पान वाले ने क्या साफ बता दिया था - paan vaale ne kya saaph bata diya tha

प्रश्न 10-12: निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए -
(क) वह अपनी छोटी - सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर एक फिट कर देता है।
(ख) पानवाला नया पान खा रहा था।
(ग) पानवाले ने साफ़ बता दिया था।
(घ) ड्राईवर ने जोर से ब्रेक मारा।
(ड़) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।
(च) हालदार साहब ने चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया।

उत्तर 10-12:
(क) उसके द्वारा अपनी छोटी - सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर एक फिट कर दिया जाता है।
(ख) पानवाले से नया पान खाया जा रहा था।
(ग) पानवाले द्वारा साफ़ बता दिया गया था।
(घ) ड्राईवर द्वारा जोर से ब्रेक मारा गया।
(ड़) नेताजी द्वारा देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया गया।
(च) हालदार साहब द्वारा चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया गया।

प्रश्न 10-13: नीचे लिखे वाक्यों को भाववाच्य में बदलिए -
(क) माँ बैठ नहीं सकती।
(ख) मैं देख नहीं सकती।
(ग) चलो, अब सोते हैं।
(घ) माँ रो भी नहीं सकती।

उत्तर 10-13:
(क) माँ से बैठा नहीं जाता।
(ख) मुझसे देखा नहीं जाता।
(ग) चलो अब सोया जाए।
(घ) माँ से रोया भी नहीं जाता।

पान वाले के द्वारा साफ़ बता दिया गया था इस वाक्य में कौन सा वाच्य है?

कर्मवाच्य = पानवाले द्वारा नया पान खाया जा रहा था। (ग) पानवाले ने साफ बता दिया था। कर्मवाच्य = पानवाले द्वारा साफ़ बता दिया गया था। (घ) ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे।

हालदार ने पान वाले से क्या पूछा?

Solution : हालदार साहब ने चश्मे वाले के संबंध में पान वाले से यह जानना चाहा कि वह आजाद हिन्द फौज का फौजी रहा है या उनका साथी। उन्होंने यह इसलिए पूछा क्योंकि उन्हें उस विचित्र आदमी के बारे में जानने की उत्सुकता थी।

निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए पान वाला नया पान खा रहा था?

निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए क वह अपनी छोटी सी दुकान में उपलब्ध् गिने चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है। ख पानवाला नया पान खा रहा था । ग पानवाले ने साफ़ बता दिया थाघ ड्राइवर ने ज़ोर से ब्रेक मारेङ नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।

निम्नलिखित वाक्यों में से कर्मवाच्य का सही प्रयोग है?

2. कर्मवाच्य-जिस वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है तथा क्रिया का प्रयोग कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होता है और कर्ता की स्थिति में स्वयं कर्म होता है, वहाँ कर्मवाच्य होता है। उपर्युक्त वाक्यों में क्रिया का प्रयोग कर्ता के अनुसार न होकर इनके कर्म के अनुसार हुआ है, अतः ये कर्मवाच्य हैं।

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