Maulik Adhikar Ki Visheshta
Pradeep Chawla on 18-10-2018
मौलिक अधिकार की विशेषताएं
1. राष्ट्रीय आंदोलन के भावना के अनुकुल -
भारत के राष्ट्रीय आंदोलन के समय भारतीय नेताओं ने अंग्रेजों के समझ बार-बार अपने अधिकारों की मांग रखी थी स्वतंत्रता के पश्चात् सौभाग्यवश भारतीय संविधान सभा के लिये राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बहुमत में निर्वाचित हुए थे जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के समय की अपनी पुरानी मांग को भारतीय संविधान में सर्वोपरी प्राथमिकता देते हुए मौलिक अधिकारों की व्यवस्था की।
2. सर्वाधिक विस्तृत एवं व्यापक अधिकार -
भारतीय संविधान के तृतीय भाग में अनुच्छेद 12 से 30 और 32 से 35 तक मौलिक अधिकारों का वर्णन है। जो अन्य देशों के संविधानों में किये गये वर्णन की तुलना में सर्वाधिक है।
3. व्यावहारिकता पर आधारित -
भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के सिद्धांत न होकर व्यावहारिक और वास्तविकता पर आधारित है। किसी भेदभाव के बिना समानता के आधार पर सभी नागरिकों के लिए इनकी व्यवस्था की गयी है। साथ ही अल्पसंख्याकों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं पिछड़ा वगोर्ं की उन्नति एवं विकास के लिए विशेष व्यवस्था भी की गयी है।
4. अधिकारों के दो रूप -
मौलिक अधिकारों के सकारात्मक एवं नकारात्मक दो रूप है। सकारात्मक स्वरूप में व्यक्ति को विशिष्ठ अधिकार प्राप्त होते हैं। स्वतंत्रता धर्म शिक्षा और संस्कृति आदि से संबंधित अधिकारों को इसी श्रेणी में रखा जा सकता है। इस प्रकार सकारात्मक अधिकार सीमित एवं मर्यदित है। नकारात्मक स्वरूप में वे अधिकार आते हैं जो निसेधाज्ञाओं के रूप में है और राज्य की शक्तियों को सीमित एवं मर्यदित करते हैं। इस प्रकार नकारात्मक अधिकार असीमित है।
5. मौलिक अधिकार असीमित नहीं -
भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों को दिये गये मौलिक अधिकार असीमित नहीं है। इसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सामाजिक हित में सीमित करने की व्यवस्था की गयी। लोक कल्याण, प्रशासनिक कुशलता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध भी लगाये जा सकते है। संसद ने सन् 1979 में 44 वें संविधान द्वारा संपत्ति के मौलिक अधिकार को लेकर केवल एक कानूनी अधिकर बना दिया है।
6. सरकार की निरंकुशतापर अंकुश -
मौलिक अधिकार प्रत्येक भारतीय नागरिक की स्वतंत्रता के द्योतक और उसकी भारतीय नागरिकता के परिचायक हैं। संविधान द्वारा इनके उपयोग का पूर्ण आश्वासन दिया गया है। अत: किसी भी स्तर की भारत सरकार मनमानी करते हुए उन पर अनुचित रूप से प्रतिबंध नहीं लगा सरकार, जिला-परिषद्, नगर निगम या ग्राम पंचायतें आदि समस्त निकाय मौलिक अधिकारों का उल्लंधन नहीं कर सकतीं।
7. राज्य के सामान्य कानूनों से ऊपर -
मौलिक अधिकार को देश के सर्वोच्च कानून अर्थात् संविधान में स्थान दिया गया है और साधारणतया संविधान संशोधन प्रक्रिया के अतिरिक्त इनमें और किसी प्रकार से परिवर्तन नहीं किया जा सकता। इस प्रकार मौलिक अधिकार संसद और राज्य-विधानमण्डलों द्वारा बनाये गये कानूनों से ऊपर है। संघीय सरकार या राज्य-सरकार इनका हनन नहीं कर सकती। ‘गोपालन बनाम मद्रास राज्य’ विवाद में न्यायाधीश श्री पातंजलि शास्त्री ने कहा था - ‘‘मौलिक अधिकारों की सर्वश्रेष्ठ विशेषता यह है कि वे राज्य द्वारा पारित कानूनों से ऊपर हैं।’’
8. न्यायालय द्वारा संरक्षण -
मौलिक अधिकार पूर्णतया वैधानिक अधिकार हैं। संविधान की व्यवस्था के अनुसार मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए भारतीय न्यायपालिका को अधिकृत किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 32 के अनुसार, भारत का प्रत्येक नागरिक अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए उच्च न्यायालयों या सार्वोच्च न्यायालय की शरण ले सकता है। मौलिक अधिकारों को अनुचित रूप में प्रतिबंधित करने वाले कानूनों को न्यायपालिका द्वारा अवैध घोषित कर दिया जाता है। चूंकि भारतीय न्यायपालिका, कार्यापालिका और व्यवस्थापिका के नियंत्रण से मुक्त है, इसलिए मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए वह संविधान द्वारा दिये गये संवैधानिक उपचारों के अधिकार के अतंर्गत आवश्यक निर्देश भी निर्गत कर सकती है।
9. भारतीय नागरिकों तथा विदेशियों में अंतर -
भारतीय नागरिकों तथा भारत में निवास करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए संविधान द्वारा दिये गये मौलिक अधिकारों में अंतर है। मौलिक अधिकारों में कुछ अधिकार ऐसे हैं, जो भारतीयों के साथ-साथ विदेशियों को भी प्राप्त हैं, जैसे- जीवन तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार, परन्तु शेष अधिकार केवल भारतीय नागरिकों के लिए ही सुरक्षित हैं। इस प्रकार भारतीय नागरिका ें को प्राप्त समस्त मौलिक अधिकारों का उपभोग विदेशी नागरिक नहीं कर सकते।
सम्बन्धित प्रश्न
Comments Neelam on 16-09-2022
Molik adhikar ki aalochna
Anki on 10-09-2022
Adhikaron ke lakchad
सन्तोष on 19-12-2021
अधिकार किसे कहते हैं इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए
Sona on 12-11-2021
Bhartiya mul adhikar ke visheshtaen
Deepak lodhi on 27-09-2021
Milk Adhikar ki bisesta batiye
Shiva rathia on 24-09-2021
मौलिक अधिकारों की कोई
Shiva rathia on 24-09-2021
मौलिक अधिकारों की कोई पाच प्रमुक विसेस्तय बताइए
Sanjana on 23-09-2021
Shoshana ke virudh Adhikar
Reena Sharma on 05-09-2021
Molik Adhikar ki vishetaon ka varnan
MItu on 04-09-2021
Molik adikhar kitn hai
Resham gosai on 02-08-2021
Bhatiya sambhidhan ke kon anuched vidhayan satta pr purn niyantran lgata hai
Ajay Kumar on 09-03-2021
Kaksha gyarvi ka varshik paper 2021
Mayank. on 06-03-2021
Rajya Sabha ki vishesh Shakti ki charcha kijiye
Altasha on 24-01-2021
Bhaartiye samvidhan mai varnit molik adhikaaron ki chaar vishestaaen btaiye
Aids ka pura name on 07-01-2021
Aids ka name
राज on 24-10-2020
भारतीय संविधान मौलिक अधिकारों की व्यवस्था है इसमें से समानता का अधिकार एवं स्वतनत्र काअधिकार को इसपषट रूप से समझाइये
अमन on 12-02-2020
Vanspati ke Prakar
Amanpreet Kaur on 12-02-2020
Vanaspati ke Prakar
अमन on 12-02-2020
वनस्पति किसे कहते है
Priyanka on 11-02-2020
Rajnitik shaster ki ek adhhunik paribhasha likho or uskea sheatr ki vkhya kr
अमन on 11-02-2020
Moulik adhikar
Aman on 11-02-2020
Maulik adhikar परिभाषा
Kajal on 02-01-2020
Anhikar ki pribhasa
ने हा on 16-12-2019
उत्तराखंड मे कौन कौन सी आपदाए आती है
Maoulik adhikaaron ke mahatv on 10-12-2019
Maoulik adhikaaro ke mahatva
kashish on 27-11-2019
Molik aadhikar kya hai