नेतृत्व का प्रमुख कार्य क्या है? - netrtv ka pramukh kaary kya hai?

नेतृत्व के प्रकार - Types of Leadership

ओहियो स्टेट विश्वविद्यालय के से विवर्गीय शोध बोर्ड ने नेतृत्व को 5 वर्गों में रखा है

नौकरशाह

तानाशाह या अधिनायक

विशेषज्ञ

सहभागी

निदेशक

अनुज्ञात्मक या अनुमतिबोधक

सहयोगी

टेरी ने नेतृत्व के छः प्रकार बतलाये हैं:

व्यक्तिगत नेतृत्व

अव्यक्तिगत नेतृत्व

आदेशात्मक नेतृत्व

लोकतान्त्रिक नेतृत्व

पैतृकवादी नेतृत्व


स्थानीय नेतृत्व अच्छे नेतृत्व की शैली

कथनी शैली

विक्रयी शैली

सहभागी शैली


नेतृत्व के कार्य

एक नेता को निम्नलिखित प्रमुख कार्य करने पड़ते हैं:

● अधीनस्थों की भावनाओं एवं समस्याओं को समझना 

• सहयोग प्राप्त करना 

• समन्वय एवं निदेशन 

• अनुशासन बनाये रखना 

• आदेश देना 

• प्रभावी संप्रेक्षण की व्यवस्था

संगठन के प्रति निष्ठा बनाये रखना 

• शक्ति का प्रयोग 

• समन्वय एवं आदेश

अनुशासन अनुरक्षण

• उच्च समूह मनोबल का विकास

नेतृत्व सम्बन्धी गुण

संप्रेषण की योग्यता

सत्यनिष्ठा

निर्णायकता

उत्साहित करने की योग्यता

साहस

विचारों में लोचशीलता

उत्तरदायित्व

अच्छा निर्णय

समझदारी

अनुभूति

निष्कर्ष 

इस प्रकार यह कहां जा सकता है कि एक अच्छे नेता में आत्मज्ञान पर आधारित आत्मविश्वास होना चाहिए। इस गुण के व्यक्तियों के विश्वास को प्राप्त करने में समर्थ हो सकेगा। एक अच्छे नेता में स्फूर्ति, शक्ति, चेतना और सजगता का मिश्रण होना आवश्यक है क्योंकि इसके द्वारा ही वह अधीनस्थ एवं अनुयायियों को तैयार करने के लिए सक्षम हो पाता है। यह गुण उसके अनुभव एवं ज्ञान में वृद्धि करता है और उसका व्यक्तिगत प्रभाव होता है।

नेतृत्व के कार्य - leadership tasks

नेतृत्व के कार्यों के सम्बन्ध में विद्वानों में मतैक्य नहीं है। अलग-अलग विद्वानों ने नेतृत्व की कार्य सूची में भिन्न-भिन्न कार्यो को सम्मिलित किया है, जो इस प्रकार हैं: - 

A. डाल्टन ई. मैक्फारलैण्ड ने नेतृत्व के कार्यों में भिन्न बातों को सम्मिलित किया है :

(1) समूह लक्ष्यों का निर्धारण करना,

(2) योजना का निर्माण करना

(3) नीति तथा क्रियाविधि निर्धारित करना

(4) अधीनस्थों का पक्ष प्रदर्शन करना,

(5) कार्यकुशल कर्मचारियों का समूह तैयार करना तथा उनका संरक्षण करना,

(6) अधीनस्थों के व्यवहार का उनकी उपलब्धियों के सन्दर्भ में मूल्यांकन करना,

(7) अनुयायियों के लिए एक आदर्श प्रदान करना।

B. नॉरमैन एफ. वाशबर्न ने एक अच्छे नेता द्वारा किये जाने वाले निम्न आठ कार्यों का वर्णन किया है:

(1) क्रियाओं का सूत्रपात करना.

(2) आदेश प्रदान करना,

(3 ) अपने समूह में स्थापित वाहिकाओं का प्रयोग करना.

(4) अपने समूह के नियमों एवं प्रयाओं को जानना और उनकी अनुपालन करना.

(5) अनुशासन बनाये रखना.

(6) अधीनस्थों को सूनना,

(7) अधीनस्थों की आवश्यकताओं के प्रति जागरूक रहना, तथा

(8) अधीनस्थों की सहायता करना।

उक्त आधारों पर कहा जा सकता है कि एक नेता को प्रमुख कार्य करने पड़ते हैं: 

1. अधीनस्थों की भावनाओं एवं समस्याओं को समझना - सफल नेतृत्व के लिए यह आवश्यक है कि नेता को अपने समूह के सदस्यों एवं अपने अधीनस्थों की भावनाओं एवं समस्याओं को अच्छी तरह से समझना चाहिए। लोकतान्त्रिक समाज में कर्मचारियों की भावनाओं एवं समस्याओं की अवहेलना नहीं की जा सकती।

2. सहयोग प्राप्त करना- एक प्रशासनिक संगठन के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों की प्राप्ति समस्त कर्मचारियों के सहयोग से ही सम्भव हो सकती है।

अतः आवश्यक है कि एक नेता को सफल होने के लिए अपने समूह के कर्मचारियों का सहयोग प्राप्त हो। इसके लिए उसे प्रशासक के रूप में अपने अधीनस्थों का सहयोग प्राप्त करना आवश्यक है। इसके लिए यह आवश्यक दिलाये कि उपक्रय की सफलता उनके हित में है।

3. समन्वय एवं निदेशन- एक सफल नेता का तृतीय प्रमुख कार्य अपने अधीनस्थों के कार्यों में आदेश एवं निदेशक द्वारा समन्वय स्थापित करना है। इसके लिए उसे संप्रेक्षण प्रक्रिया को प्रभावी बनाना होगा तथा आदेश एवं निर्देशन की प्रक्रिया में भी मानवीय सम्बन्धों को विशेष रूप से ध्यान में रखना होगा।

4. अनुशासन बनाये रखना - नेता का चौथा कार्य अपने समूह में अनुशासन बनाये रखना भी है क्योंकि अनुशासन द्वारा ही अपने अधीनस्थों को निर्धारित नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित कर सकता है। और कार्य को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए अनुशासन में निहित शक्ति का प्रयोग कर सकता है।

5. आदेश देना- नेता स्वयं कार्य न करके अपने अधीनस्थों से कार्य लेता है। अत: उनके द्वारा कार्य को सम्पादित कराने हेतु उसे आदेश देना पड़ता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि आदेश देना ही नेता का एक महत्वपूर्ण कार्य है।

6. प्रभावी संप्रेक्षण की व्यवस्था करना - संगठन की गतिविधियों में सामंजस्य एवं सन्तुलन बनाये रखने के लिए और कर्मचारियों में मधुर सम्बन्धों एवं भाईचारे का वातावरण स्थापित करने लिए प्रबन्धकों अर्थात् समूह नायकों को संप्रेषण की उचित व्यवस्था करनी चाहिए। इस दिशा में नेता ही इस प्रकार की संप्रेषण प्रक्रिया की व्यवस्था करता है, जिससे अधीनस्थों और उसके मध्य विचारों, आदेशों, आदि का आदान-प्रदान निरन्तर होता रहे।

7. संगठन के प्रति निष्ठा बनाये रखना - एक कुशल नेता का यह भी प्रमुख कार्य है कि वह अपने अधीनस्थों से सम्बन्धित निर्णय आम सहमति से लें।

8. सहयोग प्राप्त नेता - अपने समूह से सहयोग प्राप्त करता है।

सहयोग द्विमार्गीय प्रक्रिय होती है। अधिकारी और समूह दोनों के सहयोग से ही कार्य को सर्वश्रेष्ठ ढंग से पूरा करना सम्भव होता है। सहयोग की प्राप्ति के लिए नेता निम्न कार्य करता है: (i) वह अपने प्रत्येक अनुयायी को विश्वास दिलाता है कि संगठन का सफल परिचालन और उसके लिए अपने समूह के हितों को जानना और समझना आवश्यकता होता है। 

(ii) नता के लिए एक कुशल मनोवैज्ञानिक होना भी आवश्यक है। उसके लिए अपने समूह के हितों को जानना और समझना आवश्यक होता है। 

(iii) सहयोग विश्वास पर आश्रित होता है। लोग तभी सहयोग करते हैं, जब उनको अपने नेता में पूर्ण विश्वास होता है।

9. शक्ति का प्रयोग - नेतृतव के साथ शक्ति जुड़ी होती है। इस शक्ति का प्रयोग न्यायिक एवं सहानुभूतिपूर्ण तरीके से भी तय किया जा सकता है और बल एवं उत्पीड़न के द्वारा भी किया जा सकता है। वस्तुत: एक नेता अपनी शक्ति, काप्रयोग उपक्रम ओर समूह के हित साधन में करता है।

10. समन्वय एवं आदेश - वांछित परिणाम की प्राप्ति के लिए नेता आदेशों के माध्यम से अपने अधीनस्थों के कार्यों में समन्वय स्थापित करता है। लिविंग्स्टन के अनुसार नेता द्वारा दिये जाने वाले आदेश सुनिश्चित क्रमबद्ध. लोचपूर्ण और स्पष्ट होने चाहिए।

11. अनुशासन अनुरक्षण - अनुशासन एक प्रकार का बल है, जो समूह के प्रत्येक सदस्य को समूह के नियमों, प्रथाओं, आदतों, परम्पराओं, आदि के अनुसार उत्पन्न परिस्थितिमें वैयक्तिक एवं सामूहिक रूप से प्रतिक्रिया को जन्म देता है। कुछ अनुशासन नियमों एवं कानूनों द्वारा आरोपित और कुछ स्वयं द्वारा आरोपति होता है। अनुशासन को बनाये रखने की दृष्टि से नेता द्वारा किये जाने वाले अनुरक्षण और अनुमोदन दोनों सुसंगत होने चाहिए।

12. उच्च समूह मनोबल का विकास - नेता निरन्तर अपने समूह के सदयों का मनोबल ऊंचा बनाये रखता है, क्योंकि मनोबल बढ़ने के साथ लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में किये जाने वाले प्रयासों में प्रबलता आती है और मनोबल के गिरने के साथ यह प्रबलता क्षीण हो जाती है।


नेतृत्व के कार्य क्या है?

नेतृत्व (leadership) की व्याख्या इस प्रकार दी गयी है "नेतृत्व एक प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति सामाजिक प्रभाव के द्वारा अन्य लोगों की सहायता लेते हुए एक सर्वनिष्ट (कॉमन) कार्य सिद्ध करता है।

नेतृत्व की क्या विशेषता है?

नेतृत्व के लक्षण अथवा विशेषताएँ नेतृत्व एक ऐसी प्रक्रिया है जो लोगों को प्रभावित करती है, जिससे वे वांछित दिशा में उत्साहपूर्वक कार्य कर सकें। नेतृत्व एक ऐसा कार्य है जो नेताओं द्वारा विभिन्न स्तरों पर, विभिन्न दिशाओं एवं परिस्थितियों में संगठन की आवश्यकता के अनुरूप किया जाता है।

नेतृत्व का मतलब क्या होता है?

नेतृत्व का हिंदी अर्थ दिशादर्शन; मार्गदर्शन; पेशवाई; रहनुमाई; अगुवाई।

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