क्या छिपकली का काटना खतरनाक है? - kya chhipakalee ka kaatana khataranaak hai?

छिपकली रेंगने वाले जंतुओं की श्रेणी में आने वाली एक ऐसी प्राणी है जो आमतौर पर घरों में पाई जाती है। ये ज्यादातर खाली और अंधेरी जगहों पर रहना पसंद करती हैं। हमें आमतौर पर छिपकली अपने घर में दीवारों पर रेंगती दिख जाती है। घर में पाई जाने वाली छिपकलियों को “गेको” (Gecko) छिपकली कहा जाता है। ये छिपकलियां छोटे-छोटे कीड़े मकोड़ों को खाती हैं।

हालांकि छिपकली के काटने और इसके काटने से कोई गंभीर नुकसान होने की संभावना बहुत कम होती है, लेकिन अक्सर लोग इनसे डरते हैं। इसके अलावा छिपकली आमतौर से इंसानों को नहीं काटती, ये ज्यादातर खुद को बचाने के लिए काट सकती है।

(और पढ़ें - सांप के काटने पर क्या करें)

इस लेख में छिपकली के काटने से क्या होगा, क्या छिपकली में जहर होता है और छिपकली के काटने पर करना चाहिए के बारे में बताया गया है।

आज हम भारतीय छिपकली के बारे में बात करते है । छिपकली के बारे में जितनी अफवाह है शायद ही वह किसी दूसरे प्राणी के बारे में देखने को मिले जैसे  छिपकली के गिरने पर क्या क्या उपाय करना चाहिए । छिपकली के शुभ तथा अशुभ लक्षण क्या है । घर में छिपकली पाए जाने के रहस्यमय फायदे आदि ऐसे अफवाह आपको हजारों में देखने को मिल जाएंगे। 

छिपकली रेप्टाइल्स परिवार से आती हैं रेप्टाइल परिवार में सांप मेंढक, गिरगिट, छिपकली, कछुआ, मगरमच्छ, घड़ियाल, आदि आते हैं । इन्हीं में से एक मुख्य प्रजाति है छिपकलियों की छिपकलियां अटलांटिक महाद्वीप को छोड़कर पूरे विश्व के कोने-कोने में पाई जाती है । 

आप इसे अपने बचपन से देखते चले आ रहे होंगे । छिपकलियां देखने में बहुत ही खराब लगती हैं और बहुत से लोग इनसे नफरत भी करते हैं इसकी मुख्य वजह इसकी खास चमड़ी इसका रंग और इसकी बनावट है । छिपकली बहुत ही शर्मीली होती हैं और किसी भी इंसान को देख कर भाग जाती हैं और किसी दीवार पर टंगे फोटो या फिर कैलेंडर के पीछे जाकर छिप जाती हैं। 

छिपकलियों के बारे में तरह-तरह के अफवाह है बहुत सारे लोग कहते हैं कि इसके काटने से किसी का बचना नामुमकिन है। इसमें बहुत सारा जहर होता है। लेकिन सच्चाई जानने से पहले आइए हम एक घटना के बारे में बात करते हैं। 

कुछ दिन पहले ही किसी गांव में छिपकली के काटने की खबर आई थी। वह लड़की 15 वर्ष की थी और एक गांव में रहती थी गांव वालों का मानना था कि छिपकली के काटने पर किसी का बचना बहुत ही मुश्किल है।  जब उस लड़की को छिपकली ने काटा तो बहुत सारे लोग इसी बात पर चर्चा कर रहे थे और कुछ ही देर बाद उस लड़की की मृत्यु हो गई। 

यह बहुत दुखद घटना थी लेकिन छिपकलियों के मुंह मैं  वेनम यानी जहर  नहीं पाया जाता है। जैसे सांप आदि में पाया जाता है । लेकिन उस लड़की की मृत्यु  छिपकली के काटने से कैसे हो गई जबकि छिपकली के काटने से तो किसी की मृत्यु नहीं होती। जब उस लड़की को छिपकली ने काटा तो बहुत सारे लोग वहां पर इकट्ठा हो गए और चर्चा करने लगे कि इसे तो छिपकली ने काटा है। छिपकली में तो बहुत सारा जहर पाया जाता है और इसका बचना मुश्किल है। 

यह खबर जब उस लड़की को सुनने को मिली तो वह हाइपरटेंशन मैं आ गई और उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा जिसके कारण हार्ट अटैक से उसकी मृत्यु हो गई। यह बहुत ही दुखद घटना थी इसी प्रकार जब किसी को  कोई जहरीला कीड़ा काट लेता है तो लोग तरह तरह की बातें करने लग जाते हैं। इसी बातों  से व्यक्ति में घबराहट होने लग जाती है। 

इसलिए ऐसे समय में ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए बल्कि पीड़ित का हौसला बढ़ाना चाहिए और उससे ऐसी बातें करना चाहिए कि तुम्हें कुछ नहीं होगा और तुम्हारा इलाज हो जाएगा और तुम बच जाओगे इस से पीड़ित व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है और उसमें जीवित रहने की इच्छा शक्ति बढ़ जाती है। छिपकली बहुत ही शर्मीली होती है  थोड़ा खतरा महसूस होने पर ही छिपने की या दूर भागने की कोशिश करती है 

छिपकली का दिल 1 मिनट में 1000 बार धड़कता है। यह छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़ों को खाकर पर्यावरण को संतुलित रखने का काम करती है। छिपकली में एक अद्भुत क्षमता पाई जाती है। जब छिपकली को कोई खतरा महसूस होता है या कोई बड़ा शिकारी  उस पर हमला करता है तो अपने बचाव में वह अपने पूंछ को अपने शरीर से अलग कर देती है। 

पूंछ के अलग होने के बाद भी उसकी पूंछ में हलचल होने लगती है जिससे शिकारी का ध्यान भ्रमित हो जाता है। इस दौरान छिपकली को भागने का मौका मिल जाता है । इस प्रकार छिपकली अपनी जान बचा  लेती है लेकिन छिपकली को अगर ज्यादा परेशान किया जाए तो वह अपने बचाव में हमला भी कर देती है और हमलावर को अपने जबड़ो से जोर से पकड़ लेती है और आसानी से नहीं छोड़ती इसका जबड़ा बहुत मोटा और मजबूत होता है जिसके कारण इसकी पकड़ बहुत मजबूत हो जाती हैं।

छिपकली के मल और मूत्र में पोइजन पाया जाता है अगर यह भोजन में पड़ जाए या बनते हुए भोजन में छिपकली  गिर जाए और उसमें  मेल्ट हो जाए तो वह भोजन दूषित हो जाता है। और और उसका सेवन करने पर फूड पॉइजनिंग हो सकती है और सही से इलाज ना हो तो इंसान की मृत्यु भी हो सकती है। या एक गंभीर बात है।

छिपकली की सबसे बड़ी प्रजाति कोमोडो ड्रैगन है यह इंडोनेशिया में मुख्य रूप से पाई जाती है इसका वजन 300 पाउंड से ऊपर हो सकता है और इसकी लंबाई 10 फीट तक होती है यह पृथ्वी की सबसे बड़ी छिपकली मानी जाती है यह बहुत ही खतरनाक छिपकली होती है अगर यह किसी जानवर जैसे गाय, हिरण, भैंस, या इंसान को काट ले तो उसकी  मृत्यु हो जाती  है। इनके मुंह  के लार में एक विशेष प्रकार का विष पाया जाता है जोकि इनकी लार ग्रंथि से निकलता  है। 

कोमोडो ड्रैगन जब किसी को एक बार काट लेता है उसके बाद वह उस जानवर पर अपनी नजर बनाए रखता है। लार के माध्यम से विष उस जानवर के शरीर तक पहुंच जाता है और धीरे-धीरे उसके पूरे शरीर को संक्रमित करने लगता है। काटा हुआ स्थान धीरे-धीरे सडने लग जाता है यह बड़ी तेजी से फैलता है। जानवर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है और वह चलने फिरने लायक नहीं रहता 

इसके बाद कोमोडो ड्रैगन उसको काट काट कर मार देता है और उसे अपना भोजन बना लेता है कोमोडो ड्रैगन सड़ा गला मांस खाने में संकोच नहीं करता है।

क्या आप जानते हैं कि छिपकलियों को घर से कैसे भगाएं ?

छिपकली को घर से भगाने के तरह तरह के नुक्से आपको मिल जाएंगे कई लोग अंडे के छिलके रखने की बात तो कई लोग मिर्ची पाउडर का इस्तेमाल करने की बात और कई लोग तो मोर पंख लगाने की बात करते हैं। लेकिन यह सारे नुक्से इस्तेमाल करने के बाद भी कुछ नहीं होता और छिपकली दोबारा वापस आ जाती है।

हम आपको एक जबरदस्त तरीका बताएंगे जिससे छिपकली कभी भी आपके घर नहीं आएगी अगर आएगी भी तो दूर भाग जाएगी। इसके लिए आपको क्या करना पड़ेगा ? आइए जानते हैं 

सबसे पहले  आपको एक वाइट पेपर लेना है जो की साइज में थोड़ा बड़ा होना चाहिए उस कागज पर आपको एक बड़ी सी छिपकली का चित्र बनाना है । इस चित्र का साइज बड़ा होना चाहिए छिपकली के सामान्य साइज से लगभग 5 से 6 गुना । इसके बाद आपको रेडियम पेंट की जरूरत पड़ेगी जो कि अंधेरे में चमकती है आपको इस पेंट के माध्यम से उस छिपकली के चित्र को पेंट करना है जिससे आपकी पेंटिंग अंधेरे में भी चमके।

एक दूसरा उपाय हैं आप  बाजार से एक बड़ी प्लास्टिक की छिपकली खरीद के लाए जो  कि साइज में बड़ी हो  अगर यह ना मिले तो आप  प्लास्टिक के बने  सांप या मगरमच्छ  भी ला सकते हैं और इन्हें अपने दीवारों पर लगा दे जहां छिपकली आती हो उसके बाद जब छिपकली आपके घर आएगी तो अपने से बड़े सांप, बड़ी छिपकली या फिर ड्राइंग पर बनी छिपकली को देखकर उसे खतरा महसूस होगा और वह वहां से भाग जाएगी। इसके बाद वह दुबारा आपके घर आने की कोशिश नहीं करेगी। दोस्तों यह आजमाया हुआ तरीका है आप इसका उपयोग जरूर करें।

छिपकली देखने पर उसे मारे नहीं उसका बचाव करें क्योंकि यह छोटे-मोटे कीड़े मकोड़ों को खाकर पर्यावरण को संतुलित रखने का काम करती है और  किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती है ।

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अगर हमें छिपकली काट ले तो क्या होगा?

क्या छिपकली जहरीली होती है - Kya chipkali me jahar hota hai घरों में पाई जाने वाली छिपकलियां बिलकुल भी जहरीली नहीं होती है और इनके काटने पर कोई गंभीर समस्या नहीं होती। हालांकि, हर जंतु की तरह छिपकली के काटने से भी घाव में इन्फेक्शन होने का खतरा होता है, इसीलिए इसके लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।

छिपकली के काटने से मौत हो सकती है क्या?

छिपकली के काटने से नहीं होती मौत छिपकली काटती नहीं है। जबकी उसकी शरीर में जहर की मात्रा होती है लेकिन वह बेहद कम होती है। इसे कई स्मैक पीने वाले व नशा करने वाले मारकर खा तक जाते हैं वहीं इसका नशा करते हैं। छिपकली के काटने से मौत होना संदेहास्पद हैं।

छिपकली का कौन सा अंग जहरीला होता है?

घरेलु छिपकली जहरीली नहीं होती है. इसकी त्वचा में भी किसी प्रकार का कोई जहर नहीं होता है. यदि छिपकलि खाने में गिरती है तो इन कीटाणु के कारण खाना संक्रमित हो जाता है. जिसे खाने पर बीमार हो जाते है.

क्या छिपकली के शरीर में जहर होता है?

छिपकली के काटने से कोई ज़हर नहीं फैलता है, पर उसकी त्वचा के अंदर एक तरह का ज़हर पाया जाता है। इसीलिए अगर छिपकली खाने की किसी चीज के साथ उबाल जाए तो वह ज़हरीला हो जाता है।

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