Lakh Ki Choodiyan wikipedia
Pradeep Chawla on 12-05-2019
पुराने युग की तरह आज के आधुनिक युग में भी लाख की चूड़ियों का महत्व बरकरार है। आज भी सुहागनों की कलाइयाँ लाख की चूड़ियों के बगैर सूनी व उदास समझी जाती हैं। आज फैशन के इस युग में रोजाना नित नए आकार-प्रकार में ढलकर हाथों की शोभा बनने वाले लाख के ये कंगन अब दूर-दूर तक शहर की पहचान कायम कर रहे हैं।
जिसमें गुजरात में रतलामी कंगन खासे चर्चित है, जिसकी माँग आदिवासी अंचलों से लेकर सभी दूर बनी हुई है। और इस फैशन को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं शहरों में रहने वाले लखारा समाज के वे लोग जो अपनी दुकानों पर परिवार सहित लाख की चूड़ियों के निर्माण में दिन-रात भिड़े रहते हैं।
लाख की इन चूड़ियों का महत्व खास तौर पर करवा चौथ, दीपावली तथा मांगलिक कार्यों में बहुत अधिक रहता है। फिलहाल फैशन में मेहरून, कत्थई, सफेद, लाल व चटनी रंग की चूड़ियों की माँग ज्यादा है। और लाख निर्माण का काम किया जाता है पीपल, बेर, खाखरा और धावड़े के पेड़ों पर पाए जाने वाले एक खास किस्म के कीड़े से। यह कीड़ा पेड़ों की पतली टहनियों पर रेंगते समय हगार के रूप में एक पदार्थ छोड़ता है, जिससे लाख का निर्माण होता है। इसमें धावड़े की लाख मजबूत मानी जाती है, वहीं आरंभिक चरण में कीड़े से उत्पन्न लाख को कुसुम की कच्ची लाख कहा जाता है। इस लाख को कारखानों में ले जाकर धुलवाया जाता है।
क्या कहती हैं लाख की कहानी : भगवान शिव के मैल से बना लाख देने वाला कीट आधुनिक युग में भी अपनी पहचान कायम रखे हुए है। लाख के विषय में कहा जाता है कि विवाह के समय माता पार्वती को उपहार देने हेतु भगवान भोलेनाथ ने स्वयं के शरीर से मैल निकालकर लाख का कीट बनाया था। और तभी से लाख का निर्माण प्रारंभ हुआ है। लाख से कंगन बनाने हेतु लखारा समाज की उत्पत्ति भी उसी समय हुई। पूर्व में कंगनों के निर्माण हेतु भाँग घोटने के पत्थर का उपयोग ज्यादा होता था।
कंगनों का निर्माण : कारखानों में लाख के धुलने के बाद दुकानदार इसे खरीदते है और फिर धुली हुई यह लाख सर्वप्रथम पिसवाई जाती है। पिसने के बाद व्यवसायी अपने घर अथवा दुकान पर इसका मसाला बनाता है और इसे मोटी छड़ जैसा आकार देता है। चपड़ी का रंग इस मोटी छड़नुमा लाख पर लगाया जाता है। इतना होने के बाद इसे गर्म करके साँचे में ढाला जाता है। कंगन निर्माण की यह प्रक्रिया सबसे पहले थप्पे से शुरू होती है। फिर इसे चौकोर करने के लिए बनाली का सहारा लिया जाता है। तत्पश्चात सेल में गोलाकार रूप देकर कंगन पर जयपुर व मुंबई से मँगवाए गए रंगीन नग जड़े जाते हैं।
चूड़ी व कंगन की वैरायटी : फैशन के इस युग में लाख के कंगनों की कई प्रकार की वैरायटियाँ बाजारों में उपलब्ध हैं। जिसमें पक्के नग वाली चूड़ी को शहरवासी अधिक पसंद करते हैं, वहीं आदिवासी युवतियों व महिलाओं में खाचमुठिया (बाजू में पहनने वाली चूड़ी) के प्रति विशेष लगाव रहता है। इसके अलावा 6, 8 व 10 नंबर के कंगन, 2 लेन की पाटली, 3 लेन की गजरी, नवरंगी नग जड़ी चूड़ी व लाख मेटल वाली चूड़ी भी बहुत चलन में है।
सम्बन्धित प्रश्न
Comments Lisa on 13-08-2022
Laph kise kahte hai
Lisa on 13-08-2022
Lakh ki choodiyan kasi horti hai
Aaa on 02-08-2021
Theek se btaye ke lakh ki chudiyaan kese bantin haim
Priyanshu patidar on 17-09-2020
Lakh ki turiya kasa banti ha
abcd on 26-04-2020
लाख की चूड़ियों का निर्माण कैसे होता है
Abhi Raj Singh on 22-04-2020
Lakh kise kahate Hain??
Neha on 04-12-2019
Lakh ki Chudi bnane Wale ko Kya kahtehai
Rakhi on 16-09-2019
Haryana main lach ki cudiyo k liye kon sa sahar prsidh hai
Rokey on 12-05-2019
Laakh se bangles kaase banaie jaiati hai in hindi
Fff on 12-05-2019
I
Siya on 12-05-2019
Lhak ki choodiya Kaha SA athi ha
Rosika on 12-05-2019
Lakh ki churiya kaise banti hai
चछडझ on 12-05-2019
लाख क्या होता है लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत मे कीन राज्यों में होता है लाख से चूड़ियाँ के अतिरिक्त क्या क्या चीज़े बनती है
Mohini on 28-04-2019
Lakh ki chudi ke kuch drawimg
lakh ki chudiyan ka nirman on 17-11-2018
lakh ki chudiyan ka nirman Haryana
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से लाख की चूड़ियों पर लिखे निबंध को बताने जा रहे हैं . चलिए अब हम और आप इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ते हैं और लाख की चूड़ियों पर लिखे निबंध को समझते हैं . image source
–//hindi.alibaba.com/product-detail लाख की चूड़ियों का महत्व भारत में सबसे ज्यादा है . लाख की चूड़ियों की डिजाइन एवं हर कलर की चूड़ियां पहनने से महिलाओं के हाथों में सुंदरता आती है . लाख की चूड़ियों का महत्व भारत में सबसे ज्यादा है . दिवाली , मांगलिक कार्यक्रम एवं करवा चौथ के दिन पूरे भारत में लाख की चूड़ियों बेची एवं खरीदी
जाती हैं . इन त्योहारों पर सभी महिलाएं अपने हाथों में लाख की चूड़ी अवश्य पहनती हैं . यह सबसे शुभ चूड़ी मानी जाती हैं . इनको पहनने से महिला के हाथों में सुंदरता आती है . भारत के कई राज्यों में हम लाख की चूड़ियों से भरा हुआ हाथ महिलाओं के देखते हैं . गुजरात के रतलामी कंगन काफी चर्चित है . इस कंगन का निर्माण गुजरात के लखारा समाज के लोग करते हैं और लाख से कंगन बनाकर , लाख के कंगन को डिजाइन देकर भारत के हर कोने तक पहुंचाते हैं . इस कंगन को बनाने में लखारा समाज बहुत ही
मेहनत करता है और देश के हर कोने तक इसको पहुंचाया जाता है . लाख के कंगन एवं चूड़ियों का उपयोग महिला सबसे ज्यादा करवा चौथ एवं दिवाली पर करती हैं . लाखो कीड़ों से उत्पन्न होने के कारण इसका नाम लाक्षा पड़ा था . लाख से ही चूड़ियां बनाई जाती हैं . लाख एक प्राकृतिक राल है . इसलिए हम इसे प्रकृति का वरदान भी मानते हैं . लाख के जो कीड़े होते हैं वह बहुत ही छोटे होते हैं . यह कीड़े हमें अपने शरीर से लाख देकर हमारी आर्थिक सहायता करते हैं. जिस लाख का उपयोग चूड़ियां एवं कंगन
बनाने में किया जाता है . ऐसा कहा जाता है की 34000 लाख के कीड़ों से 1 किलोग्राम रंगीन लाख प्राप्त किया जाता है एवं 14400 लाख के कीड़ों से 1 किलो ग्राम कुसमी लाख प्राप्त होती है . इसमें से जो रंगीन लाख निकलती है उसका उपयोग कंगन एवं रंगीन चूड़ियां बनाने में किया जाता है . हमारे देश में प्राचीन समय से ही लाभ का उपयोग किया जाता रहा है . प्राचीन समय से ही लाख की चूड़ियां बनाई जाती रही हैं और सभी महिलाएं लाख की चूड़ियां पहनती हैं . ऐसा कहा जाता है कि सुहागिनों के लिए लाख की चूड़ी बहुत लाभकारी
होती है . वैसे तो लाख का उपयोग कई तरह से किया जाता है लेकिन लाख की चूड़ियां प्राचीन समय से ही बनाई जा रही है . गुजरात के साथ-साथ राजस्थान की महिलाएं भी लाख की चूड़ियां पहनती हैं . यदि हम राजस्थान के मारवाड़ी महिलाओं को देखें तो उनके हाथों में ऊपर से लेकर नीचे तक लाख के कड़े दिखाई देते हैं . वहां पर लाख की चूड़ियों को पहनना एक रिवाज है . लाख के बारे में यदि हम जाने तो अर्थवेद काल से महाभारत काल तक लाख का उल्लेख हमें मिलता है . लाख की चूड़ियां तो बनाई जाती हैं इसके साथ-साथ
लाख से चमड़ा भी बनाया जाता है . लाख का वही उपयोग है जो चमड़ा का है . चमड़ा बनाने के लिए पहले लाख से लाख रंजक को बाहर निकाल लिया जाता है . जो रंजक बाहर निकाले जाते हैं उस लाख रंजक से चूड़ियां बनाई जाती है और भी कई कामों में लाख का उपयोग किया जाता है जैसे कि ग्रामोफोन रिकॉर्ड को बनाने में , पृथककारी के रूप में , विद्युत यंत्रों में , वार्निश में , पोलिस में और विशेष सीमेंट को बनाने में भी लाख का उपयोग किया जाता है. लाख की चूड़ियां पहनने से हाथ हल्के-फुल्के एवं
सुंदर दिखाई देते हैं . लाख यदि चटक जाता है तो उसको गर्म करके जोड़ा जा सकता है . लाख का उपयोग चूड़ी बनाने में सबसे ज्यादा इसलिए किया जाता है क्योंकि लाख सरलता से एल्कोहल में घुल जाता है और सुखाने पर आसानी से कड़क हो जाता है . दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल लाख की चूड़ियां पर निबंध essay on
lakh ki chudiyan in hindi आपको पसंद आए तो सब्सक्राइब अवश्य करें धन्यवाद .essay on lakh ki chudiyan in hindi
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