्ष्मी बाई, बेगम हजरत महल जैसे महान शूरवीर अपने-अपने राज्यों को अंग्रेजों के कब्जे से बचाने के लिए युद्ध कर रहे थे, उसी दौरान बाबू वीर कुंवर सिंह (Veer Kunwar Singh) ने भी ब्रिटिश शासकों के खिलाफ लड़ रहे बिहार के दानापुर के क्रांतिकारियों का ...