हृदयमस्तिष्क यकृतगुर्दा
Solution : मानव शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग यकृत (Liver) है। यह शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है। यह लगभग 15 से 22 सेमी. लंबा होता है तथा इसका भार 1.5 किलोग्राम होता है। इसका प्रमुख कार्य पित्त का स्रावण, अमीनो अम्लों का डिएमिनेशन, यूरिया का संश्लेषण, विषैले पदार्थों से विषहरण, विटामिनों का संश्लेषण इत्यादि है।
इसे सुनेंरोकेंयकृत/जिगर/लीवर(liver) हमारे शरीर के भीतर का सबसे बड़ा अंग है जबकि हमारी खाल (skin) शरीर का सबसे बड़ा हिस्सा। जिस पर करीब 64 लाख संवेदनशील तंतु होते हैं। वैज्ञानिकों ने हाल ही में मानव शरीर का एक ऐसा अंग खोज लिया है जो शायद हमारे शरीर का अब तक का सबसे बड़ा अंग साबित हो सकता है।
इंटरस्टिसियम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंइंटरस्टिटियम मानव शरीर का 80वां अंग होगा. मानव शरीर में अंगों, कोशिका समूहों और ऊतकों के बीच मौजूद फ्लूइड यानी कि द्रव पदार्थों का नेटवर्क इंटरस्टिटियम है. अब से पहले इस अंग को शरीर में एक-दूसरे जुड़े उत्तकों की सघन संरचना समझा जाता था.
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मानव शरीर में सबसे छोटी कोशिका कौनसी है?
इसे सुनेंरोकेंशुक्राणु मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका होती है। यह एक नर जनन कोशिका है।
स्त्री का सबसे कोमल अंग कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंमानव शरीर का सबसे कोमल अंग आँख है।
बॉडी का सबसे बड़ा अंग कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंमनुष्य के शरीर का सबसे बडा आन्तरीक अंग लीवर है । यह सबसे भारी अंग है, जिसका औसत 1.6 किलोग्राम है। मानव शरीर का 80 वां अंग इंटरस्टिटियम को खोज लिया गया है जो मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग हैं इसके पहले तक त्वचा हुआ करता था ।
शरीर का सबसे कठोर भाग क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंमानव शरीर में सबसे कठोर पदार्थ दन्तवल्क है। यह एक बहुत ही कठोर और अत्यधिक खनिजयुक्त पदार्थ है जिसमें मुख्य रूप से कैल्शियम फॉस्फेट होता है।
मनुष्य शरीर का सबसे सख्त भाग कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंशरीर का सबसे कठोर भाग दांत का इनेमल…
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स्त्री का सबसे नाजुक अंग कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंशारीरिक तौर पे भगनासा और स्तन के निप्पल।
मनुष्य का सबसे कठोर अंग कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंमानव शरीर का सबसे कठोरतम पदार्थ इनेमल होता है जोकि दांतो के ऊपरी भाग पर पाया जाता है। इसके अलावा मनुष्य के जबड़े की हड्डी सबसे मजबूत भाग होता है.
शरीर की सबसे कठोर हड्डी कौन सी है?
इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर फीमर है। मानव शरीर में सबसे बड़ी हड्डी फीमर, जांघ की हड्डी होती है। यह मानव शरीर की सबसे बड़ी, सबसे लंबी और सबसे मजबूत हड्डी है। फीमर घुटने से कूल्हे तक होती है।
क्या आपने कभी सोचा है कि आपके शरीर का कौन सा अंग सबसे कम कामोत्तेजक है? यौन और मस्तिष्क के बीच संबंधों का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों के एक समूह ने पैरों को हमारे शरीर का सबसे कम कामोत्तेजक हिस्सा बताया है.
'डेली मेल' के मुताबिक, ब्रिटेन की बैंगर यूनिवर्सिटी और जोहांसबर्ग की यूनिवर्सिटी ऑफ विटवॉटर्सरैंड द्वारा किए गए संयुक्त अध्ययन में पाया गया कि यौन आकर्षण के नजरिए से शरीर के 41 अंगों में से पैर सबसे नीची श्रेणी में आते हैं.
इन परिणामों से यह सच सामने आ गया है कि पैरों का गुप्तांगों से कामुक संबंध होता है.
अध्ययन में अन्य परिणाम भी सामने आए हैं. इसमें पाया गया कि पैरों के पीछे का हिस्सा और हाथ भी अन्य ऐसे अंग हैं जो महिलाओं में कामुकता को स्थिर करते हैं.
बैंगर यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ साइकोलॉजी के ओलिवर टर्नबल ने कहा, 'अधिकतर लोग मानते हैं कि महिलाओं का पूरा शरीर कामुकता से भरा होता है और पुरुषों का केवल एक ही अंग कामुक होता है.'
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह अध्ययन ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका के 800 लोगों से सवाल जवाब के आधार पर किया गया. शरीर के सबसे अधिक कामोत्तेजक अंग निश्चित रूप से जननांग है. इसके बाद होंठ, कान, आंतरिक अंग और कंधों की हड्डियां हैं.
पुनर्जोतआई बैंक सेवा सोसायटी लुधियाना की तरफ से सेहत विभाग रोपड़ के सहयोग से जगदीप पैलेस में आंखों के संबंध में मुफ्त जांच कैंप तथा सेमिनार करवाया गया।
इसका उद्घाटन सिविल अस्पताल श्री चमकौर साहिब के एसएमओ डॉ. इंद्रजीत सिंह भाटिया तथा बाबा सुखपाल सिंह भैरोमाजरा वालों ने जोत जलाकर किया। जिसमें आंखों की पुतलियों के माहिर डाक्टर रमेश(मेडिकल डायरेक्टर पुनर्जोत आंख बैंक सोसायटी लुधियाना) की अध्यक्षता में माहिर डाक्टरों की टीम ने 104 मरीजों में से 26 मरीजों को आप्रेशन योग्य बताया, 13 पुतली के अंधेपन के मरीज, 12 सफेद मोतीये के मरीज तथा एक काले मोतीये के मरीज की जांच की। इसके उपरांत करवाए सेमिनार में डॉ. रमेश ने कहा कि आंखें हमारे शरीर का बहुत नाजुक अंग हैं। जिसकी देख रेख सबसे ज्यादा जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा की गई लापरवाही भी पुतलियों के अंधेपन का कारण बनती है। इस मौके एसएमओ डॉ. इंद्रजीत सिंह भाटिया, सवर्ण सिंह भंगू, पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत श्री चमकौर साहिब अमनदीप सिंह मांगट, अवतार सिंह घुमण, चौधरी जसवीर सिंह ने आंखें दान करने के प्रति जागरुक किया। सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर सिंह तथा एसीएस रीटा अग्रवाल ने तसल्ली का प्रगटावा करते हुए कहा कि आंखें के कैंप तो लगते हैं लेकिन पुतलियों के संबंध में यह कैंप पहली बार लगा कर सोसायटी ने समाज में बहुत बड़ा योगदान डाला है। इस दौरान अमनदीप सिंह मांगट के साथ 25 व्यक्तियों की तरफ से आंखें दान करने के फार्म भरे गए। इस मौके डॉ. एस.के वर्मा, डॉ. हरिंदर सिंह मेडिकल अफसर, डॉ. राजिंदर सिंह, दर्शन सिंह मल्ली, परमजीत सिंह मान, सुरेश अग्रवाल, भुपिंदर सिंह भूरा, संदीप जसड़ां, बहादुर सिंह सैदपुर, रणधीर सिंह धीरा ने सहयोग दिया।