कौन-सा रंग है मां लक्ष्मी को प्रिय, क्यों बनाते हैं स्वास्तिक
देवगुरु बृहस्पति और शनि ग्रह के अपनी स्वराशि में होने से कई जातकों के लिए यह शुभ अवधि होगी। ऐसे में दीपावली का यह त्योहार उनके लिए सुख-समृद्धि की सौगातें लेकर आएगा। दीपावली पर लक्ष्मी जी और गणेश महाराज की पूजा का विधान है।
देवगुरु बृहस्पति और शनि ग्रह के अपनी स्वराशि में होने से कई जातकों के लिए यह शुभ अवधि होगी। ऐसे में दीपावली का यह त्योहार उनके लिए सुख-समृद्धि की सौगातें लेकर आएगा। दीपावली का त्योहार वृषभ, कर्क, तुला और कुंभ राशि के जातकों के लिए बहुत ही शानदार बीतने के संकेत दे रहा है। जबकि मिथुन, सिंह और कन्या राशि के जातकों को थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता है।
दीपावली पर सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा:
ज्योतिषविद अनीष व्यास ने बताया कि 14 नवंबर दीपावली के दिन रात 8:10 बजे तक स्वाति नक्षत्र रहेगा। इसके बाद पूरी रात विशाखा नक्षत्र रहेगा। पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। शनिवार को प्रदोष काल में स्वाति से बना सिद्धि योग कार्य सफलता के लिए अच्छा माना गया है। स्वाति नक्षत्र चर, चल-संज्ञक नक्षत्र होने के कारण वाहन लेने देने, उद्योग कर्म, दुकानदारी, चित्रकारी शिक्षक, स्कूल संचालक, श्रृंगार प्रसाधन एवं अन्य कर्म के लिए अच्छा माना जाता है।
दीपावली के दिन जरूर करें ये उपाय:
दीपावली पर लक्ष्मी जी और गणेश महाराज की पूजा का विधान है। इसके अलावा आप इस दिन हनुमानजी, यमराज, चित्रगुप्त, कुबेर, भैरव, कुलदेवता और अपने पितरों का पूजन भी जरूर करें। वहीं धन की देवी मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु का भी पूजा करें। इसके साथ ही दीपावली पूजा में आप श्रीसूक्त और विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं।
लाल रंग है धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रिय:
देवी लक्ष्मी को लाल रंग अत्यधिक प्रिय है। लाल रंग को वास्तु में भी शक्ति और शौर्य का प्रतीक माना गया है अतः माता को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, श्रृंगार की वस्तुएं एवं पुष्प यथा संभव लाल रंग के होने चाहिए। पूजा कक्ष के दरवाज़े पर सिन्दूर या रोली से दोनों तरफ स्वास्तिक बना देने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती हैं।
शंख ध्वनि से होते हैं देवी-देवता प्रसन्न:
वास्तु शास्त्र के अनुसार शंख ध्वनि व घंटानाद करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और आस-पास का वातावरण शुद्ध और पवित्र होकर मन-मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। दीपावली पूजन में श्रीयंत्र, कौड़ी एवं गोमती चक्र की पूजा सुख-समृद्धि को निमंत्रित करती है।
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त:
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 : 28 से शाम 7 : 24 तक।
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:49 से 6:02 बजे तक
प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 : 33 से रात्रि 8 : 12 तक
वृषभ काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 :28 से रात्रि 7 : 24 तक
लक्ष्मी पूजन चौघड़िया मुहूर्त:
दोपहर- ( लाभ, अमृत ) 14 नवंबर की दोपहर 02 : 17 से शाम को 04 : 07 तक।
शाम- ( लाभ ) 14 नवंबर की शाम को 05 : 28 से शाम 07 : 07 तक।
रात्रि- ( शुभ, अमृत, चल )14 नवंबर की रात्रि 08 : 47 से देर रात्रि 01 : 45 तक।
प्रात:काल- ( लाभ ) 15 नवंबर को 05 : 04 से 06 : 44 तक।
महानिशीथ काल मुहूर्त:
महानिशीथ काल मुहूर्त्त: रात्रि 11:39 से 00:32 तक
सिंह काल मुहूर्त्त: रात्रि 00:01 से 02:19 तक
व्यापारिक प्रतिष्ठान पूजन मुहूर्त:
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 'अभिजित- दोपहर 12 : 09 से शाम 04 : 05 मिनट तक
गृहस्थों के लिए पूजन मुहूर्त:
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 14 नवंबर की शाम 5:49 से 6:02 बजे तक
प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 : 33 से रात्रि 8 : 12 तक
वृषभ काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 :28 से रात्रि 7 : 24 तक
सिंह लग्न मुहूर्त: 14 नवंबर की मध्य रात्रि 12 :01 से रात 2 : 19 तक
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Edited By: Shilpa Srivastava
Friday Color Connection: शु्क्रवार का दिन मां लक्ष्मी (Friday Lakshmi Puja) को बेहद प्रिय है. इस दिन विशेषरूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना (Maa Lakshmi Puja) की जाती है. इतना ही नहीं, लक्ष्मी भगवान को धन-वैभव की देवी कहा जाता है. पौराणिक ग्रंथों में कहा गया है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. जो व्यक्ति नियमित रूप से शुक्रवार के दिन मां वैभव लक्ष्मी के व्रत (Vaibhav Lakshmi Vrat) रखता है उसे जीवन में किसी भी तरह की धन संबंधी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. हर देवी-देवता का कोई न कोई प्रिय कलर होता है. शुक्रवार के दिन मुख्य रूप से मां लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को खुश करने के लिए उनकी पूजा का विधान है. आइए जानते हैं मां लक्ष्मी का प्रिय रंग (Maa Lakshmi Favourite Color) कौन सा है, जिसे शुक्रवार के दिन धारण करने से धन संबंधी सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
शुक्रवार को पहनें इस रंग के वस्त्र (Wear Thios Color On Friday)
- मान्यता है कि शुक्रवार के दिन गुलाबी रंग के वस्त्र पहनने से मां प्रसन्न हो जाती हैं. लक्ष्मी जी को गुलाबी रंग बेहद प्रिय है. गुलाबी वस्त्र धारण करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है.
- धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि मां लक्ष्मी भाग्य की देवी भी होती हैं. ऐसा माना जाता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को चढ़ा हुआ इत्र लगाने और गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करने से सोया हुआ भाग्य पूर्ण रूप से जाग जाता है और घर में धन की कमी नहीं रहती.
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- इतना ही नहीं, खुद वस्त्र धारण करने के साथ-साथ मां लक्ष्मी को भी गुलाबी रंग के वस्त्र अर्पित करने से घर में धन दौलत और वैभव की कमी नहीं होती.
- अगर आप किसी दिन व्यापार या आर्थिक सौदे के लिए जाते हैं तो उस दिन गुलाबी रंग के कपड़े पहन कर जाएं. कहते हैं कि ऐसा करने से बिगड़े हुए सौदे भी बन जाते हैं.
- सौम्यता और नारी शक्ति का प्रतीक है गुलाबी रंग. कहते हैं कि गुलाबी कपड़े पहनना से आपका व्यक्तित्व सौम्य और सहृदयी बनता है.
Chanting These Laxmi Mantra On Friday (शुक्रवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप)
1. मां लक्ष्मी का बीज मंत्र
ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।।
धार्मिक मान्यता है कि मां लक्ष्मी का आर्शीवाद पाने के लिए बीज मंत्र का जाप करना चाहिए. कहते हैं बीज का मंत्र सदैव कमल गट्टे की माला से ही किया जाता है.
2. श्री लक्ष्मी महामंत्र
ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
यह मां लक्ष्मी का महामंत्र है. यह मंत्र धन, सौभाग्य, ऐश्वर्या और यश आदि देने वाला मंत्र है. कहते हैं कि इस मंत्र का जाप शुक्रवार के दिन करना चाहिए. तिल का दीपक जलाकर 108 बार इस मंत्र का जाप करने से धन, सौभाग्य आदि की प्राप्ति होती है.
3. आर्थिक तंगी दूर करने का मंत्र
ऊँ ह्रीं श्री
क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:। ।
मान्यता है कि धन की देवी मां लक्ष्मी की उपासना करने से कर्ज और आर्थिक तंगी जैसी सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है. इस मंत्र का जाप आर्थिक तंगी दूर करने में कारगर है.
5. सभी मनोकामना पूर्ति के लिए मंत्र
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।
मान्यता है कि सभी मनोकामना पूर्ति के लिए ऊपर लिखे मंत्र का जाप करना चाहिए. साथ ही मां को कमल या गुलाबी रंग के
फूल अर्पित करने चाहिए. कहते हैं इससे सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं.
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