प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए बोनस नियम - praivet limited kampanee ke lie bonas niyam

आज के इस आर्टिकल में हम एक ऐसे विषय के बारे में बात करने जा रहे है जो हर कर्मचारी के लिए उपयोगी है। कर्मचारियों को मिलने वाला बोनस PAYMENT OF BONUS ACT, 1965 के आधार पर तय होता है। इसी अधिनियम के बारे में हम आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे।

  • बोनस एक्ट का पेमेंट
  • बोनस एक्ट में 2015 में किए गए संशोधन
  • बोनस की कैलकुलेशन
  • कंपनियों के लिए सामान्य पात्रता (2018)
  • कर्मचारियों के लिए बोनस की पात्रता (2018)
  • वह अधिकतम समय जिसके बाद आपको बोनस मिलना चाहिए

बोनस एक्ट का पेमेंट

सन 1965 में भारत सरकार ने बोनस एक्ट पेमेंट अधिनियम लागु किया जिसके अनुसार जिन कर्मचारियों की तनख्वाह एक निश्चित सीमा से कम है उनको एक न्यूनतम गारंटीड बोनस का भुगतान किया जाएगा।

इस अधिनियम के अनुसार – ” साल 1979 तथा उसके बाद के वित्तीय वर्षों में एक Employer को अनिवार्य रूप से अपने कर्मचारियों को उनकी सैलरी या Wage का न्यूनतम 8.33% या 100 रूपये में से जो भी ज्यादा है उतने बोनस का भुगतान करना पड़ेगा।”

इसके अनुसार आप अपने (BASIC + DA) Wage का न्यूनतम 8.33% से लेकर अधिकतम 20% तक बोनस प्राप्त कर सकते है लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि यह बोनस केवल 7,000 रूपये पर ही कैलकुलेट किया जाता है इसका मतलब अगर आपकी सैलरी 10,000 रूपये है तो भी आपका बोनस केवल 7000 रुपयों पर ही कैलकुलेट किया जाएगा।

बोनस एक्ट में 2015 में किए गए संशोधन

“अगर किसी कर्मचारी की तनख्वाह 7,000 रूपये से अधिक है तो भी उसके बोनस की गणना केवल 7,000 रूपये या फिर सम्बंधित सरकार के रोजगार सम्बन्धी नियमों के न्यूनतम Wage, में से जो भी राशि अधिक होगी उसके आधार पर की जाएगी”

अगर आप इस नियम को पढ़ने के बाद अभी भी दुविधा में है तो ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारे इस वीडियो को देख सकते है –

बोनस की कैलकुलेशन

  • Basic Pay :- यह किसी भी कर्मचारी के वेतन का मुख्य भाग होता है। यानी किसी भी प्रकार की योजनाओं का पैसा जोड़े बिना या काटे बिना इसकी कैलकुलेशन होती है।
  • Grade Pay :- सरकारी कर्मचारियों को उनके पद के अनुसार Grade Pay का लाभ मिलता है।
  • Allowance :- यह वो राशि है जो कर्मचारी को किसी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर सैलरी के अलावा मिलती है जैसे परिवहन, हाउसिंग, स्वास्थ्य सम्बन्धी कारण आदि।
  • DA (Dearness Allowance) :- यह आपके (Basic Pay + Grade Pay) का एक हिस्सा है जो इन्फ्लेशन के अनुसार कम-ज्यादा हो सकता है।

आइये इसको कुछः उदाहरणों की सहायता से समझते है –

  1. माना कि आपका (Basic + DA) 5,000 रूपये है तो आपका न्यूनतम बोनस 8.33% होगा जो कि 416.5 रूपये है।
  2. माना कि आपका (Basic + DA) 8,000 रूपये है तथा आप राजस्थान के रहने वाले है जहां न्यूनतम Wage 5720 रूपये प्रति महीना है तो आपका न्यूनतम बोनस 7,000 रुपयों का 8.33% होगा।
  3. माना कि आपका (Basic + DA) 8,000 रूपये है तथा आप दिल्ली में रहते हो जहां न्यूनतम Wage 13,000 रूपये प्रति महीना है तो आपका न्यूनतम बोनस भी 13,000 का 8.33% होगा क्योंकि वहां पर न्यूनतम Wage 7,000 रूपये से ज्यादा है।

कंपनियों के लिए सामान्य पात्रता (2018)

आपकी कंपनी इस एक्ट के अंतर्गत आती है नहीं? यह जानने के लिए आपको निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए –

  • कंपनी न्यूनतम 5 वर्ष पुरानी होनी चाहिए।
  • कंपनी प्रॉफिटेबल होनी चाहिए।
  • कंपनी में न्यूनतम 20 कर्मचारी होने चाहिए।

कर्मचारियों के लिए बोनस की पात्रता (2018)

अगर आप इन शर्तों को पूरा करते है तो आप बोनस के लिए योग्यता रखते है –

  • आपकी तनख्वाह 21,000 रूपये पार्टी महीन से कम होनी चाहिए।
  • एक वर्ष में आपको न्यूनतम 30 दिन काम पर उपस्थित रहना होगा।

वह अधिकतम समय जिसके बाद आपको बोनस मिलना चाहिए

सरकारी नीतियों के अनुसार प्रत्येक वित्त वर्ष के पूर्ण होने के 8 महीनों बाद लगभग बोनस दे दिया जाना चाहिए। चूँकि भारत में वित्त वर्ष मार्च में पूरा होता है इसलिए अक्टूबर-नवंबर के आसपास बोनस मिलना चाहिए। इसलिए ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को दीवाली के समय पर बोनस देने को प्राथमिकता देती है।

हम यह आशा करते है कि यह आर्टिकल आपके लिए लाभदायक साबित होगा।

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Heena Siddique

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बोनस कैसे बनता है?

एक रेलवे कर्मचारी को 30 दिन के हिसाब से 7000 रुपए बोनस बनता है. ऐसे में 78 दिन का उस कर्मचारी को लगभग 18000 रुपए बोनस मिलेगा.

बोनस कितना है?

7000 रुपये तक पर गणना: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पात्र कर्मचारियों को बोनस के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा 7,000 रुपये प्रतिमाह है। प्रति पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिनों की अधिकतम देय राशि 17,951 रुपये है। इस फैसले से रेलवे पर करीब 1832 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

भारत में बोनस की समस्या क्या है?

बोनस अधिनियम के संशोधन के अनुसार, 21,000 रुपये से अधिक वेतन वाले कर्मचारियों को बोनस नहीं मिलता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस राशि को बोनस प्राप्त करने की अधिकतम सीमा के रूप में स्थापित किया गया है।

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