पक्षी आसमान में क्यों उड़ते हैं? - pakshee aasamaan mein kyon udate hain?

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ED YONG ने इस बारे में रिसर्च करके नेशनल जियोग्राफी पर बताया है कि इस तरह से उड़ान भरकर पक्षी एक विशेष प्रकार की साइंस ट्रिक का यूज करते हैं। एक पक्षी जब पंख फड़फड़ाता है तो इसके माध्यम से वह हवा के एक छोटे से भंवर को नीचे की तरफ धकेलता है, इसके कारण एक वैक्यूम बन जाता है और उसके पीछे वाले पक्षी को उड़ने के लिए उतना परिश्रम नहीं करना पड़ता। 


साइंस में इसे downwash और upwash की प्रक्रिया के तौर पर समझाया गया है

यानी आगे वाला पक्षी अपने पंख के पीछे चलने वाले पक्षी को उड़ने में मदद करता है। यदि परेड की तरह एक के पीछे दूसरा पक्षी आ जाएगा तो पीछे वाला पक्षी इस भंवर में फंसकर नीचे चला जाएगा। उसकी उड़ान मुश्किल हो जाएगी। साइंस में इसे downwash और upwash की प्रक्रिया के तौर पर समझाया गया है। 


उड़ान के दौरान ड्यूटी बदलती रहती है

(V) इस तरह का विशेष आकार बनाकर उड़ने वाले पक्षी माइग्रेटरी बर्ड्स कहे जाते हैं यानी ऐसे पक्षी जो लंबी दूरी के लिए उड़ान भरते हैं। उड़ान के दौरान पक्षी अपनी जगह बदलते रहते हैं। आगे वाला आराम करने पीछे चला जाता है और पीछे वाला ऑन ड्यूटी आ जाता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article


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पक्षियों में पंख होते हैं जो अग्रपाद के रूपांतरण  होते हैं।  इनकी हड्डियाँ खोखली तथा फेफड़ों में वायुकोष होते है जो शरीर को हल्का बनाते हैं। इस प्रकार शरीर के हल्केपन तथा पंखों की सहायता से पक्षी हवा में सरलता से उड़ पाते हैं।

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पक्षी बड़े ही भाग्यशाली जीव हैं. उनके पास पंख होते हैं. इसलिए वे आसमान में दिल खोल कर उड़ सकते हैं. आसमान में उड़ते पक्षियों को देखना हर किसी को पसंद हैं. यदि आप ने नोटिस किया हो तो कई प्रजाति के पक्षी अक्सर आसमान में झुंड में उड़ना पसंद करते हैं. इसके साथ ही जब ये आकाश में अपने समूह के साथ उड़ान भरते हैं तो अंग्रेजी अक्षर V का शेप बना लेते हैं. ऐसे में क्या आप ने कभी सोचा हैं कि ये पक्षी आखिर V शेप बनाकर ही क्यों उड़ते हैं? दरअसल इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी हैं.

दरअसल सभी पक्षी समूह में V शेप बनाकार इसलिए उड़ते हैं ताकि वे हवा को तेज़ रफ़्तार से काटकर अपनी उज्र बचा सके. वैज्ञानिकों के अनुसार V आकार में उड़ते पक्षीयों का समूह किसी अकेले उड़ते पक्षी की तुलना में 10 से 20 प्रतिशत तक की उर्जा बचा लेता हैं. इतना ही नहीं इस V आकार की वजह से उनकी उड़ने की रफ़्तार 5 किलोमीटर प्रति घटना बढ़ जाती हैं. इस तरह इस V शेप में उड़ने के करण वे लंबी दूरी कम समय और उर्जा में तय कर लेते हैं.

जब ये V शेप में उड़ते हैं तो एक और दिलचस्प बात ये होती हैं कि इस दौरान छोटे उम्र वाले पक्षी आगे होते हैं जबकि बड़ी उम्र वाले पक्षी पीछे की ओर होते हैं. इस तरह वे हर समय उन पर नजरें गड़ाए रहते हैं. बता दे कि कई बार ये पक्षी हजारों किलोमीटर लम्बा सफ़र भी तय करते हैं. ऐसे में कुछ प्रजातियाँ यह दूरी एक बार में ही पूरी कर लेती हैं तो कुछ ये सफ़र जगह जगह रुक रुक कर करती हैं. छोटे गुदरा नाम का एक पक्षी हैं जिसके नाम वर्ड रिकॉर्ड भी दर्ज हैं. ये पक्षी एक बार में अलास्का से उड़कर न्यूज़ीलैंड तक का 10000 किलोमीटर का सफ़र एक बार में ही पूरा कर लेता हैं. ये यहाँ प्रजनन करने आता हैं. इतना लम्बा सफर रास्ते में बिना रुके तय करना बहुत बड़ी बात हैं. इस सफ़र के अंत में उसका वजन कम होकर आधा रह जाता हैं.

वहीं दूसरी ओर जो पक्षी कम उंचाई पर ही उड़ते हैं वे अपना सफ़र बीच रास्ते में जगह जगह रुकर पूरा करते हैं. इस दौरान ये खाने की तलाश में नीचे भी आते हैं. हालाँकि कई बार ये आराम करना इन्हें महंगा पड़ जाता हैं और इनका शिकार हो जाता हैं. तो जैसा कि आप ने देखा आसमान में उड़ने वाले ये पक्षी बड़े ही चालाक और अक्लमंद होते हैं. इन्हें उड़ने के साथ साथ अन्य कई चीजों की भी समझ होती हैं. अपने सफ़र का रास्ता तक ये खुद खोज लेते हैं. पक्षीयों का समूह अक्सर मौसम बदलने की वजह से खाने या प्रजनन हेतु एक स्थान से दुसरे स्थान सफ़र करता रहता हैं. इनके लम्बे सफ़र अक्सर झुंड में ही होते हैं. V शेप में उड़ान भरना इनके लिए बड़ा फाये का सौदा होता हैं.

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