Table of Contents
- 1 लोकतंत्र में समानता क्या का क्या महत्व है?
- 2 भारतीय लोकतंत्र में समानता से आप क्या समझते हैं?
- 3 समानता का क्या महत्व है?
- 4 मैं समानता का क्या महत्व है?
- 5 दुनिया के कितने देशों में लोकतंत्र है?
- 6 क्यों पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार दिया जाना चाहिए?
- 7 समानता का अधिकार क्या है?
- 8 समानता का क्या महत्व है वर्णन कीजिए?
- 9 भारत में लोकतंत्र है कैसे?
- 10 भारत में लोकतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?
लोकतंत्र में समानता क्या का क्या महत्व है?
लोकतंत्र में समानता का बहुत बड़ा महत्व होता है, किसी भी लोकतांत्रिक देश में वहां पर रहने वाले सभी लोगों को समान रूप से देखा जाता है। वहां पर कोई भी इंसान हो, चाहे वह गरीब हो या अमीर, वह किसी भी जाति एवं किसी भी धर्म का हो, वह उस देश के लिए सभी समान हैं। ना तो कोई बड़ा और ना ही कोई छोटा है।
भारतीय लोकतंत्र में समानता से आप क्या समझते हैं?
भारतीय लोकतंत्र में समानता स्थापित हेतू उपाय अनुच्छेद १४= विधि के समक्ष समानता। अनुच्छेद १५= धर्म,वंश,जाति,लिंग और जन्म स्थान आदि के आधार पर भेदभाव का निषेध। अनुच्छेद15(4)= सामाजिक एवम् शैक्षिक दष्टि से पिछडे वर्गो के लिए उपबन्ध।
लोकतंत्र से क्या महत्व है?
लोकतंत्र एक प्रकार का शासन व्यवस्था है, जिसमे सभी व्यक्ति को समान अधिकार होता हैं। एक अच्छा लोकतंत्र वह है जिसमे राजनीतिक और सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय की व्यवस्था भी है। देश में यह शासन प्रणाली लोगो को सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करती हैं।
महिलाओं को समान अधिकार दिलाने में लोकतंत्र की क्या भूमिका है?
महिलाओं को समान अधिकार दिलवाने में लोकतंत्र की क्या भूमिका रही है? Solution : लोकतंत्र के कारण ही यह संभव हो पाया है कि महिलाएँ समान अधिकारों के लिये संघर्ष कर पाईं। आज अधिकांश लोकतांत्रिक देशों की महिलाओं को समाज में बराबर का दर्जा मिला हुआ है। तानशाह देशों में आज भी महिलाओं को समान अधिकार नहीं प्राप्त हैं।
समानता का क्या महत्व है?
सामाजिक समानता में स्वास्थ्य की समानता, आर्थिक समानता व अन्य सामाजिक सुरक्षा के अलावा समान अवसर व समान दायित्व भी आता है। वास्तव में यही वह अवस्था है, जब हर व्यक्ति को समान महत्व दिया जाए। दो या दो से अधिक लोगों या समूहों के बीच के संबंध की स्थिति को समानता के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
मैं समानता का क्या महत्व है?
समानता का वास्तविक अर्थ है एक जैसे लोगों के साथ समान व्यवहार करना । समाज में प्रत्येक व्यक्ति का समान महत्व है अतः समाज तथा राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को अपना विकास करने के लिए समान अवसर प्राप्त हो तथा समाज में राज्य सभी व्यक्तियों के साथ निष्पक्ष आचरण करे ।
समानता से आप क्या समझते हैं समानता के विभिन्न प्रकारों?
समानता के प्रकार या रूप (samanta ke prakar)
- प्राकृतिक समानता प्राकृतिक समानता का अर्थ है कि प्रकृति ने सभी व्यक्तियों को समान रूप से पैदा किया है, अतः सभी समान है।
- नागरिक समानता
- राजनीतिक समानता
- आर्थिक समानता
- कानूनी समानता
- सामाजिक समानता
- नैतिक समानता
लोकतंत्र क्या है class 8?
लोकतंत्र में नागरिकों की स्वतंत्रता, समानता एवं उनके अधिकारों की सुरक्षा का दायित्व न्यायपालिका पर होता है। जनता को समान न्याय दिलाने हेतु न्यायपालिका को सरकार के दबाव और नियंत्रण से मुक्त होना चाहिए। इस प्रकार लोकतंत्र में न्यायपालिका की स्वतंत्रता का बहुत महत्व है।
दुनिया के कितने देशों में लोकतंत्र है?
ञ्च भारत, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया समेत केवल 56 देशों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
क्यों पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार दिया जाना चाहिए?
सब यह जानते हैं कि संविधान ने महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार दिए हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में कहा गया है कि कानून के सामने स्त्री और पुरुष दोनों बराबर हैं। अनुच्छेद 15 के अंतर्गत महिलाओं को भेदभाव के विरुद्ध न्याय का अधिकार प्राप्त है।
क्या लोकतंत्र में महिलाओं की गरिमा और समानता जरूरी है?
भारतीय लोकतंत्र में महिलाओं की भूमिका
इन सालों में महिलाओं का भारत कि आर्थिक व्यस्था में योगदान बढ़ा है इसका ही परिणाम है कि आज भारत कि महिलाएं राजनीति, कारोबार, कला तथा नौकरियों में पहुँच कर नये आयाम गढ़ रही हैं. भूमण्डलीकृत विश्व में भारत की नारी ने अपनी एक नितांत सम्मानजनक जगह कायम कर ली है.
समानता कितने प्रकार के होते हैं?
समानता का अधिकार क्या है?
भारत के संविधान में समानता के अधिकारों का स्थान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में इस अधिकार का वर्णन किया गया है। विधि के समक्ष समता के अधिकार का यह भी अर्थ है, कि जन्म या विचार या संप्रदाय के आधार पर किसी भी व्यक्ति का कोई विशेषाधिकार नहीं होगा तथा देश का सामान्य कानून सभी वर्ग के लोगों पर समान रूप से लगाया जाएगा।
समानता का क्या महत्व है वर्णन कीजिए?
भारत में लोकतंत्र की स्थापना कब हुई थी?
1947 की आजादी के बाद दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इसके राष्ट्रवादी के आंदोलन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व के तहत बनाया गया था।
लोकतंत्र में शासन का चुनाव कौन करता है?
इस शासन व्यवस्था के अंतर्गत राष्ट्र का प्रधान (राष्ट्रपति) ही वास्तविक प्रमुख होता है। इस प्रकार लोकतंत्र में समस्त शासनव्यवस्था का स्वरूप जन सहमति पर आधारित मर्यादित सत्ता के आदर्श पर व्यवस्थित होता है।
भारत में लोकतंत्र है कैसे?
भारत दुनिया का दूसरा (जनसंख्या में) और सातवाँ (क्षेत्र में) सबसे बड़ा देश है। भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, फिर भी यह एक युवा राष्ट्र है। 1947 की आजादी के बाद दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इसके राष्ट्रवादी के आंदोलन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व के तहत बनाया गया था।
भारत में लोकतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?
हर साल 15 सितंबर के दिन अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है. इस खास दिन के लिए 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया था. अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस में लोगों के बारे में और लोगों के लिए लोकतंत्र की महत्ता याद कराने का अवसर देता है.
स्त्री का कौन सा अंग नहीं देखना चाहिए?
यदि कोई किसी महिला की नाभि को छूता है, तो इसका मतलब है कि वह माँ काली की शक्ति को चुनौती दे रही है। इससे मां काली नाराज होती हैं। इसलिए पुरुष के लिए किसी महिला की नाभि को छूना मना है। जो पुरुष किसी महिला की नाभि को छूता है, वह एक महान पाप का हिस्सा बन जाता है, जिसे बाद में फल देना होगा।
भारत में पहली बार महिलाओं को वोट देने का अधिकार कब मिला?
mountengu chemsford sudhar (भारत शासन अधिनियम 1919) द्वारा भारत में पहली बार महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला ।