प्याज आने वाले दिनों में न रूलाए इसके लिए सरकार ने की तैयारी, क्या है पूरा प्लान?
सरकार ने वर्ष 2022-23 में बफर स्टॉक बनाने के लिए किसानों से 2.5 लाख टन प्याज की खरीद की है.
हर साल ऐसा होता है कि अगस्त से दिसंबर के बीच प्याज के भाव आसमान छूने लगते हैं. यह शादियों का भी सीजन होता है लिहाजा डिमांड लगातार बनी रहती है और सप्लाई कम हो जाती है. सरकार इस समस्या से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है.
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- News18Hindi
- Last Updated : July 16, 2022, 07:33 IST
नई दिल्ली. सरकार ने प्याज को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. इसकी वजह अगस्त से दिसबंर के बीच प्याज की बढ़ती कीमत. इस दौरान प्याज अपनी बढ़ती कीमतों से आम लोगों के साथ-साथ सरकार को भी आंसू रुलाने लगती है. लिहाजा रेट अप्रत्याशित तरीके से न बढ़े इसके लिए सरकार ने प्याज को लेकर पूरा प्लान तैयार लिया. पहले से ही प्याज की खरीदारी और स्टॉक बढ़ाना चालू है.
सरकार ने वर्ष 2022-23 में बफर स्टॉक बनाने के लिए किसानों से 2.5 लाख टन प्याज की खरीद की है और प्याज की खुदरा कीमतें बढ़ने पर वह बाजार में दखल देगी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में प्याज का उत्पादन तीन करोड़ 17 लाख टन होने का अनुमान है जबकि एक साल पहले यह दो करोड़ 66.4 लाख टन था.
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प्याज का बफर स्टॉक बढ़ा
खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए केंद्र ने वर्ष 2022-23 में बफर स्टॉक के लिए 2.50 लाख टन प्याज की
खरीद की है. चालू वर्ष में प्याज के बफर स्टॉक का आकार 2021-22 के दौरान बनाए गए 2 लाख टन से 50 हजार टन अधिक है.’
वर्तमान रबी फसल प्याज की खरीद भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) द्वारा महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे प्याज उत्पादक राज्यों में किसानों के किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से की गई है.
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दाम बढ़ने पर सरकार देगी प्याज
मंत्रालय ने कहा, ‘स्टॉक को लक्षित खुले बाजार में बिक्री के माध्यम से जारी किया जाएगा और राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों और सरकारी एजेंसियों को खुदरा दुकानों के माध्यम
से कम आपूर्ति वाले दिनों (अगस्त-दिसंबर) के दौरान कीमतों को कम करने के लिए दी जाएगी.’ खुले बाजार में बिक्री उन राज्यों एवं शहरों की ओर लक्षित की जाएगी जहां कीमतें पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही हैं. हर साल ऐसा होता है कि अगस्त से दिसंबर के बीच प्याज के भाव आसमान छूने लगते हैं. यह शादियों का भी सीजन होता है लिहाजा डिमांड लगातार बनी रहती है और सप्लाई कम हो जाती है. इसलिए रेट भी बढ़ जाते हैं.
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Tags: Onion new rate, Onion Price, Onion Production
FIRST PUBLISHED : July 16, 2022, 07:08 IST
Onion price crisis: देश में प्याज किसान इन दिनों भारी संकट से गुजर रहे हैं. किसानों द्वारा प्याज को औने-पौने दाम पर बेचने की खबरें लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं. इसकी सबसे ज्यादा मार महाराष्ट्र के किसानों पर पड़ी है. यहां के अहमदनगर में किसानों की तरफ से प्याज के रेट को बढ़ाने की मांग की गई है. इसके लिए सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम भी दिया गया है.
प्याज के दामों में इजाफा को लेकर चक्का जाम
बता दें कि प्याज का रेट 30 रुपये प्रति किलो करने के लिए स्वाभिमानी किसान संगठन की तरफ से 2 घंटे का चक्का जाम आंदोलन किया गया. किसानों का कहना है कि पिछली बार अच्छी बारिश की वजह से प्याज के पैदावार बढ़िया हुई थी. अप्रैल महीने में इसकी आवक बढ़ गई थी. जिसके बाद से ही प्याज के दामों में भारी गिरावट देखने को मिली है. फसल की लागत नहीं निकलने की वजह से अन्नदाता काफी हैरान और परेशान हैं. इसी के चलते किसानों ने सरकार से मदद करने की अपील की है.
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सरकार से की गई ये मांग
मार्केट कमिटी के अध्यक्ष अरूण तनपुरे ने बताया कि अप्रैल महीने से मार्केट में प्याज की आवक बढ़ गई है. सप्ताह में तीन दिन मार्केट में ऑक्शन होता है. इस बीच नाफेड ने भी प्याज खरीदना बंद कर दिया है. ऐसे में किसानों के सामने भारी संकट खड़ा हो गया है. अगर वक्त रहते प्याज की बिक्री नहीं होती है तो किसान की पूरी उपज रखे-रखे बर्बाद हो जाएगी. सरकार को जल्द से जल्द फैसला लेकर अनुदान पर प्याज खरीदना चाहिए.
सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम
इस बीच किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है. उनका कहना है कि अगर सरकार 15 दिनों के अंदर हमारी मांगों को नहीं पूरा करती है तो इसके बाद इससे भी बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा.
( रिपोर्ट: रोहित वाल्के, अहमदनगर)