प्रभु श्री राम के कितने नाम है? - prabhu shree raam ke kitane naam hai?

बच्‍चों के नामकरण के लिए देवी-देवताओं के नामों में से भी कोई एक नाम आपको पसंद आ सकता है। भगवान राम को भी कई नामों से जाना जाता है और आप उनके अनेक नामों में से 'अ' अक्षर से शुरू होने वाले नामों की लिस्‍ट में से कोई एक नाम चुन सकते हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं भगवान राम के 'अ' अक्षर से शुरू होने वाले नामों के बारे में।

बच्चों के नाम अ अक्षर से

  • आयांश : भगवान राम के पवित्र नामों में से एक नाम आयांश भी है। आयांश नाम का मतलब होता है प्रकाश की पहली किरण, माता-पिता का अंश, ईश्वर का उपहार, सूर्य जैसा तेज या चमक।
  • अव्‍युक्‍त : शीशे की तरह साफ चीज को अव्‍युक्‍त कहते हैं। भगवान कृष्ण या स्पष्ट मनवाले को अव्‍युक्‍त नाम से जाना जाता है। भगवान राम को भी अव्‍युक्‍त कहा जाता है।
  • आरव : अगर आपके बेटे का नाम 'अ' अक्षर से निकला है तो आप उसे आरव नाम दे सकते हैं। आरव नाम क मतलब शांतिपूर्ण, ध्वनि, चिल्लाना, उम्‍मीद, विकिरण प्रकाश, संस्कृत और मधुर ध्वनि होता है।

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बच्चों के नाम की लिस्ट 2021

  • अयान : धार्मिक कार्यों में रूचि रखने वाले, ईश्‍वर के उपहार और भेंट या ईश्‍वर की ओर झुकाव रखने वाले व्‍यक्‍ति को अयान कहते हैं।
  • अथर्व : भगवान राम के साथ-साथ भगवान गणेश को भी अथर्व के नाम से जाना जाता है। अथर्व के नाम से एक वेद भी है। वेदों के ज्ञाता और जानकार को भी अथर्व कहा जाता है।
  • अव्‍यान : जिसकी बोली बहुत मीठी हो या जिसकी वाणी में मधुरता हो, उसे अव्‍यान कहते हैं। भगवान राम को भी अव्‍यान कहते हैं।

भगवान राम के अन्य नाम

  • अन्वित : यदि आपके बेटे का नाम 'अ' अक्षर से निकला है तो आप उसका नाम अन्वित रख सकते हैं। अन्वित नाम का मतलब मित्र, संबंध, नेता, मार्गदर्शक, हमेशा दूसरों को निर्देशित और नेतृत्व करने वाले को अन्वित कहते हैं।
  • अश्विक : अ अक्षर से शुरू होने वाला यह नाम बहुत यूनीक और मॉडर्न है। अश्विक नाम का मतलब धन्य और विजयी होता है। जीतने वाले और विजेता को भी अश्विक कहते हैं।

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भगवान राम के नाम हिंदी में

  • अनय : भगवान राम, विष्‍णु जी का ही एक अवतार थे। विष्‍णु जी को अनय नाम से भी पुकारा जाता है इसलिए भगवान राम का एक नाम अनय भी हुआ। श्रेष्‍ठ व्‍यक्‍ति को भी अनय कहते हैं।
  • अद्वैत : अद्वितीय, अनन्य, अनूठे, कोई ऐसा जिसका कोई समकक्ष नहीं है, अप्रतिम और अतुलनीय को अद्वैत कहते हैं। भगवान राम को भी अद्वैत कहा जाता है।
  • अयांश : इस नाम का मतलब होता है प्रकाश की पहली किरण, माता-पिता का अंश, ईश्वर का उपहार। आप अपने बेटे को भगवान राम के कई नामों में से एक नाम अयांश दे सकते हैं।

भगवान राम के नाम पर बच्चों के नाम

  • आशवी : जिस तरह आप बेटे के लिए भगवान राम के नाम देख रहे हैं, उसी तरह आप देवियों के नामों में से अपनी बेटी के लिए कोई एक नाम चुन सकते हैं। आशवी नाम का मतलब होता है धन्य और विजयी। मां सरस्‍वती को आशवी कहते हैं।
  • आर्वी : 'अ' अक्षर से शुरू होने वाले इस नाम का मतलब शांति, शांतिपूर्ण व्‍यक्‍ति या शांति को पसंद करने वाला होता है।

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श्री राम के 108 नाम 

१. श्रीराम: – जिनमें योगीजन रमण करते हैं, ऐसे सच्चिदानन्दघंस्वरूप श्री राम अथवा सीता-सहित राम


२. रामचन्द्र: – चंद्रमा के समान आनन्दमयी एवं मनोहर राम
३. रामभद्र: – कल्याणमय राम
४. शाश्वत: :- सनातन राम
५. राजीवलोचन:- कमल के समान नेत्रोंवाले
६. श्रीमान् राजेन्द्र:- श्री सम्पन्न राजाओं के भी राजा, चक्रवर्ती सम्राट
७. रघुपुङ्गव:- रघुकुल में श्रेष्ठ
८. जानकीवल्लभ:- जनककिशोरी सीता के प्रियतम
९. जैत्र: – विजयशील
१०. जितामित्र:- शत्रुओं को जीतनेवाला
११. जनार्दन:- सम्पूर्ण मनुष्यों द्वारा याचना करने योग्य
१२. विश्वामित्रप्रिय:-विश्वामित्रजी के प्रियतम
१३. दांत:- जितेंद्रिय
१४. शरण्यत्राणतत्पर:- शरणागतों के रक्षा में तत्पर
१५. बालिप्रमथन:- बालि नामक वानर को मारनेवाले
१६. वाग्मी- अच्छे वक्ता
१७. सत्यवाक्- सत्यवादी
१८. सत्यविक्रम:- सत्य पराक्रमी
१९. सत्यव्रत:- सत्य का दृढ़ता पूर्वक पालन करनेवाले
२०. व्रतफल:- सम्पूर्ण व्रतों के प्राप्त होने योग्य फलस्वरूप


२१. सदा हनुमदाश्रय:- निरंतर हनुमान जी के आश्रय अथवा हनुमानजी के ह्रदयकमल में निवास करनेवाले


२२. कौसलेय:- कौसल्याजी के पुत्र
२३. खरध्वंसी :- खर नामक राक्षस का नाश करनेवाले
२४. विराधवध-पण्डित:- विराध नामक दैत्य का वध करने में कुशल
२५. विभीषण-परित्राता- विभीषण के रक्षक
२६. दशग्रीवशिरोहर:- दशशीश रावण के मस्तक काटनेवाले
२७. सप्ततालप्रभेता – सात ताल वृक्षों को एक ही बाण से बींध डालनेवाले
२८. हरकोदण्ड- खण्डन:- जनकपुर में शिवजी के धनुष को तोड़नेवाले
२९. जामदग्न्यमहादर्पदलन:- परशुरामजी के महान अभिमान को चूर्ण करनेवाले
३०. ताडकान्तकृत- ताड़का नामवाली राक्षसी का वध करनेवाले
३१. वेदान्तपार:- वेदान्त के पारंगत विद्वान अथवा वेदांत से भी अतीत
३२. वेदात्मा:- वेदस्वरूप
३३. भवबन्धैकभेषज:- संसार बन्धन से मुक्त करने के लिये एकमात्र औषधरूप
३४. दूषणप्रिशिरोsरि:- दूषण और त्रिशिरा नामक राक्षसों के शत्रु
३५. त्रिमूर्ति:- ब्रह्मा,विष्णु और शिव- तीन रूप धारण करनेवाले
३६. त्रिगुण:- त्रिगुणस्वरूप अथवा तीनों गुणों के आश्रय
३७. त्रयी- तीन वेदस्वरूप
३८. त्रिविक्रम:- वामन अवतार में तीन पगों से समस्त त्रिलोकीको नाप लेनेवाले
३९. त्रिलोकात्मा- तीनों लोकों के आत्मा
४०. पुण्यचारित्रकीर्तन:- जिनकी लीलाओं का कीर्तन परम पवित्र हैं, ऐसे
४१. त्रिलोकरक्षक:- तीनों लोकोंकी रक्षा करनेवाले
४२. धन्वी- धनुष धारण करनेवाले
४३. दण्डकारण्यवासकृत्- दण्डकारण्य में निवास करनेवाले
४४. अहल्यापावन:- अहल्याको पवित्र करनेवाले
४५. पितृभक्त:- पिता के भक्त
४६. वरप्रद:- वर देनेवाले
४७. जितेन्द्रिय:- इन्द्रियों को काबू में रखनेवाले
४८. जितक्रोध:- क्रोध को जीतनेवाले
४९. जितलोभ:- लोभ की वृत्ति को परास्त करनेवाले
५०. जगद्गुरु:- अपने आदर्श चरित्रोंसे सम्पूर्ण जगत् को शिक्षा देनेके कारण सबके गुरु

५१. ऋक्षवानरसंघाती:- वानर और भालुओं की सेना का संगठन करनेवाले
५२. चित्रकूट – समाश्रय:- वनवास के समय चित्रकूट पर्वत पर निवास करनेवाले
५३. जयन्तत्राणवरद:- जयन्त के प्राणों की रक्षा करके उसे वर देनेवाले
५४. सुमित्रापुत्र- सेवित:-सुमित्रानन्दन लक्ष्मण के द्वारा सेवित
५५. सर्वदेवाधिदेव:‌- सम्पूर्ण देवताओं के भी अधिदेवता
५६. मृतवानरजीवन:- मरे हुए वानरों को जीवित करनेवाले


५७. मायामारीचहन्ता- मायामय मृग का रूप धारण करके आये हुए मारीच नामक राक्षस का वध करनेवाले


५८. महाभाग:- महान सौभाग्यशाली
५९. महाभुज:- बड़ी- बड़ी बाँहोंवाले
६०. सर्वदेवस्तुत:- सम्पूर्ण देवता जिनकी स्तुति करते हैं, ऐसे
६१. सौम्य:- शांतस्वभाव
६२. ब्रह्मण्य:- ब्राह्मणों के हितैषी
६३. मुनिसत्तम:- मुनियोंमे श्रेष्ठ
६४. महायोगी- सम्पूर्ण योगोंके अधीष्ठान होने के कारण महान योगी
६५. महोदर:- परम उदार
६६. सुग्रीवस्थिर-राज्यपद:- सुग्रीव को स्थिर राज्य प्रदान करनेवाले
६७. सर्वपुण्याधिकफलप्रद:-सम्स्त पुण्यों के उत्कृष्ट फलरूप
६८. स्मृतसर्वाघनाशन:- स्मरण करनेमात्र से ही सम्पूर्ण पापों का नाश करनेवाले
६९. आदिपुरुष: – ब्रह्माजीको भी उत्पन्न करनेके कारण सब के आदिभूत अन्तर्यामी परमात्मा
७०. महापुरुष:- समस्त पुरुषों मे महान
७१. परम: पुरुष:- सर्वोत्कृष्ट पुरुष
७२. पुण्योदय:- पुण्य को प्रकट करनेवाले
७३. महासार:- सर्वश्रेष्ठ सारभूत परमात्मा
७४. पुराणपुरुषोत्तम:- पुराणप्रसिद्ध क्षर-अक्षर पुरुषोंसे श्रेष्ठ लीलापुरुषोत्तम
७५. स्मितवक्त्र:- जिनके मुखपर सदा मुस्कानकी छटा छायी रहती है, ऐसे
७६. मितभाषी- कम बोलनेवाले
७७. पूर्वभाषी – पूर्ववक्ता
७८. राघव:- रघुकुल में अवतीर्ण
७९. अनन्तगुण गम्भीर:- अनन्त कल्याणमय गुणों से युक्त एवं गम्भीर
८०. धीरोदात्तगुणोत्तर:- धीरोदात्त नायकके लोकोतर गुणों से युक्त
८१. मायामानुषचारित्र:- अपनी मायाका आश्रय लेकर मनुष्योंकी-सी लीलाएँ करनीवाले
८२. महादेवाभिपूजित:- भगवान शंकर के द्वारा निरन्तर पूजित
८३. सेतुकृत- समुद्रपर पुल बाँधनेवाले
८४. जितवारीश:- समुद्रको जीतनेवाले
८५. सर्वतीर्थमय:- सर्वतीर्थस्वरूप
८६. हरि:- पाप-ताप को हरनेवाले
८७. श्यामाङ्ग:- श्याम विग्रहवाले
८८. सुन्दर:- परम मनोहर
८९. शूर:- अनुपम शौर्यसे सम्पन्न वीर

 

९०. पीतवासा:- पीताम्बरधारी
९१. धनुर्धर:- धनुष धारण करनेवाले
९२. सर्वयज्ञाधिप:- सम्पूर्ण यज्ञों के स्वामी
९३. यज्ञ:- यज्ञ स्वरूप
९४. जरामरणवर्जित:- बुढ़ापा और मृत्यु से रहित
९५. शिवलिंगप्रतिष्ठाता- रामेश्वर नामक ज्योतिर्लिंग की स्थापना करनेवाले
९६. सर्वाघगणवर्जित:‌ – समस्त पाप-राशियों से रहित
९७. परमात्मा- परमश्रेष्ठ, नित्यशुद्ध-बुद्ध –मुक्तस्वरूपा
९८. परं ब्रह्म- सर्वोत्कृष्ट, सर्वव्यापी एवं सर्वाधिष्ठान परमेश्वर


९९. सच्चिदानन्दविग्रह:- सत्, चित् और आनन्द ही जिनके स्वरूप का निर्देश करानेवाला है, ऐसे परमात्मा अथवा सच्चिदानन्दमयदिव्यविग्रह


१००. परं ज्योति:- परम प्रकाशमय,परम ज्ञानमय
१०१. परं धाम- सर्वोत्कृष्ट तेज अथवा साकेतधामस्वरूप
१०२. पराकाश:- त्रिपाद विभूतिमें स्थित परमव्योम नामक वैकुण्ठधामरूप, महाकाशस्वरूप ब्रह्म
१०३. परात्पर:- पर- इन्द्रिय, मन, बुद्धि आदि से भी परे परमेश्वर
१०४. परेश:- सर्वोत्कृष्ट शासक
१०५. पारग:- सबकोपार लगानेवाले अथवा मायामय जगत की सीमा से बाहर रहनेवाले


१०६. पार:- सबसे परे विद्यमान अथवा भवसागर से पार जाने की इच्छा रखनेवाले प्राणियों के प्राप्तव्य परमात्मा


१०७. सर्वभूतात्मक:- सर्वभूतस्वरूप
१०८. शिव:- परम कल्याणमय

 

 

 

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राम के 108 नाम कौन कौन से हैं?

श्री राम के 108 नाम.
श्रीराम: – जिनमें योगीजन रमण करते हैं, ऐसे सच्चिदानन्दघंस्वरूप श्री राम अथवा सीता-सहित राम.
रामचन्द्र: – चंद्रमा के समान आनन्दमयी एवं मनोहर राम.
रामभद्र: – कल्याणमय राम.
शाश्वत: :- सनातन राम.
राजीवलोचन:- कमल के समान नेत्रोंवाले.
श्रीमान् राजेन्द्र:- श्री सम्पन्न राजाओं के भी राजा, चक्रवर्ती सम्राट.

राम को कितने नामों से जाना जाता है?

शायद बहुत ही कम लोग भगवान राम के 108 नामों के बारे जानते होंगे। शास्त्रों के अनुसार अष्टोत्तर शतनामावली के नाम से इन 108 नामों को जाना जाता है।

राम के अन्य नाम क्या है?

राम
श्रीरामजी ( श्रीरामचन्द्रजी )
राम दरबार
अन्य नाम
व्रिशा, वैकर्तन(सुर्य का अन्श), श्रीरामचंद्रजी , श्रीदशरथसुतजी , श्रीकौशल्यानंदनजी , श्रीसीतावल्लभजी , श्रीरघुनन्दनजी , श्रीरघुवरजी,श्रीरघुनाथजी आदि।
निवासस्थान
अयोध्या, वैकुण्ठलोक (परमधाम)
मंत्र
ॐ श्री रामचन्द्राय:‌‌नमः: ॐ रां रामाय नमः
राम - विकिपीडियाhi.wikipedia.org › wiki › रामnull

16 राम नाम जपने से क्या लाभ है?

सिविल लाइन स्थित श्री राम शरणम् श्री राम पार्क में चल रहे राम नाम अखंड जाप महायज्ञ के 16वें दिन संत नरकेवल बेदी जी ने कहा कि राम नाम जपने से सभी प्रकार के दुख, दर्द और कठिनाइयां श्रीराम कृपा से अपने आप दूर हो जाया करती हैं। जैसे तेज हवा चलने से बादल भाग जाते हैं, वैसे ही राम नाम का जाप घबराहट को दूर कर देता है।

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