पुराने पीतल के बर्तन का क्या रेट है? - puraane peetal ke bartan ka kya ret hai?

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पीतल के दाम में सोने जैसी उछाल, एक वर्ष में दोगुनी हो गई कीमत; जानें रांची का बाजार भाव

Brass Rate Jharkhand Samachar रांची के व्यापारी अब पीतल के सामान स्टाॅक में रखने से घबरा रहे हैं। कई मूर्ति निर्माताओं के ऑर्डर कैंसिल हो गए हैं। रांची के बाजार में पीतल का बर्तन कोलकाता अलीगढ़ मेरठ बिहार के आरा से आता है।

रांची, जासं। Brass Rate, Jharkhand Samachar पीतल की कीमतों में इस बार ऐतिहासिक तेजी देखने को मिल रही है। पीतल पिछले एक वर्ष के सबसे अधिकतम भाव पर पहुंच गया है। पिछले वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण के शुरू होने के बाद से ही पीतल के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। व्यापारी बता रहे हैं कि भारत में उद्योग के लिए विदेश से बड़ी मात्रा में पीतल आयात किया जाता है। इसका इस्तेमाल जरूरत के मुताबिक अलग-अलग इंडस्ट्री में किया जाता है। जैसे मूर्ति, बर्तन, ताला, हार्डवेयर, मशीन के पार्ट आदि।

भाव में तेजी के कारण राजधानी रांची के व्यापारी अब पीतल के सामान स्टाॅक में रखने से घबरा रहे हैं। कई मूर्ति निर्माताओं के ऑर्डर कैंसिल हो गए हैं। अपर बाजार में पीतल के बर्तन विक्रेता अनुज अग्रवाल बताते हैं कि उनकी दुकान अपर बाजार में 20 साल पुरानी है। मगर पीतल के दाम में सोने सा उछाल उन्होंने कभी नहीं देखा था। एक साल में पीतल के दाम लगभग दोगुने हो गए हैं।

वर्ष 2018 में पीतल का दाम 260 रुपये प्रति किलो था। जो दो वर्ष में 360 रुपये तक पहुंचा। मगर पिछले एक वर्ष में इसकी कीमत दोगुनी हो गई है। अभी पीतल 680 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। अगले एक सप्ताह में इसके 700 तक पहुंच जाने की संभावना है। यही कारण है कि पीतल के बर्तन, मूर्ति, ताले व हार्डवेयर की तमाम चीजों के दाम में तेजी आ गई है।

आयात नहीं होने से प्रभावित हुआ भाव

राज्य में पीतल की सबसे ज्यादा खपत अलग-अलग पार्ट बनाने के लिए जमशेदपुर के आदित्यपुर में होती है। यहां सैकड़ों छोटी-छोटी कंपनियां हैं जो छोटे से बड़े स्तर पर अलग-अलग मशीन का पार्ट बनाती है। इसके अलावा राज्य में पीतल के बर्तन बनाने का काम बड़े स्तर पर कहीं नहीं होता। रांची के बाजार में पीतल का बर्तन कोलकाता, अलीगढ़, मेरठ, बिहार के आरा से आता है। वहीं पीतल की मूर्ति और आर्ट पीस मुंबई से मंगाई जाती है। कोरोना संक्रमण के कारण एक तरफ तो पीतल का आयात प्रभावित हुआ है। वहीं दूसरी तरफ मुंबई सहित अन्य स्थानों पर कोरोना के कारण उद्योग पर असर पड़ा है। मुंबई में फिर से लाॅकडाउन ने एक बार फिर से रेट को ऊपर जाने का बड़ा कारण दिया है।

अप्रैल 2020 में कीमत 360 प्रति किलो

दिसंबर 2020 में 470 प्रति किलो

जनवरी 2021 में 510 प्रति किलो

फरवरी 2021 में 540 प्रति किलो

मार्च 2021 में 650 प्रति किलो

अप्रैल 2021 में 680 प्रति किलो

Edited By: Sujeet Kumar Suman

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स्टील, पीतल व तांबा के दाम गिरे, ज्यादा होगी खरीदारी

पिछले साल की तुलना में बर्तनों के दाम 50 रु किलो तक कम हुए

भास्कर संवाददाता | मुरैना

बर्तन खरीदने का मन बना रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। स्टील, पीतल व तांबा के बर्तनों की कीमत 50 रुपए किलो तक गिर गईं हैं। इसलिए लोग धनतेरस के त्योहार से पहले भी बर्तनों की खरीदारी शुरू कर सकते हैं।

दरअसल, सोने का भाव कम होने का असर स्टील, पीतल व तांबा के बर्तनों के भाव पर है। तीनों धातुओं से बने बर्तन 50 रुपए किलो सस्ते रेट से बिक रहे हैं। बर्तन व्यवसायियों ने धनतेरस-दीवाली के लिए बर्तनों का जो स्टॉक किया है उसे लेकर कारोबारियों को आस है कि इस बार धनतेरस का बाजार गुलजार रहेगा। स्टील के बर्तनों का नया रेट 140 रुपए, पीतल 400 रुपए व तांबा के बर्तन का रेट 600 रुपए किलो चल रहा है। एल्युमीनियम के बर्तनों का रेट 170 रुपए किलो तक उतर आया है। बीती दीवाली के रेट को देखें तो सभी धातुओं के बर्तनों के रेट 50 रुपए किलो तक महंगे थे।

मुम्बई की स्टील बेहतर

बर्तन खरीदने वालों को यह जानना जरूरी है कि स्टील के बर्तन खरीदने के दौरान दुकानदार से यह पुष्टि कर लें कि खरीदा जा रहा स्टील का बर्तन मुम्बई की स्टील का बना है या नहीं। स्टील के बर्तन दिल्ली के बने भी आ रहे हैं लेकिन उनकी मजबूती व चमक टिकाऊ नहीं है।

ये है पुराने बर्तनों के दाम
पीतल : 340 से घटकर 285 रु/किलो

तांबा : 480 से घटकर 400 रु

एल्युमीनियम : 125 से घटकर 110 रु

छह स्थानों से चल रहा बर्तन बाजार
स्टील, पीतल, तांबा व एल्युमीनियम के बर्तनों की आवक मुरादाबाद, मुम्बई, जोधपुर, जगाधारी हरियाणा, दिल्ली व मालनपुर ग्वालियर से चल रही है।

मुरादाबाद से पीतल के बर्तन, मुंबई व दिल्ली से स्टील के बर्तन, जगाधारी से एल्युमीनियम के बर्तन, जोधपुर में स्टील की टंकियां बनाईं जाती हैं।

तांबा के बर्तन मथुरा से खरीदकर लाए जा रहे हैं। मालनपुर में पीतल की तमेढ़ी बनाई जा रही हैं।

अच्छी खबर

पीतल के बर्तन कितने रुपए किलो है?

तो इस तरह से आज pital ₹ 498 से 520₹ रुपए प्रति किलो भाव है।

पुराने बर्तन का क्या रेट है?

पुराने बर्तन भी दे रहे अच्छी कीमत नए के साथ-साथ पुराने बर्तनों के दाम भी बढ़ गए हैं। पुराने पीतल के बर्तन 300 रुपए किलो थे, जो अब 400-425 रुपए किलो बिक रहे हैं। पुराने एलुमिनियम के बर्तन 110 रुपए किलो थे, जो अब अब 150-160 रुपए किलो हो गए हैं। पुराने तांबे के बर्तन 400 रुपए किलो से बढकऱ 600 रुपए किलो खरीदे जा रहे हैं।

पीतल कितने प्रकार के होते है?

पीतल प्रधानतया दो किस्म के होते हैं। एक में ताँबा ६४ प्रतिशत से अधिक रहता है। यह समावयव ऐल्फाविलयन होता है। दूसरे में ताँबा ५५.६४ प्रतिशत रहता है।

पुराने बर्तनों का क्या करें?

डिशवॉशर में बर्तन पहले गर्म पानी से धुलते हैं, फिर साबुन/डिटर्जेंट से धुलते हैं। और फिर गर्म पानी से ही अंत में धूल कर साफ होते हैं। डिशवॉशर में बर्तन को सुखाया भी जाता है।

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